वेबसीरीज : CRIME BEAT

Web Series : इस वेब सीरीज (Web Series) की कहानी जर्नलिस्ट अभिषेक सिन्हा की क्राइम बीट के इर्दगिर्द घूमती नजर आती है. इस में जर्नलिस्ट एक गैंगस्टर और पुलिस की पड़ताल करता नजर आता है. बीचबीच में राजनीति का तड़का लगाने की असफल कोशिश भी की गई है. इसे देख कर दर्शक खुद को ठगा सा महसूस करता है.

कलाकार:  साकिब सलीम, सबा आजाद, राहुल भट, राजेश तैलंग, आदिनाथ कोठारे, मुस्तफा बर्मावाला, दानिश हुसैन, अनिल धवन, साई तम्हणकर आदि

लेखक: संजीव कौल, सोमनाथ बटाब्याल, करण राणा, अश्विन बर्मन और दिलीप केशव मखरिया.

निर्देशक: सुधीर मिश्रा और संजीव कौल. निर्माता: राजीव अग्रवाल, अरविंद अग्रवाल और मंजू अग्रवाल

ओटीटी: जी5

वेब सीरीज ‘क्राइम बीट’ सोमनाथ बटाब्याल की किताब ‘द प्राइस यू पे’ पर आधारित है, लेकिन जब किताब ही लोकप्रिय नहीं हो सकी तो उस पर आधारित बनी वेब सीरीज के बारे में किसी को क्या उत्सुकता हो सकती है. इस का निर्देशन भले ही दिग्गज निर्देशक सुधीर मिश्रा ने किया है, लेकिन सीरीज देख कर कहीं से भी नहीं लगता कि इस का निर्देशन उन्होंने किया है. क्योंकि डायरेक्शन बहुत खराब है. सीरीज कहीं से भी एंटरटेन नहीं करती.

कथा, संवाद भी बहुत कमजोर हैं. पुलिसिया भाषा का जिस तरह इस्तेमाल किया गया है, उस का उपयोग किए बिना भी अच्छी सीरीज बनाई जा सकती थी. अपराध कहानियां छापने वाली पत्रिका ‘मनोहर कहानियां’ और ‘सत्यकथा’ शिष्ट  भाषा का उपयोग कर के भी काफी लोकप्रिय रही हैं, उन्हीं की लोकप्रियता को देख कर लोग आपराधिक पृष्ठभूमि पर सीरीज बना रहे हैं, पर वे क्यों लोकप्रिय हैं, इस सच्चाई को कोई नहीं समझ पा रहा है.

सीरीज (Web Series) की हालत यह है कि पता ही नहीं चलता कि यह बनाई ही क्यों गई है. आज इतने और तरहतरह के घोटाले हो रहे हैं, फिर भी इस में पुराने कौमनवेल्थ गेम्स घोटाले को दिखाया गया है, जिस का कोई तुक नहीं है. रही बात ऐक्टिंग की तो कोई भी ऐक्टर ऐसा नहीं है, जिस की ऐक्टिंग इंप्रेस कर सके.

एपीसोड नंबर 1

सीरीज की शुरुआत में बिन्नी नाम का एक व्यक्ति दिखाई देता है, जो इंदिरापुरम का रहने वाला था. वह बहुत बड़ा गैंगस्टर था. सीरीज में बिन्नी की भूमिका राहुल भट ने निभाई है. इंदिरापुरम के लोग बिन्नी को बहुत चाहते थे, इसलिए उसे गिरफ्तार करने आई पुलिस के खिलाफ नारे लगाते हुए वह उस की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे. इस की वजह यह थी कि उस ने इंदिरापुरम वालों के लिए बहुत कुछ किया था. अचानक बिन्नी विरोध कर रहे लोगों के बीच आता है तो उसे कोई गोली मार देता है, जिस से उस की मौत हो जाती है.

इस के बाद सीरीज अतीत में चली जाती है. अर्चना पांडे और शिव बिन्नी के कहने पर लोगों का किडनैप करते थे. जबकि खबर यह थी कि बिन्नी देश छोड़ कर भाग गया है. रावत नाम का एक नेता बिन्नी के इस गैरकानूनी कामों में उस की मदद करता था, लेकिन उसे हमेशा इस बात का डर सताता रहता था कि कहीं बिन्नी के अपराधों की पुलिस को जानकारी न हो जाए. उसी दौरान रावत के पास एक वीडियो आता है, जिस में बिन्नी ने निशा नाम की एक महिला का किडनैप किया था. वह रोते हुए अपने पति से कह रही थी कि किडनैपर्स को पैसा दे कर उसे बचा लें.

रावत को पता था कि यह किडनैप किस ने किया है? तब रावत को लगता है कि बिन्नी को रास्ते से हटाना होगा, क्योंकि उसे दिल्ली का मुख्यमंत्री बनना है. इसलिए वह अपने लोगों से बिन्नी को तलाश कर मारने के लिए कहता है. इस के बाद बिन्नी अफगानिस्तान के एक शहर में दिखाई देता है, जहां वह पुलिस से बचने के लिए छिपा था. इस के बाद शिव और अर्चना अपनी कार से निशा को एक सुनसान सड़क पर ला कर छोड़ कर उसे घर जाने के लिए कहते हैं. यहां पता चलता है कि निशा का किडनैप शिव और अर्चना ने किया था. घबराई निशा जल्दी से एक टैक्सी में बैठ कर वहां से चली जाती है.

आगे पुलिस को बिन्नी की लोकेशन पता चल जाती है. पर पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही बिन्नी निकल जाता है. बिन्नी रावत को फोन करता है कि उसे कैसे भी दिल्ली आना है. आखिर कब तक वह इस तरह भागता रहेगा. रावत उस से कहता है कि वह सरेंडर कर दे. दिल्ली का सीएम बनते ही वह उसे जेल से निकाल लेगा, पर बिन्नी को रावत पर भरोसा नहीं था, इसलिए वह सरेंडर करने से मना कर देता है. आगे अभिषेक सिन्हा नाम का एक रिपोर्टर, जिस का रोल साकिब सलीम ने निभाया है. साकिब क्राइम रिपोर्टर की भूमिका अच्छे से नहीं कर सका.

अभिषेक उस टैक्सी ड्राइवर से मिलता है, जिस ने निशा को उस के घर तक छोड़ा था. टैक्सी ड्राइवर अशोक ने अभिषेक को बताया कि जब उस ने निशा को उस के घर छोड़ा था तो वहां कुछ पुलिस अधिकारी आए थे. उन्होंने उस से भी पूछताछ की थी. यही नहीं, उन अधिकारियों ने उसे पेड़ से उलटा लटकाया था. अभिषेक यह पूरी खबर अपने अखबार में छापता है तो यह समाचार पढ़ कर डीसीपी उदय अपने जूनियर मयंक को फोन कर के पूछते हैं कि उन्होंने उस टैक्सी ड्राइवर को उलटा क्यों लटकाया था?

डीसीपी उदय की भूमिका राजेश तैलंग ने की है तो उन के जूनियर एसीपी मयंक की भूमिका आदिनाथ कोठारे ने निभाई है. उन की वजह से पुलिस डिपार्टमेंट की काफी बदनामी हो रही है. मयंक उस समाचार को पढ़ कर काफी हैरान था. वह डीसीपी उदय से अभिषेक से मिलने की बात कह कर उसे थाने भेजने को कहता है. इस के बाद अभिषेक दिखाई देता है, जो अपने दोस्त रघु के साथ रह रहा था, क्योंकि उस की अपने पिता से बिलकुल नहीं बनती थी. अभिषेक के पिता नहीं चाहते थे कि वह रिपोर्टर बने. पुलिस अभिषेक को फोन कर के थाने बुलाती है तो वह मयंक से मिलने थाने पहुंच जाता है. मयंक उसे धमकाते हुए कहता है कि उस की हिम्मत कैसे हुई यह खबर छापने की. उसे इस के बारे में कुछ पता भी है.

इस पर अभिषेक कहता है कि वही पूरी बात बता दे. यहां पता चलता है कि अभिषेक अपनी खबर को कवर पेज पर लाने के लिए कुछ भी करने को तैयार था. अभिषेक के माफी मांगने पर मयंक उसे चेतावनी दे कर जाने के लिए कहता है. पता चलता है कि मयंक काफी ईमानदार अधिकारी है, जिस की वजह से उसे गलत बातों से सख्त नफरत थी. अभिषेक ‘द एक्सप्रैस’ अखबार में इंटरव्यू देने जाता है, जहां उस की मुलाकात माया कपूर से होती है, जो काफी समय से वहां नौकरी कर रही थी. माया कपूर का रोल सबा आजाद ने किया है. उस ने सीरीज में ऐसा कुछ नहीं किया, जिस की तारीफ की जा सके.

‘द एक्सप्रैस’ का मालिक आमिर अख्तर था. अभिषेक उस से मिलता है. उस ने अभिषेक का टैक्सी ड्राइवर वाला समाचार देखा था, इसलिए वह उसे अपने यहां नौकरी पर रख लेता है. इसी के साथ वह अभिषेक को अपने एक पत्रकार पशुपतिनाथ के साथ दिल्ली पुलिस की एक प्रैस कौन्फ्रैंस में भेजता है, लेकिन अभिषेक ने रास्ते में छोलेभटूरे खा लिए थे, जिस की वजह से उसे प्रैस कौन्फ्रैंस को बीच में ही छोड़ कर वाशरूम जाना पड़ा था.

