एक लाश ने लिया प्रतिशोध – भाग 1

स्लेड ने तय कर लिया था कि उसे किसी भी तरह स्पेल्डिंग की हत्या करनी है. क्योंकि उसे पता था कि अगर उस ने स्पेल्डिंग की हत्या नहीं की तो वह उस का कैरियर बरबाद कर देगा. एक वकील होने के नाते उसे बचाव  के लिए दलीलें देनी तो आती थीं, लेकिन हत्या किस तरह की जाए कि न तो मैडिकल साइंस पकड़ सके और न कानून. क्योंकि जब हत्या साबित ही नहीं होगी तो वह पकड़ा ही नहीं जाएगा.

स्पेल्डिंग की हत्या कैसे की जाए, इस पर वह काफी दिनों तक सोचता रहा. इस की वजह यह थी कि वह नहीं चाहता था कि हत्या जैसे अपराध में फंस कर उस का कैरियर और जिंदगी बरबाद हो. क्योंकि कैरियर और जिंदगी बचाने के लिए ही तो वह हत्या जैसा जघन्य अपराध करने पर विचार कर रहा था. लेकिन उस की समझ में यह नहीं आ रहा था कि वह स्पेल्डिंग की हत्या कैसे करे कि कानून की नजरों से साफ बच जाए.

आज की तरह तब इंटरनेट तो था नहीं कि इंटरनेट पर सर्च कर के वह हत्या की तरकीब खोज निकालता. यह ऐसा काम था, जिस के लिए किसी से सीधे सलाह भी नहीं ली जा सकती थी. स्लेड को किसी भी तरह स्पेल्डिंग की हत्या करनी थी. जब उसे कोई उपाय नहीं सूझा तो उस ने अपने दोस्त डा. मैथ्यू से हत्याओं पर चर्चा कर के कोई तरीका निकालने का विचार किया.

इस के लिए उस ने उन्हें एक शाम खाने पर बुला लिया. खाना खाते हुए स्लेड ने कहा, ‘‘आजकल अपराध कुछ ज्यादा ही होने लगे हैं. खासकर हत्या जैसे अपराधों की तो जैसे बाढ़ सी आ गई है. लगता है, पुलिस हत्यारों को पकड़ नहीं पा रही है?’’

‘‘ऐसी बात नहीं है, हत्यारा कितनी भी होशियारी से हत्या करे, उस से कोई न कोई चूक हो ही जाती है. और फिर उसी चूक की वजह से वह पकड़ा जाता है. तब उस की कश्ती किनारे पर आ कर भी डूब जाती है. हत्या करने के बाद सब से कठिन काम है लाश को ठिकाने लगाना. लेकिन तुम्हें पता होना चाहिए कि मैं इस काम को बखूबी अंजाम दे सकता हूं.’’ डा. मैथ्यू ने कहा.

‘‘जी हां.’’ स्लेड ने कहा. लेकिन वह जानता था कि इस मामले में उसे डा. मैथ्यू से कहीं ज्यादा अनुभव है.

‘‘दरअसल यह बहुत ही खतरनाक और पेचीदा मसला है. यह इतना मुश्किल काम है कि मेरी समझ में यह नहीं आता कि लोग कत्ल करने जैसा गैरबुद्धि वाला काम करते ही क्यों हैं?’’

‘‘मेरा भी कुछ ऐसा ही खयाल है,’’ स्लेड ने कहा. लेकिन मन में वह कुछ और ही सोच रहा था. उस का खयाल था कि इस दुनिया में आदमी के लिए कोई भी काम कठिन नहीं है.

‘‘लोग सोचते हैं कि किसी को जहर दे कर मारना बहुत आसान है,’’ डा. मैथ्यू ने आगे कहा, ‘‘लेकिन उन्हें पता नहीं होता कि पोस्टमार्टम में जहर का पता लग जाता है. और जब हत्या का पता चल जाएगा तो हत्यारा पकड़ा ही जाएगा. मेरा तो काम ही जहर का पता लगाना है. मैं ही क्या, जाहिल से जाहिल डाक्टर भी जहर का पता लगा सकता है.’’

‘‘मैं आप की राय से पूरा इत्तफाक रखता हूं, डाक्टर.’’ स्लेड ने कहा.

चूंकि वह स्पेल्डिंग की हत्या के लिए जहर का इस्तेमाल करने की सोच ही नहीं रहा था, इसलिए उसे इस बारे में विचार ही नहीं करना था. उस ने तो कोई और ही उपाय सोच रखा था.

‘‘अगर तुम जहर दे कर हत्या नहीं करते तो लोग यही सोचेंगे कि वह अपनी मौत मरा होगा. हत्या करने के बाद अगर हत्यारा बचना चाहता है तो वह कुछ ऐसी तिकड़म करे कि लोगों को लगे कि मृत व्यक्ति ने खुदकुशी की है. मगर मेरी तरह तुम भी जानते हो कि यह काम इतना आसान नहीं है. वैसे भी खुदकुशी के मामले में बड़ी गहराई से जांच होती है. तुम खुद वकील हो, खुदकुशी के कितने मामलों को तुम ने निपटाए हैं. तुम्हें तो पता ही है कि ऐसे मामलों में कितनी परेशानी होती है. और फिर नतीजा क्या निकलता है?’’

‘‘आप ने सही कहा,’’ स्लेड ने कहा.

उस ने इस मामले पर काफी गहराई से विचार किया था. काफी सोचविचार कर वह इस नतीजे पर पहुंचा था कि इस तरह स्पेल्डिंग की हत्या कर लाश को गायब करेगा कि उसे कोई पकड़ नहीं पाएगा. अगर स्पेल्डिंग की लाश मिल भी गई तो पुलिस यही समझेगी कि उस ने आत्महत्या की है.

‘‘हां, तो मैं उसी मसले पर फिर आता हूं. हत्यारे के लिए लाश से पीछा छुड़ाना आसान नहीं है.’’ डा. मैथ्यू ने कहा.

‘‘जी हां,’’ स्लेड ने कहा, ‘‘आप बिलकुल सही कह रहे हैं.’’

लेकिन स्लेड को पूरा विश्वास था कि स्पेल्डिंग की लाश से वह आसानी से पीछा छुड़ा लेगा.

‘‘जानते ही हो, लाश को ठिकाने लगा कर उस से मुक्ति पाना बहुत ही कठिन काम है,’’ डा. मैथ्यू ने कहा, ‘‘कुछ लोग रासायनिक पदार्थों और तेजाब से लाश को जला गला देते हैं. लेकिन एक डाक्टर होने के नाते मैं इस तरकीब को पसंद नहीं करता.’’

‘‘वह क्यों?’’ स्लेड ने पूछा.

‘‘लाश कितनी भारी होती है. उसे उठाना, ढोना, संदूक, तहखाने या नदीनाले में छिपाते फिरना, कितना खतरनाक काम है.’’

‘‘आप ठीक कह रहे हैं. मैं ने इस के बारे में पहले कभी नहीं सोचा.’’ स्लेड ने कहा. जबकि उसे लग रहा था कि डाक्टर बिलकुल बेकार की बातें कर रहा है.

‘‘वैसे एक ऐसी तरकीब है, जिस में बचने की काफी गुंजाइश है. वकील होने के नाते तुम उस में जरूर दिलचस्पी लोगे, क्योंकि इस में एक कानूनी नुक्ता है.’’

‘‘कौन सा?’’ स्लेड ने अचकचा कर पूछा.

‘‘जब तक तुम किसी अभियुक्त को मुजरिम नहीं साबित कर देते, तब तक उसे सजा नहीं दिला सकते. और जब तक लाश नहीं मिल जाती, तब तक किसी अपराधी को पकड़ने या उस पर मुकदमा चलाने का सवाल ही नहीं उठता. किसी को हत्यारा साबित करने के लिए लाश का मिलना बहुत जरूरी है.’’

‘‘आप ने बिलकुल सही कहा. हैरानी की बात यह है कि इतनी बढि़या बात मेरे जेहन में पहले क्यों नहीं आई?’’ स्लेड ने कहा.

लेकिन अचानक उसे लगा कि उस के मुंह से यह बात निकल कैसे गई? उस ने तुरंत खुद को सहज बनाने की कोशिश की. उस ने अपने दिल की खुशी भी छिपाई, ताकि डाक्टर जान न सके कि उस के मन में क्या है.   जबकि डाक्टर ने उस की बात पर गौर ही नहीं किया था.

