Love Crime: प्रतिभा और बबलू की जाति तो अलग थी ही, सामाजिक और आर्थिक असमानता भी थी. फिर भी दोनों में प्यार ही नहीं हुआ, वे शादी के लिए घर से भाग भी गए थे. तब उन के विवाह में अड़चन कहां आई?

बबलू और प्रतिभा का कोई जोड़ नहीं था. दोनों की जाति में ही नहीं, सामाजिक और आर्थिक स्तर में भी काफी फर्क था. बस एक ही बात मेल खाती थी, वह थी उम्र. दोनों ही जवानी की दहलीज पर खड़े थे. शायद इसी वजह से दोनों में प्यार हो गया था. प्यार भी ऐसा कि दोनों अपने प्यार के लिए कुछ भी करने को तैयार थे. बबलू उत्तर प्रदेश के जिला एटा के थाना मारहरा के गांव मोहिनी के रहने वाले वीरपाल जाटव का बेटा था. वीरपाल कोई बड़े आदमी नही थे. उन के पास खेती की थोड़ी जमीन थी. उसी की कमाई से 5 बेटों और एक बेटी को पालापोसा. जवान होने पर 2 बेटे राजाराम और प्रमोद दिल्ली चले गए. कमानेधमाने लगे तो वीरपाल ने उन की शादियां कर दीं. शादियों के बाद वे अपनेअपने परिवार को भी दिल्ली ले गए.

उन दोनों से छोटा बबलू गांव में ही रहता था और ड्राइविंग सीख कर किसी की जीप चलाता था. उस से छोटे बंटी और कुलदीप वीरपाल की खेती में मदद करते थे. वीरपाल की पत्नी जावित्री देवी घरपरिवार को ठीक से संभाल रही थी. प्रतिभा भी इसी गांव के रहने वाले विजय प्रताप बघेल की बेटी थी. उन की आर्थिक स्थिति काफी ठीकठाक थी. उन की अपनी कुछ गाडि़यां थीं, जो किराए पर चलती थीं. इस के अलावा वह ब्याज पर भी रुपए देते थे, खेती होती ही थी. विजय प्रताप के परिवार में पत्नी भूदेवी के अलावा 2 बेटियां प्रतिभा, प्रिया और 2 बेटे ललित तथा अंकित थे.

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