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सुबह से ही इंसपेक्टर पाठक ने रूपेंद्र हत्याकांड की जांच का काम तेज कर दिया. उन्होंने एसआई पीयूष और वीरपाल के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन कर दिया. साथ ही उन्होंने एसपी (देहात) की टीम के कांस्टेबल सुधीर और संजीव को मृतक के परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल फोन की काल डिटेल्स निकलवाने और उन के फोन को सर्विलांस पर लगवाने की जिम्मेदारी सौंप दी.

पुलिस टीम ने रूपेंद्र के परिजनों से पूछताछ की. इस के अलावा गैलेक्सी सोसायटी में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगालनी शुरू कर दी.

काल डिटेल्स, सीसीटीवी कैमरों की फुटेज आदि की जांच के बाद पुलिस ने पहली मई को ओमवीर को हिरासत में ले लिया. ओमवीर मृतक का बहनोई था. इंसपेक्टर मनोज पाठक ने थाने ला कर जब उस से थोड़ी सख्ती से पूछताछ की तो उस ने अपने खिलाफ पुलिस के पास मौजूद सबूतों को देख कर आसानी से सच उगल दिया.

पुलिस के सामने जब रूपेंद्र की हत्या का सच आया तो सब हैरान रह गए क्योंकि ओमवीर ने रूपेंद्र की हत्या अपनी सोसायटी के गार्ड सुमित और एक अन्य साथी भूले के साथ मिल कर की थी. पुलिस की एक टीम ने उसी दिन उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया. ओमवीर और उस के दोनों साथियों से पूछताछ हुई तो रूपेंद्र हत्याकांड की कहानी कुछ इस तरह सामने आई—

रूपेंद्र सिंह चंदेल (33 वर्ष) मूलरूप से उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के गांव मोहारी का रहने वाला था. उस के पिता अर्जुन सिंह चंदेल पीएसी में हैडकांस्टेबल हैं और इन दिनों उन की नियुक्ति प्रयागराज में है. रूपेंद्र का एक मंझला भाई राघवेंद्र भी शादीशुदा है और गांव में रहता है. राघवेंद्र वकालत की पढ़ाई कर रहा है. रूपेंद्र का एक छोटा भाई भी है, जो दिल्ली में रहता है. रूपेंद्र ने एमबीए किया था और पढ़ाई पूरी करने के बाद सन 2012 में उस की नौकरी ग्रेटर नोएडा की बिसकुट कंपनी हिंज प्राइवेट लिमिटेड में लग गई थी.

नौकरी लगने के एक साल बाद सन 2013 में परिवार वालों ने उस की शादी महोबा की रहने वाली अमृता सिंह से कर दी. अमृता न सिर्फ सुंदर थी बल्कि पोस्टग्रैजुएट भी थी. अमृता से शादी के बाद रूपेंद्र की जिंदगी में तेजी से बदलाव आने लगा.

एक साल बाद ही वह एक बच्चे का पिता बन गया, जिस का नाम आयुष्मान रखा. अमृता के जीवन में आने के बाद रूपेंद्र ने तेजी के साथ तरक्की की सीढि़यां चढ़ीं और वह सेल्स मैनेजर के ओहदे तक पहुंच गया.

करीब 3 साल पहले उस ने फोर्ड फिगो कार खरीदी थी, उस के बाद एक साल पहले यानी मई 2018 में रूपेंद्र ने गैलेक्सी नार्थ एवेन्यू-2 में 35 लाख रुपए में 2 बैडरूम का फ्लैट भी खरीद लिया था. रूपेंद्र की अच्छी सैलरी थी, इसलिए ये तमाम चीजें उस ने लोन ले कर खरीदी थीं. मकान खरीदने के बाद रूपेंद्र ने अपने मकान में 2-3 लाख रुपए खर्च कर के इंटीरियर डिजाइनिंग का कुछ काम भी कराया था.

