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“क्या कर्नल साहब, इतना पसंद करते हो हमें तो बता क्यों नहीं  दिया. “बगल में लेटी 21 वर्षीय श्रेया ने रामेंदु के सीने के बालों को अपने हाथों से सहलाते हुए कहा.

“हां, यह तो है. आप को बहुत चाहता हूं मैं. क्योंकि आप इतनी खूबसूरत हैं कि आप से मिलने की चाहत मुझे रोज आप के पास खींच लाती है.” रामेंदु ने भी अपने मन की बात  कह दी.

“चाहत थी तो एक बार इजहार कर देते. हमें भी तो आप जैसे दोस्त की चाहत है.”   कहते हुए श्रेया ने अपने अधर उस के होंठों पर रख दिए. फिर क्या था, थोड़ी ही देर में दोनों जिस्म एक हो गए.

उस रात रामेंदु को श्रेया ने वो चरमसुख दिया, जो रामेंदु को कभी अपनी नईनवेली पत्नी से नहीं मिला था. उस रात श्रेया और रामेंदु के बीच जो रिलेशन बने, उस के बाद तो दोनों के रिश्ते ऐसे परवान चढ़े कि पहले कुछ दिन वे एक प्रेमीप्रेमिका की तरह मिलते रहे और एकदूसरे को प्यार करते रहे, लेकिन कुछ ही महीनों में दोनों सिलीगुड़ी में एक निजी मकान ले कर पतिपत्नी की तरह रहने लगे.

श्रेया ने अब डांस बार में काम करना छोड़ दिया था. वक्त तेजी से गुजरने लगा.

10 सितंबर, 2023 की सुबह के करीब 7 बजे का वक्त था. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में लोग ठीक से नींद से जगे भी नहीं थे. पुलिस तो वैसे भी रात भर जाग कर लोगों की सुरक्षा करने और अपराधियों को जुर्म करने से रोकने का काम करती है. लिहाजा उस की दिनचर्या तो वैसे भी थोड़ा देर से ही शुरू  होती है.  ऐसे में अगर सुबह के 7 बजे पुलिस स्टेशन में जा कर कोई किसी बड़े अपराध की सूचना दे तो पुलिस वालों के मुंह का स्वाद कसैला होना लाजिमी है.

देहरादून के रायपुर थाने में पहुंच कर सोडा सरोली गांव के प्रधान प्रवेश कुमेड़ी ने भी जब ये सूचना दी कि माल देवता रोड पर सिरवालगढ़ में एक युवती का शव संदिग्ध अवस्था में पड़ा है तो थाने के कार्यालय इंचार्ज और हैड मुंशी को ऐसा लगा कि किसी ने सुबह के वक्त उन्हें करेले का जूस पिला दिया है.

लेकिन वक्त चाहे कोई भी हो और सूचना कैसी भी हो, पुलिस को तो अपना काम हर हाल में करना ही होता है. सूचना ऐसी थी कि पुलिस जैसे महकमे में होने के कारण हैड मुंशी को अपनी जिम्मेदारी का अहसास हुआ. उन्होंने थाना परिसर में बने क्वार्टर में एसएचओ कुंदन राम को जब ये जानकारी दी तो तड़के तक गश्त करने के बाद गहरी नींद से जागे एसएचओ कुंदन राम की नींद काफूर हो गई.

आननफानन में वरदी पहन कर वह अपने कार्यालय में पहुंचे और उन्होंने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों को तत्काल एकत्र होने का संदेश भिजवाया. अगले 10 मिनट में थाने का सारा स्टाफ वहां मौजूद था.  एक दरोगा और 2-3 कांस्टेबलों को साथ ले कर वह सिरवाल गढ़ की तरफ रवाना हो गए. इसी बीच उन्होंने उच्चाधिकारियों को भी इस खबर से अवगत करा दिया था.

जिस वक्त एसएचओ घटनास्थल पर पहुंचे, मौके पर इलाके के लोगों की काफी भीड़ जमा हो चुकी थी. वहां एक युवती की लहूलुहान लाश पड़ी थी. एसएचओ ने आगे की काररवाई करने से पहले फोरैंसिक व क्राइम इनवैस्टीगेशन टीम स्टाफ को भी मौके पर बुलवा लिया. कुछ ही देर में ये टीमें घटनास्थल पर पहुंच कर सबूत जुटाने में लग गईं.

