समय बीता कल्लू से पूनम को 3 बच्चे हुए. एक दीपक और 2 बेटियां. कल्लू ने सुखदेव की बेटी को भी अपना नाम दे दिया. वह समाज की नजर में 2 बेटियां और एक बेटे का बाप बन गया था. कुछ सालों बाद उन की एक बेटी की 4 साल की उम्र में ही छत से गिर कर मौत हो गई थी.
धीरेधीरे कल्लू के शराब पीने की आदत बढ़ती चली गई. उम्र बढ़ने के साथसाथ उस की तबीयत भी खराब रहने लगी. वह एक शराबी बन चुका था और कोई काम नहीं करता था. जिस को ले कर अकसर पूनम और कल्लू के बीच झगड़ा होने लगा था.
इसी दौरान सन 2011 में पूनम की मुलाकात अंजन दास से हुई. अंजन दास एक लिफ्ट मैकेनिक था. थोड़े ही दिनों में पूनम और अंजन दास एक दूसरे से प्यार करने लगे. इसी बीच 2016 में कल्लू की मौत हो गई.
कल्लू की मौत के साल भर बाद ही 2017 से पूनम अपने बच्चों के साथ अंजन दास के साथ रहने लगी. अंजन दास के साथ रहते हुए तब पहली बार पूनम को पता चला कि वह पहले से शादीशुदा है. उस के 8 बच्चे हैं, जो अपनी मां के साथ बिहार में ही रहते हैं.
अंजन को भी शराब पीने की लत थी. पूनम के साथ रहने के दौरान उस ने कामकाज भी छोड़ दिया था. वह पूरी तरह से पूनम पर निर्भर हो गया था. बिहार अपने घर बीवी बच्चों को खर्चा भेजने के लिए पूनम के गहने और पैसे चुराने लगा था.
अगले साल 2018 में पूनम के बेटे दीपक की शादी हो गई. शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ अलग रहने लगा. पूनम की एक बेटी की शादी पहले ही हो चुकी थी, लेकिन शादी के कुछ समय बाद ही पति को छोड़ कर वह मां पूनम के पास रहने आ गई थी. मांबेटी एक साथ रहते थे. बहू बीचबीच में आती रहती थी. वहां अंजन दास आताजाता था.
एक दिन पूनम को पता चला कि अंजन दास उस की तलाकशुदा बेटी और बहू यानी दीपक की पत्नी पर बुरी नजर रखता है. उस ने कई बार दोनों के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश भी की थी.
पूनम ने यह बात बेटे दीपक को भी बताई. तब तक पूनम भी अंजन के व्यवहार से ऊब चुकी थी. उस ने बेटे से कहा कि वह उस से छुटकारा पाना चाहती है, इसलिए कोई उपाय करे. बेटे ने मां को बोला कि मैं उसे ऐसा सबक सिखाऊंगा कि दुनिया याद रखेगी.
30 मई, 2022 को प्यार से पूनम ने अंजन को त्रिलोकपुरी के घर में बुलाया. उस के लिए अच्छी मंहगी शराब मंगवाई. साथ में दीपक भी शराब पीने के लिए बैठ गया. मांबेटे ने मिल कर अंजन को खूब शराब पिलाई. पूनम ने शराब में नींद की दवा मिला दी थी.
दीपक पहले से ही एक डैगर खरीद कर घर में छिपा चुका था. शराब और दवा का असर होते ही अंजन बेसुध हो गया. तब दीपक ने डैगर निकाल कर अंजन के गले पर वार कर दिया. इस के बाद उस ने उस के पूरे जिस्म पर कई वार किए.
अंजन की हत्या करने के बाद पूरी रात लाश इसी कमरे में छोड़ दी. अगली सुबह तक खून जम चुका था. मांबेटे ने मिल कर सारा खून साफ किया. फिर दोनों ने लाश के 10 टुकडे़ किए. लाश के टुकड़ों को पौलीथिन में भरा और थैलियां फ्रिज में रख दीं.
मांबेटे ने 31 मई, 2022 की रात को फ्रिज से टुकड़ों की एक पौलीथिन निकाली. दोनों मांबेटे घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर पांडव नगर के रामलीला मैदान में जा पहुंचे और थैली फेंक दी. पुलिस ने पहली सीसीटीवी फुटेज उसी वक्त की देखी थी.
इस के बाद अगले 3-4 दिनों तक वे इसी तरह दिन और रात में लाशों के टुकड़ों को फ्रिज से निकालनिकाल कर रामलीला मैदान की झाडि़यों और गंदे नाले में फेंकते रहे. यह सिलसिला 8-10 दिन तक चला.
जब लाश के सारे टुकड़े ठिकाने लग गए, तब इन्होंने पूरे घर की फिनाइल से सफाई की. फ्रिज साफ किया और फिर पूरे कमरे को पेंट भी करवा दिया.
अंजन के सिर को भी पुलिस ने बरामद कर लिया था. पुलिस ने आगे की काररवाई करते हुए बिहार में रह रहे अंजन के घर वालों से संपर्क कर उन्हें दिल्ली आने को कह दिया. जिस से पुलिस डीएनए टेस्ट करवा सके.
पुलिस ने पूनम देवी और दीपक से पूछताछ कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. द्य