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कलुवा ने इस मारपीट की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई तो पुलिस ने बंटी को पकड़ कर जेल भेज दिया. बाद में उस के ससुर ने उसे जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया. कलुवा ने बंटी के साथ जो किया था, उस से बंटी को लगा कि सांद्रा से संबंध बनने के बाद वह घमंडी हो गया है. इसलिए उस ने मन ही मन तय किया कि वह कलुवा को सबक सिखा कर उस का घमंड तोड़ कर ही रहेगा. इस के अलावा उस का यह भी सोचना था कि अगर कलुवा नहीं रहेगा तो सांद्रा उस से दोस्ती कर लेगी.

5 दिसंबर, 2008 की रात काफी ठंड थी. होटल हावर्ड पार्क प्लाजा के सामने कलुवा खड़ा अपनी विदेशी सवारियों का इंतजार कर रहा था. तभी बंटी ने आ कर अचानक उस पर चाकू से हमला कर दिया. उस के साथी उसे बचा पाते, उस के पहले ही बंटी ने उस पर इतने वार कर दिए कि उस ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. इस के बाद कलुवा की हत्या के आरोप में उसे जेल भेज दिया गया. बंटी की इस हरकत से नाराज हो कर जहां मांबाप ने उसे घर से निकाल दिया, वहीं बेटी और नाती के भविष्य की चिंता में उस के ससुर ने काफी दौड़धूप कर के उसे एक बार फिर जमानत पर जेल से बाहर निकलवाया.

जेल से बाहर आ कर बंटी एक बार फिर अपने काम पर लग गया. लेकिन अब वह हमेशा इस फिराक में लगा रहता था कि किसी विदेशी लड़की से उस का चक्कर चल जाए. लेकिन इस में एक समस्या यह थी कि अगर उस का किसी विदेशी लड़की से चक्कर चल भी जाता तो वह उस से शादी नहीं कर सकता था, क्योंकि घर में उस की पत्नी और एक बेटा तो था ही, दूसरा बच्चा भी होने वाला था. पत्नी और बच्चों के रहते वह दूसरी शादी कतई नहीं कर सकता था. फिर उस के ससुर भी उस की काफी मदद कर रहे थे. उन्होंने उस के लिए एक प्लौट भी खरीद दिया था. ऐसे में ही एक दिन अचानक उस की पत्नी भावना की सीढि़यों से गिर कर मौत हो गई.

लोगों का कहना है कि बंटी ने खुद ऊपर से पत्नी को धक्का दे दिया था. लेकिन परिस्थितियां ऐसी थीं कि उस के ससुर ने इसे स्वाभाविक मौत माना और दामाद के खिलाफ कोई काररवाई नहीं की. इस तरह पत्नी से उस ने छुटकारा पा लिया. भावना की रहस्यमय मौत के बाद अब वह आराम से दूसरी शादी कर सकता था. इस के लिए वह हमेशा किसी विदेशी लड़की को अपने प्रेमजाल में फंसाने के चक्कर में लग गया. शायद इसीलिए वह विदेशी लड़कियों का कुछ ज्यादा ही ध्यान रखता था.

एरिन के साथ भी वह ऐसा ही कर रहा था. ताजमहल दिखाते हुए वह उस के आगेपीछे कुछ ज्यादा ही घूम रहा था. अगले दिन एरिन और उस के साथियों को फतेहपुर सीकरी जाना था. बंटी सुबहसुबह ही अपना आटो ले कर होटल ग्रीन पार्क पहुंच गया. एरिन को प्रभावित करने के लिए उस ने बाजार से नाश्ता भी खरीद लिया था. उस ने एरिन के कमरे की घंटी बजाई तो झट दरवाजा खुल गया. क्योंकि तय समय के अनुसार एरिन और उस के साथियों को पता था कि आटो वाला ही होगा.

उस ने एरिन के सामने साथ लाया नाश्ता खोल कर रखा तो वह  उसे देखती रह गई. उस की इस अदा पर एरिन निहाल सी हो गई थी. अपनी परंपरा के हिसाब से उस ने उसे चूमते हुए कहा, ‘‘तुम इंडियन सचमुच बहुत अच्छे और प्यार करने वाले होते हो.’’

एरिन ने ऐसा क्यों किया, यह तो वही जाने. लेकिन बंटी को लगा कि एरिन उस के सपनों को अवश्य सच कर सकती है. फिर तो वह पूरी लगन से उस की सेवा में लग गया. उसे घुमाने से ले कर उस के खानेपीने तक का पूरा खयाल रखने लगा.

