जेबा अंडमान के डालीगंज इलाके में रहती थी. उस की उम्र 14 साल थी. वह स्थानीय स्कूल के 8वीं कक्षा में पढ़ती थी. जेबा के पिता सुलेमान अंडमान के एयरपोर्ट पर एजेंट थे. जबकि उस की मां हसीना बानो एक आम घरेलू औरत थीं. बचपन से ही उसे मोबाइल पर वीडियो गेम खेलने का शौक था. कुछ दिनों पहले मोबाइल प्रेमियों के बीच पबजी नाम का एक नया गेम आया था, जिस में किशोर उम्र के बच्चे खूब रुचि लेतेथे. देखते ही देखते यह गेम दुनिया भर के बच्चों के बीच लोकप्रिय हो गया.

एक दिन जेबा को उस की सहेली फातिमा ने इस गेम के बारे में बताया तो उस ने भी पबजी खेलना शुरू किया. इस गेम में एक बैटलग्राउंड है, जिस में उसे विरोधी खिलाड़ी के मोहरों पर निशाना लगाना पड़ता था. इस गेम की खूबी थी कि एक खिलाड़ी घर पर औनलाइन रह कर सैकडों किलोमीटर दूर दुनिया के किसी भाग में स्थित अजनबी पार्टनर के साथ भी खेल सकता है. हालांकि दोनों पार्टनर अपनेअपने मोबाइल फोन पर दूसरे खिलाड़ी की चाल को देख सकते थे. मजे की बात थी कि वे आपस में अजनबी होते थे.  जेबा को इसे खेलने में दूसरे गेम से कहीं ज्यादा मजा आ रहा था. स्कूल से लौटने के बाद उसे जब भी मौका मिलता, वह पबजी गेम खेलने में मशगूल हो जाती थी.

एक दिन कि बात है. जेबा औनलाइन पबजी गेम खेल रही थी तो इस दौरान उस की मुलाकात एक नए प्रतिद्वंदी खिलाड़ी से हुई. यह प्रतिद्वंदी उस के साथ बड़ी चतुराई से खेल रहा था. गेम के दौरान जेबा ने उसे मात देने की पूरी कोशिश की, मगर काफी दिमाग लड़ाने के बाद भी वह उसे गेम में नहीं हरा सकी. अलबत्ता वह हर बार हार जरूर गई. हालांकि यह बात अलग थी कि हार जाने के बावजूद उसे खेल में बहुत मजा आया था. उस दिन के बाद जब भी जेबा को मौका मिलता, वह उस खिलाड़ी के साथ गेम जरूर खेलती थी. उधर जेबा का प्रतिद्वंद्वी भी उस के औनलाइन होने का इंतजार करता था.

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