आगे उदय मयंक से उस टैक्सी ड्राइवर के बारे में पता लगाने को कहता है, जिस से उस महिला के किडनैपर्स के बारे में पता चल सके. इतना कह कर मयंक और उदय कमरे से बाहर चले जाते हैं. उन के कमरे से बाहर जाते ही अभिषेक कमरे के वाशरूम से बाहर निकलता है. वह उन दोनों की बातें सुन लेता है. इस तरह उसे एक न्यूज और मिल गई थी. इस के बाद वह पशुपतिनाथ के साथ आ कर आमिर से मिलता है. पशुपतिनाथ आमिर को बताता है कि अभिषेक कौन्फ्रैंस के समय वाशरूम चला गया था, जिस से आमिर नाराज हो कर उसे निकाल देता है और कहता है कि उसे काम करने में लगन ही नहीं है.

आमिर घर जा रहा था, तभी अभिषेक उस से कहता है कि बिन्नी को ले कर उस के पास एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण न्यूज है, जो उस के अखबार को आगे बढ़ा सकती है. इस तरह अभिषेक के रिक्वेस्ट करने पर आमिर उसे दोबारा काम पर रख लेता है. यहां पता चलता है कि आमिर बिन्नी को बहुत पहले से जानता था. दोनों के बीच बहुत बड़ी दुश्मनी थी. आगे हम देखते हैं कि आमिर डीसीपी उदय को फोन कर के कहता है कि वह उस से कल मिलना चाहता है. दूसरी ओर बिन्नी ट्रक पर बैठ कर अफगानिस्तान की सीमा पार कर लेता है. बिन्नी जब सीमा पार कर रहा था, तब पुलिस का एक मुखबिर नूर को बताता है कि बिन्नी सीमा पार कर रहा है. नूर बिन्नी की तलाश में सीमा पर पहुंच जाती है, लेकिन बिन्नी उसे नहीं मिलता.

बिन्नी अर्चना को फोन कर के बताता है कि कल का दिन इंदिरापुरम वालों के लिए खुशी का दिन होगा. इस का मतलब वह कल इंदिरापुरम वालों के लिए कुछ करेगा. अगले दिन इंदिरापुरम में हेलीकौप्टर से नोटों की बारिश होने लगती है, जिसे देख कर सभी हैरान रह जाते हैं. हालांकि यह रुपयों की बारिश किसी और ने नहीं, बिन्नी ने ही करवाई थी.

एपीसोड नंबर 2

दूसरे एपीसोड के शुरू में आमिर उदय से मिल कर कहता है कि वह बिन्नी की पूरी सच्चाई उसे बताए, जिसे वह अपने अखबार में छाप कर दिल्ली वालों को उस की सच्चाई बताएगा. लेकिन उदय बिन्नी की कोई भी बात बताने से मना कर देता है, क्योंकि रावत ने उस से कहा था कि उस की बात कहीं किसी के सामने नहीं आनी चाहिए. हालांकि आमिर जानता था कि उदय रावत का चमचा है.

आगे अभिषेक आ कर पशुपतिनाथ को बताता है कि आज इंदिरापुरम में रुपयों की बरसात हुई है. शायद इस के पीछे बिन्नी का हाथ है. इस के बाद पशुपतिनाथ अभिषेक को बिन्नी और अर्चना के बारे में बताता है. उस ने बताया कि कई साल पहले अर्चना ऐक्टर बनने के लिए दिल्ली आई थी, लेकिन जब वह ऐक्टर नहीं बन पाई तो बिन्नी के गैंग में शामिल हो गई. अर्चना पांडे की भूमिका में साई तम्हणकर है.

इस के बाद दोनों मिल कर लोगों का किडनैप कर फिरौती वसूलने लगते हैं. इस तरह धीरेधीरे बिन्नी बहुत बड़ा गैंगस्टर बन जाता है. आगे माया अपने मैनेजर से जा कर कहती है कि वह इतने दिनों से क्राइम रिपोर्टर बनने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उन लोगों ने उसे क्राइम रिपोर्टर बनाने के बजाय अभिषेक को क्राइम रिपोर्टर बना दिया. इस पर मैनेजर कहता है कि वह चिंता न करे. उस के बारे में वह आमिर सर से बात करेगा. उसी दौरान अभिषेक आमिर से जा कर कहता है कि वह बिन्नी के बारे में काफी ज्यादा जानकारी निकाल सकता है, लेकिन आमिर उसे बिन्नी पर रिपोर्टिंग करने से मना कर देता है.

आगे नूर को एक आदमी रुपए ले कर बिन्नी की लोकेशन बताता है. आगे लंच टाइम में माया अभिषेक से कहती है कि वह काफी समय से यहां काम कर रही है, जबकि उस ने आ कर उस का ड्रीम जौब छीन लिया. इस पर अभिषेक हंसने लगता है. यहीं दोनों में दोस्ती हो जाती है. इस के बाद टैक्सी ड्राइवर अशोक से मयंक मिलता है और उस महिला के बारे में पूछता है. अशोक बताता है कि वह महिला उस की टैक्सी से उतर कर येलो कलर की एक कार में बैठ गई थी, जिस पर किसी न्यूज चैनल का स्टिकर लगा था.

दूसरी ओर आमिर के औफिस में सभी रिपोर्टर अपनीअपनी खबर सुना रहे थे. अभिषेक भी अपनी खबर सुनाता है, लेकिन आमिर को अभिषेक की खबर में कोई दम नहीं दिखाई देता. वह अभिषेक से कहता है कि जब उस की खबर में दम होगा, तब उसे वह फ्रंट पेज पर छापेगा. अगले दिन आमिर मोटेरा नाम के आदमी से मिलने जाता है. मोटेरा को दिल्ली में होने वाले अवैध कामों की जानकारी होती थी. वह मोटेरा से पूछता है कि बिन्नी के हवाला के काम को कौन संभालता है? मोटेरा बताता है कि बिन्नी के हवाला कारोबार को सलीम देखता है. तब आमिर मोटेरा से सलीम और अर्चना के बारे में और जानकारी निकालने को कहता है.

शाम को अभिषेक आमिर को अपनी न्यूज सुनाता है, जो आमिर को पसंद नहीं आती. तब आमिर कहता है कि उस ने उसे क्राइम रिपोर्टर बना कर गलती की है. आगे मयंक को पीले रंग की कार के बारे में पता चलता है कि वह निशा बंसल की थी. फिर मयंक उदय को बताता है कि बिन्नी ने रितेश बंसल की पत्नी निशा बंसल का किडनैप किया था. रितेश कौमनवेल्थ गेम्स का ठेकेदार भी था. तब उदय मयंक से रितेश और निशा को थाने बुलाने को कहता है. आगे अर्चना और शिव एक बिजनैसमैन के बेटे अमित के किडनैप का प्लान बनाते दिखाई देते हैं. इस के बाद दोनों अमित के पीछे लग जाते हैं.

उधर औफिस में पशुपतिनाथ अभिषेक से कहता है कि क्राइम रिपोर्टर बनना बहुत मुश्किल काम है. अगर उस ने जल्दी कुछ अच्छा नहीं किया तो उसे यहां से निकाला जा सकता है. यह सुन कर अभिषेक टेंशन में आ जाता है. अपनी न्यूज फ्रंट पेज पर छपवाने के लिए रात को वह रघु से कहता है कि वह रात को बिन्नी के घर जा कर रिपोर्टिंग करेगा, ताकि उस की न्यूज फ्रट पेज पर आ जाए. लेकिन यह इतना आसान नहीं था. अगली सुबह अभिषेक और रघु इंदिरापुरम स्थित बिन्नी के घर पहुंच जाते हैं, जो काफी समय से बंद पड़ा था.

एपीसोड नंबर 3

जब अभिषेक और रघु बिन्नी के घर में घुसने लगते हैं तो एक आदमी उन्हें पकडऩे की कोशिश करता है. तब दोनों वहां से बच कर भाग निकलते हैं. उधर अर्चना अमित का पीछा करते हुए पब में आ जाती है और अमित के साथ डांस करने लगती है.

अमित भी उस के साथ इंजौय करने लगता है. दूसरी ओर अभिषेक रात को (Web Series) बिन्नी के घर में घुस जाता है तो वहीं बिन्नी को पुलिस उस के अड्ïडे पर छापा मार कर पकड़ लेती है. अभिषेक जब बिन्नी के घर में तलाशी ले रहा था, तभी एक आदमी उसे मार कर बेहोश कर देता है. अभिषेक की आंखें खुलती हैं तो सलीम नाम का आदमी उस से पूछता है कि वह इस घर में क्यों आया था?

तब अभिषेक कहता है कि वह इस घर में गलती से आ गया था. यह कह कर वह सलीम से जान की भीख मांगने लगता है. सलीम उसे धमका कर भगा देता है. आगे पुलिस बिन्नी को थाने ले जा रही थी तो बिन्नी के आदमी पुलिस पर हमला कर के उसे छुड़ा ले जाते हैं.

अभिषेक घर आता है तो रघु उसे खूब खरीखोटी सुनाता है. क्योंकि उसे आभास हो गया था कि बिन्नी का पीछा करने से उस की जान भी जा सकती थी. जबकि अभिषेक कहता है कि यह न्यूज उस के जीवन की सब से बड़ी न्यूज होगी, इसलिए वह इस मौके को बिलकुल नहीं छोड़ेगा. मयंक उदय के पास जा कर अर्चना की फोटो दिखाते हुए कहता है कि उसे अर्चना की यह फोटो मिली है. इसे वह पोस्टर बनवा कर पूरे शहर में लगवा देगा, जिस से उस का काम आसान हो जाएगा. लेकिन उदय मना कर देता है, क्योंकि वह नहीं चाहता था कि अर्चना को यह पता चले कि पुलिस उसे ढूंढ रही है.

