दामोदर शीतल के पीछे पागल था, यही वजह थी कि एक दिन उस ने ओमप्रकाश से कहा, ‘‘मैं शीतल से शादी करना चाहता हूं.’’
‘‘तुम शीतल से कैसे शादी कर सकते हो. अगर तुम्हें उस से शादी करनी है तो पहले मोहरश्री को छोड़ो. उस के रहते मैं अपनी बेटी की शादी तुम्हारे साथ कतई नहीं करूंगा.’’ इस तरह ओमप्रकाश ने शादी से मना कर दिया.
इस से दामोदर निराश हो गया. उसे पता था कि मोहरश्री से छुटकारा पाना आसान नहीं है. दामोदर शीतल के लिए इस तरह बेचैन था कि मोहरश्री से छुटकारा पाने का आसान रास्ता न देख पाने के बारे में विचार करने लगा. जब उसे कोई राह नहीं सूझी तो उस ने उसे खत्म करने का निर्णय ले लिया. इस के बाद वह मोहरश्री की हत्या के लिए किराए के हत्यारों की तलाश करने लगा. पैसे ले कर हत्या करने वाला कोई नहीं मिला तो वह खुद ही कुछ करने के बारे में सोचने लगा. क्योंकि उसे लगता था कि मोहरश्री उस की खुशियों की राह का रोड़ा है.
संयोग से उसी बीच मोहरश्री खेत में डालने के लिए एक शीशी कीटनाशक ले आई. आधा कीटनाशक तो उस ने खेत में डाल दिया, बाकी घर में ही रख दिया. उस कीटनाशक को देख कर दामोदर ने भयानक योजना बना डाली. इस के बाद वह मोहरश्री की हर हरकत पर नजर रखने लगा. इस बीच उस ने मोहरश्री के प्रति अपना व्यवहार बदल लिया था.
मोहरश्री सुबह खेतों पर चली जाती तो दोपहर को बच्चों के लिए खाना बनाने आती थी. बच्चों को खाना खिला कर वह फिर खेतों पर चली जाती थी. उस दिन मोहरश्री दोपहर को खेतों से आई तो दामोदर उस के इर्दगिर्द मंडराने लगा. इधर दामोदर का व्यवहार बदल गया था, इसलिए मोहरश्री ने इस बात पर खास ध्यान नहीं दिया. मोहरश्री को खेतों में काम करना था, इसलिए वह बच्चों को खिला कर अपना खाना ले कर चली गई. वह अपना काम कर रही थी, तभी दामोदर आ गया. उस ने कहा, ‘‘मैं काम कर रहा हूं, तुम जा कर अपना खाना खा लो.’’
मोहरश्री को भूख लगी थी, इसलिए हाथपैर धो कर वह खाना खाने बैठ गई. खाना खातेखाते ही उस की तबीयत बिगड़ने लगी तो उस ने पानी पिया. पानी पीने के बाद उस की तबीयत और बिगड़ गई. उस समय वहां दामोदर के अलावा कोई और नहीं था. उस ने दामोदर को आवाज दी. दामोदर आया तो, लेकिन मदद करने के बजाय वह खड़ा मुसकराता रहा. थोड़ी देर में तड़प कर मोहरश्री ने दम तोड़ दिया.
मोहरश्री मर गई तो दामोदर की समझ में यह नहीं आया कि वह उस की लाश का क्या करे? जब उस की समझ में कुछ नहीं आया तो वह ओमप्रकाश के पास गया. जब उस ने ओमप्रकाश से मोहरश्री की मौत के बारे में बताया तो वह घबरा गया. उस ने कहा, ‘‘तुम ने यह क्या कर डाला, क्यों मार डाला उसे? मैं इस मामले में कुछ नहीं जानता, तुम्हें जो करना है, करो.’’
दामोदर लौटा और मोहरश्री की लाश को घसीट कर मकाई के खेत में डाल दिया. वहां से वह घर आया तो बच्चों ने मां के बारे में पूछा. उस ने कहा, ‘‘तुम्हारी मम्मी थोड़ी देर में आएंगी. तब तक तुम लोग जा कर निमंत्रण खा आओ.’’
बच्चे निमंत्रण खाने चले गए. निमंत्रण खा कर लौटे, तब भी मां नहीं आई थी. कृष्णा को चिंता हुई तो वह मामा चंद्रपाल के पास पहुंचा और उसे सारी बात बताई. इस बीच दामोदर गायब हो गया. उस का इस तरह गायब हो जाना, शक पैदा करने लगा. चंद्रपाल घर तथा गांव वालों के साथ मोहरश्री की तलाश में निकल पड़ा.
सभी खेतों पर पहुंचे तो वहां उन्हें ओमप्रकाश और उस की पत्नी गुड्डी मिली. उन से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मोहरश्री की तबीयत खराब हो गई थी, दामोदर उसे एटा ले गया है. इस के बाद सभी अपने घर लौट आए, जब दामोदर घर नहीं आया तो सब को चिंता हुई. सभी विचार कर रहे थे कि अब क्या किया जाए, तभी मक्की के खेत में मोहरश्री की लाश पड़ी होने की जानकारी मिली.
पुलिस को सूचना देने के साथ मोहरश्री के घर वालों के साथ पूरा गांव वहां पहुंच गया, जहां लाश पड़ी थी. सूचना मिलने के बाद कोतवाली (देहात) प्रभारी पदम सिंह सिपाहियों के साथ वहां पहुंच गए. लाश और घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद जरूरी कारर्रवाई कर के उन्होंने लाश पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी.
कोतवाली प्रभारी द्वारा की गई पूछताछ में पता चला कि दामोदर के संबंध नगला गोकुल के रहने वाली ओमप्रकाश की बेटी शीतल से थे. इस के बाद उन्हें समझते देर नहीं कि यह हत्या दामोदर ने की है. उन्होंने चंद्रपाल की ओर से मोहरश्री की हत्या का मुकदमा दामोदर के खिलाफ दर्ज कर के उस की तलाश शुरू कर दी. पुलिस तो उस की तलाश कर ही रही थी, गांव वाले भी उस के पीछे लगे थे.
घटना के 4 दिनों बाद गांव वालों ने कासगंज के थाना पतरे के एक गांव के एक बाग से दामोदर को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. दामोदर ने पहले तो हत्या से इनकार किया लेकिन जब उस के साथ सख्ती की गई तो वह टूट गया. शीतल के साथ अपने संबंधों को स्वीकार करते हुए उस ने बताया कि मोहरश्री उस की खुशियों की राह में रोड़ा बन रही थी, इसलिए उस ने उस के खाने में कीटनाशक मिला कर उसे मार डाला था. पूछताछ के बाद पुलिस ने कीटनाशक की शीशी बरामद कर उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित