नाजायज रिश्तों का भांडा फूटा
नाजायज रिश्तों को कोई लाख छिपाने की कोशिश क्यों न करे, लेकिन वह छिप नहीं पाते. किसी तरह पड़ोसियों को रागिनी और रिंकू के अवैध संबंधों की भनक लग गई. शोभाराम के दोस्तों ने कई बार उसे उस की पत्नी और रिंकू के संबंधों की बात बताई, लेकिन उस ने उन की बातों पर ध्यान ही नहीं दिया. क्योंकि उसे पत्नी पर पूरा भरोसा था.
जबकि सच्चाई यह थी कि वह उस के साथ लगातार विश्वासघात कर रही थी. रागिनी कुंवारे रिंकू यादव की इतनी दीवानी हो गई थी कि वह पति को कुछ समझती ही नहीं थी.
नाजायज रिश्तों का भांडा तब फूटा जब एक रोज शोभाराम ने अपनी पत्नी रागिनी और रिंकू को अपने ही घर में आपत्तिजनक स्थिति में रंगेहाथों पकड़ लिया. रिंकू ने जब शोभाराम को देखा तो वह फुरती से भाग गया. उस ने भी उस से कुछ नहीं कहा. लेकिन उस ने रागिनी को खूब खरीखोटी सुनाई और दोबारा ऐसी हरकत न करने की हिदायत दे कर छोड़ दिया.
उस दिन के बाद से कुछ दिनों तक रिंकू का रागिनी के यहां आनाजाना लगभग बंद रहा. पर यह पाबंदी ज्यादा दिनों तक कायम न रह सकी. मौका मिलने पर दोनों फिर से शोभाराम की आंखों में धूल झोंकने लगे. पर अब वह काफी सावधानी बरत रहे थे.
पत्नी को समझाने का प्रयास किया
रागिनी की बेटी अब तक 8 साल की हो चुकी थी. वह अपनी उम्र से कुछ ज्यादा समझदार थी. रिंकू के घर आने पर वह ताकझांक में लगी रहती थी. बेटी उस के नापाक रिश्तों में बाधा न बने, इसलिए रागिनी ने उसे ननिहाल रहने को भेज दिया.
बेटी के ननिहाल में रहने पर रागिनी पूरी तरह आजाद हो गई. शोभाराम राजमिस्त्री था. वह सुबह घर से निकलता तो फिर शाम को ही घर आता था. दोपहर में रागिनी चालाकी के साथ रिंकू को बुला लेती फिर दोनों रंगरलियां मनाते. पति के आने से पहले रागिनी सतीसावित्री बन जाती थी.
लेकिन चालाकी के बावजूद शोभाराम ने एक रोज फिर से पत्नी को रिंकू के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया. उस रोज शोभाराम सुबह काम पर तो गया था, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से वह दोपहर में ही वापस घर आ गया था. इस बार उस ने रिंकू को खूब खरीखोटी सुनाई और पत्नी की जम कर पिटाई की. इस के बाद रिंकू का घर आनाजाना बंद हो गया.
जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में रागिनी ने एक और बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म से शोभाराम को खुशी नहीं हुई, क्योंकि उसे शक था कि यह बेटी जरूर रागिनी और रिंकू के नाजायज रिश्तों की निशानी है. लेकिन समाज के डर से उस ने जुबान बंद रखी.
बेटी के जन्म के बाद शोभाराम को लगा कि रागिनी ने रिंकू के साथ संबंध खत्म कर लिए हैं. यह उस की भूल थी. रागिनी अब भी मौका मिलने पर रिंकू से मिलने का प्रयास करती रहती थी. उसे झटका तब लगा, जब उस ने एक रोज रिंकू को शाम के धुंधलके में अपने घर से निकलते देख लिया.
शोभाराम की अब गांव में खूब बदनामी होने लगी थी. गांव के युवक उसे देख कर पत्नी के चरित्र को ले कर फब्तियां कसने लगे थे. उस ने पत्नी को बड़ी बेटी की दुहाई देते हुए समझाया, लेकिन रागिनी पर कोई असर नहीं पड़ा.
आखिर अपनी इज्जत का जनाजा उठते देख कर उस का धैर्य जवाब देने लगा. अब उस से पत्नी की बेवफाई बरदाश्त नहीं हो रही थी. इसी सब का नतीजा था कि उस ने मन ही मन एक खतरनाक मंसूबा पाल लिया. वह मंसूबा था रिंकू और बेवफा पत्नी की हत्या का.
अपने मंसूबे को अमली जामा पहनाने के लिए वह दोनों पर नजर रखने लगा था. शोभाराम कभी काम पर जाता तो कभी नहीं भी जाता. कभी जाता तो घंटे-2 घंटे बाद ही लौट आता. रागिनी अच्छी तरह जान गई थी कि उस का पति उस पर नजर गड़ाए है. इसलिए वह स्वयं सतर्क थी और उस ने प्रेमी रिंकू को भी सतर्क कर दिया था कि वह उस के घर तभी आए, जब वह उसे फोन कर बुलाए.
कैसे हुआ प्रेमीप्रेमिका का मर्डर
14 जून, 2023 की सुबह 8 बजे शोभाराम काम पर चला गया. दिन भर काम करने के बाद वह शाम 6 बजे घर आया. उस समय रागिनी छत पर थी. वह कमरे में पड़े तख्त पर लेट गया और थकान दूर करने लगा. रात 8 बजे के लगभग शोभाराम ने खाना खाया फिर तख्त पर लेट गया. कुछ देर बाद ही वह गहरी नींद में सो गया.
इधर रागिनी ने घर का काम निपटाया, फिर बेटे को पति के साथ लिटा दिया और खुद छोटी बेटी के साथ कमरे में पड़ी चारपाई पर लेट गई. लेकिन नींद उस की आंखों से कोसों दूर थी. उसे रहरह कर प्रेमी की याद आ रही थी. महीना भर से अधिक का समय बीत गया था, वह रिंकू से मिलन नहीं कर पाई थी. जब उस से नहीं रहा गया तो उस ने फोन कर रिंकू यादव को घर बुला लिया. दोनों मकान की छत पर पहुंचे और मौजमस्ती में जुट गए.
इधर रात 12 बजे के बाद शोभाराम लघुशंका के लिए उठा तो उस की नजर कमरे में पड़ी चारपाई पर गई. चारपाई पर छोटी बेटी तो सो रही थी, लेकिन पत्नी गायब थी. उस ने चंद मिनट उस के वापस आने का इंतजार किया, फिर वह घर में उस की खोज करने लगा. उस ने घर का कोनाकोना छान मारा, लेकिन रागिनी उसे कहीं नहीं दिखी. तभी उस के मन में विचार आया कि रागिनी कहीं छत पर तो नहीं.
यह विचार आते ही शोभाराम दबे पांव सीढ़ियां चढ़ता हुआ छत पर पहुंचा. छत का दृश्य देख कर शोभाराम का खून खौल उठा. उस की भुजाएं फड़कने लगीं और कुछ कर गुजरने को तत्पर हो उठीं. दरअसल, छत पर रागिनी और रिंकू यादव अर्धनग्न अवस्था में एकदूसरे से गुथे पड़े थे. पत्नी की सीत्कार उस के कानों में गरम सीसा घोल रही थी.
शोभाराम ने पास पड़ी ईंट उठाई और रागिनी पर छाए रिंकू के सिर पर भरपूर प्रहार किया. प्रहार से रिंकू का सिर फट गया और खून की धार बहने लगी. पति के रूप में रागिनी ने साक्षात मौत को देखा तो वह प्रेमी के ऊपर लेट गई और गिड़गिड़ाने लगी, ”मेरे राजा को मत मारो, उस के बिना मैं कैसे जीवित रहूंगी?’‘
यह सुनते ही शोभाराम का गुस्सा और बढ़ गया. उस ने दूसरा वार पत्नी रागिनी के सिर पर किया तो उस का भी सिर फट गया और खून का फव्वारा छूट पड़ा. इस के बाद शोभाराम ने अनगिनत प्रहार रागिनी और रिंकू के सिर और चेहरे पर किए तथा दोनों को मौत के घाट उतार दिया.
इस के बाद वह छत पर ही बैठा बीड़ी पीता रहा. कुछ देर बाद उस ने मोबाइल फोन से डायल 112 पर पुलिस कंट्रोल रूम को डबल मर्डर की सूचना दी. सूचना पाते ही थाना पुलिस व अन्य अधिकारी घटनास्थल आ गए. पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में ले कर जांच शुरू की तो इन हत्याओं के पीछे अवैध संबंधों की बात सामने आई.
16 जून, 2023 को पुलिस ने हत्यारोपी शोभाराम दोहरे को औरैया की जिला अदालत में पेश किया, जहां से उसे जिला जेल भेज दिया गया. मृतका रागिनी के तीनों बच्चे अपने नानानानी के घर पल रहे थे.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित