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थाने में आते ही थानाप्रभारी ने सुधा से पूछा, ‘‘सचसच बताओ, तुम ने अपने पति को क्यों मारा?’’

‘‘सर, मैं भला अपने पति को क्यों मारूंगी, उन की मौत तो हार्टअटैक से हुई थी.’’

‘‘तुम यह बात इतने दावे के साथ कैसे कह सकती हो? तुम्हें कैसे पता चला कि मौत हार्टअटैक से हुई थी?’’ थानाप्रभारी सुरेश कुमार वर्मा ने पूछा.

‘‘उन के सीने में जिस तरह से दर्द हुआ था, उस से मैं ने अंदाजा लगाया था कि उन्हें हार्टअटैक आया था.’’

‘‘हमारे पास जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट है, उस में साफ लिखा है कि रमेशचंद्र की मौत गला दबाने से हुई थी.’’

‘‘यह कैसे हो सकता सर? मेरे सामने उन्हें हार्टअटैक आया था. सीने में दर्द से ही वह बेहोश हुए थे.’’ सुधा गुप्ता ने कहा.

थानाप्रभारी कुछ और पूछते, इस से पहले वहीं बैठे चौकीप्रभारी के.बी. झा बोले, ‘‘अच्छा, सुधा यह बताओ कि अमित से तुम्हारा क्या संबंध है?’’

‘‘अमित मेरा स्टूडेंट है. मैं उसे ट्यूशन पढ़ाती हूं.’’ सुधा ने कहा.

‘‘यह तो हमें भी पता है कि तुम उसे ट्यूशन पढ़ाती थी. लेकिन मैं उस संबंध के बारे में पूछ रहा हूं, जो सब की नजरों से छिपा रखा था. तुम पढ़ीलिखी और समझदार हो, फिर भी इस तरह का गलत काम कर रही थी. क्यों उस बच्चे की जिंदगी बरबाद कर रही हो?’’

‘‘सर, आप क्यों बिना मतलब हमें बदनाम कर रहे हैं?’’

‘‘हम बदनाम नहीं कर रहे हैं, बल्कि सही कह रहे हैं. तुम अपने फोन की काल डिटेल्स देखो.’’ चौकीप्रभारी ने उसे काल डिटेल्स दिखाते हुए कहा, ‘‘तुम दोनों ने पिछले एक महीने में डेढ़ हजार से ज्यादा फोन किए हैं. ऐसा कौन सा काम था, जो तुम उस से रातदिन बातें करती रहती थीं?

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