आखिर बंटी को अपनी इस सेवा का फल मिल ही गया. उस ने अपनी सेवा की बदौलत एरिन के दिल में अपने चाहत पैदा कर दी. एरिन को बंटी भा गया था, इसलिए उस ने उस की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा दिया. इस तरह मोहब्बत की राह पर दोनों का पहला कदम पड़ गया. बंटी की तो खुशी का ठिकाना नहीं था. कब से वह इसी कोशिश में लगा था. अब उस की कोशिश सफल होती नजर आ रही थी.

एरिन और उस के दोस्तों को आगरा आए 15 दिन से ज्यादा हो गए थे. वे दूसरी जगहों पर जाना चाहते थे, लेकिन एरिन आगरा में ही रुकना चाहती थी, इसलिए उस से दोस्तों के साथ जाने से कर दिया. शायद उसे बंटी से प्यार हो गया था. खर्च की उसे चिंता नहीं थी, क्योंकि जिस एनजीओ में वह काम करती थी, वहां से उस का वेतन अभी भी मिल रहा था, वे उस का वेतन बैंक में डाल देते थे, जिसे एरिन यहां निकाल लेती थी.

12 अक्तूबर, 2013 को एरिन का वीजा खत्म हो रहा था. लेकिन वह अमेरिका की भागदौड़ वाली जिंदगी को छोड़ कर भारत की शांत जिंदगी जीना चाहती थी. इसलिए वह होटल छोड़ कर बंटी के साथ उस की पत्नी की तरह रहने लगी थी. क्योंकि उसे लगता था कि बंटी भी उसे उतना ही प्यार करता है, जितना शाहजहां मुमताज को करता था.

कुछ ही दिनों में एरिन बंटी से कुछ इस तरह प्रभावित हुई कि उस ने उस के साथ विवाह करने का निश्चय कर लिया. तब उसे पता नहीं था कि बंटी का अतीत कैसा है. बंटी भी उस से शादी करने के लिए उतावला था. इसलिए उस ने भी एरिन के बारे में पता किए बगैर शादी का निर्णय ले लिया.

बंटी खुश था कि एक अमीर विदेशी लड़की उस से शादी करने को तैयार है. यानी अब उस का सपना सच होने वाला है. उसे उम्मीद थी कि शादी के बाद एरिन उसे अपने साथ अमेरिका ले जाएगी, जहां वह खूब डौलर कमाएगा और लंबी सी गाड़ी में घूमेगा.

एरिन को पता नहीं था कि वह बंटी से शादी कर के आग के दरिया में कूद रही है. वह भारत में रहना चाहती थी, जबकि उस का वीजा खत्म हो रहा था. उस का वीजा खत्म होता और उसे अमेरिका वापस जाना पड़ता, उस के पहले ही 11 सितंबर, 2013 को उस ने अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) के यहां कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन कर दिया. इस के बाद 12 अक्तूबर, 2013 को महावीर शर्मा, सविता जोशी, पवन जोशी की उपस्थिति में एरिन माइकल विलिंगर और बंटी शर्मा की शादी हो गई. इस तरह बंटी और एरिन पतिपत्नी बन गए. इस के बाद 15 अक्तूबर, 2013 को एरिन ने होटल ग्रीन पार्क में वैदिक रीतिरिवाज से शादी कर के अपना नाम काजल रख लिया. शादी के बाद उस ने पार्टी भी दी.

बंटी और एरिन की शादी की जानकारी अन्य लोगों को हुई तो वे चौंके. क्योंकि वे जानते थे कि बंटी ने एरिन का पैसा हड़पने के लिए उसे प्यार के जाल में फांस कर उस से शादी की है. इसलिए उन लोगों को एरिन को ले कर चिंता होने लगी, क्योंकि बंटी की फितरत के बारे में उन्हें पता था. बंटी ने एरिन से वादा किया था कि शादी के बाद वह उसे पूरा भारत घुमाएगा, लेकिन एकएक कर के दिन बीत रहे थे और बंटी कहीं जाने का नाम नहीं ले रहा था. वह सुबह आटो ले कर निकल जाता तो देर रात थकामांदा घर आता. उसे सिर्फ एक बात की चिंता थी कि एरिन के डौलर उस के हाथ कैसे लगें. उस की यह फितरत उस की बातों से भी झलकती थी.

                                                                                                                                           क्रमशः

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