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8जनवरी, 2023 का दिन था. पीलीगंगा, हनुमानगढ़ राजस्थान के एसएचओ विजय कुमार अपने कार्यालय मैं रोजमर्रा की फाइलों को निपटा रहे थे, तभी एक बदहवास से दिखने वाले युवक ने उन से कमरे में आने की गुजारिश की. एसएचओ की नजर जब उस युवक पर पड़ी तो वह काफी दुखी व परेशान दिखाई दे रहा था. एसएचओ ने उस युवक को अपने पास बुला कर सामने पड़ी कुरसी पर बैठने का इशारा किया. फिर उस से बोले, ‘‘हां, बोलिए क्या काम है आप का? यहां कैसे आना हुआ?’’

‘‘साहब, मेरा नाम सुनील कुमार है और मैं पीलीगंगा के ही वार्ड नंबर 2 में रहता हूं. मेरे 26 साल के चचेरे भाई राजू का कल रात किसी ने खून कर दिया. रात में ही कुछ लोग उसे सरकारी अस्पताल में ले गए थे. वहां बाद में डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया और उस की लाश अभी मोर्चरी में है. मुझे सुबह पता चला तो मैं अस्पताल में पहुंचा. वहां मैं ने जब लाश देखी तो उस के शरीर पर काफी चोटों के निशान थे. आप से प्रार्थना है कि आप इस केस को दर्ज कर हत्यारों के खिलाफ कठोर कानूनी काररवाई करें,’’ कहतेकहते उस युवक की आंखें आंसुओं से छलछला उठी थीं.

‘‘आप चिंता न करें, अभी आप की रिपोर्ट दर्ज कर हम उचित काररवाई करेंगे. जो भी दोषी होगा, उस के खिलाफ जरूर काररवाई की जाएगी,’’ एसएचओ ने भरोसा दिया.

मामला हत्या का लग रहा था, इसलिए एसएचओ विजय कुमार एसआई मोहन लाल को साथ ले कर सरकारी अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने लाश का निरीक्षण किया तो पाया कि मृतक राजू की लाश का मुंह थोड़ा सा खुला हुआ था तथा उस के मुंह से झाग भी निकल कर बाहर आया हुआ था. मृतक के बाएं कान व नाक में भी खून आया हुआ था. गरदन पर रस्सी बांधने जैसे गहरे निशान थे और उन निशानों में खून जमा हुआ था. कमर पर भी 3 जगहों पर खरोंचों के निशान पाए गए. उन्हें भी मामला संदिग्ध लगा तो उन्होंने इस की सूचना एसपी अजय सिंह और सीओ को भी दे दी.

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