जब सुमिक्षा का कहीं पता नहीं चला तो बुद्धिविलास कालोनी वालों के साथ थाना सिकंदरा पहुंचा और थानाप्रभारी आशीष कुमार सिंह से मिल कर सुमिक्षा की गुमशुदगी दर्ज करा दी.
पुलिस ने भी सुमिक्षा की तलाश शुरू की. थानाप्रभारी ने अर्चना से भी पूछताछ की. इस पूछताछ में वह उन के सवालों का जवाब देने के बजाय बेटी को ढूंढ़ कर लाने की बात ज्यादा कर रही थी. वह कालोनी की औरतों के साथ थाने भी गई और वहां धमकी दी कि अगर उस की बेटी नहीं मिलती तो वह कुछ भी कर गुजरेगी.
मामला गंभीर था. पुलिस को सुमिक्षा का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. थानाप्रभारी आशीश कुमार सिंह ने मंदिर और परिसर में बने बुद्धिविलास के घर का भी निरीक्षण किया. ऐसा उन्होंने इसलिए किया था, क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि अर्चना गायब बच्ची की सौतेली मां है. इस के अलावा उस की हरकतें भी उन्हें अजीब और संदिग्ध लगी थीं.
थानाप्रभारी आशीष कुमार सिंह को लग रहा था कि लड़की के गायब होने के पीछे उस की सौतेली मां का ही हाथ है. क्योंकि पूछताछ में उस ने पुलिस को बताया था कि पति के जाने के बाद उस ने खुद गेट बंद कर के ताला लगा दिया था. ऐसे में उतनी छोटी बच्ची ऊंची दीवारें फांद कर बाहर नहीं जा सकती थी.
थानाप्रभारी ने कालोनी वालों से अर्चना के व्यवहार के बारे में पता किया तो लोगों ने बताया कि अर्चना सुमिक्षा को बहुत परेशान करती थी. वह नहीं चाहती थी कि सौतेली बेटी उस के साथ रहे. पुलिस को बुद्धिविलास पर भी शक हो रहा था कि पत्नी के साथ वह भी मिला हो सकता है. लेकिन उस की हालत देख कर पुलिस का यह शक जल्दी ही दूर हो गया.
पुलिस को अर्चना पर पूरा शक था. लेकिन सुबूत न होने की वजह से उस पर हाथ नहीं डाल पा रही थी. यह भी निश्चित था कि अगर अर्चना ने सुमिक्षा की हत्या की थी तो लाश घर में ही कहीं छिपा रखी थी. इसलिए पुलिस ने डौग स्क्वायड भी बुलाया. लेकिन डौग स्क्वायड भी सुमिक्षा की लाश का पता नहीं लगा सके.
सुमिक्षा की गुमशुदगी की सूचना पा कर बुद्धिविलास के 2 भतीजे देवेंद्र और विकास भी आ गए थे. उन्होंने भी अर्चना से सुमिक्षा के बारे में पूछा, लेकिन उस ने उन्हें भी कुछ नहीं बताया. इस के बाद उस ने पुलिस को बताया कि एक ज्योतिषी ने उसे बताया है कि सुमिक्षा मथुरा में है. पुलिस की एक टीम मथुरा भी गई, लेकिन सुमिक्षा उन्हें वहां कहां मिलती. अगले दिन उस ने कहा कि उसे सपना आया है कि सुमिक्षा हाथरस में है. पुलिस टीम हाथरस भी गई.
पुलिस को पूरा विश्वास था कि सुमिक्षा को अर्चना ने ही गायब किया है. इसलिए पुलिस उस पर दबाव बनाने लगी. पुलिस के बढ़ते दबाव से डर कर अर्चना ने फोन कर के अपने पिता रमेश मिश्रा को बुला लिया और मौका मिलते ही रात में उन्हें बता दिया कि उस ने सुमिक्षा की हत्या कर दी है और घर के पास गड्ढा खोद कर उसे दफना दिया है.
बेटी के इस खुलासे से रमेश मिश्रा बुरी तरह डर गए. जैसेतैसे रात बिता कर सवेरा होते ही वह बेटे को ले कर राजामंडी रेवले स्टेशन पर पहुंच गए. वह अपने बेटे को इस झंझट से बचाना चाहते थे. उन का बेटे को इस तरह गुपचुप तरीके से ले कर निकल जाना संदेह पैदा कर रहा था.
देवेंद्र और विकास ने राजा मंडी स्टेशन जा कर उन्हें उस समय घेर लिया, जब वह गाड़ी में बैठ चुके थे. वे उन्हें घर ले आए. शिवपूजन से पूछताछ की गई. उस ने बताया कि वह तो सो गया था, इसलिए उसे सुमिक्षा के बारे में कुछ नहीं मालूम, लेकिन दीदी ने उस से कहा है कि पहले दिन उस ने पुलिस को जो बताया था, वही बात सब को बताना. वह सब से वही कहेगा.
24 सितंबर को सीओ हरिपर्वत अशोक कुमार सिंह ने बुद्धिविलास से कहा कि वह अर्चना के साथ सख्ती करे और बेटे की कसम दिला कर सचाई बताने को कहे. इस के बाद बुद्धिविलास ने अर्चना को मंदिर में देवी के सामने खड़ी कर के कहा कि वह बेटे के सिर पर हाथ रख कर कहे कि उसे सुमिक्षा के बारे में कुछ नहीं पता तो वह मान लेगा कि वह सच बोल रही है.
बेटे की कसम खाने की बात आई तो अर्चना टूट गई और उस ने स्वीकार कर लिया कि उसी ने सुमिक्षा को बेहोश कर के जीवित ही गड्ढा खोद कर गाड़ दिया है.
सच्चाई जान कर बुद्धिविलास ने सिर पीट लिया. इस के बाद उस ने फोन कर के थाना सिकंदरा को सूचना दे दी. थानाप्रभारी आशीष कुमार सिंह पुलिस बल के साथ तुरंत मंदिर आ पहुंचे. उन्होंने गड्ढा खुदवा कर लाश निकलवाई तो लाश देख कर कालोनी की औरतें ही नहीं, आदमी भी रो पड़े.
मासूम बच्ची की लाश की स्थिति देख कर भीड़ बेकाबू हो गई और बुद्धिविलास सहित घर के सभी लोगों की पिटाई कर दी. पुलिस किसी तरह बचा कर अर्चना को महिला थाने ले आई. अर्चना का मैडिकल बड़े ही गुपचुप रूप से कराया गया. कालोनी की औरतें उसे मारने को तैयार थीं.
25 सितंबर को भारी पुलिस सुरक्षा में अर्चना को स्पेशल सीजेएम कृष्णचंद पांडेय की अदालत में पेश किया गया. उन्होंने उसे जेल भेज दिया. अदालत में मौजूद महिलाओं ने भारी पुलिस व्यवस्था के बावजूद अर्चना के मुंह में स्याही पोत दी.
अजय कौशिक और उन की पत्नी संध्या का कहना है कि अगर उन्हें जरा भी अहसास होता कि सौतेली मां अर्चना हत्यारिन भी हो सकती है तो वह बच्ची सुमिक्षा को अपने पास ही रख लेते.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित