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एरिन ने 31 दिसंबर, 2013 को थाना सदर में यह शिकायत की थी. पुलिस को लगा कि विदेशी लड़कियां ऐसा करती ही रहती हैं, इसलिए  इस मामले में कोई काररवाई करने के बजाए पतिपत्नी का विवाद मान कर इसे परिवार परामर्श केंद्र में भेज दिया. परिवार परामर्श केंद्र ने दोनों को बुला कर काउंसलिंग कराई. दोनों ने समझने के बजाए एकदूसरे पर आरोप लगाए. एरिन ने कहा, ‘‘बंटी शराब पीता है और जुआ खेलता है. धमकी दे कर पैसे मांगता है. इस ने अपने विवाहित होने और हत्याओं वाली बात छिपा कर उस से शादी की थी.’’

बंटी ने भी आरोप लगाया, ‘‘यह सिगरेट बहुत पीती है. इस के दोस्त आते हैं तो इसी के साथ रुकते हैं. उन के साथ यह आगरा के बाहर भी जाती है और उन्हीं के साथ एक ही कमरे में रुकती है. इस का हजारों रुपए रोज का खर्च है. मैं कहां से इतने पैसे लाऊं.’’ परिवार परामर्श केंद्र बंटी और एरिन का समझौता नहीं करा सका. बंटी को लगा कि अब एरिन को वह अपने बंधन में बांध कर नहीं रख सकता. वह कभी भी उस के बंधन को तोड़ कर आजाद हो सकती है.

एरिन पढ़ीलिखी, व्यवहारकुशल और समझदार लड़की थी. अब तक उस के तमाम दोस्त हो गए थे. तमाम युवक उस के इर्दगिर्द मंडराते रहते थे. बंटी उन के सामने कुछ भी नहीं था. यह सब देख कर बंटी कुढ़ता रहता था.

एरिन बंटी से बहुत परेशान थी. वह जब भी चाहता था, फोन कर के एरिन को अपने कमरे पर बुला लेता था. एरिन खुद भी उसे अपने कमरे पर आने से नहीं रोक पाती थी. बंटी को पता चल ही गया था कि एरिन उतनी पैसे वाली नहीं है, जितनी उसे उम्मीद थी. वेतन भी आना बंद हो गया था. अब उसे लगने लगा कि एरिन से उस के सपने पूरे नहीं होने वाले तो उसे उस से नफरत हो गई.

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