आगे अभिषेक माया से मिलता है तो वह उसे पूरा शहर घुमाती है. यहां अभिषेक को पता चलता है कि माया अमीर बाप की औलाद है, जो केवल अपना शौक पूरा कर रही है. तभी सलीम के पास अर्चना और शिव आते हैं तो सलीम के घर के सामने खड़ा मोटेरा चुपके से अर्चना की फोटो खींच लेता है. अभिषेक पुलिस कमिश्नर से मिल कर कहता है कि वह पुलिस के बारे में एक न्यूज छापना चाहता है. तब कमिश्नर उसे डीसीपी उदय के पास भेज देते हैं. आगे थाने में मयंक निशा और रितेश से पूछताछ करता दिखाई देता है. रितेश कहता है कि उस की पत्नी का किडनैप नहीं हुआ था. निशा भी कहती है कि कुछ दिनों के लिए वह बाहर गई थी.

तभी टैक्सी ड्राइवर अशोक आ जाता है. तब निशा को न चाहते हुए भी बताना पड़ता है कि अर्चना नाम की महिला ने उस का किडनैप किया था और उस के पति से फिरौती ले कर उसे छोड़ा था. इस के बाद रितेश भी सारी सच्चाई बता देता है. अभिषेक उदय के पास आता है और कहता है कि वह पुलिस पर एक अच्छी न्यूज छापना चाहता है. तब उदय मयंक से कहता है कि इसे अपने साथ रखो, जिस से यह पुलिस पर एक अच्छा आर्टिकल छाप सके. मयंक अभिषेक को साथ ले जाता है. दोनों एक जगह बैठे होते हैं, तब अभिषेक मयंक से पूछता है कि इतना काम करते हुए वह अपने परिवार को कैसे संभालते हैं?

तब मयंक कहता है कि पुलिस वालों की जिंदगी बड़ी अजीब होती है. उन की आधी जिंदगी देश की सेवा में बीत जाती है तो आधी जिंदगी परिवार संभालने में. आगे मयंक अभिषेक को अर्चना की फोटो दिखाते हुए कहता है कि यह बिन्नी की साथी है, इसलिए उसे यह लड़की कहीं भी दिखाई दे तो वह उसे बताए. आगे बिन्नी दिल्ली जाने की तैयारी करता दिखाई देता है. वह पेशेंट बन कर दिल्ली जाना चाहता था, लेकिन इस बात की जानकारी नूर को हो जाती है तो वह यह बात रावत को बता देती है. रावत इस बात से हैरान रह जाता है. वह नहीं चाहता था कि बिन्नी दिल्ली आए, क्योंकि वह उस के लिए परेशानी बन सकता था.

फिर आमिर उदय को एक फोटो दिखाता नजर आता है, जिस में अर्चना और सलीम एक साथ थे. यह फोटो आमिर को मोटेरा ने दी थी, लेकिन उदय सलीम को गिरफ्तार करने से मना कर देता है. तभी रावत उदय को फोन कर के बताता है कि बिन्नी प्लेन से दिल्ली आ रहा है. वह एयरपोर्ट पर जा कर उसे गिरफ्तार कर ले. रावत की बात मान कर उदय एयरपोर्ट जाता है, पर उसे वहां बिन्नी नहीं मिलता. वह रावत को फोन कर के यह बात बताता है तो रावत कहता है कि वह किसी भी तरह बिन्नी को गिरफ्तार करे, वरना वह भी नहीं बचेगा. इस से उदय टेंशन में आ जाता है.

एपीसोड नंबर 4

चौथे एपीसोड (Web Series) में बिन्नी मुंबई एयरपोर्ट पर उतर कर दिल्ली के लिए निकलता दिखाई देता है. पुलिस उसे पकड़ नहीं पाती.जब इस बात की जानकारी रावत को होती है तो वह उदय से कहता है कि बिन्नी हमारे लिए बहुत बड़ा सिर दर्द बनता जा रहा है, उसे किसी भी तरह खत्म करना होगा. औफिस में अभिषेक आमिर को अपनी न्यूज बता रहा था, जो आमिर को पसंद भी आती है, लेकिन तभी एक महिला रिपोर्टर आ जाती है और वह एक बच्चे के मर्डर की न्यूज बताती है. आमिर उस न्यूज को फ्रंट पेज पर छाप देता है. अभिषेक की न्यूज नहीं छपती तो उसे बहुत गुस्सा आता है.

दूसरी ओर अर्चना बिन्नी से कहती है कि उसे दिल्ली नहीं आना चाहिए था. पुलिस के साथसाथ अभिषेक नाम का रिपोर्टर भी उस के पीछे पड़ा है. बिन्नी कहता है कि उसे किसी से डर नहीं लगता. वह इंदिरापुरम वालों को छोड़ कर ज्यादा दिनों तक बाहर नहीं रह सकता. आमिर अपने एक दोस्त किशोर के बेटे के बर्थडे पर जाता है, लेकिन वह मन ही मन बहुत उदास था, क्योंकि उस के बेटे को मरे कई साल हो गए थे, फिर भी वह बेटे का बर्थडे बड़ी धूमधाम से मनाता था.

दरअसल, कई साल पहले बिन्नी के लोगों ने फिरौती के लिए किशोर के बेटे का किडनैप कर लिया था, लेकिन आमिर ने उस से कहा था कि वह चिंता न करे, उस के बेटे को वह वापस ले आएगा. लेकिन पुलिस मुठभेड़ में किशोर का बेटा मारा गया था, इसलिए किशोर के बेटे की मौत का जिम्मेदार आमिर खुद को मानता था और हर हालत में वह बिन्नी को सजा दिलवाना चाहता था. रात को औफिस के सभी लोग अभिषेक के घर पार्टी करने आते हैं, जिन्हें माया ले कर आई थी. जब सभी लोग पार्टी कर रहे थे, तब अभिषेक बाहर उदास बैठा था. माया बाहर आ कर उस से उदासी का कारण पूछती है और उस से कहती है कि एक न एक दिन उस की न्यूज फ्रंट पेज पर अवश्य छपेगी. अभिषेक को यह अच्छा लगता है.

अगले दिन अभिषेक औफिस जाता है तो उसे पशुपतिनाथ की केबिन में बिन्नी की फोटो लगी दिखाई देती है. पशुपतिनाथ उस से कहता है वह आमिर को बिना बताए बिन्नी की खबर निकाल रहा है. इस पर अभिषेक कहता है कि उसे विश्वास है कि बिन्नी की खबर उस के अखबार को आगे ले जाएगी, लेकिन यह बात वह आमिर सर को न बताए, वरना वह उस पर गुस्सा करेंगे. आगे अर्चना अमित को मिलने के लिए फोन करती है. अमित उस के जाल में फंस कर उस से मिलने चला जाता है. अभिषेक धीरज नाम के व्यक्ति से मिलता है और बिन्नी के बारे में पूछता है.

धीरज कहता है कि अगर वह बिन्नी को देखना चाहता है तो उसे करुणाजी से मिलना होगा, क्योंकि वह अपना हर काम करुणाजी से आशीर्वाद ले कर ही करता है. करुणाजी आहना की दादी थी. अभिषेक यह सोचने लगता है कि वह आहना से कैसे मिले. दूसरी ओर अमित अर्चना को रघु के घर रोमांस करने के लिए ले जाता है, क्योंकि रघु और अमित अच्छे दोस्त थे. जब अर्चना और अमित शारीरिक संबंध बनाने लगते हैं, तभी रघु और अभिषेक आ जाते हैं. अर्चना को देख कर अभिषेक दंग रह जाता है, पर वह कहता कुछ नहीं है.

अमित मजे करने के लिए अर्चना को ले कर अपने घर चला जाता है. हालांकि अभिषेक समझ गया था कि अर्चना का अगला टारगेट अमित है. यह बात वह मयंक को बताता है तो मयंक टीम के साथ अमित के घर के लिए निकल पड़ता है. उधर अमित और अर्चना रोमांस कर रहे थे, तभी अमित के पिता महाजन आ जाते हैं. वह कुछ कहते, तभी बिन्नी अर्चना को फोन कर के कहता है कि वह जल्दी से महाजन को ले कर निकले, क्योंकि पुलिस आ रही है.

एपीसोड नंबर 5

पांचवें एपीसोड की शुरुआत में अर्चना महाजन को ले कर निकल रही थी, तभी मयंक अपनी टीम के साथ पहुंच जाता है. दोनों ओर से गोलियां चलती हैं. 4 पुलिस वाले मारे जाते हैं, लेकिन अर्चना महाजन को ले कर निकल जाती है. मयंक उदास हो जाता है, क्योंकि वह अर्चना को पकड़ नहीं सका था. अभिषेक भी वहां पहुंच गया था और पूरी घटना की रिकौर्डिंग करने लगा था. अंत में मयंक ने उस से कहा कि उसे यहां नहीं आना चाहिए था, ऐसे में उस की जान जा सकती थी. तब अभिषेक कहता है कि जब वे अपने काम के लिए जान की परवाह नहीं करते तो वह अपने काम के लिए जान की परवाह कैसे कर सकता है.

