Hindi Crime Stories: जिस सुख और आनंद के लिए सुदेवी ने प्रेमी के साथ साजिश रच कर पति को ठिकाने लगवा दिया, क्या वह सुख उसे मिल सका...

एसपी (रूरल) सुरेंद्रनाथ तिवारी थाना महराजगंज निरीक्षण के लिए आए थे, तभी एक लड़का और एक औरत थाने पहुंची. दोनों काफी घबराए हुए थे. उन्हें देख कर ही लग रहा था कि वे किसी बड़ी मुसीबत में हैं. सुरेंद्रनाथ की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने दोनों को अपने पास बुला कर पूछा, ‘‘कहो, क्या बात है? जो भी परेशानी हो, सचसच बताओ?’’

लड़का हाथ जोड़ कर बोला, ‘‘हुजूर, मेरा नाम दिनेश है.’’ इस के बाद औरत की ओर इशारा कर के बोला, ‘‘यह मेरी भाभी सुदेवी है. हम लोग थाना बिठूर के गांव हिंगूपुर से आए हैं. 21 अप्रैल को मेरा बड़ा भाई हरिश्चंद्र थाना महराजगंज के गांव जाना के रहने वाले अपने साढू मंगू के यहां गया था, तब से उस का कुछ पता नहीं है. हम ने उसे हर जगह खोज लिया है. मंगू ने ही भैया को गांव में लगने वाला मेला देखने को बुलाया था.’’

सुरेंद्रनाथ तिवारी को लगा कि सुदेवी भी कुछ कहना चाहती है, इसलिए उन्होंने उस की ओर देखते हुए कहा, ‘‘तुम भी कुछ कहना चाहती हो क्या? लेकिन एक बात का ध्यान रखना, जो भी कहना, सचसच कहना.’’

‘‘जी हुजूर,’’ सुदेवी बोली, ‘‘21 अप्रैल को जब मैं कन्नौज में अपनी बुआ की बेटी के यहां थी तो उन्होंने फोन कर के बताया था कि वह जाना में साढू के यहां मेला देखने आए हैं. आज घर लौटने को कहा था. लेकिन जब वह घर नहीं लौटे और फोन पर भी बात नहीं हुई तो मैं 23 अप्रैल को जाना गई और जीजा और उन के घर वालों से उन के बारे में पता किया. उन लोगों ने बताया कि उन्हें उस दिन शाम को सर्वेश के साथ देखा गया था.’’

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