ओमवीर इंटीरियर डिजाइनर से बना बहनोई

रूपेंद्र के फ्लैट में इंटीरियर का काम उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के मोहारी गांव के रहने वाले ओमवीर सिंह ने किया था. ओमवीर गैलेक्सी-2 सोसायटी के फ्लैट संख्या ई-244 में अपने भाई कृष्णवीर तथा 2 रिश्तेदारों के साथ रहता था. ये सभी गौर सिटी की सोसायटियों में इंटीरियर डिजाइनिंग का काम करते थे.

उस ने गैलेक्सी-2 सोसायटी में भी करीब 20 से अधिक फ्लैटों का इंटीरियर डिजाइन किया था. रूपेंद्र को जब ओमवीर से बातचीत में यह बात पता चली कि ओमवीर भी ठाकुर है तो उस ने अपने फ्लैट की इंटीरियर डिजाइन का काम ओमवीर से ही कराया.

कुछ दिन रूपेंद्र के घर में काम करने के दौरान ओमवीर और रूपेंद्र की दोस्ती हो गई. ओमवीर 4 भाइयों में सब से बड़ा था. उस का एक छोटा भाई कृष्णवीर उसी के साथ काम करता था जबकि बाकी दोनों भाई गांव में ही रह कर खेती करते थे. ओमवीर पढ़ालिखा और अच्छे परिवार का लड़का था.

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जब रूपेंद्र से ओमवीर की दोस्ती हो गई तो रूपेंद्र के घर उस का अकसर आनाजाना हो गया. रूपेंद्र रोजाना सुबह को नौकरी पर निकल जाता और शाम को ही घर लौटता था. लेकिन ओमवीर का अपना काम था. वह ज्यादातर गैलेक्सी सोसायटी में ही रहता था. इसलिए वह जब तब रूपेंद्र की गैरमौजूदगी में भी उस के घर चला जाता था.

चूंकि ओमवीर रूपेंद्र का दोस्त था, इसलिए ओमवीर जब भी रूपेंद्र की अनुपस्थिति में उस के घर जाता तो अमृता ओमवीर को एक पारिवारिक दोस्त की तरह सम्मान और सत्कार देती थी. शुरुआत में तो ओमवीर कभीकभार ही रूपेंद्र के घर आता था, लेकिन धीरेधीरे अमृता की खूबसूरती उस के मन में बस गई.

अमृता को पति से प्यारा लगने लगा ओमवीर

इस के बाद तो वह रोज ही कुछ घंटों के लिए रूपेंद्र की गैरमौजूदगी में उस के घर जाने लगा. शुरू में ओमवीर और अमृता औपचारिक रूप से ही बातचीत करते थे, लेकिन जब ओमवीर का अकसर आनाजाना शुरू हुआ तो दोनों की झिझक दूर हो गई और वे खुल कर बातचीत करने लगे.

जनवरी 2019 में दोनों की झिझक इस हद तक दूर हो गई कि ओमवीर अमृता से शारीरिक छेड़छाड़ करने लगा. जब अमृता ने उस की इस तरह की हंसीमजाक का कोई विरोध नहीं किया तो ओमवीर की हिम्मत बढ़ गई. इस के बाद वह इस से भी एकदो कदम आगे बढ़ गया.

उस ने हंसीमजाक में पहले अमृता को एकदो बार अपनी बांहों में भर लिया था. लेकिन जब अमृता ने इस का भी विरोध नहीं किया तो बात इस के आगे चुंबन तक पहुंच गई. दरअसल, रूपेंद्र जहां गंभीर और सीधे स्वभाव का युवक था, वहीं ओमवीर तेजतर्रार और आधुनिक विचारधारा का लड़का था.

अमृता ओमवीर जैसे तेजतर्रार लोगों को पसंद करती थी. यही कारण रहा कि उस ने कभी ओमवीर की किसी हरकत का बुरा नहीं माना था. इस से ओमवीर की हरकतें और बढ़ने लगीं. फिर एक दिन ऐसा भी आया कि दोनों के बीच मर्यादा की दीवार टूट गई. दोनों के बीच उस रिश्ते ने जन्म ले लिया, जिसे समाज अवैध संबंध कहता है. अमृता को ओमवीर के जिस्म का ऐसा चस्का लगा कि बाद में दोनों के बीच अकसर ही यह खेल खेला जाने लगा.

