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जहांजहां उन के मिलने की संभावना थी, पुलिस टीम भागती रही. पुलिस टीम तो सुमेरनाथ और सुनीता के बारे में कुछ भी पता नहीं कर सकी, लेकिन मुखबिरों ने जरूर कामयाबी हासिल कर ली. मुखबिरों ने पुलिस को बताया कि सुमेरनाथ सुनीता को जिस गाड़ी से ले गया है, वह जैसलमेर के थाना सदर के गांव रिदवा के रहने वाले पप्पूराम ओड़ की थी. उस के बाप का नाम पोकराम ओड़ है और गाड़ी का नंबर है आरजे-15टीए-1058.

पुलिस टीम को पप्पूराम का मोबाइल नंबर भी मिल गया था. पुलिस ने तुरंत पप्पूराम को फोन कर के पूछा कि इस समय वह कहां है तो उस ने बताया कि वह जोधपुर के रातानाडा में है. जैसलमेर पुलिस ने तुरंत थाना रातानाडा पुलिस से संपर्क किया और पप्पूराम ओड़ की गाड़ी का नंबर दे कर उसे पकड़ने के लिए कहा. पकड़े जाने पर तुरंत सूचना देने के लिए भी कह दिया था.

रातानाडा पुलिस पप्पूराम ओड़ को गाड़ी  सहित पकड़ कर थाने ले आई. इस के बाद सूचना पा कर जैसलमेर पुलिस थाना रातानाडा पहुंच गई. सुमेरनाथ और सुनीता के फोटो दिखा कर जब पप्पूराम ओड़ से उन के बारे में पूछताछ की गई तो उस ने बताया कि उन दोनों को उस ने 2 जुलाई की शाम को जयपुर हाईकोर्ट के पास छोड़ा था. उन्होंने उस की गाड़ी किराए पर ली थी.

पुलिस टीम पप्पूराम को साथ ले कर जयपुर पहुंची. उस ने सुमेरनाथ और सुनीता को जहां छोड़ा था, पुलिस ने वहां दोनों के फोटो दिखा कर आसपास की दुकानों, होटलों और धर्मशालाओं में काफी खोजबीन की, लेकिन वहां उन का कुछ पता नहीं चला. निराश हो कर पुलिस वापस लौट आई. इस के बाद मुखबिरों से पुलिस को सूचना मिली कि सुमेरनाथ सुनीता को ले कर दिल्ली गया है, जहां वे तीसहजारी कोर्ट में शादी करने की कोशिश कर रहे हैं.

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