आगे उदय मयंक से मिलने जाता है. उसे पता चल गया था कि मयंक अर्चना को पकडऩे गया था. उदय मयंक पर बहुत गुस्सा होता है कि उस की लापरवाही की वजह से 4 पुलिसवालों की जान चली गई. मयंक कहता है कि उस के पास समय बहुत कम था, इसलिए उस की परमीशन के बगैर ही वह वहां चला गया था. तब इमोशनल हो कर मयंक कहता है कि वह किसी भी हालत में बिन्नी को पकडऩा चाहता है, क्योंकि उस ने उस के पिता को मारा था.

तब उदय गुस्से में कहता है कि उस के पिता एक गद्ïदार आदमी थे, उन्हीं की वजह से आज बिन्नी आजाद घूम रहा है. यह सुन कर मयंक के पैरों तले से जमीन खिसक जाती है, क्योंकि वह अपने पिता की बहुत इज्जत करता था. इस के बाद अतीत में दिखाया जाता है कि आमिर आ कर उदय को बताता है कि बिन्नी ने उस के दोस्त किशोर के बेटे का किडनैप किया है. उदय और रावत चाहते थे कि बिन्नी को मार दिया जाए, क्योंकि रावत नहीं चाहता था कि आगे चल कर बिन्नी उस का भांडा फोड़ दे.

उदय बिन्नी को मारने जाता है तो उस के पहले ही मयंक के पिता बिन्नी को पुलिस के आने की सूचना दे देते हैं. बिन्नी भाग जाता है और मारे जाने से बच जाता है. जब उदय को पता चलता है कि मयंक के पिता बिन्नी के लिए काम करते हैं तो वह गुस्से में मयंक के पिता को गोली मार देता है. यह बात केवल एक आदमी को पता थी, जिस के बारे में आगे चल कर पता चलेगा.

अभिषेक आमिर को एक वीडियो दिखाता है, जिस में अर्चना पुलिस वालों पर गोलियां चला रही थी. अभिषेक आमिर से कहता है कि अगर यह न्यूज फ्रंट पेज पर आ गई तो उस का अखबार आगे बढ़ जाएगा. आमिर को उस की यह न्यूज पसंद आ गई थी. वह उसे फ्रंट पेज पर छापने के लिए राजी हो जाता है. अभिषेक बहुत खुश होता है. जा कर माया के साथ पार्टी करता है. इतना ही नहीं, दोनों शारीरिक संबंध भी बनाते हैं.

अगले दिन सुबह अभिषेक अपनी न्यूज देखने के लिए बड़ी बेसब्री से अखबार का इंतजार कर रहा था, लेकिन जब अखबार आता है तो न्यूज तो उस की छपी थी, लेकिन उस के नीचे आमिर का नाम छपा था. यह बात उस की समझ में नहीं आती. वह औफिस जा कर जब यह बात आमिर से पूछता है तो आमिर कहता है कि यह न्यूज उस की नहीं थी. वह काफी समय से बिन्नी पर नजर रख रहा था. लेकिन अभिषेक उस पर गुस्सा था, क्योंकि आमिर ने उस का क्रेडिट चुरा लिया था.

एपीसोड नंबर 6

छठें एपीसोड (Web Series) के शुरू में नाराज अभिषेक आमिर को खरीखोटी सुना कर नौकरी छोड़ कर चला जाता है. दूसरी ओर महाजन के किडनैप की खबर पूरी दिल्ली में फैल गई थी. तब बिन्नी अर्चना से कहता है कि ये अखबार वाले अपने फायदे के लिए किसी को भी बदनाम कर सकते हैं. उस की बातों से पता चलता है कि बिन्नी के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था.

अभिषेक ‘द एक्सप्रैस’ की नौकरी छोड़ कर दूसरी जगह नौकरी खोजता है, पर उसे कहीं नौकरी नहीं मिलती, क्योंकि उस ने आमिर से पंगा जो ले लिया था. अभिषेक एक रेस्टोरेंट में पशुपतिनाथ के साथ बैठा था तो पशुपतिनाथ कहता है कि उस ने आमिर से पंगा ले कर ठीक नहीं किया. अब शायद ही उसे कहीं काम मिल सके. यह सुन कर अभिषेक सोच में पड़ जाता है कि अब वह क्या करेगा.

दूसरी ओर मयंक अपने पिता की सच्चाई जानने के लिए उन के दोस्त कृपाल से मिलता है तो वह बताते हैं कि उस के पिता ने बिन्नी को पुलिस के आने की सूचना दे दी थी, जिस से वह बच कर भाग गया था. तब मयंक पूछता है कि तब उस के पिता को मारा किस ने? कृपाल सच्चाई बता देता है. तब मयंक निर्णय लेता है कि वह अपने सीनियर से उदय की सच्चाई बता देगा. आगे पशुपतिनाथ अभिषेक को एक न्यूज चैनल में ले जाता है. पशुपतिनाथ ने अभिषेक की मदद इसलिए की थी, क्योंकि बहुत पहले आमिर ने पशुपतिनाथ की न्यूज की भी क्रेडिट चोरी कर ली थी. अभिषेक को वहां नौकरी मिल जाती है.

दूसरी ओर माया से आमिर कह रहा था कि अब वह बिन्नी के बारे में जानकारी निकालने का काम करेगी, लेकिन माया यह काम नहीं करना चाहती थी, क्योंकि उसे पता था कि इस पर अभिषेक काम कर रहा है. तब आमिर उस से कहता है कि उसे बहुत बड़ा क्राइम रिपोर्टर बनना है. यही मौका है उसे खुद को साबित करने का. इस पर माया मान जाती है.

अभिषेक अपने न्यूज चैनल की ओनर सुमेरा को बताता है कि बिन्नी ने जिन का किडनैप किया था, वे कौमनवेल्थ गेम्स के कौन्ट्रैक्टर थे. इस का मतलब बिन्नी का इस से जरूर कोई लेनादेना है. तब सुमेरा पूछती है कि वह आमिर से पहले बिन्नी तक पहुंच सकता है? तब अभिषेक कहता है कि वह चिंता न करें. वह आमिर से पहले बिन्नी तक पहुंच जाएगा. इस के बाद वह प्रोड्यूसर के रूप में आहना से फोन पर बात करता है और कहता है कि वह उस की दादी से मिलना चाहता है. उस के बाद वह उसे अपनी फिल्म में ले लेगा. इस पर आहना मान जाती है.

बिन्नी विपक्ष के नेता शर्मा से मिलता है और उस से कहता है कि वह उस की सरकार बनाने में मदद कर सकता है, क्योंकि उस के कहने पर महाजन कौमनवेल्थ गेम्स में हुए सारे घोटालों के बारे में बता देगा, जिस से रावत की सारी पोल खुल जाएगी. फिर दिल्ली में उस की सरकार राज करेगी. इस पर शर्मा मान जाता है और उस की मदद करने को राजी हो जाता है. बिन्नी की शर्त यह थी कि वह सरेंडर करेगा तो उस की सजा कम करवा दी जाए और चुनाव लडऩे में उस की मदद की जाए. शर्मा इस के लिए भी राजी हो जाता है. आगे उदय रावत से मिलने जाता है तो रावत उस से कहता है कि वह बिन्नी को अब तक पकड़ नहीं सका. किसी भी हालत में वह उसे पकड़े और मार डाले.

दूसरी ओर अभिषेक अपने घर पर काम कर रहा था, तभी आहना का फोन आता है और वह अपनी दादी से मिलने के लिए घर बुला लेती है. अभिषेक वहां पहुंचता है तो वहां कमरे में बिन्नी बैठा था. बिन्नी को देख कर उस की हालत खराब हो जाती है. पहले तो बिन्नी अभिषेक को डराता है और कहता है कि उस के परिवार के बारे में उसे सब पता है. उस की भी उस पर नजर है. यह सुन कर अभिषेक डर जाता है. आगे माया किशोर का इंटरव्यू लेने जाती है. किशोर अपने बेटे के बारे में सोच कर काफी दुखी था.

तब माया कहती है कि वह उस के बेटे के किडनैप की कहानी अपने अखबार में छापेगी, जिस से इंदिरापुरम वालों के सामने बिन्नी का असली चेहरा आएगा और वे उस से नफरत करने लगेंगे. तब किशोर अपने बेटे के किडनैप की कहानी माया को सुनाने लगता है. दूसरी ओर बिन्नी अभिषेक से कहता है कि वह उस के पीछे क्यों पड़ा है? अभिषेक कहता है कि वह सभी को उस के बारे में बताना चाहता है. तब बिन्नी उसे अपने खुफिया घर में ले जाता है और कहता है कि उस से पहले उसे एक आदमी  की सच्चाई बाहर लानी होगी.

एपीसोड नंबर 7

इस के बाद महाजन को दिखाते हैं. वह अभिषेक को कौमनवेल्थ गेम्स घोटाले के बारे में बताता है कि उसे जो टिश्यू पेपर बांटने को मिला था, उस की कीमत 30 रुपए थी, जिसे उन्होंने 75 रुपए में दिया था. इस तरह उन्होंने साढ़े 3 सौ करोड़ का घोटाला किया था. अभिषेक ने यह पूरा मामला रिकौर्ड कर लिया था, जिसे उस ने सुमेरा को दिखाया तो उस के भी होश उड़ गए थे. उस ने अभिषेक से पूछा कि बिन्नी ने उसे मारा क्यों नहीं? अभिषेक ने कहा कि बिन्नी को अपनी बात रखने के लिए एक प्लेटफार्म चाहिए. इसलिए बिन्नी अपना इंटरव्यू उसे देने को तैयार है, लेकिन सुमेरा इतनी बड़ी न्यूज दिखाने से घबरा रही थी, क्योंकि इस घोटाले में बड़ेबड़े लोग शामिल थे.