रूपेंद्र उन के खेल से पूरी तरह अनजान था. अमृता की शारीरिक जरूरतें पूरी होने लगीं तो उस ने धीरेधीरे पति में दिलचस्पी लेनी बंद कर दी. ओमवीर ही उस के लिए सब कुछ हो गया था. लेकिन ओमवीर के मन में कुछ और ही खिचड़ी पकने लगी थी. उस ने सोचा कि अमृता के साथ अगर रूपेंद्र का ये मकान भी उसे मिल जाए तो नोएडा जैसी औद्योगिक नगरी में वह अपना बड़ा बिजनैस खड़ा कर सकता है. इसलिए अब उस ने धीरेधीरे अमृता के दिलोदिमाग में रूपेंद्र के खिलाफ जहर के बीज बोने शुरू कर दिए.

अपनी लच्छेदार बातों में फंसा कर ओमवीर ने अमृता के दिमाग में नफरत भर दी. बात यहीं खत्म नहीं हुई. 2019 के फरवरी महीने में रूपेंद्र की मौसी की लड़की शिखा 15 दिन के लिए रूपेंद्र के घर रहने के लिए आई थी. शिखा अमृता जैसी खूबसूरत तो नहीं थी लेकिन सीधीसादी थी. उसे देख कर ही ओमवीर के मन में खयाल आया कि क्यों न रूपेंद्र के घर में बेरोकटोक आने के लिए शिखा से शादी कर ली जाए.

जब यह बात उस ने अमृता से कही तो बात उस की भी समझ में आ गई. अमृता ने इस बारे में पति से बात की तो रूपेंद्र को भी लगा कि जवान मौसेरी बहन के लिए अगर ओमवीर जैसा बिरादरी का ही लड़का मिल जाए तो इस से अच्छा और क्या होगा. ओमवीर ठीकठाक कमा भी लेता था.

रूपेंद्र ने जब महोबा में रहने वाली अपनी मौसी से यह बात की तो वह तैयार हो गईं. फरवरी के आखिरी हफ्ते में दोनों परिवारों की रजामंदी से ओमवीर और शिखा की शादी हो गई. शादी के कुछ रोज बाद शिखा अपने पति ओमवीर के पास नोएडा आ गई. वह गैलेक्सी-2 सोसायटी में पति के साथ रहती थी. शिखा का अभी गौना भी होना था, लिहाजा 10 दिन बाद वह अपने मायके चली गई.

लेकिन इसी दौरान एक दिन न जाने क्यों रूपेंद्र को अमृता के किसी व्यवहार से शक हो गया कि ओमवीर से उस के संबंध कुछ अलग तरह के हो चुके हैं. हालांकि उसे सिर्फ शक था लेकिन फिर भी उस के मन में शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा था. लिहाजा रूपेंद्र ने अमृता से ओमवीर से दूरी बना कर रखने की बात कह दी. रूपेंद्र के ऐसा कहते ही अमृता समझ गई कि हो न हो रूपेंद्र को उन के संबंधों पर शक हो गया है.

बनने लगी हत्या की योजना

अमृता ने जब यह बात ओमवीर को बताई तो उसे भी लगा कि उसे अगर अमृता व उस की संपत्ति हासिल करनी है तो रूपेंद्र को रास्ते से हटाना होगा. यह काम करने का यही अच्छा मौका है. यह बात उस ने अमृता से कही. अमृता तो उस के प्यार में अंधी हो चुकी थी, लिहाजा वह पति की हत्या कराने के लिए तैयार हो गई.

ओमवीर ने अमृता से कहा कि अगर वह कुछ पैसे खर्च कर दे तो वह ऐसे लोगों का इंतजाम कर देगा जो रूपेंद्र को उन के रास्ते से हटा देंगे. अमृता ने ओमवीर से कह दिया कि वह उसे पैसे दे देगी, वह भाड़े के हत्यारों का इंतजाम कर ले.

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