गुजरात के सिल्क और डायमंड सिटी सूरत की गलियों में जिस समय खतरनाक हथियारों के साथ लेडी डौन अस्मिता गोहिल उर्फ भूरी निकलती थी, उस समय लोग थर्रा उठते थे. शहर के कारोबारियों और दुकानदारों की रूह कांप जाती थी. वे यह सोच कर डर जाते थे कि अब पता नहीं किस का नंबर आने वाला है. यह लेडी डौन सिर्फ गुंडागर्दी कर के रंगदारी ही नहीं वसूलती बल्कि फेसबुक और यूट्यूब पर भी काफी एक्टिव रहती थी.

सोशल मीडिया पर उस के 13 हजार से अधिक फालोअर्स हैं और ढाई हजार के करीब दोस्त हैं. आए दिन वह अपने फेसबुक एकाउंट पर नईनई वीडियो पोस्ट करती रहती है. कई वीडियो में वह अपने हाथों में नंगी तलवार और रिवौल्वर ले कर लोगों से रंगदारी वसूलती दिखी.

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अपराध की दुनिया में अस्मिता उर्फ डीकू उर्फ भूरी अपने आप को बीते जमाने की लेडी डौन उर्फ गौड मदर संतोषबेन जाडेजा के रूप में देखना चाहती थी. यह प्रेरणा उसे संतोषबेन जाडेजा के जीवन पर बनी फिल्म ‘गौड मदर’ से मिली थी. यह फिल्म अस्मिता ने कई बार देखी थी. इस फिल्म का अस्मिता गोहिल पर गहरा असर पड़ा था.

जिस धमाके के साथ अस्मिता गोहिल उर्फ डीकू उर्फ भूरी ने सूरत की जमीन पर कदम रखा था, उसे देख कर सूरत के अधिकांश लोगों को लेडी डौन गौड मदर संतोषबेन जाडेजा की याद ताजा हो गई थी.

सारा शहर उस के कारनामों से भयभीत हो गया था. उस का खौफ सूरत शहर के लोगों के बीच कुछ इस प्रकार घर कर गया था कि कोई भी उस के खिलाफ पुलिस के पास जाने और बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. मजबूरन पुलिस को उस के वायरल हुए वीडियो को सबूत के तौर पर मान कर उस के खिलाफ काररवाई करनी पड़ी थी.

13 मार्च, 2017 के इस वीडियो में जहां सूरत के वराछा इलाके में लोग होली का त्यौहार मनाने में मस्त थे तो वहीं अस्मिता गोहिल अपने कारनामों में व्यस्त थी. वह अपने प्रेमी संजय हिम्मतभाई वाघेला और गोपाल विट्ठल जाधव के साथ हाथों में नंगी तलवार और चाकू लिए उन के बीच पहुंची थी. फिर उस ने भागीरथी मार्केट की गलियों में वहां के लोगों को डरातेधमकाते हुए वहां भय का माहौल बना दिया था. उस के डर से लोग सहम गए थे.

इस वीडियो के वायरल होते ही सूरत के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के कान खड़े हो गए थे. वे पता लगाने लगे कि ये कौन सी डौन थी, जिस के आतंक से वहां के लोग इतने सहमे हुए थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए सीनियर पुलिस अधिकारियों ने वराछा के थानाप्रभारी मयूर पटेल से उस वीडियो की सच्चाई जानने के निर्देश दिए. सीनियर अधिकारियों के निर्देश पर थानाप्रभारी मामले की जांच में जुट गए.

जांच में थानाप्रभारी को पता लग गया कि वह लेडी और कोई नहीं, बल्कि अस्मिता गोहिल उर्फ डीकू उर्फ भूरी है. पुलिस को यह जानकारी मिल गई कि इस लेडी डौन का प्रेमी संजय हिम्मतभाई वाघेला उर्फ भूरा तो सूरत शहर का कुख्यात अपराधी है.