कुछ ही देर में देहरादून के डीआईजी/एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, एसपी (नगर) सरिता डोभाल और सीओ (डोईवाला) अभिनय चौधरी भी मौके पर पहुंच गए. सभी ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया.  जिस युवती की लाश मिली थी, उस के चेहरे और शरीर की बनावट से लग रहा था कि उस की उम्र मुश्किल से 20-22 साल के करीब रही होगी. महिला के माथे व सिर पर किसी वजनी या नुकीली चीज से किए गए वार के कारण चोटों के निशान थे. शरीर पर किसी ब्रांडेड कंपनी की मिडी थी, जिस का ऊपरी हिस्सा खून से लथपथ हो चुका था. लाश के पास में ही एक टायलेट क्लीनर (तेजाब) की बोतल पड़ी हुई थी.

मृत युवती के हाथ में एक सोने व एक चांदी की मौजूद अंगूठियां इस बात की तरफ साफ इशारा कर रही थीं कि उस की हत्या कम से कम लूटपाट के लिए तो नहीं की गई है. जिस जगह युवती की लाश मिली थी, वह सड़क किनारे बनी एक कच्ची नाली की  ऐसी जगह थी, जहां आसपास कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था. पुलिस ने आसपास के इलाकों से लोगों को बुला कर उस की पहचान कराने की कोशिश की, लेकिन 2 घंटे की मशक्कत के बाद भी इस में कोई सफलता नहीं मिली.

लाश के पास से भी कोई चीज नहीं मिली, जिस से तत्काल उस की शिनाख्त हो सके. इसलिए घटनास्थल से साक्ष्यों के संकलन और पंचनामे की काररवाई के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए दून अस्तपाल भिजवा दिया गया. एसएसपी देहरादून के निर्देश पर पुलिस ने लाश की फोटो खिंचवा कर उसे मीडिया व सोशल मीडिया पर प्रसारित करवा दिया ताकि मृतका की शिनाख्त हो सके.

चूंकि यह बात साफ थी कि महिला की हत्या कहीं और करने के बाद उस की लाश वहां ला कर फेंकी गई थी. मालदेवता चौकीप्रभारी एसआई राजीव धारीवाल की शिकायत पर रायपुर थाने में अज्ञात के खिलाफ भादंवि की धारा 302 और साक्ष्य मिटाने की धारा 201 के तहत मुकदमा दर्ज करने के बाद उच्चाधिकारियों के आदेश पर विवेचना एसएसआई नवीन जोशी को सौंप दी गई.

घटना की गंभीरता को देखते हुए जिले के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने एसपी (सिटी) सरिता डोभाल और सीओ (डोईवाला) अभिनय चौधरी की निगरानी में हत्याकांड का खुलासा करने के लिए एसएचओ कुंदन राम के नेतृत्व में 4 टीमें गठित कर दी गईं.

पुलिस की चारों टीमें जुटीं जांच में

जांच अधिकारी एसएसआई नवीन जोशी के साथ मालदेवता चौकी प्रभारी एसआई राजीव धारीवाल, बालावाला चौकी प्रभारी एसआई सुनील नेगी, एसआई रमन बिष्ट, महिला एसआई तनुजा शर्मा, हैडकांस्टेबल संतोष कुमार, दीपप्रकाश, प्रदीप सिंह, कांस्टेबल सौरभ वालिया, किशनपाल,  शाहिद जमाल, अजय कुमार, पंकज ढौंडियाल, महिला कांस्टेबल मीतू शाह आदि को शामिल किया गया.  उन के साथ फोरैंसिक टीम के कांस्टेबल अरविंद और प्रभात जुगरान, एसओजी की हैडकांस्टेबल किरन को भी इस विशेष टीम का हिस्सा बनाया गया.

police inspect at murder spot

पहली टीम ने घटनास्थल के आसपास रहने वाले व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ शुरू कर दी. दूसरी टीम ने घटनास्थल की तरफ आनेजाने वाले मार्गों पर लगे तमाम सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को चैक करना शुरू  कर दिया.

तीसरी टीम ने मृतका द्वारा पहनी जुडियो ब्रांड की नई दिख रही ड्रेस की जानकारी लेने के लिए जुडियो ब्रांड के शोरूम जाखन व किशन नगर चौक में जा कर जानकारी जुटानी शुरू कर दी कि वह किस ने खरीदा था.

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