तब अभिषेक कहता है कि अगर वह इस रिकौर्डिंग को नहीं चलाना चलाती तो वह इसे किसी दूसरे चैनल को दे देगा. सुमेरा भी इतना अच्छा मौका नहीं गंवाना चाहती थी, इसलिए वह अपने चैनल के हैड से बात कर के इसे चलाने के लिए कहती है. मयंक पुलिस कमिश्नर से मिल कर बताता है कि उस के पिता बिन्नी के लिए काम करते थे, इसलिए उदय ने उन्हें गोली मार दी थी. तब पुलिस कमिश्नर ने कहा कि अपराध करने वाला कोई भी हो, उसे उस के अपराध की सजा अवश्य मिलेगी. वह उदय को नौकरी से निकाल देंगे.

दूसरी ओर महाजन की वीडियो शर्मा के पास आ जाती है, जिसे देख कर वह बहुत खुश होता है, क्योंकि उसे पता था कि महाजन के साथ इस घोटाले में रावत भी शामिल है और रावत की सरकार गिराने के लिए कुछ भी कर सकता था. उदय रावत से मिलने उस के घर जाता है और कहता है कि उसे नौकरी से निकाल दिया गया है. कैसे भी कर के वह उस की नौकरी दिला दें.

तब रावत कहता है कि अगर वह बिन्नी को मार देता है तो वह उसे नौकरी दिलवा देगा. माया अभिषेक के घर आती है तो वह उसे महाजन की वीडियो दिखा कर कहता है कि कल यह वीडियो उस के चैनल पर दिखाई जाएगी. इस के बाद वह फेमस हो जाएगा. माया को इस बात से जलन होती है. वह अभिषेक से शारीरिक संबंध बनाती है और फिर उस के सो जाने पर वह वीडियो चुरा कर भाग जाती है.

वह वीडियो ले जा कर आमिर को देती है तो वह बहुत खुश होता है, लेकिन सही समय पर पशुपतिनाथ अभिषेक को बता देता है कि उस की वीडियो माया चुरा लाई है. इसलिए आमिर वह वीडियो अपने चैनल पर चलाए, उस के पहले वह वीडियो अपने चैनल पर चलवा दे. अभिषेक सुमेरा से बात करता है तो वह वीडियो चलवा देती है. दूसरी ओर आमिर और माया वीडियो चलवाने की तैयारी कर रहे थे कि वे देखते हैं कि अभिषेक टीवी पर महाजन के घोटाले के बारे में बता रहा था.

एपीसोड नंबर 8

आठवें एपीसोड (Web Series) के शुरू में रात को अभिषेक माया को खरीखोटी सुनाने के लिए फोन करता है. माया जैसे ही फोन उठाती है, कुछ लोग उसे किडनैप कर ले जाते हैं. अभिषेक उस की आवाज सुन कर घबरा जाता है. वह पशुपतिनाथ को फोन करता है तो वह बताता है कि कुछ देर पहले माया का किडनैप हुआ है और उस का फोन एक पार्किंग से मिला है.

अभिषेक को लगता है कि माया का किडनैप बिन्नी ने ही करवाया है. तब वह बिन्नी को फोन कर के पूछता है कि उस ने माया का किडनैप क्यों किया है? बिन्नी कहता है कि माया का भी इस घोटाले से संबंध है. वह यहां आएगा तो उसे सब पता चल जाएगा. इस के बाद बिन्नी महाजन से कहता है कि उसे सब के सामने बयान देना होगा, लेकिन महाजन बयान देने से मना करता है तो बिन्नी धमकाता है कि वह बयान नहीं देगा तो उस की पत्नी बयान देगी, वरना वह उस के बेटे को मार देगा. इस से महाजन डर जाता है.

उदय बिन्नी को मारने के लिए उस के बगल वाले घर में पहचान बदल कर रहने लगता है. अभिषेक बिन्नी के घर जाता है. सीबीआई को भी बिन्नी के इंदिरापुरम में रहने का पता चल गया था.

बिन्नी के घर से महाजन की पत्नी का लाइव टेलीकास्ट हो रहा था. वह अपने बयान में बताती है कि कौमनवेल्थ गेम्स में करीब 2 हजार करोड़ का घोटाला हुआ था, जिस में विक्की कपूर की मुख्य भूमिका थी. विककी माया के पिता थे. माया को इस बात पर विश्वास ही नहीं होता. विक्की यह समाचार देख कर परेशान हो जाता है. माया बिन्नी से कहती है कि उसे क्या लगता है, वह यह सब कर के हीरो बन जाएगा. उस के पापा ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है.

बिन्नी कहता कि उसे सभी लोग दुश्मन मानते हैं, लेकिन असली गुनहगार तो उस के पापा हैं. सब के सामने वह अपना अपराध स्वीकार करेंगे. उधर विक्की रावत के घर जा कर कहता है कि उस ने उसे कितने पैसे दिए थे, फिर भी उसे यह दिन देखना पड़ रहा है. रावत कहता है कि वह चिंता न करे. वह सिर्फ अपनी बेटी के बारे में सोचे, बाकी वह सब ठीक कर देगा. तभी दिखाई देता है कि बहुत सारी पुलिस और सीबीआई बिन्नी को पकडऩे उस के घर के सामने आ जाती है, लेकिन इंदिरापुरम के लोग उन्हें अंदर जाने ही नहीं दे रहे थे. तभी उदय दिखाई देता है, जो बिन्नी को मारने के लिए एक आदमी से गन मंगाता है.

अभिषेक माया से मिलता है तो माया कहती है कि आज वह बहुत खुश होगा, क्योंकि उस ने एक सही आदमी को गलत साबित कर दिया है. तब अभिषेक कहता है कि उस के पापा ने जनता को लूटा है. धोखा देना तो उस के खून में है. उस ने भी तो धोखा दे कर उस की वीडियो चुराई थी. तभी टीवी पर आमिर दिखाई देता है, जो कह रहा था कि बिन्नी एक किडनैपर है. उस ने कई लोगों का किडनैप कर के हत्या की है. इस के बावजूद जनता बिन्नी को अपना हीरो मान रही थी. अभिषेक बिन्नी का इंटरव्यू ले रहा था. वह उस से पूछता है कि उस ने इतने किडनैप और हत्याएं की हैं तो वह सरेंडर क्यों नहीं कर देता?

बिन्नी कहता कि वह उस दिन सरेंडर कर देगा, जिस दिन इस घोटाले में शामिल सभी लोगों के नाम सामने आ जाएंगे. उधर विक्की को अपनी बेटी की चिंता सता रही थी. रावत कहता है कि अगर उसे अपनी बेटी चाहिए तो वह अपनी गलती मान ले. एक बार बिन्नी पुलिस के हाथ लग जाए, उस के बाद वह सब ठीक कर देगा. विक्की रावत की बात मान कर बिन्नी के घर चला जाता है, जहां अभिषेक को इंटरव्यू देते हुए वह कहता है कि उस के इस घोटाले में रावत भी बराबर का हिस्सेदार था. इस समाचार के बाद शर्मा कहता है कि जिस देश में रावत जैसे नेता होंगे, उस देश का कभी भला नहीं हो सकता, इसलिए उसे इस्तीफा देना होगा.

यह देख कर बिन्नी खुश हो कर अर्चना से कहता है कि वह यहां से कहीं दूर चली जाए, क्योंकि अब वह सरेंडर करने जा रहा है. अर्चना उसे रोकती है, पर वह नहीं मानता. वह सरेंडर करने जा रहा था, तभी उदय उसे मारने की कोशिश करता है, पर मयंक उसे पकड़ लेता है. लेकिन भीड़ में शामिल किशोर उसे मार कर बेटे की मौत का बदला ले लेता है. इस के बाद घोटाले में शामिल सभी लोगों को जेल हो जाती है और घोटाले का खुलासा करने की वजह से अभिषेक फेमस हो जाता है.

साकिब सलीम

सीरीज में जर्नलिस्ट अभिषेक सिन्हा की भूमिका निभाने वाले साकिब सलीम कुरैशी का जन्म दिल्ल्ी में हुआ था. इस के पिता 10 भोजनालय चलाते हैं, जो पूरे दिल्ली में फैले हैं. इस की एक बहन हुमा कुरैशी और 2 भाई नईम कुरैशी और हुसैन कुरैशी हैं. पढ़ाई पूरी करने के बाद साकिब पिता की भोजनालय चलाने में मदद करने लगा था, लेकिन उसे यह काम पसंद नहीं था, इसलिए वह मौडलिंग करने लगा.

कुछ दिनों बाद उसे टीवी के विज्ञापन मिलने लगे. तब उसे फिल्मों में काम करने की इच्छा होने लगी. अपने करीबी दोस्त वरुण बहल की मदद से साकिब ने यशराज फिल्म्स में औडीशन दिया. जिस के 8 महीने बाद एक हास्यप्रेम वाली फिल्म ‘मुझ से फ्रेंडशिप करोगे’ में मुख्य भूमिका के लिए चुना गया. इस फिल्म की कहानी फेसबुक पर आधारित प्रेम की थी. जिस में गलत परिचय के साथ प्रेम शुरू हुआ था

इस के बाद साकिब ने ‘मेरे डैड की मारुति’, ‘बौंबे टौकीज’, ‘हवाहवाई’, ‘ढिशुम’, ‘दोबारा:  सी योर एविल’, ‘दिल जंगली’ और ‘रेस 3’ में भी काम किया है.

