UP Crime News: प्रोफेसर की नौकरी छोड़ पूजा शकुन पांडेय संन्यासिनी बन गई. वह हिंदू महासभा से भी जुड़ी हुई थी. इस के बाद वह निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर बना दी गई. अब उसे अन्नपूर्णा भारती के नाम से जाना जाने लगा. महामंडलेश्वर बनने के बाद पूजा शकुन पांडेय ने अपना जीवन भले ही सनातन धर्म की सेवा के लिए समॢपत कर दिया था, लेकिन वह अपने प्रेमी अभिषेक गुप्ता को नहीं भुला सकी थी. प्रेमी को पाने की जिद एक दिन पूजा शकुन पांडेय को जेल की सलाखों के पीछे इस तरह ले गई कि...
कहते हैं इंसान की महत्त्वाकांक्षा या तो उसे शिखर पर पहुंचा देती है या शून्य पर ले आती है. बस फेर उस की सोच और नीयत का होता है. एक साधारण सी युवती पूजा शकुन पांडे कुछ ही सालों में धर्म के क्षेत्र में इतना आगे पहुंची कि देश के सब से बड़े अखाड़े ने उसे महामंडलेश्वर की उपाधि दे दी और वह महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारतीपुरी बन गई.

ये सब संभव हुआ महत्त्वाकांक्षा के कारण. लेकिन बात वहीं आ गई, सोच और नीयत की. चूंकि महामंडलेश्वर जैसे रसूखदार और सम्मानित ओहदे पर पहुंचने के बाद भी अन्नपूर्णा भारती ने अपनी छोटी सोच के कारण कुछ ऐसा कर दिया कि आज हर कोई उस के नाम पर थूथू कर रहा है. पूरा माजरा समझने के लिए कहानी को पूरा जानना जरूरी है, जिस की शुरुआत कब और कैसे हुई, ये तो बाद में बताएंगे, लेकिन पहले उस घटना को जान लेते हैं जो 26 सितंबर, 2025 को हुई.