वह शहर के एक ट्रिपल मर्डर केस में वांछित है, जिस की काफी दिनों से पुलिस को तलाश है. इस के पहले कि वह पुलिस के हत्थे चढ़ता अस्मिता गोहिल उर्फ भूरी ने उस के साथ मिल कर वराछा की भागीरथी सोसायटी और मार्केट में कुछ इस तरह से अपना आतंक फैलाया कि मजबूरन लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस को वहां अपनी एक चौकी स्थापित करनी पड़ी थी.

उच्चाधिकारियों के आदेश पर थानाप्रभारी के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम ने अस्मिता और उस के प्रेमी की तलाश शुरू कर दी. उन के कई ठिकानों पर छापा मारने के बाद आखिरकार पुलिस को कामयाबी मिली और अस्मिता गोहिल पुलिस के हत्थे चढ़ गई. उस से पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया गया. पुलिस ने अस्मिता के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया. लेकिन सबूतों के अभाव में उसे जमानत मिल गई थी. यानी 3 महीने बाद वह जेल से बाहर आ गई थी.

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3 महीने जेल में रहने के बाद भी अस्मिता उर्फ भूरी में कोई बदलाव नहीं आया था, बल्कि जेल जाने के बाद वह पूरी तरह निडर हो गई और पहले से ज्यादा आपराधिक मामलों में शामिल हो गई थी. वह संजय भूरा के जिगरी दोस्त राहुल उर्फ गोदो बामनिया और उस के दोस्तों को साथ ले कर सरेआम लोगों से रंगदारी वसूलती. इतना ही नहीं, वह लोगों के पैसे भी छीनने लगी.

20 वर्षीय सुंदरी अस्मिता गोहिल उर्फ डीकू उर्फ भूरी गुजरात के सौराष्ट्र काठियावाड़ के उसी इलाके की रहने वाली थी, जिस इलाके की लेडी डौन संतोषबेन जाडेजा थी. काले साम्राज्य की दुनिया में वह भी संतोषबेन जाडेजा की तरह अपना दबदबा बना कर सूरत शहर के लोगों पर गौड मदर बन कर राज कायम करना चाहती थी.

गरीब परिवार की थी लेडी डौन अस्मिता

अस्मिता गोहिल काठियावाड़ के जिला सोमनाथ तालुका ऊना के गांगडा गांव के रहने वाले एक गरीब किसान जीमुआभाई गोहिल की बेटी थी. गांव में उन की थोड़ी सी जमीन थी, जिस पर वह काश्तकारी करते थे. परिवार बड़ा होने के नाते उन्हें बाहर भी मेहनतमजदूरी करनी पड़ती थी. तब कहीं जा कर उन के परिवार की गाड़ी आगे सरकती थी.

उन के परिवार में पत्नी जसुबेन के अलावा एक बेटा और 6 बेटियां थीं. बेटा सब से छोटा था. अस्मिता गोहिल बड़ी बेटी होने के नाते पूरे परिवार की प्यारी और दुलारी थी. पिता ने तो अस्मिता को बेटे का स्थान दिया था.

चंचल स्वभाव की अस्मिता गोहिल का बचपन गरीबी में बीता था. यही कारण था कि वह अपनी उम्र के साथ तेजतर्रार और उग्र स्वभाव की महत्त्वाकांक्षी युवती बन गई थी. जिन चीजों का उस के पास अभाव था, वह उन्हें पाने के सपने देखा करती थी. उन सपनों को पूरा करने का आइडिया उसे लेडी डौन संतोष बेन जाडेजा की जिंदगी पर बनी फिल्म ‘गौड मदर’ देख कर मिल चुका था.

अस्मिता के पिता गरीब जरूर थे, लेकिन गांव में उन का मानसम्मान था. अन्य बच्चों की तरह वह अस्मिता को भी पढ़ाना चाहते थे लेकिन अस्मिता का मन स्कूल की पढ़ाई में कम और ग्लैमरस व आपराधिक गतिविधियों की तरफ अधिक रहता था.

