कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

3 मई, 2023 को रात के कोई साढ़े 9 बजे का वक्त रहा होगा. उसी दौरान पुलिस हैडक्र्वाटर से पुलिस को सूचना मिली कि मुलताई कस्बे के गांधी वार्ड के नागपुर चौक पर एक युवती की गला रेत कर हत्या कर दी गई है. युवती की लाश सडक़ पर पड़ी हुई है. मुलताई कस्बा मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के अंतर्गत आता है.

हत्या की सूचना मिलते ही मुलताई थाने की टीआई प्रज्ञा शर्मा पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गई. घटनास्थल पर पहुंचते ही टीआई प्रज्ञा शर्मा ने सब से पहले घटनास्थल का मुआयना किया. युवती की गला रेत कर बड़ी ही बेरहमी से हत्या की गई थी. घटनास्थल पर सडक़ के बीचोंबीच युवती का शव पेट के बल पड़ा हुआ था. उस के पास ही एक स्कूटी और उस का अन्य सामान भी बिखरा पड़ा था.

घटनास्थल का मुआयना करने के बाद प्रज्ञा शर्मा ने इस सब की जानकारी एसडीओपी नम्रता सोंधिया तथा बैतूल एसपी प्रतीक चौधरी को भी दे दी थी. सरेआम भीड़भाड़ वाले इलाके में बीच सडक़ पर युवती की हत्या कर दिए जाने का मामला बेहद ही गंभीर था. यही कारण था कि युवती की हत्या की सूचना पाते ही सारे पुलिस उच्चाधिकारी मौके पर पहुंच गए थे.

उस वक्त तक मार्केट की ज्यादातर दुकानें बंद हो चुकी थीं. बाकी दुकानदार पुलिस को देख कर अपने शटर गिरा कर चलते बने थे. पुलिस ने आसपास खुल रही दुकान वालों से उस युवती की हत्या के बाबत जानकारी लेनी चाही तो किसी ने अपना मुंह तक नहीं खोला, लेकिन उस की शिनाख्त जल्दी ही हो गई. युवती मुलताई के नेहरू नगर के इलाके में रहने वाली अफजल शेख की बेटी सिमरन शेख थी. जानकारी मिलते ही पुलिस ने उस की हत्या की जानकारी उस के घर वालों को देते हुए तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने को कहा.

कैमरे में रिकौर्ड नहीं हो पाई वारदात

युवती की हत्या किस ने और क्यों की? यह बात न तो उस के घर वालों को पता था और न ही पुलिस को पता लग पा रहा था. उस वक्त तक मार्केट पूरी तरह से बंद हो चुकी थी. तब पुलिस ने अपनी अपनी काररवाई पूरी कर उस की लाश पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी.

इस के बाद पुलिस इस केस की जांच में जुट गई. पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे चैक किए. लेकिन पुलिस को इस से भी कोई सफलता नहीं मिली, क्योंकि सीसीटीवी कैमरे के सामने एक बड़ी गाड़ी खड़ी थी. जिस के कारण वह वारदात कैमरे में रिकौर्ड नहीं हो पाई थी. उस के बाद पुलिस ने देखा कि घटनास्थल के ठीक सामने हनीफ मियां की अंडों की दुकान थी, जो हर रोज देर रात 10 बजे तक खुली रहती थी.

पुलिस को लगा कि घटना के वक्त हनीफ मियां की दुकान जरूर खुल रही होगी. शायद उन्हीं से इस मामले में कुछ जानकारी हासिल हो सके. यह सोचते ही पुलिस ने दुकान पर लिखे मोबाइल नंबर को डायल किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया. पुलिस ने 1-2 बार नहीं कई बार उसी नंबर को रिडायल किया. लेकिन वह फोन नहीं उठा.

फोन न उठने के कारण पुलिस को उसी दुकानदार पर कुछ शक हुआ. पुलिस हनीफ मियां का पता पूछतेपूछते उस के घर पर पहुंच गई. वह घर पर ही मिल गए. पुलिस ने हनीफ मियां से उस घटना को ले कर जानकारी जुटानी चाही तो उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि उन की दुकान बहुत पहले ही बंद हो गई थी. उस के बाद वहां पर कब, क्या हुआ, उन्हें कोई जानकारी नहीं.

शक के घेरे में आया शनीफ

उसी पुलिस पूछताछ के दौरान पुलिस को गुप्तरूप से जानकारी मिली कि शाम के वक्त ज्यादातर उन का बेटा शनीफ दुकान पर बैठता था. पुलिस ने हनीफ मियां से शनीफ के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह दुकान से आने के बाद अकसर अपने दोस्तों के पास चला जाता है. हो सकता है कि वह अपने दोस्तों के पास ही होगा. पुलिस ने हनीफ मियां से उस का मोबाइल नंबर ले कर डायल किया तो वह बंद मिला.

शनीफ का मोबाइल बंद पा कर पुलिस को पूरा शक हो गया कि इस हत्या के बारे में उसे जरूर जानकारी रही होगी. तभी उस ने अपना मोबाइल बंद कर लिया है. उसी शक के आधार पर पुलिस उस की तलाश में जुट गई, लेकिन उस का कहीं भी पता नहीं चला. उस के बाद पुलिस ने उस की गिरफ्तारी के लिए मुखबिर लगा दिए. मुखबिर की सूचना पर शनीफ जल्दी ही पकड़ में आ गया. पुलिस पकड़ में आते ही वह बुरी तरह से घबरा गया था. पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने ले आई.

चूंकि शनीफ ने सरेआम घटना को अंजाम दिया था, जिस को वहां मौजूद काफी लोग देख रहे थे. वह जानता था कि पुलिस के आगे उस की एक नहीं चलने वाली. यही सोच कर उस ने जल्दी ही सब कुछ साफसाफ उगल दिया. शनीफ ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि सिमरन शेख उसे ब्लैकमेल कर उसे बरबाद करने पर तुली थी. जिस के कारण ही उसे यह कदम उठाना पड़ा.

हत्या का अपराध स्वीकारते ही पुलिस ने उस की निशानदेही से हत्या में प्रयुक्त मीट काटने वाला छुरा भी बरामद कर लिया. साथ ही उस के द्वारा घटना के वक्त पहने कपड़े भी पुलिस ने बरामद कर लिए.

कौन थी सिमरन शेख? और उस की जानपहचान शनीफ से कैसे हुई? जानने के लिए हमें इस दिलचस्प कहानी के अतीत में जाना होगा.

सोशल मीडिया की दीवानी हुई सिमरन शेख

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में पड़ता है एक कस्बा मुलताई. सिमरन इसी कस्बे के नेहरू नगर में रहने वाले अफजल शेख की बेटी थी. सिमरन शेख बचपन से ही चंचल थी. उस के नैननक्श उस की सुंदरता का स्वयं ही बखान करते थे. यही कारण था कि वह अपनी सुंदरता और चंचलता के कारण सभी की चहेती बन गई थी.

अफजल शेख की एक बहन थी फातिमा. फातिमा के कोई बच्चा नहीं था. सिमरन से वह बहुत ही प्रभावित थी. जब से सिमरन ने जन्म लिया था, उस की निगाहें उसी पर गड़ी रहती थीं. एक दिन मौका मिलने पर उस ने अपने भाई अफजल से उस प्यारी सी गुडिय़ा को लेने की चाहत जाहिर की. अफजल अपनी बहन की इस मांग को मना नहीं कर सके और उन्होंने सिमरन को उस के हवाले कर दिया. सिमरन की बुआ उसे ले कर अपने घर चली आई और प्यार से उस का पालनपोषण करने लगी.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...