उस ने कहा, ‘‘मेरे खयाल से लाश को पूरी तरह से नष्ट करना आसान नहीं है. लेकिन अगर कोई अपराधी लाश गायब करने में सफल हो जाता है तो निश्चित ही वह पकड़ में नहीं आएगा. उस पर कितना भी जबरदस्त शक क्यों न हो. पुलिस बिना लाश बरामद किए उस के खिलाफ सुबूत नहीं जुटा पाएगी. इस तरह के कत्ल की कहानी सचमुच एक अनोखी कहानी होगी.’’

‘‘जरूर,’’ स्लेड ने हंसते हुए कहा. इस के बाद उस ने मन ही मन सोचा, ‘सचमुच स्पेल्डिंग के कत्ल की कोई कहानी नहीं बन सकेगी.’

‘‘अच्छा स्लेड, अब मैं चलूंगा. खाते खाते काफी बकबक कर ली. तुम्हारी इस शानदार दावत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया. आज मौसम भी कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है. अब चल देना ही ठीक है.’’ डा. मैथ्यू ने उठते हुए कहा.

क्या स्लेड हत्या करने में कामयाब हो सकेगा ? जानने के लिए पढ़ें crime thriller story का अगला भाग..

15 शादियां करने वाला लुटेरा दूल्हा – भाग 4

उस ने बताया कि बचपन से ही उस की अपने मांबाप से नहीं बनती थी. इसलिए उस ने घर छोड़ दिया था. शक्लसूरत अच्छी थी, इसलिए उस ने सोचा कि चलो कन्नड़ फिल्मों में भाग्य आजमाते हैं. उस ने कन्नड़ फिल्मी दुनिया का रुख किया, पर वहां उसे कोई काम नहीं मिला. इस से महेश को बहुत बड़ा झटका लगा. क्योंकि वह ज्यादा पढ़ालिखा भी नहीं था कि उसे कोई ढंग की नौकरी मिल पाती. उस की समझ में नहीं आया कि अब वह क्या करे.

तभी उस ने किसी अखबार में समाचार पढ़ा कि कोई व्यक्ति मैट्रीमोनियल साइट से विवाह कर के पत्नी के लाखों रुपए ले कर फरार हो गया है. उस ठग की कहानी पढ़ कर उस के दिमाग में आइडिया आया कि इस तरह विवाह कर के भी पैसा कमाया जा सकता है. बस, उस ने सोच लिया अब वह भी इसी तरह विवाह कर के पैसे कमाएगा.

मन में यह विचार आते ही महेश ने मैट्रीमोनियल साइट पर अपनी फेक आईडी बनानी शुरू की. किसी में डाक्टर तो किसी में इंजीनियर तो किसी में सौफ्टवेयर इंजीनियर तो किसी में बिजनैसमैन तो किसी में सरकारी अफसर बन कर उस ने प्रोफाइल बना डालीं.

करीब 35 साल की महिलाओं को फांसता था महेश

मजे की बात यह थी कि वह साइट पर जा कर यह उन्हीं महिलाओं को चुनता था, जिन की उम्र 35 साल या उस से अधिक होती थी. अगर डिवोर्सी होती तो उसे और अधिक बेहतर लगती. लेकिन अमीर होनी चाहिए और देखने में ठीकठाक लगनी चाहिए.

जब शुरुआत हुई तो जैसा शुरू में बताया गया है, ठीक उसी तरह बात होती और फिर शादी की तारीख तय हो जाती. शुरू में ही महेश लडक़ी वालों से बता देता था कि उस के मांबाप नहीं हैं. परिवार में प्रौपर्टी के बंटवारे को ले कर झगड़ा चल रहा है, इसलिए परिवार का भी कोई सदस्य शादी में नहीं आएगा. बस, दोचार रिश्तेदार और दोस्त ही विवाह में आ सकते हैं.

इसलिए महेश के विवाह में उस की ओर से दसपांच लोग ही शामिल होते थे. लेकिन ये लोग भी न उस के रिश्तेदार होते थे और न दोस्त. ये लोग किराए के होते थे. इस तरह के लोगों को उसे ढूंढने भी नहीं जाना पड़ता था. क्योंकि उस ने कन्नड़ फिल्मों में काम करने के लिए खूब धक्के खाए थे, इसलिए तमाम जूनियर कलाकारों से उस की जानपहचान हो गई थी.

अपने विवाह पर वह इन्हीं लोगों को किसी को 3 हजार पर तो किसी को 5 हजार पर तो किसी को 10 हजार रुपए पर यानी हुलिए के हिसाब से फीस दे कर बाराती के रूप में ले आता था. उन्हें पैसे तो मिलते ही थे, अच्छे से अच्छे होटल में ठहरने के साथ में अच्छे से अच्छा खाना मिलता था और विदाई के समय कुछ न कुछ उपहार भी मिल जाते थे.

विवाह होते ही किराए के बाराती अपने घर चले जाते और महेश पत्नी को ले कर मैसूर आ जाता, जहां यह शादी होते ही किराए का एक घर ले लेता था. अपने घर के बारे में तो वह पहले ही बता देता था कि पुश्तैनी प्रौपर्टी को ले कर उस का झगड़ा चल रहा है.

इस के बाद वह किसी पत्नी से कहता कि उसे क्लीनिक खोलनी है तो किसी से कुछ और कह कर पैसे ले लेता था. जो न देतीं उन के पैसे और गहने चुरा कर किसी न किसी बहाने यह कह कर निकल जाता था. जाते समय वह यह भी कह जाता था कि वह उस के बारे में किसी को कुछ नहीं बताएगीं, पुलिस को भी नहीं, क्योंकि प्रौपर्टी के झगड़े में कुछ भी हो सकता है, उस की जान भी ली जा सकती है और पुलिस से भी पकड़वा कर जेल भिजवाया जा सकता है. क्योंकि करोड़ों की प्रौपर्टी का मामला है.

3 पत्नियों से उस के हैं 5 बच्चे

इसी तरह महेश ने एक डाक्टर से भी डाक्टर बन कर विवाह कर लिया था. शादी के बाद महेश डाक्टर पत्नी के साथ क्लीनिक भी गया और वहां एक डाक्टर के रूप में अपने तमाम फोटो खींच लिए थे. उन्हीं फोटो को उस ने एक डाक्टर के रूप में मैट्रीमोनियल साइट पर पोस्ट कर दिए थे.

इसी तरह कोई इंजीनियर या कोई और मिल जाती तो उस के औफिस में जा कर फोटो खींच पर मैट्रीमोनियल साइट पर पोस्ट कर देता. इसी तरह उस ने कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में कुल 15 शादियां कर डालीं. इन 15 शादियों में से 3 पत्नियों से उसे 5 बच्चे भी हुए. पर किसी भी पत्नी के साथ महेश एक महीने से अधिक नहीं रहा. इस के बाद वह किसी काम की बात कह कर निकल जाता.

जब महेश को गए ज्यादा समय हो जाता और दूसरी ओर उस के गहने और पैसे भी लुट गए होते, तब उन की समझ में आता कि उन के साथ धोखा हुआ है. पर वे अपना यह दर्द कहें किस से. क्योंकि वे अपना यह दर्द किसी से कहतीं तो जगहंसाई ही होती. इसलिए कोई भी महिला किसी से भी अपनी यह तकलीफ नहीं बताती थी. क्योंकि इस के लिए वह खुद को दोषी मानती थीं.

2013 में बेंगलुरु की एक महिला, जो इंजीनियर थी, उस ने भी महेश से विवाह किया था. 3 दिन बाद जब यह उसे छोड़ कर चला गया था और लौट कर नहीं आया था, तब उस ने उस के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई थी. तब पुलिस ने उस की रिपोर्ट पर खास ध्यान नहीं दिया था.

अगर उसी समय पुलिस ने ऐक्शन लिया होता तो तमाम महिलाएं इस ठग लुटेरे दूल्हे का शिकार होने से बच जातीं. पुलिस की लापरवाही का ही नतीजा था कि महेश शादियों पर शादियां करता गया और उस ने 15 शादियां कर डालीं. इस के बाद जो जानकारी मिली थी, उस के अनुसार 9 महिलाएं उस से शादी करने की कतार में थीं. उसे 9 पत्नियां मिल चुकी थीं, जो अलगअलग पेशे वाली थीं. वह जल्दी ही 9 शादियां और करने वाला था, लेकिन इस से पहले ये 9 शादियां होतीं, पुलिस उस तक पहुंच गई और ये 9 महिलाएं बरबाद होने से बच गईं.

मजे की बात यह थी कि महेश ने जितनी भी शादियां कीं, इन में कोई भी महिला गांव देहात की अनपढ़ महिला नहीं थी. सब की सब उच्चशिक्षित थीं, कोई डाक्टर तो कोई इंजीनियर, यहां तक कि असिस्टेंट प्रोफेसर भी थीं. सभी उस के झांसे में आ गईं और शादी के बाद किसी ने उस के खिलाफ रिपोर्ट भी नहीं दर्ज कराई.

पूछताछ में महेश ने यह भी बताया कि कुछ लड़कियां तो विवाह करतेकरते रह गईं. इस की वजह यह थी कि महेश ज्यादा पढ़ालिखा तो था नहीं, इसलिए वह जो अंगरेजी बोलता था, उस में गलतियां बहुत होती थीं. वह अच्छी अंगरेजी बोल नहीं पाता था, इसलिए सामने वाली लड़कियों को शक हो गया कि एक डाक्टर हो कर यह इतनी गलत अंगरेजी बोल रहा है. इसलिए उन्होंने उस से शादी नहीं की थी.

महेश का कहना था कि अगर वह अच्छी अंगरेजी बोल लेता तो 15 ही नहीं, अब तक वह कम से कम सौ शादियां कर चुका होता. लोगों को दिखाने के लिए बेंगलुरु के तुमकुरु में उस ने अपना एक नकली क्लीनिक भी बना रखा था, जहां वह कभीकभी डाक्टर के रूप में बैठता भी था. लोगों को शक न हो, इस के लिए उस ने एक नर्स भी नौकरी पर रखी थी.

एसआई राधा एम के अनुसार महेश नायक ने 15 शादियां कर के अब तक करीब 3 करोड़ के गहनों और रुपयों की चोरी की है. संपत्ति के नाम पर उस के पास 2 कारें थीं, लेकिन कोई मकान आदि नहीं है. पत्नियों के पैसे और गहने चुरा कर वह विलासितापूर्ण जीवन जीता था. पत्नियों को छोड़ कर जाने के बाद वह होटलों में ठहरता था.

उस ने जब पहली शादी की थी, तब वह 24 साल का था. इन 19 सालों में उस ने 15 शादियां कर ली थीं. पुलिस ने आरोपी महेश केबी से पूछताछ के बाद उसे भादंवि की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 506 (आपराधिक धमकी), 380 (चोरी) के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. कथा में निशा बदला हुआ नाम है

गलत आदतों से हुई सजा ए मौत – भाग 1

25 अप्रैल, 2023 को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के कक्ष-6 में गहमागहमी कुछ अधिक ही दिखाई दे रही थी. विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावी क्षेत्र) आजाद सिंह की अदालत में साल 2022 में फिरोजाबाद नगर में हुए बहुचर्चित कमला देवी मर्डर व लूट के संबंध में फैसला आने वाला था.

पूरे न्यायालय परिसर में पुलिस और अधिवक्ताओं की भीड़ दिखाई दे रही थी. प्रिंट और इलैक्ट्रौनिक मीडिया के पत्रकार भी वहां उत्सुकता से फैसले का इंतजार कर रहे थे. क्योंकि फैसला आते ही उन्हें ब्रेकिंग न्यूज जो बनानी थी.

न्यायाधीश ने दोपहर साढ़े 12 बजे जैसे ही न्यायालय में प्रवेश किया तो वहां मौजूद सभी लोग सम्मानस्वरूप अपनी जगह पर खड़़े हो गए. न्यायाधीश के कुरसी पर बैठते ही अदालत में मौजूद लोगों ने अपना स्थान ग्रहण कर लिया. कुरसी पर बैठते ही न्यायाधीश ने अदालत के रीडर को इस केस से संबंधित पत्रावली पेश करने का आदेश दिया. दोनों ही पक्षों के वकील न्यायालय कक्ष में मौजूद थे. आरोपी तरुण गोयल को जेल से अदालत लाया गया था.

वकीलों की हुई जोरदार बहस

न्यायाधीश ने विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार शर्मा को अपनी दलीलें पेश करने को कहा. इस पर शासन की ओर से पैरवी करते हुए अजय कुमार शर्मा ने कहा कि वे अब तक माननीय न्यायालय में 6 गवाहों को पेश कर चुके हैं. इन में चश्मदीद गवाह घर की नौकरानी रेनू शर्मा की गवाही शेष है.

अब तक के गवाहों के बयानों व अन्य सबूतों से साफ जाहिर है कि कोर्ट के कटघरे में तरुण गोयल नाम का जो व्यक्ति खड़ा है, उस ने ही रुपयों व गहनों के लालच में अपनी नानी सास 70 वर्षीय कमला देवी की उन के घर में घुस कर नृशंस तरीके से हत्या की थी. साथ ही घटना के समय घर में मौजूद नौकरानी रेनू शर्मा द्वारा विरोध करने पर उसे भी गंभीर रूप से घायल कर दिया और नकदी व गहने लूट कर ले गया.

घटना के समय मृतका के घर वाले पिक्चर देखने गए थे. इस बात की जानकारी आरोपी को थी, क्योंकि आरोपी के घर वाले भी उन के साथ गए थे.

“ये आरोप गलत है हुजूर. मेरे मुवक्किल को झूठा फंसाया जा रहा है,” बचाव पक्ष के अधिवक्ता लियाकत अली (विधि सहायक) ने अभियुक्त का बचाव करते हुए कहा, “अभियुक्त और घटना की रिपोर्ट लिखाने वाले अर्पित जिंदल आपस में रिश्तेदार हैं. अभियुक्त सैनेट्री का बिजनैस करता है और अर्पित ने अभियुक्त से पैसे उधार लिए थे और अब वह सैनेट्री के पूरे बिजनैस पर कब्जा करना चाहता है. इसी कारण अभियुक्त को झूठा फंसाया गया है.”

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने मुवक्किल का बचाव करते हुए कहा, “अभियुक्त से दर्शाई गई बरामदगी के समय रिपोर्टकर्ता अर्पित जिंदल घटनास्थल पर उपस्थित नहीं था. सर्वप्रथम घटना देखने वाले पड़ोसी भाटियाजी को परीक्षित नहीं कराया गया है. घटना में बरामदशुदा नोट (रुपए) आदि की द्वितीय प्रति नहीं बनाई गई है. साथ ही प्रथम सूचना रिपोर्टकर्ता द्वारा प्रस्तुत किए गए नोट व जेवरात का मिलान नहीं होता है.

“अभियुक्त का इस घटना से कोई संबंध नहीं है. इस के साथ ही विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट को किसी गवाह से पुष्ट नहीं कराया गया है. घटना के समय अभियुक्त अपने बिजनैस के सिलसिले में मार्केट गया हुआ था. इस प्रकार अभियोजन अपने बयान को संदेह से परे सिद्ध करने में पूरी तरह असफल रहा है. इसलिए अदालत से गुजारिश की जाती है कि आरोप से अभियुक्त तरुण गोयल को दोषमुक्त किया जाए.”

“मी लार्ड, मेरे पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि कमला देवी की नृशंस हत्या उन के दामाद तरुण गोयल ने जेवरात व रुपए लूटने के उद्देश्य से ही की थी. विरोध करने पर नौकरानी रेनू शर्मा को गंभीर रूप से घायल कर दिया था.”

“अदालत का वक्त जाया न करें. आप के पास इस केस से संबंधित जो भी सबूत हैं, पेश किए जाएं,” न्यायाधीश ने आदेश दिया.

“मी लार्ड, मैं इस केस की एक प्रत्यक्षदर्शी गवाह रेनू शर्मा को अदालत में पेश करने की अनुमति चाहता हंू,” पीडि़त की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार शर्मा ने अदालत से दरख्वास्त करते हुए कहा.

“इजाजत है,” न्यायाधीश ने कहा.

नौकरानी की रही अहम गवाही

रेनू शर्मा गवाह के कटघरे में आ कर खड़ी हो गई. तभी विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार शर्मा ने उस से पूछा, “रेनू शर्मा, क्या आप बता सकती हैं कि जिस दिन तुम्हारी मालकिन का मर्डर हुआ था, उस समय तुम क्या कर रही थीं और तुमने क्या देखा?”

“जी, सर. घटना पहली अप्रैल, 2022 की है. मुझे कमला देवी ने फोन कर के बुलाया था. मैं घर पर दोपहर 2 बजे पहुंच गई थी. उस समय घर के लोग पिक्चर देखने भारत टाकीज गए हुए थे. मुझ से यह कह कर गए थे कि हम लोग जा रहे हैं, हमारे पीछे अम्मा का ध्यान रखना. इन लोगों के जाने के बाद सवा 2 बजे तरुण गोयल वहां आए थे, जोकि अम्माजी के धेवते दामाद लगते हैं. मैं ने ही दरवाजा खोला था. मैं इन्हें पहले से ही जानती थी. जब यह आए तो सीधे अम्माजी के कमरे में चले गए.

“तरुण गोयल ने मुझ से कहा कि चाय बना लो. फिर मैं किचन में चाय बनाने चली गई. उन्होंने कहा कि चाय वहीं रख दो मैं ले जाऊंगा, अम्मा सो रही हैं. चाय बनाने के बाद मैं दूसरे रूम में आराम करने चली गई. घटना के समय मैं गर्भवती थी, लेकिन बाद में हुए एक हादसे में मेरे पेट का बच्चा खराब हो गया.

“तरुण को अम्मा की हत्या करते देखने पर मैं वहां पहुंची और मैं ने तरुण से कहा, ‘तुम ने यह क्या कर दिया?’ इस पर तरुण ने मुझ से कहा, ‘तू अपना मुंह बंद रख, नहीं तो मैं तुझे भी मार दूंगा.’ फिर तरुण ने मुझ से कहा कि तुझे जिंदा छोडऩा बेकार है. तरुण गोयल ने मेरे सिर, बाजुओं व गले पर शीशा मार दिया, जिस से मेरे भी चोटें आईं. इस घटना में मुझे भी मारा और अम्माजी को भी मारा, जिस से चारों तरफ कपड़ों पर, बिस्तरों पर खून फैल गया था. मेरी चुन्नी व सूट पर खून फैल गया था.

“तब मैं ने तरुण गोयल से कहा कि मुझे छोड़ दो मेरी क्या गलती है तो तरुण गोयल ने कहा कि तुझे कैसे छोड़ सकता हंू तू तो असली गवाह है और तू तो गवाही दे देगी. चोट लगने से मैं जमीन पर बेसुध हो कर गिर पड़ी. तरुण गोयल वहां से चला गया. जब मुझे होश आया तो किचन से ही छज्जे के लिए जो रास्ता है वहां से पड़ोसी अंकल भाटियाजी का घर दिखाई देता है, मैं ने उन्हें आवाज दे कर बुलाया.”

“औब्जेक्शन मी लार्ड,” बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा, “क्या रेनू यह बता सकती हैं कि घर के लोग कौन सा शो देखने गए थे?”

इस पर रेनू शर्मा ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये लोग फिल्म का कौन सा शो देखने गए थे, न मैं ने उन से पूछा था. क्योंकि मैं घर की नौकरानी थी, मालिक नहीं.

“मी लार्ड मैं अदालत से दरख्वास्त करता हंू कि कमला देवी की हत्या व लूट तथा रेनू शर्मा को गंभीर रूप से घायल करने के आरोपी तरुण गोयल को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए.” सरकारी वकील अजय कुमार शर्मा इतना कह कर अपने स्थान पर बैठ गए.

                                                                                                                                         क्रमशः

मौडल नेहा का हनीट्रैप रैकेट – भाग 3

रोमांस हो गया छूमंतर

उन के कमरे में पहुंचते ही गोपाल के चेहरे से हवाइयां सी उडऩे लगी थीं. वे दोनों पुरुष पूर्णरूप से नग्न गोपाल के वीडियो बना रहे थे. उन्हें देख कर गोपाल ने नेहा से कहा, “नेहाजी, ये लोग कौन हैं और यहां पर कैसे आ गए?”

“देख भाई, हम नेहा के दोस्त हैं. अब तू हमें यह बता कि क्या तू भी नेहा से प्यार करता है?” उन में से एक आदमी बोला.

“हां, मैं नेहाजी से प्यार करता हूं. वह भी मुझे प्यार करती हैं. इसीलिए नेहाजी ने ही मुझे अपने रूम पर बुलाया था,” गोपाल ने कहा.

“देख गोपाल ,नेहा का नाम मेहर है. मेहर एक मुसलिम युवती है. उस के साथ तुझे निकाह करना होगा अपना धर्म बदल कर इसलाम धर्म स्वीकार करना पड़ेगा. बोल, अब यह सब तू कर पाएगा?” अब दूसरे आदमी ने गोपाल को धमकाते हुए कहा.

“देखो भाई, प्यार में धर्म या मजहब कोई मायने नहीं रखता. मैं हिंदू हूं और अगर नेहाजी मुसलिम भी हैं तो मैं उन्हें स्वीकार कर सकता हूं.” गोपाल ने कहा.

“अबे चूतिए, लगता है कि तुझे हमारी बात समझ में नहीं आ पा रही है. अब मैं तुझे समझाता हूं. थोड़ा ध्यान से सुन. तुझे नेहा उर्फ मेहर से निकाह करने के लिए अपना धर्म छोड़ कर इसलाम धर्म स्वीकार करना होगा. इस के लिए सब से पहले हम तेरा खतना करेंगे, उस के बाद तुझे मसजिद में ले जा कर मुसलिम धर्म स्वीकार करना होगा और तुझे मुसलिम बनना पड़ेगा. बोल, तुझे ये सब मंजूर है?” उन में से पहले आदमी ने गोपाल को धमकाते हुए कहा.

“देख भाई गोपाल, अगर तुझे इस मुसीबत से छुटकारा पाना है तो कुछ जेब ढीली करनी पड़ेगी.” नेहा उर्फ मेहर ने कहा.

“नेहाजी, मुझे आप से तो यह बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी.” गोपाल ने कहा.

“कभीकभी जिंदगी में ऐसे मोड़ भी आ जाते हैं, जिन से बच कर निकलना ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है. मेरे आदमी तुम्हारा कोई और जुलूस वायरल कर दें, उस से पहले तुम्हें कुछ देना पड़ेगा.” नेहा ने कहा.

“नेहाजी, मेरे पास जो कुछ भी है, मैं दे दूंगा, बस आप अपने आदमियों से कहें कि मुझे कपड़े पहनने दें.” गोपाल ने गिड़गिड़ाते हुए कहा.

नेहा ने इशारा किया तो उन में से एक आदमी ने गोपाल के कपड़े उसे दे दिए. और गोपाल ने जब अपने कपड़े पहन लिए तो उन में से एक आदमी ने गोपाल के पर्स से सारे रुपए निकाल लिए. इस के अलावा उन्होंने गोपाल से 7 लाख रुपए औनलाइन भी ट्रांसफर करवा लिए थे.

गोपाल आटो में बैठ कर जब अपने घर आया तो उस ने हिसाब लगाया कि उस के पर्स और जेब में पूरे 50 हजार रुपए कैश था. उस के बाद उस के मोबाइल में उस का एक अकाउंट नंबर फीड था, जिस में से नेहा और उस के गिरोह ने उस के खाते से पूरे 7 लाख रुपए भी निकाल लिए थे.

वह यह सोच कर शुक्र मना रहा था कि साढ़े 7 लाख रुपए दे कर उस का पिंड छूट गया, मगर आज उसे एक फोन प्रकाश की ओर से आया और अब उस से 20 लाख रुपए की डिमांड की गई. वह अब अच्छी तरह से समझ चुका था कि वह एक मकडज़ाल में फंस गया है और उस से बाहर निकलने का एक ही रास्ता बचा है कि उसे पुलिस के पास जा कर सब कुछ सचसच बता देना चाहिए तभी उस का कुछ उद्धार हो सकता है.

गोपाल की रिपोर्ट पर हुई काररवाई

गोपाल कृष्णनन ने 2 दिन की छुट्टी ली और दूसरे दिन सुबहसुबह बेंगलुरु के डीसीपी (अपराध) बद्रीनाथ एस के कार्यालय पहुंच गया और अपनी पूरी आपबीती डीसीपी को सुना दी. चूंकि यह मामला बेंगलुरु के पुत्तेनहल्ली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता था. गोपाल कृष्णनन को पुत्तेनहल्ली थाने भेज दिया, जहां डीसीपी के आदेश पर उस की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई.

बी. दयानंद, आईपीएस, पुलिस आयुक्त बेंगलुरु ने तुरंत आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर त्वरित काररवाई के लिए डी. देवराज, पुलिस उपायुक्त (उत्तर), डा. एस.डी. शरणप्पा, संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), आर. श्रीनिवास गौड़ा, पुलिस उपायुक्त (केंद्रीय), बद्रीनाथ एस., पुलिस उपायुक्त (अपराध टू), डा. भीमशंकर एस. गुलेड, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) और रमन गुप्ता, अपर पुलिस आयुक्त (प्रशासन प्रभारी) के नेतृत्व में विशेष टीमों का गठन कर दिया गया.

गठित टीमों द्वारा पहली अगस्त, 2023 को हनीट्रैप में लोगों को फंसाने और उन से उगाही करने वाले 3 लोगों को पुलिस ने बेंगलुरु से जाल बिछा कर गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार होने वाले अब्दुल खादर, शरण प्रकाश और यासीर थे. ये तीनों मैसूर के रहने वाले थे. ये तीनों आरोपी विभिन्न आपराधिक मामलों में केंद्रीय कारागार में बंद थे तो इन की जेल में ही आपस में दोस्ती हो गई थी.

इन के साथ इन का एक और साथी नदीम था, जो फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया था. इन चारों ने बेंगलुरु की मशहूर मौडल नेहा उर्फ मेहर के साथ दोस्ती की और लोगों को हनीट्रैप में फंसा कर मोटी रकम वसूलने का लालच दिया, जिस के बाद नेहा उर्फ मेहर भी इन के गिरोह में शामिल हो गई थी.

तीनों अभियुक्तों से पुलिस ने कड़ी पूछताछ कर नेहा उर्फ मेहर के बारे में जानकारी ली तो पता चला कि नेहा मुंबई में भी मौडलिंग का काम करती थी जबकि हनीट्रैप का काम बेंगलुरु में किया जाता था. नेहा उर्फ मेहर को गिरफ्तार करने के लिए कर्नाटक पुलिस की एक विशेष टीम को मुंबई रवाना किया गया जहां से नेहा उर्फ मेहर को 16 अगस्त, 2023 को गिरफ्तार कर लिया गया.

खुद को मौडल बता कर करती थी अपना प्रचार

नेहा का असली नाम मेहर है. इस के सोशल मीडिया में नेहा नाम से अकाउंट्स बना रखे थे. अपने इन अकाउंट्स में उस ने अपनी मौडलिंग की तसवीरें लगा रखी थीं. सोशल मीडिया में वह हर समय ऐक्टिव रहा करती थी. वह कमउम्र के युवक, धनी लोगों, और अच्छी नौकरी करने वाले युवकों और पुरुषों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती थी. उस की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लेते थे तो वह फिर उन से दिल खोल कर चैट करने लगती थी.

फरेब के जाल में फंसी नीतू

15 शादियां करने वाला लुटेरा दूल्हा – भाग 3

महेश कर चुका था 15 शादियां

इस के बाद पुलिस ने उस महिला से यह जानना चाहा कि वह उस शातिर के जाल में फंसी कैसे? इस के बाद उस ने महेश के जाल में फंसने की जो कहानी सुनाई, वह निशा की कहानी से बिलकुल मिलती थी यानी उस ने भी महेश से शादी डौट कौम के जरिए ही शादी की थी.

शादी के एक सप्ताह बाद ही महेश उस से मुंबई किसी सर्जरी के लिए जाने की बात कह कर गया तो आज तक लौट कर नहीं आया. वह खुद को ही दोषी मान रही थी. शर्म और संकोच की वजह से वह अपनी व्यथा किसी से कह नहीं पा रही थी. अगर किसी से कहती तो लोग उस का ही मजाक उड़ाते और बदनामी ऊपर से होती. इसी बदनामी के डर से वह चुप थी. उस के भी गहने और रुपए महेश चुरा ले गया था.

उस महिला की कहानी सुन कर एसआई राधा एम को समझते देर नहीं लगी कि यह एक तरह का विवाह स्कैंडल है. इस के बाद वह उन अन्य महिलाओं से भी मिलीं, जिन्होंने अभी तक उन का सहयोग नहीं किया था. जब उन महिलाओं को भी शादी के वे फोटो दिखाए गए, तो सभी ने वही कहानी सुनाई कि महेश उन से भी यही कह कर गया था कि उस का प्रौपर्टी का झगड़ा है, इसलिए अगर पुलिस या कोई पूछने आए तो वह उस के बारे में कुछ बताएंगी नहीं, क्योंकि लोगों से उस की जान का खतरा तो है ही, पुलिस आ गई तो उसे पकड़ कर जेल में डाल सकती है. इसलिए किसी से उस के बारे में कुछ न बताएं.

एसआई राधा एम को लगा कि महेश ने जब एक ही बात सब से कही है तो अब इस आदमी का पकड़ा जाना बहुत जरूरी हो गया है. लेकिन वह उसे पकड़ें कैसे? क्योंकि उस के बारे में न तो उन महिलाओं को कुछ पता है, जो उस की पत्नियां थीं और न उन्हें ही उस के बारे में कुछ पता था. उन के पास सिर्फ एक नंबर था, जिस की काल डिटेल्स में केवल इनकमिंग काल थीं.

उन्होंने उस काल डिटेल्स रिपोर्ट को दोबारा खंगाला तो उस में 9 नंबर और मिले. उन्होंने जब उन 9 नंबरों पर फोन कर के पता किया कि वे इस आदमी को क्यों फोन कर रही हैं तो पता चला कि अभी उन की शादी नहीं हुई है. वह महेश से शादी करने के लिए लाइन में है यानी वेटिंग लिस्ट में हैं.

मजे की बात यह थी कि इन लोगों ने भी उस से शादी डौट कौम के माध्यम से ही संपर्क किया था. जबकि महेश किसी से डाक्टर तो किसी से इंजीनियर तो किसी से सीए या मैनेजिंग डायरेक्टर बन कर मिला था और शादी के तीसरे दिन सभी से कोई न कोई बहाना बना कर वही एक बात समझा कर घर से गया तो लौट कर नहीं आया था. आता भी कैसे, सारे गहने और रुपए वह साथ ले कर जो गया था.

यानी उस ने जिस से भी विवाह किया था, उस की इज्जत तो लूटी ही, उस के गहने और रुपए भी लूट लिए थे. अब पुलिस को समझते देर नहीं लगी कि यह कोई छोटा मोटा नहीं, बहुत बड़ा मामला है यानी महेश बहुत बड़ा ठग और लुटेरा है, जो महिलाओं को शादी के बहाने लूट और ठग रहा है.

एसआई राधा एम को विश्वास हो गया कि ये जो अन्य 9 महिलाएं हैं, महेश इन से विवाह कर के इन्हें भी लूटने वाला है. तब उन्होंने उन महिलाओं से बात की और उन्हें बताया कि आप लोग जिस आदमी से विवाह के लिए तैयार बैठी हैं, वह आदमी पहले ही 15 विवाह कर चुका है और उन सभी महिलाओं के गहने और रुपए चुरा कर गायब है. इसलिए आप लोग होशियार हो जाएं अन्यथा आप लोग भी उन 15 महिलाओं की तरह मुसीबत में फंस सकती हैं और अपना सब कुछ लुटा सकती हैं.

9 युवतियां और करने वाली थीं उस से शादी

राधा एम ने इन से यह बात इसलिए कही थी, क्योंकि इन 9 महिलाओं से भी उस का रिश्ता पक्का हो चुका था और कुछ ही महीनों में इन सब से वह बारीबारी से एक एक से विवाह करने वाला था. पुलिस के लिए इस आदमी को पकडऩा बहुत जरूरी हो गया था. पर उन की समझ में नहीं आ रहा था कि वह इस आदमी तक पहुंचे कैसे. क्योंकि वह न तो एक फोन यूज करता था और न एक सिम. उन्हें लगा कि वह मोबाइल नंबर से इस आदमी तक नहीं पहुंच सकती तो उन्होंने उस के घर वालों के बारे में पता किया.

महेश के घर वाले बेंगलुरु के बनशंकरी में रहते थे. पुलिस उस के घर पहुंची तो पता चला कि उस के मांबाप, भाईबहन सभी हैं. लेकिन उन्हें पता नहीं है कि महेश कहां है? क्योंकि वह सालों से घर नहीं आया था और न ही कभी किसी से संपर्क किया था.

जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो राधा एम ने एक बार फिर उस के फोन की काल डिटेल्स पर नजर फेरनी शुरू की. इस बार उन्हें एक ऐसा नंबर मिला, जिस पर उस ने काल की थी. पुलिस ने इस नंबर के बारे में पता किया तो वह आदमी उन्हें मिल गया. वह फिल्मों काम करने वाला एक जूनियर कलाकार था, जो महेश की कई शादियों में दिखाई दिया था.

इसी आदमी के सहारे एसआई राधा एम महेश केबी नायक तक पहुंच गईं और बेंगलुरु के तुमकुरु स्थित उस के नकल क्लीनिक से उसे गिरफ्तार कर लिया. इस के बाद महेश से पूछताछ शुरू हुई. इस पूछताछ में पुलिस को पता चला कि उस का नाम महेश केबी नायक था, उम्र 35 साल और पढ़ाई के नाम पर वह केवल पांचवीं पास था. लेकिन वह अंगरेजी बड़े ही कौन्फिडेंस के साथ बोलता था. देखने में वह काफी हैंडसम था.

पूछताछ में पहले महेश नायक ने भी हर अपराधी की तरह पुलिस को गोलगोल घुमाने की कोशिश की थी. लेकिन राधा एम ने अब तक उस के खिलाफ इतने सबूत इकट्ठा कर लिए थे कि वह उस के चक्कर में आने वाली नहीं थीं. उन्होंने जब सारे सबूत उस के सामने रखे तो वह टूट गया और सच्चाई बताने को मजबूर हो गया.

क्या थी महेश की सच्चाई? जानेंगे कहानी के अगले भाग में…

मौडल नेहा का हनीट्रैप रैकेट – भाग 2

गोपाल था मल्टीनैशनल कंपनी में मैनेजर

गोपाल कृष्णनन अब समझ नहीं पा रहा था कि आगे क्या करना है. गोपाल मैसूर का रहने वाला था, बीटेक और उस के बाद एमबीए करने के बाद उस का चयन बेंगलुरु की एक मल्टीनैशनल कंपनी में सेल्स मैनेजर के पद पर हो गया था. गोपाल अभी जवान था. उस का अभी विवाह भी नहीं हुआ था. गोपाल शाम को औफिस से आने के बाद खाली रहता था. उस ने बेंगलुरु की एक सोसाइटी में किराए पर फ्लैट ले रखा था.

खाना बनाने वाली बाई सुबह और रात का खाना शाम को निपटा कर अपने घर चली जाया करती थी. जबकि साफसफाई करने वाली बाई सुबह घर की साफसफाई, बाथरूम सफाई और पोंछा और डस्टिंग कर के चली जाती थी. देर शाम को गोपाल कृष्णनन जब औफिस से लौटता था तो व्हिस्की के 2-4 पैग लगा कर खाना खा लिया करता था. उस के बाद वह फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया पर मशगूल हो जाया करता था.

ऐसे ही एक दिन टेलीग्राम के माध्यम से उस की मुलाकात नेहा उर्फ मेहर से हुई. गोपाल ने नेहा उर्फ मेहर का नाम गूगल पर सर्च करना शुरू किया तो उसे पता चला कि नेहा कर्नाटक की रहने वाली है और मुंबई में मौडलिंग करती है. नेहा का नाम बड़ा चर्चित था. वह एक आइकौन थी और उस के बावजूद गोपाल कृष्णनन से दोस्ती करना चाहती थी.

गोपाल इस मौके को बिलकुल भी गंवाना नहीं चाहता था. इसलिए गोपाल नेहा उर्फ मेहर को फालो करने के साथसाथ उस का फेसबुक फ्रेंड भी बन चुका था. आए दिन उन की चैटिंग होती रहती थी.

नेहा से मिलने को उतावला था गोपाल

ऐसे ही एक दिन नशे में गोपाल ने नेहा को मैसेज कर दिया, “नेहाजी, आप तो इतने हौट हौट मैसेज करती रहती हो, कभी हम से मिलने का दिल नहीं करता आप का?”

“अरे क्यों नहीं गोपालजी, आप तो मेरे बेहद करीबी हो गए हैं. आप से मिलने का मन तो मेरा भी बहुत करता है. मगर आप यह बात भी जानते होंगे कि मैं काफी बिजी रहती हूं. कभी मुंबई में तो कभी बेंगलुरु में.” नेहा ने कहा.

“इस का मतलब यह हुआ कि आप से अब तो मुलाकात हो पाना नामुमकिन ही है. आप ने तो हमारा दिल ही तोड़ दिया!” गोपाल ने मायूसी से कहा.

“अरे यार, हम तो दिल तोडऩे का नहीं बल्कि दिल जोडऩे का काम करते हैं. जब मैं बेंगलुरु आऊंगी तो आप से मिलने की कोशिश जरूर करूंगी. क्या आप मुझ से मिलना चाहेंगे?” नेहा ने नशीले स्वर में कहा.

“नेहाजी, आप से मिलने को तो मेरा दिल न जाने कब से मचल रहा है. आप ने मेरे दिल की हसरत पूरी ही कर दी. आप का दिल से धन्यवाद. अब आप बताएं, आप का दीदार हमें कब हो सकेगा?” गोपाल ने खुशामद की.

“देखिए गोपालजी, कल संडे है. मैं मुंबई से 2 दिन के लिए बेंगलुरु एक इवेंट के लिए आ रही हूं. आप सुबह 9 बजे मुझे मिल सकते हैं.” नेहा ने कहा.

“नेहाजी, रविवार को तो मेरी भी छुट्टी रहती है. मैं आप से मिलने, आप का दीदार करने और आप से हग करने जरूर पहुंच जाऊंगा. मगर आप से कहां मुलाकात हो पाएगी. आप कहीं ये सब मेरा दिल रखने के लिए तो नहीं कह रही हैं. मुझे तो बिलकुल भी विश्वास नहीं हो पा रहा है. कभीकभी तो मुझे ऐसा लग रहा है कि कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूं. पर नेहाजी, यह शायद सपना तो बिलकुल भी नहीं है.” गोपाल ने जल्दीजल्दी से अपने दिल की बात कह ही डाली थी.

“जब कल आप की मुझ से मुलाकात होगी तो हकीकत भी सामने होगी. जैसे आप मुझ से प्यार करते हो, वैसे ही मैं भी आप से प्यार करती हूं. अब तक तो आप को फोटो या वीडियो चैटिंग में ही देखा था, जब हमतुम सामने होंगे तो तब क्या नजारा होगा.” नेहा ने नशीली आवाज में कहा.

“नेहाजी, अब तो आप ने मेरी रातों की नींद उड़ा डाली है. सारी रात आप के ही ख्वाबों में कट जाएगी मेरी.” गोपाल ने आहें भरते हुए कहा.

“गोपालजी, अब आज की रात सब्र कर लीजिए. कल तो हमारी मुलाकात हो ही रही है.” कहते हुए नेहा ने फोन काट दिया. उस पूरी रात गोपाल सो नहीं पाया. रात उस ने करवटें बदलते ही गुजार दी थी. दूसरे दिन सुबहसुबह साढ़े 8 बजे गोपाल नेहा के बताए हुए एड्रेस पर पहुंच गया. नेहा का फ्लैट ग्राउंड फ्लोर पर था. 3 बैडरूम का फ्लैट था.

नेहा ने खुद उतारे गोपाल के कपड़े

घंटी बजाने पर नेहा ने मुसकराते हुए दरवाजा खोल दिया. कमरे में दाखिल होते ही गोपाल को एक विचित्र सा अहसास हुआ. पूरे वातावरण में शांति और खुशबू बिखरी हुई थी. जिस कमरे में नेहा गोपाल को ले गई थी, उस की खिडक़ी खुली थी. परंतु परदा पूरी तरह से खिंचा हुआ था. हालांकि कमरे में ऊपर रोशनदान भी लगा हुआ था, मगर उस में से बहुत ही धीमा प्रकाश आ रहा था. कमरे में रोशनी चांद की तरह बिखरी हुई सी दिखाई दे रही थी.

जैसा कि आज तक गोपाल ने फोटो में नेहा को देखा था, मगर जब उस ने उसे अपने रूबरू देखा तो वह आसमान से उतरी एक अप्सरा की तरह लग रही थी. गोपाल ने आव देखा न ताव वह झट से नेहा के पास गया और उसे अपनी बाहों में जोरों से जकड़ लिया.

करीब 2-3 मिनट तक दोनों आलिंगनबद्ध रहे, उस के बाद नेहा ने अपने आप को गोपाल की बाहों से छुड़ा लिया और अगले ही पल गोपाल की शर्ट के बटन खोलने लगी. गोपाल के सीने पर बालों में अब नेहा की नर्म नर्म अंगुलियां सर्प की तरह रेंगने लगी थीं, यह सब देख कर और अपने शरीर में महसूस करते हुए गोपाल का दिल अब बेकाबू सा हो गया था. उस ने अगले ही पल नेहा को अपनी मजबूत बाहों में भर लिया था. नेहा ने भी अपने अधर गोपाल के गरम गरम होंठों पर रख दिए थे.

इस केबाद नेहा ने गोपाल के शरीर से सारे कपड़े एकएक कर के उतारने शुरू कर दिए थे. गोपाल यह सब देख कर अपने आप पर काबू नहीं कर पा रहा था. वह अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंचने ही वाला था कि तभी 2 व्यक्ति वहां पर आ धमके.

15 शादियां करने वाला लुटेरा दूल्हा – भाग 2

पति के खिलाफ लिखा दी रिपोर्ट

जब निशा से नहीं रहा गया तो तीसरे दिन उस ने महेश को फोन किया. उस का फोन ही नहीं मिला. फोन नौट रिचेबलबताता रहा. इसी तरह एक सप्ताह बीत गया. महेश का फोन नहीं आया और वह उसे फोन करती थी तो फोन लगता नहीं था. निशा परेशान थी.

इसी बीच उस ने अपनी अटैची खोली तो पता चला कि उस की सारी ज्वैलरी और साथ लाए करीब 15 लाख रुपए गायब हैं. वह भौचक्क रह गई. इस का मतलब था घर पर किसी ने चुरा लिए. वह परेशान हो उठी. अब क्या करे? पति था कि फोन भी नहीं उठा रहा था. अपना दर्द वह कहे किस से.

इसी तरह एक सप्ताह और बीत गया. निशा को लगा कि कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है. तभी एक दिन एक महिला उस के घर आ धमकी. उस ने कहा कि महेश उस का पति है. इस बात को ले कर दोनों में काफी झगड़ा भी हुआ. इस से निशा को लगा कि उस के साथ धोखा हुआ है. यह अहसास होते ही वह थाना मैसूर सिटी जा पहुंची और पुलिस को अपनी पूरी कहानी बता कर रिपोर्ट दर्ज करा दी.

रिपोर्ट दर्ज कर के थाना मैसूर (सिटी) पुलिस ने इस मामले की जांच सबइंसपेक्टर राधा एम. को सौंप दी. उन्होंने इस मामले की जांच शुरू की. उन के पास डाक्टर साहब के एक नंबर के अलावा और कुछ नहीं था, जिसे निशा ने दिया था. उस पर फोन लग नहीं रहा था. क्योंकि वह नंबर अब बंद हो चुका था. उन्होंने जांच आगे बढ़ाने के लिए जब उस नंबर की काल डिटेल्स निकलवाई तो उसे देख कर वह दंग रह गई, क्योंकि इस नंबर से कभी कोई फोन किया ही नहीं गया था. केवल उस पर फोन आए थे.

राधा एम. ने जब यह पता किया कि इस नंबर पर जो फोन आते थे, वे किस के थे तो पता चला कि इस नंबर पर जो भी फोन आए थे, वे सभी के सभी महिलाओं के फोन थे. उन्हें यह बात बड़ी अजीब लगी कि यह कैसा आदमी है, जिस ने कभी किसी को अपने नंबर से फोन नहीं किया और इस नंबर पर जो भी फोन आए थे, वे सब के सब के औरतों के थे.

उन की समझ में यह नहीं आया कि आखिर चक्कर क्या है? उन्हें लगा कि कहीं कुछ तो गड़बड़ जरूर है. एसआई राधा एम ने उन नंबरों को टटोलना शुरू किया, जिन महिलाओं के फोन उस नंबर पर आए थे. लेकिन किसी भी महिला ने उन से ठीक से बात नहीं की यानी उन्हें इस बारे में कुछ भी नहीं बताया कि वह कहां है. साफ था कि उन्होंने पुलिस का सहयोग नहीं किया था.

राधा एम ने बहुत कोशिश की, पर कोई भी महिला उन की मदद करने को तैयार नहीं थी. राधा एम परेशान थीं कि वह करे तो क्या करें. मजे की बात यह थी कि वह जिस भी महिला को फोन करती थी, वह यही कहती कि महेश उस का पति है. इस से राधा एम और परेशान थीं कि आखिर महेश की कितनी पत्नियां हैं? पर कोई भी पत्नी यह बताने को तैयार नहीं थी कि महेश कहां है. इस से वह समझ गईं कि इस मामले में बहुत बड़ी गड़बड़ है.

पुलिस जुट गई जांच में

इस के बाद राधा एम ने उन महिलाओं से मिलना शुरू किया, पर मिलने पर भी ये महिलाएं कुछ बताने को तैयार नहीं थीं. बस, ये महिलाएं यही कहती रहीं कि महेश उन का हसबैंड है. पर वह कहां है, यह उन्हें पता नहीं है. ये महिलाएं महेश के बारे में पुलिस को बताती भले ही कुछ नहीं थीं, पर पुलिस इन से उन की शादी का फोटो जरूर ले लेती थी.

इसी तरह एसआई राधा एम ने उन सभी महिलाओं के महेश के साथ के शादी के फोटो इकट्ठा कर लिए. इस से यह साबित हो गया कि महेश अलगअलग महिलाओं से विवाह करता है और किसी न किसी बहाने से उन्हें छोड़ कर निकल लेता है. वह ऐसा क्यों कर रहा है, यह तो तभी पता चलता, जब कोई महिला पूछताछ में सहयोग करती.

आखिर राधा एम ने एक ऐसी महिला को पकड़ा, जो सब से ज्यादा बोल रही थी, इसलिए राधा एम ने उस से पर्सनली बात करने का विचार किया. वह उस के पास पहुंची और नंबर दिखा कर कहा, “देखिए यह नंबर है. आप कह रही हैं कि यह मेरे पति का नंबर है तो बता दीजिए वह कहां हैं?”

“हां, यह मेरे पति का नंबर है, पर मुझे नहीं पता कि वह कहां हैं और मालूम भी होगा तो भी मैं नहीं बताऊंगी कि वह कहां हैं.” उस महिला ने कहा.

एसआई राधा एम ने देखा कि यह महिला कुछ बताने को तैयार नहीं है तो हार कर उन्होंने वे तसवीरें निकालीं, जो अलगअलग महिलाओं से ले कर आई थीं. उन में दुलहनें तो अलगअलग थीं, पर दूल्हा एक ही था.

इन तसवीरों को दिखा कर राधा एम ने कहा, “यह आदमी सिर्फ आप का ही दूल्हा नहीं है. देखिए, आप जैसी इस की कितनी दुलहनें हैं, जो आप की ही तरह कह रही हैं कि यह मेरा हसबैंड है, पर मुझे नहीं पता कि यह इस समय कहां है. आप की ही तरह कोई सहयोग करने को तैयार नहीं है कि मैं इस आदमी को गिरफ्तार कर के इस की सच्चाई लोगों के सामने ला सकूं.”

जब राधा एम ने उस महिला के सामने महेश की सारी पोल खोल दी तो उस ने कहा, “ठीक है, अब आप जो भी पूछेंगी, मैं वह बताने को तैयार हूं.”

“अच्छी बात है. हम यही तो चाहते थे.” राधा एम ने कहा.

उस महिला ने कहा, “जब वह बाहर जाने लगे थे तो उन्होंने कहा था कि अगर मेरे बारे में कोई कुछ पूछने आए, वह पुलिस ही क्यों न हो, किसी को कुछ बताना मत. क्योंकि हमारा प्रौपर्टी को ले कर आपस में झगड़ा चल रहा है. करोड़ों को प्रौपर्टी का मामला है. कभी भी कुछ भी हो सकता है. बस, इस से ज्यादा मुझे उन के बारे में और कुछ नहीं मालूम.”

कहानी के अगले भाग में पढ़ें, कैसे आया ये शातिर पुलिस की गिरफ्त में …

षडयंत्र : पैसों की चाह में

मौडल नेहा का हनीट्रैप रैकेट – भाग 1

“देख भाई गोपाल कृष्णनन, मैं एक न्यूज चैनल से बोल रहा हूं. मेरे पास तुम्हारे लिए एक बहुत बड़ी न्यूज है, कहो तो सुना दूं.” गोपाल को किसी ने फोन कर के कहा.

“आप को मैं न जानता हूं और न ही पहचानता हूं. मैं तो एक कामकाजी इंसान हूं. मेरा न्यूज से क्या संबंध? शायद आप ने कोई गलत नंबर डायल किया है भाई.” गोपाल कृष्णनन बोला.

“देख भाई गोपाल कृष्णनन, जब मुझे तुम्हारा नाम मालूम है तो तुम्हारे लिए मेरे पास कोई खास समाचार तो होगा ही न. मेरे पास तुम्हारी एक वीडियो फिल्म है, जिस में तुम एक लडक़ी के साथ रंगरलियां मनाते हुए साफसाफ नजर आ रहे हो.  अब तुम समझ गए न कि मैं आखिर कौन सी बला हूं. क्यों गोपाल कृष्णनन? और हां, मेरा नाम प्रकाश बलेगर है.” कह कर वह व्यक्ति ठहाके लगा कर हंसने लगा.

“तुम ये सब क्या बकवास कर रहे हो? आखिर तुम मुझ से क्या चाहते हो?” गोपाल कृष्णनन ने झुंझलाते हुए कहा.

“जनाब गोपाल कृष्णनन जी, जरा अपने दिमाग को ठंडा करो और याद करो कि तुम उस लडक़ी के साथ नंगे हो कर क्या कर रहे थे? तुम सुन रहे हो न कि मैं क्या कह रहा हूं.” प्रकाश ने कहा.

ये सब बातें सुन कर गोपाल कृष्णनन काफी घबरा सा गया था, उस ने नरमी दिखाते हुए कहा, “भाई, अब आप फाइनल बता दो कि मुझ से क्या चाहते हो?”

“देखो, मेरे पास तुम्हारी एक बहुत अच्छी वीडियो क्लिप है, जिस में तुम एक नामीगिरामी मौडल के साथ गुलछर्रे उड़ा रहे हो. तुम्हारी सारी की सारी काली करतूतें उस में कैद हैं!” प्रकाश ने कहा. ये सारी बातें सुन कर गोपाल की पेशानी पर पसीना छूटने लगा था. उसे चक्कर से आने लगे थे.

“गोपालजी, यदि ये वीडियो मैं तुम्हारे और रिश्तेदारों के पास भेज दूं तो सब तुम्हारी आरती उतारेंगे. वैसे मुझे यह बात भी पता चल गई है कि तुम्हारी शादी तय होने वाली है. अगर यह वीडियो मैं तुम्हारी होने वाली बीवी और उस के मांबाप को भेज दूं तो फिर क्या होगा? सचमुच तूफान मच जाएगा.” कह कर प्रकाश ठहाके लगाने लगा.

अब गोपाल कृष्णनन समझ नहीं पा रहा था कि वह इस चक्रव्यूह से कैसे मुक्त हो? उस ने अपनी भाषा को संयत करते हुए कहा, “देखिए, मुझे आप की सभी शर्तें मंजूर हैं.” मगर आप पहले अपना नाम बताइए कि आखिर आप कौन साहब बोल रहे हैं?”

“देखो, अब तुम सही लाइन पर आ रहे हो तो सुनो. मैं अपने बारे में कुछ छिपाना भी नहीं चाहता. मेरा नाम प्रकाश बलेगर है. मगर भाई तुम मेरा नाम क्यों पूछ रहे हो?” उधर से पुरुष ने अपना परिचय देते हुए कहा.

“प्रकाशजी, मैं आप का नंबर अपने मोबाइल पर सेव करना चाहता था, इसलिए आप का नाम पूछ रहा था. आप बताइए कि मुझे अब क्या करना है?” गोपाल कृष्णनन ने कहा.

“तो अब ध्यान से सुनो. तुम हमें अब पूरे 20 लाख रुपए दोगे, वह भी कैश में. उस के बाद मैं तुम्हें तुम्हारी ओरिजिनल सीडी दे दूंगा जिस में आप की माशूका नेहा उर्फ नेहर की अश्लील वीडियो है. समझ रहे हो न मैं क्या कह रहा हूं.” उधर से प्रकाश ने उसे धमकाते हुए कहा.

“मेरे दोस्त, मैं आप का मतलब अब काफी हद तक समझ चुका हूं. मैं आप को नकद 20 लाख रुपए दूंगा और आप उस ओरिजिनल सीडी को मुझे सौंप दोगे. वैसे इस के बाद नेहाजी या आप का कोई और दोस्त मुझे ऐसी डिमांड तो नहीं करेगा. इस बारे में आप क्या कहते हैं?” गोपाल कृष्णनन ने कहा.

“देखो भाई गोपाल, अब आप लुट चुके हो और अभी भी लुट ही रहे हो, लेकिन आप निश्ंिचत रहें इस के बाद आप लुटोगे नहीं, यह फाइनल डील है.” उधर से प्रकाश ने मुसकराते हुए कहा.

“इस का मतलब यह है प्रकाशजी कि मुझे आप को पूरे 20 लाख रुपए अदा करने होंगे. आप कुछ कम कर दीजिए न. यह तो बहुत ज्यादा हैं.” गोपाल ने विनती की.

“देखो भाई गोपाल, हमारे धंधे में ऊपर नीचे, आगे पीछे या कम ज्यादा बिलकुल नहीं होता. आप को जो रकम बताई गई है, वह आप को हमें देनी ही पड़ेगी वरना तुम यह अच्छी तरह जानते हो कि अब आगे हमें क्या करना है!” प्रकाश ने सीधेसीधे बता दिया.

“देखिए प्रकाशजी, मेरा इरादा आप के दिल को चोट पहुंचाने का बिलकुल भी नहीं था. मैं तो अपनी ओर से एक निवेदन भर कर रहा था. अब आप ने मेरी बात को स्वीकार नहीं किया तो कोई बात नहीं, मुझे आप के ऊपर पूरा विश्वास है कि मैं जब आप को 20 लाख रुपए दे दूंगा तो आप मेरी और नेहा वाली ओरिजिनल सीडी मुझे अवश्य सौंप देंगे.” गोपाल कृष्णनन ने कहा.

“ठीक है, जब आप को मुझ पर विश्वास हो गया है तो यह बताओ कि यह रकम तुम मुझे कब और कहां पर दे रहे हो!” प्रकाश ने कहा.

“प्रकाशजी, यह रकम काफी बड़ी है, इसलिए आप मुझे थोड़ा वक्त दे दीजिए, जैसे ही रकम का इंतजाम हो जाएगा आप को तुरंत सूचित कर दूंगा. फिर आप जगह बतला दीजिएगा. मैं वहां पर आप को पूरे पैसे दे कर आप से ओरिजिनल सीडी ले लूंगा.” गोपाल ने कहा.

“वैसे गोपाल भाई, आप काफी समझदार इंसान लगते हो. अब तुम मुझे जल्दी से फोन करना. मैं आप के फोन का इंतजार करूंगा.” कहते हुए प्रकाश ने काल डिसकनेक्ट कर दी.