किसी भी बात को ले कर वह अकसर अपने सहपाठियों से उलझ जाया करती थी. वह लड़कियों के बजाय लड़कों के साथ दिखना पसंद करती थी. यही वजह थी कि उस के दोस्तों में लड़कों की संख्या अधिक थी. उस की यह आदत घर वालों को पसंद नहीं थी.

सन 2015 के दौरान वह अपने ही गांव के एक बिगड़े हुए लड़के के साथ घर से गायब हो गई. थाने में उस के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई. लेकिन उस का कोई पता नहीं चला था. करीब एक साल तक गायब रहने के बाद एक दिन अस्मिता अपने प्रेमी के साथ खुद पुलिस थाने में हाजिर हो गई. दोनों से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने प्रेमी को जेल भेज दिया और अस्मिता को उस के मांबाप के हवाले कर दिया था.

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अस्मिता गोहिल के घर वालों ने उस के सारे गुनाह माफ कर के उसे अपने गले लगा लिया था, लेकिन एक साल तक बिगड़े हुए रईसजादे के साथ रहने के बाद अस्मिता को अपने घर का माहौल रास नहीं आया तो वह एक रात चुपके से घर से भाग कर सूरत में रहने वाले अपने मामा और मामी के पास चली गई थी. यहीं पर उस की मुलाकात भावनगर के रहने वाले कुख्यात अपराधी संजय हिम्मतभाई वाघेला उर्फ भूरा से हुई थी, जिस पर लूटपाट, मारपीट और मर्डर आदि के दरजनों मामले चल रहे थे.

संजय हिम्मतभाई वाघेला उर्फ भूरा और अस्मिता गोहिल की दोस्ती का पता जब उस के मामामामी को चला तो उन के पैरों तले से जमीन खिसक गई. उन्होंने अस्मिता को समझानेबुझाने की काफी कोशिश की, लेकिन उन की कोई भी बात अस्मिता गोहिल के गले से नीचे नहीं उतरी थी.

प्रेमी के साथ रखा अपराध में कदम

मामामामी की बातों पर ध्यान देने के बजाय अस्मिता उन का घर छोड़ कर संजय उर्फ भूरा के साथ रहने के लिए चली गई और उस के साथ लिवइन में रहने लगी. संजय के साथ रहने और उस के साथ आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण लोग अस्मिता को भूरी डौन के नाम से पुकारने लगे थे.

ब्यूटी डौन बनी अस्मिता गोहिल उर्फ डीकू उर्फ भूरी का इलाके में खासा नाम हो गया था. जब उस के पास पैसा आया तो वह अच्छे रहनसहन के साथ अपने शौक पूरे करने में लग गई. क्रूजर मोटरसाइकिल, लग्जरी कार उस की पसंद बन गई थी, जिस के साथ फोटो खिंचवा कर वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर डालती रहती थी.

लोग उस की सुंदरता और अदाओं पर जम कर कमेंट करते थे. लेकिन जब वह उस का अपराधों से भरा प्रोफाइल देखते तो उन का सिर चकरा जाता था. अस्मिता गोहिल उर्फ डीकू उर्फ भूरी अपने इन्हीं वाहनों पर सवार हो कर के लोगों से रंगदारी वसूलती थी.

आतंक का पर्याय बन चुकी लेडी डौन अस्मिता गोहिल के अपराधों की जानकारी तो समयसमय पर पुलिस को मिलती रहती थी, लेकिन किसी शिकायतकर्ता के सामने न आने के कारण पुलिस बेबस रहती थी. वह चाह कर भी उस के खिलाफ काररवाई नहीं कर पाती थी.