सबा आजाद

‘क्राइम बीट’ सीरीज में माया कपूर की भूमिका निभाने वाली सबा आजाद का पूरा नाम सबा सिंह ग्रेवाल है. सबा थिएटर कलाकार सफदर हाशमी की भतीजी है. एक थिएटर परिवार में पैदा होने की वजह से बहुत कम उम्र में सबा सफदर हाशमी के थिएटर ग्रुप ‘जन नाट्य मंच’ के साथ प्रदर्शन करने लगी, जहां उस ने हबीब तनवीर, कृष्ण रैना, गोविंद पुरुषोत्तम देशपांडे और एन.के. शर्मा के साथ काम किया. उस ने ओडिसी, शास्त्रीय बैले, जैज, लैटिन के साथसाथ समकालीन नृत्यों में प्रशिक्षण भी लिया. अपने ओडिसी गुरु किरण सहगल के साथ उस ने इंगलैंड, कनाडा, नेपाल आदि देशों की यात्रा कर के नृत्य का प्रदर्शन भी किया है.

फिल्मों (Web Series) में वह पढ़ाई के बाद आई, जब उस ने निर्देशक ईशान नायर की लघुफिल्म ‘गुरूर’ में मुख्य भूमिका निभाई थी. बौलीवुड में अपने करिअर की शुरुआत राहुल बोस के साथ फिल्म ‘दिल कबड्ïडी’ से की, इस के बाद वह फिल्म ‘मुझ से फ्रेंडशिप करोगे’ में प्रीति सेन के रूप में नवागंतुक अभिनेता निशांत दहिया और साकिब सलीम के साथ प्रमुख भूमिका में दिखाई दी. इन के अलावा उस ने फिल्म ‘शुद्ध शाकाहारी’, ‘जुड़े हुए’, ‘इश्क लगता है’ और ‘राकेट बौयज’ में काम किया है.

सबा भारतीय इंडी संगीत की एक लोकप्रिय संगीतकार और गायिका भी है. लोकप्रिय इलैक्ट्रानिक बैंड मैकबौय/मिक की पार्टनर है. इस की शुरुआत उस ने साल 2012 में अभिनेता और संगीतकार इमाद शाह के साथ की थी. सबा की अपनी थिएटर कंपनी ‘द स्किंस’ है. उस ने कैडबरी, पांड्स, मैगी, टाटा स्काई, गूगल, किटकैट, वोडाफोन, सनसिल्क, नेस्कैफे, भारती एयरटेल के विज्ञापनों के साथसाथ क्लीन एंड क्लियर, ट्रेट (वेस्टसाइड), एमवे के अलावा कई अन्य ब्रांडों के लिए प्रिंट अभियानों में काम किया है.

 

 

Social Crime : ऑडिशन के नाम पर धोखा, लड़कियों से जबरन बनाई जा रही थी पोर्न वीडियो

Social Crime : कितने ही युवक युवतियां मौडलिंग, फिल्मों, सीरियल्स और ओटीटी प्लेटफौर्म में जाने के लिए उतावले रहते हैं. ग्लैमर के नशे में वह अपना अच्छा बुरा भी भूल जाते हैं. कई कथित निर्माता, निर्देशक उन के इस नशे का भरपूर लाभ उठाते हैं. ब्रजेंद्र और मिलिंद ऐसे ही लोगों में थे. इन लोगों ने…

जुलाई के आखिरी सप्ताह में इंदौर की एक मौडल साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह से मिली. मौडल ने खुद का नाम ऐश्वर्या बताते हुए कहा कि वह धामनोद की रहने वाली है और पिछले कई साल से इंदौर में रह कर मौडलिंग करती है. परेशान दिख रही ऐश्वर्या ने एसपी को बताया कि पिछले साल दिसंबर में उस के पास ब्रजेंद्र सिंह नाम के शख्स का फोन आया था. उस ने खुद को मुंबई का डायरेक्टर और प्रोड्यूसर बताया. वह एक बड़े बैनर पर ओटीटी प्लेटफौर्म के लिए फिल्म बनाना चाहता था. उस ने इस फिल्म में ऐश्वर्या को लौंच करने की बात कही. बाद में ब्रजेंद्र ने उसे इंदौर में एरोड्रम रोड पर एक फार्महाउस में बुलाया.

तय समय पर वह उस फार्महाउस पर पहुंची. वहां ब्रजेंद्र सिंह के अलावा मिलिंद भी मिला. कई और लोग भी थे. कैमरों लाइटों सहित फिल्म की शूटिंग का पूरा साजोसामान भी था. ऐश्वर्या मिलिंद को पहले से जानती थी. मिलिंद टी सीरीज और अल्ट बालाजी के लिए वेब सीरीज तथा सीरियलों के लिए कास्टिंग का काम करता था. ऐश्वर्या ने एसपी को बताया कि ब्रजेंद्र और मिलिंद ने उसे बालाजी की एक बोल्ड वेब सीरीज में काम दिलाने की बात कही, लेकिन इस के लिए कुछ बोल्ड सीन शूट करने की शर्त थी. मिलिंद ने ऐश्वर्या को विश्वास दिलाने के लिए मोबाइल पर एकता कपूर की कथित पीए युवती से उस की बात भी कराई.

एकता कपूर की उस कथित पीए ने उसे बालाजी की वेब सीरीज के बारे में बताया. पीए से बातें करने के बाद वह आश्वस्त हो गई कि उसे वेब सीरीज में काम मिल जाएगा. ओटीटी प्लेटफौर्म पर जाने का यह अच्छा मौका था. कथित पीए युवती ने मिलिंद से कहा कि वेब सीरीज के लिए प्रोमो बना कर कंपनी को भेजो. इस के बाद ब्रजेंद्र सिंह और मिलिंद ने उसे बोल्ड सीन देने के लिए 25 हजार रुपए देने का वादा किया. बाद में प्रोमो के नाम पर अश्लील फिल्म शूट कर ली गई. इस फिल्म में मेल एक्टर मिलिंद और गजेंद्र सिंह थे. ब्रजेंद्र सिंह और उस के साथियों ने फिल्म शूट की. इन लोगों ने कहा कि एडिटिंग के दौरान इस में से अश्लील कंटेंट हटा कर प्रोमो कंपनी को भेजा जाएगा.

इतनी बातें बताते बताते ऐश्वर्या की आंखों में आंसू आ गए. एसपी जितेंद्र सिंह ने उसे दिलासा देते हुए पूरी बात बताने को कहा ताकि अपराधियों तक पहुंचा जा सके. टेबल पर रखे गिलास से पानी के कुछ घूंट पीने के बाद ऐश्वर्या ने एसपी से कहा कि इन लोगों ने बाद में फिल्म को एडिट किए बिना ही पोर्न वेबसाइट को बेच दिया. ऐश्वर्या ने रोते हुए बताया कि वह फिल्म पोर्न वेबसाइट पर अपलोड होने के कुछ ही दिन में 4 लाख लोगों ने देख ली. कुछ दिन बाद एक परिचित से उसे इस की जानकारी मिली, तो वह घबरा गई. उस ने मिलिंद और ब्रजेंद्र सिंह से संपर्क किया, तो उन्होंने पल्ला झाड़ लिया.

एसपी जितेंद्र सिंह ने ऐश्वर्या से लिखित शिकायत ली और उसे काररवाई करने का भरोसा दे क र भेज दिया. जातेजाते ऐश्वर्या ने एसपी को यह भी बताया कि ऐसा अकेले उस के साथ नहीं हुआ है. कई दूसरी मौडल युवतियों के साथ भी इन्होंने यही किया है. ये लोग पोर्न सीन शूट करने के नाम पर जो पैसा तय करते, शूटिंग के बाद उतना पैसा भी नहीं देते थे. ये लोग फिल्म पोर्न वेबसाइटों को बेचने के साथसाथ कई तरीकों से मौडल्स का दैहिक शोषण भी करते थे. मामला बेहद गंभीर था. ज्यादातर लोग जानते हैं कि ऐसी फिल्में बनती हैं और पोर्न साइटों पर खूब देखी जाती हैं. माना यह जाता है कि इस तरह की अधिकांश फिल्में मुंबई में बनती हैं. लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसी घिनौनी फिल्में बनना बेहद चिंता की बात थी.

मोबाइल इंटरनेट से बढ़ी पोर्न फिल्मों की मार्केट  दरअसल, जब से बच्चों से ले कर बूढ़ों तक के हाथ में इंटरनेट के साथ मोबाइल आ गया है, तब से पोर्न फिल्म अधिकांश मोबाइलधारकों तक पहुंच गई हैं. इस से सामाजिक पतन होने के साथ अपराध भी बढ़ रहे हैं और घरेलू रिश्ते भी टूट रहे हैं. पोर्न फिल्में देखना जितना बड़ा अपराध है, उस से बड़ा अपराध बिना सहमति के ऐसी फिल्में बनाना है. इस सब से न केवल युवा पीढ़ी भटक रही है बल्कि उस की मानसिकता भी घृणित होती जा रही है.

