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एक रोज प्रेम केसरवानी किसी काम से पनकी गया तो उसे छोटू की याद आ गई. तब उस से मिलने उस के घर जा पहुंचा. राजेश गौतम उर्फ छोटू उस समय घर पर ही था. बातचीत करते हुए प्रेम ने पूछा, ‘‘छोटू, तुम ने हमारी समस्या का कोई हल ढूंढा या फिर यूं ही आश्वासन दे रहे थे?’’

“तुम्हारी समस्या का एक ही हल है कि तुम अपनी प्रेमिका सुशीला का काम तमाम करा दो. लेकिन इस के लिए तुम्हें पैसा खर्च करना पड़ेगा,’’ छोटू ने प्रेम को सुझाव दिया. “ठीक है, मैं तैयार हूं.’’ इस के बाद प्रेेम ने सुशीला की हत्या की सुपारी 70 हजार रुपए में राजेश गौतम उर्फ छोटू को दे दी.

रकम मिलने के बाद छोटू ने हत्या की योजना बनाई और रुपयों का लालच दे कर अपने अपराधी दोस्त अजय, दिनेश व सनी को शामिल कर लिया. ये तीनों मन्नीपुरवा (मैथा) के रहने वाले थे. हत्या की योजना बनाने के बाद राजेश गौतम ने प्रेम को वह सुनसान जगह दिखा दी, जहां सुशीला को ठिकाने लगाना था. उस ने दिन, तारीख व समय भी निश्चित कर दिया. सुशीला को उस स्थान तक लाने की जिम्मेदारी प्रेेम को सौंपी गई.

योजना के तहत 3 दिसंबर, 2022 की शाम 4 बजे प्रेम सुशीला की पान की दुकान पर पहुंचा और प्लौट देखने के लिए साथ चलने को कहा. सुशीला ने दुकान बंद की और प्रेम की स्कूटी पर बैठ कर चल दी. प्रेम सूरज छिपने तक सुशीला को इधरउधर घुमाता रहा, फिर किसान नगर होता हुआ जामू नहर पुल के पास पहुंचा. यहां राजेश गौतम उर्फ छोटू अपने साथी अजय, दिनेश व सनी के साथ खड़ा था. अब तक हलका अंधेरा छा चुका था.

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