मगर पुलिस भी हाथों पर हाथ रख कर नहीं बैठी थी. वह उस की हर हरकत पर नजर रख रही थी और इस में उसे सफलता भी मिली. पुलिस के हाथ अस्मिता गोहिल का एक और वीडियो लग गया, जिस से अस्मिता गोहिल और उस के साथियों के कारनामों का परदा हट गया था.

21 मई, 2018 को वायरल हुए इस वीडियो में अस्मिता गोहिल और उस के साथियों का चेहरा सामने आ गया था. उस दिन सुबह के साढ़े 6 बजे ही भागीरथी सोसायटी की मार्केट के एक एंब्रायडरी कारखाने में तोड़फोड़ करते हुए व उस के मालिक को डरातेधमकाते हुए अस्मिता उर्फ भूरी और उस के साथी कैमरे में कैद हो गए.

इस के एक घंटे बाद ही वह अपने एक और साथी राहुल उर्फ गोदो बामनिया के साथ अपनी क्रूजर मोटरसाइकिल पर सवार हो कर वर्षा सोसायटी की एक पान की दुकान पर पहुंची. दुकानदार को डरा कर उस ने उस के गल्ले का सारा पैसा ले लिया. इतना ही नहीं, उस ने उसे भद्दी गालियां भी दीं.

आतंक बढ़ने पर कस गया शिकंजा

वह अपने हाथों में जिस समय नंगी तलवार ले कर पान की दुकान पर आई थी, उसी समय दुकान पर इक्केदुक्के ग्राहक चुपचाप वहां से खिसक गए. पान वाले के साथ ही साथ वहां से गुजरने वाला एक दूध वाला भी उस का शिकार बन गया था. राहुल और भूरी ने उसे रोक कर उस के पास से सारे पैसे छीन लिए थे.

एक ही दिन में अस्मिता गोहिल के अपराधों के 2 वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया था. सूरत पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा ने वराछा और शहर के अन्य थानों के थानाप्रभारियों को आड़े हाथों लिया और उन्हें सख्त काररवाई के आदेश दिए थे. पुलिस कमिश्नर के सख्त आदेश पर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने अस्मिता गोहिल उर्फ भूरी को घटना के 5 दिनों बाद ही उस के साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया.

अस्मिता गोहिल उर्फ डीकू उर्फ भूरी के खिलाफ सूरत शहर के विभिन्न थानों में एक दरजन से अधिक मामले दर्ज हैं. लेडी डौन से विस्तृत पूछताछ कर पुलिस ने इस बार उस पान वाले और एंब्रायडरी कारखाने के मालिक को भी ढूंढ कर उन की शिकायत ली फिर सीसीटीवी के फुटेज भी जब्त कर लिए.

इस के आधार पर भूरी के खिलाफ मामला दर्ज कर उस के साथी राहुल उर्फ गोदो बामनिया, भावेशभाई, रणछोड़ देसाई, संजय मनुभाई को 26 मई, 2018 को कोर्ट में पेश कर लाजपोर जेल भेज दिया.

लेडी डौन अस्मिता गोहिल उर्फ भूरी और उस के साथियों के जेल जाने के बाद सूरत शहर के कारखाना मालिकों और दुकानदारों के साथ ही साथ आम जनता ने भी राहत की सांस ली. लेकिन उस के डर से वे पूरी तरह मुक्त नहीं हुए हैं.

उन का मानना है कि आज नहीं तो कल वह जेल से बाहर आएगी, मगर पुलिस का यह दावा है कि इस बार लेडी डौन अस्मिता गोहिल उर्फ भूरी के जेल से बाहर आने की संभावना न के बराबर है. क्योंकि इस बार उन के पास अस्मिता गोहिल के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं. पुलिस के दावों में कितना दम है, यह तो वक्त ही बताएगा.

कथा लिखे जाने तक अस्मिता गोहिल अपने साथियों के साथ जेल की सलाखों में बंद अपनी रिहाई के दिन गिन रही थी.

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