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यह जानकारी जुटाने के लिए टौम के नेतृत्व में 5 बड़ी टीमें बनाई गई थीं. पांचों टीमें रातदिन पता करने में लग गईं. आखिर केरल के वीकेएम अस्पताल में जिन रोगियों को ये 6 स्क्रू लगाए गए थे, उन छह के छहों रोगियों की जानकारी मिल गई.

पैर में स्क्रू लगवाने वाली मरीज शकुंतला मिली लापता

उन 6 में से 5 रोगियों का पता तो चल गया, वे पांचों सहीसलामत थे. अब छठें रोगी के घर जाना बाकी था. वह 54 साल की महिला रोगी थी, जिस का नाम था शकुंतला. उस का पता नहीं चल रहा था. पुलिस एक बार फिर अस्पताल पहुंची, जहां शकुंतला का औपरेशन हुआ था.

सारा डाटा खंगाला गया, लेकिन उस में शकुंतला के नाम के अलावा और कोई जानकारी नहीं मिली. तब पुलिस ने विजिटर्स की लिस्ट देखी. उस में एक नाम कई बार दिखाई दिया, जो शकुंतला से मिलने आती रहती थी. उस का नाम था अस्वती दामोदरन. विजिटर्स लिस्ट से उस का पता भी मिल गया.

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पुलिस को लगने लगा कि अब जल्दी ही वह कातिल और कत्ल के मोटिव तक पहुंच सकेगी. पर यह सब इतना आसान नहीं था, जितना पुलिस ने सोच लिया था. अभी रहस्य से परदा उठाने के लिए पुलिस को बहुत मेहनत करनी थी. पुलिस अस्वती के घर पहुंची.

पुलिस ने जब अस्वती से शकुंतला के बारे में पूछा तो उस ने कहा, “साहब, मुझे मेरी मां शकुंतला को देखे तो 2 साल हो गए हैं. वह गायब हैं. मुझे उन के बारे में कुछ नहीं पता.”

अस्वती की बात सुन कर पुलिस हैरान रह गई. इंसपेक्टर टौम ने कहा, “बेकार की बातें मत करो. सब कुछ विस्तार से बताओ. क्या उन का कोई एक्सीडेंट हुआ था या वह गिर गई थीं. तुम उन्हें अस्पताल ले गई थी?”

अस्वती ने थोड़ा घबरा कर कहा, “साहब, मेरी मां और मुझ में पटती नहीं थी. अपनी शादी के बाद मैं उन के साथ रहती थी. एक सितंबर, 2016 को मैं उन के साथ स्कूटी से जा रही थी तो ट्रक वाले ने टक्कर मार दी थी, जिस में उन के बाएं पैर में फ्रैक्चर हो गया था. मैं उन्हें वीकेएम अस्पताल ले गई थी. वहां उन के पैर में स्क्रू लगाया गया था.

इलाज के बाद 19 सितंबर, 2016 को उन से मिलने गई थी. लेकिन इस के बाद उन से मिलने गई तो वह नहीं मिलीं. मुझे पता चला कि वह किसी काम से दिल्ली गई हैं. उस के बाद से मेरी उन से मुलाकात नहीं हुई है.”

इंसपेक्टर टौम ने कहा, “तुम्हारी सगी मां गायब हो गई और तुम ने पुलिस में शिकायत भी नहीं की?”

“नहीं साहब, पुलिस में शिकायत नहीं की. क्योंकि हम दोनों में बिलकुल नहीं बनती थी. मुझे लगा कि हमारे झगड़ों से परेशान हो कर वह कहीं चली गई हैं. वह कहीं भी रहें, मुझ से क्या मतलब? इसलिए मैं ने शिकायत नहीं की थी.” अस्वती ने कहा.

इंसपेक्टर टौम और उन के साथी मन ही मन हंस रहे थे. क्योंकि उन्हें पता था कि अस्वती एकदम अधूरी जानकारी दे रही थी. उस के जवाब से अनेक सवाल खड़े हो रहे थे. पर पुलिस के लिए तो इस समय यह जानकारी पर्याप्त थी कि ड्रम में मिली हड्डियों में जो स्क्रू मिला था, वह शकुंतला के पैर की हड्डी में जो लगा था, वही था. इस के लिए पुलिस ने अस्वती का डीएनए टेस्ट भी कराया, जो मैच कर गया था. इस का मतलब शकुंतला मर चुकी थी. इस से यह निश्चित हो गया था कि ड्रम में मिली हड्डियां शकुंतला की ही थीं.

अब सवाल यह था कि शकुंतला को मारा किस ने? क्यों और किसलिए मारा? उस का बेटी से ऐसा क्या झगड़ा था कि मां चली जाए तो बेटी 2-2 साल तक उस के बारे में पता भी न करे? सवाल अनेक थे और जवाब शून्य थे. इन सवालों के जवाब पाने के लिए इंसपेक्टर टौम ने शकुंतला और अस्वती के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की.

शकुंतला की बेटी से हुई पूछताछ

अस्वती की कर्म कुंडली खंगालने पर असली कहानी सामने आ गई. अस्वती सुधी नाम के एक लडक़े से प्यार करती थी, जबकि शकुंतला को उस का उस लडक़े से प्यार करना पसंद नहीं था. इसलिए अस्वती ने भाग कर सुधी से विवाह कर लिया था. पर उस का यह प्रेमविवाह ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सका.

2 साल बाद 2016 में जनवरी महीने के आसपास अस्वती सुधी को छोड़ कर मां के साथ रहने के लिए कोच्चि आ गई. शकुंतला पति से अलग रहती थी और लौटरी के टिकट बेच कर गुजारा करती थी.

उसी दौरान अस्वती की मुलाकात टी.एम. सुजित नाम के एक व्यक्ति से हुई. सुजित ‘सोसायटी फार प्रिवेंशन औफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स’ (एसपीसीए) नाम की संस्था में नौकरी करता था. दोनों में प्यार हो गया तो सुजित अस्वती की मां के घर में ही उस के साथ रहने लगा.

अस्वती ने पुलिस को यह बात नहीं बताई थी. यह जानकारी मिलने के बाद एक बार फिर पुलिस अस्वती से पूछताछ करने उस के घर पहुंची. अस्वती के सामने आते ही इंसपेक्टर टौम ने पूछा, “अस्वती, तुम्हारा प्रेमी सुजित कहां है? तुम ने अपने पहले विवाह के बारे में भी मुझ से कुछ नहीं बताया था.”

इंसपेक्टर टौम की ये बातें सुन कर अस्वती रो पड़ी. रोते हुए उस ने कहा, “साहब, सुजित की तो 20 दिन पहले मौत हो गई है. 9 जनवरी, 2018 को किसी कारणवश उस ने आत्महत्या कर ली और हम सभी को छोड़ कर चला गया.”

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यह जानकारी पुलिस के लिए चौंकाने वाली थी. क्योंकि 7 जनवरी, 2018 को पुलिस को पनंगद सरोवर के किनारे वह ड्रम मिला था, जिस में शकुंतला की हड्डियां थीं. इस के 2 दिन बाद जब यह समाचार अखबारों में सनसनी मचाए था तो 9 जनवरी को सुजित ने आत्महत्या कर ली थी. अब सवाल यह था कि यह इत्तफाक था या इस में कोई रहस्य था. यह घटना संदेह पैदा करने वाली थी.

अब पुलिस सुजित की कुंडली खंगालने लगी. उस की कहानी बड़ी ही पेचीदा निकली.

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