एसपी जितेंद्र सिंह ने इस मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की. इस टीम ने जरूरी जांचपड़ताल के बाद 30 जुलाई को 2 लोगों मिलिंद डावर और अंकित सिंह चावड़ा को गिरफ्तार कर लिया. इंदौर की रेसकोर्स रोड निवासी मिलिंद फैशन शो और विज्ञापन के लिए बैकग्राउंड कलाकार व कास्टिंग का काम करता था. वह एमडीएफएम नाम की मौडलिंग एजेंसी चलाने के साथसाथ टी सीरीज और अल्ट बालाजी के लिए वेब सीरीज व सीरियलों के लिए भी कास्टिंग का काम करता था. इंदौर की गुरु गोविंदसिंह कालोनी का रहने वाला अंकित चावड़ा एनएमएच फिल्म प्रोडक्शन हाउस में कैमरामैन था. पुलिस को जांचपड़ताल में पता चला कि ये लोग मौडल युवतियों को टीवी सीरियल और ओटीटी प्लेटफार्म पर वेब सीरीज में मौका दिलाने का झांसा दे कर जाल में फंसाते थे. इस का अश्लील फिल्में बनाने का काला कारोबार इंदौर के अलावा कई अन्य बड़े शहरों में चल रहा था.

इस काले धंधे में डायरेक्टर ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर, राजेश गुर्जर, गजेंद्र सिंह, सुनील जैन, अनिल द्विवेदी, अशोक सिंह व विजयानंद पांडेय आदि शामिल थे. मिलिंद डावर इस गिरोह के लिए मध्य प्रदेश की मौडल युवतियों को तरहतरह के झांसे दे कर फिल्म, वेब सीरीज या सीरियल आदि में रोल दिलाने के नाम पर जाल में फंसाता था. वह चूंकि मौडलिंग एजेंसी, फैशन शो और विज्ञापनों के लिए बैकग्राउंड कलाकारों की कास्टिंग का काम करता था, इसलिए उस के तमाम मौडलों के अलावा मुंबई के कई नामी रंगमंच कलाकारों से भी अच्छे संबंध थे.

इन्हीं संबंधों की आड़ में जब वह मौडल युवतियों को बौलीवुड में अच्छे रोल दिलाने की बात कहता, तो मौडल उस की बातों पर सहज ही भरोसा कर लेती थी. मिलिंद मौडल युवतियों को जाल में फंसाने के बाद ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर (ठाकुर) से मिलवाता था. ब्रजेंद्र खुद को मुंबई का डायरेक्टर, प्रोड्यूसर बता कर कहता था कि बोल्ड सीन आज की जरूरत हैं. प्रत्येक सीन के लिए वह 25 हजार रुपए देने की बात कहता था. जब लड़की तैयार हो जाती तो वह अपने सहयोगियों के साथ बोल्ड सीन के नाम पर अश्लील फिल्में शूट कर लेता था. शूटिंग के दौरान ये लोग मौडल युवतियों को भरोसा दिलाते थे कि इस फिल्म की एडिटिंग के दौरान अश्लील दृश्य हटा दिए जाएंगे. लेकिन बाद में इन फिल्मों को ये लोग बिना एडिट किए ही मुंबई में रहने वाले अशोक सिंह व विजयानंद पांडेय के माध्यम से लाखों रुपए में पोर्न साइटों को बेच देते थे.

पुलिस जांचपड़ताल में जुटी थी कि मध्य प्रदेश के रीवा और इंदौर की रहने वाली 2 मौडलों ने 31 जुलाई को साइबर सेल को ऐसी ही शिकायतें दीं. पुलिस ने दोनों के बयान दर्ज किए. इन युवतियों ने बताया कि इस गिरोह में कई बड़े लोग भी शामिल हैं. गिरोह के कुछ सदस्यों ने कुछ समय पहले स्टार फिल्म्स के नाम पर उन से मूवी बनाने का करार किया था. बाद में बोल्ड वेब सीरीज बनाने की बात कह कर अश्लील वीडियो तैयार कर ली गईं. इस पोर्न फिल्म को मुंबई में लाखों रुपए में बेचा गया. यह वीडियो क्लिप ‘देसी आयटम’ के नाम से पोर्न साइट पर डाल दी गई. इतना ही नहीं, मूवी के लिए किए गए करार के मुताबिक पैसे भी नहीं दिए गए, बल्कि ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण किया गया.

दूसरी ओर, पुलिस ने दोनों गिरफ्तार आरोपियों मिलिंद और अंकित को रिमांड पर ले कर एरोड्रम इलाके में गांधीनगर से लगे शिमला फार्महाउस पर छानबीन की, जहां फिल्म की शूटिंग की गई थी. पता चला इस फार्महाउस का मालिक अजय गोयल था. अजय की तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला. इस बीच, एक उद्योगपति ने पुलिस से संपर्क कर बताया कि फार्महाउस का मालिक वह है न कि अजय गोयल. फार्म हाउस किसी का, खेल खेला किसी और ने  मालिक ने अजय को अपना फार्महाउस कुछ दिनों के लिए किराए पर दिया था. पुलिस को इस दौरान स्कीम 78 और 114 के 2 आलीशान बंगलों में भी फिल्म की शूटिंग करने का पता चला. इसी के साथ गिरोह में प्रमोद, युवराज आदि के शामिल होने की जानकारी भी मिली.

पुलिस ने शूटिंग वाले बंगलों के मालिकों, गिरोह के सरगना ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर और गजेंद्र सिंह सहित अन्य आरोपियों की तलाश के लिए टीम गठित की. इस के साथ ही मिलिंद व अंकित के मोबाइल व लैपटौप की भी जांच शुरू कर दी. जिन साइटों पर फिल्में अपलोड की गईं, उन के संचालकों को पुलिस ने नोटिस भेज कर जवाब मांगा. जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि वेब सीरीज के नाम पर उभरती मौडल्स के हौट वीडियो शूट करने के अलावा कई नामी ब्रांड्स के ऐड शूट करने के नाम पर भी महिला पुरुष मौडल्स से धोखाधड़ी की गई थी.

पुलिस को शिकायतें मिली कि कपड़ों, कौस्मेटिक, ज्वैलरी, गारमेंट्स, जूते व इलेक्ट्रौनिक्स प्रौडक्ट के विज्ञापनों के नाम पर हौट फोटो शूट कराए गए, लेकिन मौडल्स को न तो पैसा दिया गया और न ही कोई सर्टिफिकेट या ब्रैंड कंपनी का लेटर. पीडि़त युवतियों ने पुलिस को यह भी बताया कि जिन फार्महाउसों या बंगलों में शूटिंग की जाती थी, गिरोह के लोग उन पर उन के मालिकों से शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बनाते थे. पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि गिरोह में हाई प्रोफाइल एस्कार्ट सर्विस से जुड़ी युवतियां भी शामिल थीं. ये एस्कौर्ट हौट फिल्म शूट के नाम पर नई मौडल्स को शूट के लिए उकसाती थीं. फिर कैमरा बंद करने का बहाना कर उन के न्यूड सीन शूट करा देती थीं. बातों में लगा कर कई सीन बंगलों के कमरों में लगे गुप्त कैमरों से भी शूट किए जाते थे.

ऐसे सीन कैमरे में कैद हो जाने के बाद उन्हें ब्लैकमेल किया जाता था. उन से अश्लील दृश्यों की शूटिंग कराई जाती थी और फाइनेंसर या फार्महाउस के मालिक से शारीरिक संबंध बनाने के लिए धमकाया जाता था. एक अन्य युवती ने पुलिस से संपर्क कर बताया कि उस के साथ भी ऐसा ही किया गया था. फिल्म शूटिंग के नाम पर उसे 10 दिन तक बंगले में बंधक बना कर रखा गया. उसे किसी से मिलने भी नहीं दिया गया. यहां तक कि उस का मोबाइल भी छीन लिया गया था. किसी को बताने पर बदनाम करने की धमकी दी गई. ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर खुद को टीवी व फिल्म प्रोडक्शन कंपनी का मालिक बताता था. सोशल मीडिया अकाउंट में कई बौलीवुड ऐक्टर उस की फ्रैंड लिस्ट में शामिल थे.

पुलिस में सब से पहली शिकायत दर्ज कराने वाली मौडल ऐश्वर्या को इसी साल फरवरी में ब्रजेंद्र सिंह और उस के साथी खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में भी ले गए थे. वहां इन लोगों ने मौडल को कई लोगों से मिलाया और झांसा दिया कि ये लोग टीवी सीरियल और वेब सीरीज में आसानी से रोल दिलवा देंगे. पुलिस लगातार पोर्न फिल्म बनाने वाले आरोपियों की तलाश में उन के ठिकानों पर दबिश दे रही थी. इस दौरान पता चला कि बिचौली मर्दाना, रितुराज मेंशन, संपत हिल्स में रहने वाला गजेंद्र सिंह हाईप्रोफाइल सैक्स रैकेट मामले में 5 जुलाई से जेल में बंद है. उसे कुछ दिन पहले इंदौर की सराफा पुलिस ने एक होटल में दबिश दे कर पकड़ा था. उस होटल में वह सैक्स रैकेट से जुड़ी उजबेकिस्तान की एक मौडल युवती को सप्लाई करने गया था.

पुलिस की दबिश के दौरान गजेंद्र उर्फ गोवर्धन उर्फ गज्जू चंद्रावत के घर पर एक कार मिली. इस कार पर एक न्यूज चैनल और प्रैस का स्टीकर लगा हुआ था. वह खुद को पत्रकार बता कर घूमता था. गजेंद्र ने इंदौर की मौडल की शूट की गई पोर्न फिल्म में हीरो का रोल किया था. 5 अगस्त को एक और मौडल ने साइबर सेल में शिकायत की. उस ने बताया कि वह फिल्मों में काम करती है. 2014 में एक फोटो शूट के दौरान वह ब्रजेंद्र और शुभेंद्र से मिली थी. ब्रजेंद्र ने उसे अपनी निर्माणाधीन फिल्म में रोल और 2 लाख रुपए देने का वादा किया था. बाद में उस ने शूटिंग में अश्लील फिल्म बना ली और 2 लाख रुपए भी नहीं दिए. मौडल ने पैसों के लिए दबाव बनाया तो उस ने वीडियो वायरल करने की धमकी दी.

पिछले साल ब्रजेंद्र ने एक युवती की मुलाकात मुंबई के एक डायरेक्टर राज से करवाई. उसे फिल्म शूटिंग के मेहनताने के रूप में रोजाना 10 हजार रुपए देने की बात तय हुई. फिल्म के नाम पर अश्लील सीन शूट कर लिए गए और उन्हें पोर्न साइट पर डाल दिया गया. साइबर सेल पुलिस ने जेल में बंद गजेंद्र का अदालत से प्रोडक्शन वारंट हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की, ताकि उस से पोर्न फिल्मों के मामले में पूछताछ की जा सके. लगातार भागदौड़ के बीच, साइबर सेल पुलिस ने 10 अगस्त को गिरोह के सरगना ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया. वह इस मामले में अग्रिम जमानत के प्रयास में इंदौर आया था, तभी पुलिस को सूचना मिल गई और उसे पकड़ लिया गया. दूसरी ओर, गजेंद्र उर्फ गज्जू उर्फ गोवर्धन चंद्रावत को जेल से प्रोडक्शन वारंट के तहत रिमांड पर लिया गया.

ब्रजेंद्र सिंह गुर्जर से पूछताछ में पता चला कि वह मूलरूप से दमोह का रहने वाला है. बीबीए और एमबीए तक शिक्षित ब्रजेंद्र 2011 में इंदौर आया था. पहले वह इंदौर में बौंबे हौस्पिटल के पीछे एक गेस्टहाउस में रहता था. बाद में टाउनशिप व पौश कालोनियों में किराए पर रहा. इस दौरान ब्रजेंद्र की मुलाकात भोपाल के राजीव सक्सेना से हुई. राजीव एक सीरियल बना रहा था. उस ने ब्रजेंद्र को अपनी प्रोडक्शन कंपनी में मैनेजर रख लिया. यहां से उस ने फिल्म व सीरियल बनाने का अनुभव प्राप्त किया. राजीव ने कुछ महीने तक काम कराने के बाद ब्रजेंद्र को उस के मेहनताने का एक रुपया भी नहीं दिया और भोपाल चला गया.

2014 में उस ने बिपाशा बसु के साथ एक फिल्म में साइड रोल किया था. इस के अलावा एक हौलीवुड फिल्म में भी उसे छोटा सा रोल मिला था. एक वीडियो एलबम अजब इश्क में शान ने एक गाना गाया था, उस का पिक्चराइजेशन ब्रजेंद्र ने किया था. फिल्मों के सिलसिले में वह मुंबई आताजाता रहता था. इस दौरान उस के कई डायरेक्टर, प्रोड्यूसरों से अच्छे संपर्क बन गए थे, लेकिन फिल्मों में उसे अच्छा मुकाम नहीं मिल पाया था. खुद डायरेक्टर बनने की ठानी आखिर ब्रजेंद्र ने खुद ही फिल्म डायरेक्टर बनने की बात सोची. उस ने खुद का प्रोडक्शन हाउस बना लिया. 2015 में ब्रजेंद्र ने मुंबई के अंधेरी स्थित रजिस्ट्रेशन औफिस में स्टार फिल्म्स के नाम से एक कंपनी रजिस्टर्ड करवाई थी. उस ने परिवर्तन नाम से एक सीरियल भी बनाया. कुछ वीडियो सौंग्स भी शूट किए.

उस ने ‘द डेट’ नाम की एक फिल्म भी बनाई, लेकिन उस की क्वालिटी अच्छी नहीं होने से कोई खरीदार नहीं मिला. अच्छी क्वालिटी की फिल्म बनाने के लिए करोड़ों रुपए की जरूरत होती है. इतना पैसा ब्रजेंद्र के पास नहीं था. ब्रजेंद्र के इंदौर में कई ऐसे लोगों से संपर्क हो गए थे, जो मौडलिंग, फैशन शो और विज्ञापन के लिए कलाकार व कास्टिंग का काम करते थे. इन के माध्यम से वह उभरती मौडल्स को अपने जाल में फांसता. खुद को मुंबई का डायरेक्टर, प्रौड्यूसर बता कर मौडल्स को वेब सीरीज व सीरियल में काम दिलाने के नाम पर इंदौर बुलाता. फिर आलीशान बंगलों व फार्महाउसों में बोल्ड सीन के नाम पर अश्लील फिल्म शूट कर ली जाती. शूटिंग के दौरान हालांकि वह मौडल को इस बात का विश्वास दिलाता था कि शूट किए गए अश्लील सीन एडिटिंग में हटा दिए जाएंगे, लेकिन वह ऐसा करता नहीं था.

फिल्मों के फाइनेंसर और बंगलों व फार्महाउस के मालिक को खुश करने के लिए भी वह मौडल्स को धमका कर या दबाव बना कर शारीरिक शोषण के लिए तैयार करता था. पोर्न फिल्म तैयार होने पर वह मुंबई के लोगों के मार्फत 10 लाख रुपए तक में फिल्म बेच देता था. वह हर बार नए चेहरे और नए कंटेंट पर ज्यादा ध्यान देता था ताकि पोर्न मार्केट में फिल्म की अच्छी कीमत मिल सके.  सन 2018 में आष्टा के ओम ठाकुर ने ‘उल्लू’ ऐप का एग्रीमेंट दिखा कर इंदौर में 4 एडल्ट एपिसोड बनाने के लिए ब्रजेंद्र से संपर्क किया था, लेकिन ओम ठाकुर का एग्रीमेंट फर्जी निकला. उस ने ब्रजेंद्र को कोई पैसा नहीं दिया.

ब्रजेंद्र ने मिलिंद डावर के जरिए इंदौर की 5 मौडल्स को कास्ट कर के ये एपिसोड बनाए थे. उस ने सैक्स रैकेट से जुड़े गजेंद्र उर्फ गज्जू को लीड हीरो के रूप में साइन किया था. इन एपिसोड की शूटिंग इंदौर में स्कीम नंबर 78 में योगेंद्र जाट का आधुनिक सुखसुविधाओं वाला फार्महाउस किराए पर ले कर की गई थी. ब्रजेंद्र ने शुभेंद्र गुर्जर के साथ मिल कर भी एक मूवी बनाई थी. शुभेंद्र भी उभरती मौडल्स के हौट वीडियो एलबम और फिल्में बनाता था. गिरोह के सरगना ब्रजेंद्र ने पुलिस को बताया कि उस ने इंदौर में मौडल ऐश्वर्या के साथ जो पोर्न फिल्म शूट की थी, वह मुंबई के विजयानंद को एडिटिंग के लिए दे दी थी. विजयानंद पर भी इस तरह की पोर्न फिल्में बनाने के आरोप हैं. इस बीच, कोरोना के चलते लौकडाउन की वजह से वह फिल्म विजयानंद के पास ही रह गई.

उस ने वह फिल्म हाई डेफिनिशन कंपनी के अशोक सिंह को दे दी. अशोक ने वह फिल्म फेनियो मूवी के संजय परिहार को बेच दी. संजय ने उसे पोर्न साइट पर अपलोड कर दिया था. इस के बाद ही मौडल ऐश्वर्या को इस बात की जानकारी हुई थी. पुलिस की जांच में सामने आया कि गजेंद्र उर्फ गजानंद मूलरूप से गरोठ का रहने वाला है. उस ने 2012 में इंदौर आ कर ड्राइवर की नौकरी की. 2014 में देवास में उस की मुलाकात पवन सोनगरा से हुई. पवन ने उस से देह व्यापार एजेंट के रूप में काम कराया. 2018 में पवन के निधन के बाद उस ने खुद का काम शुरू कर दिया. उस के कई विदेशी युवतियों से भी संपर्क थे. वह वाट्सऐप पर युवतियों के फोटो भेज कर ग्राहक ढूंढता था.

इंदौर में एरोड्रम इलाके में जिस शिमला फार्महाउस में ब्रजेंद्र व मिलिंद आदि ने मौडल ऐश्वर्या के साथ पोर्न फिल्म शूट की थी, उस फार्महाउस का मालिक पहले अजय गोयल होने की बात सामने आई थी. बाद में फर्नीचर व्यवसायी ओमप्रकाश बड़के ने पुलिस को बताया कि फार्महाउस उस का है. उन्हें फार्महाउस का मेंटिनेंस कराना था. साढ़ू अशोक गोयल ने फार्महाउस की चाबी ले कर वहां का मेंटिनेंस कराने की बात कही. थी. इसी दौरान पोर्न फिल्म की शूटिंग की गई थी.

पुलिस इस मामले में बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है. हालांकि देरसबेर आरोपी पकड़े जा सकते हैं, लेकिन सवाल यह है कि अश्लीलता के महासागर में इन छोटी मछलियों के पकड़ में आने से क्या पोर्न फिल्मों की गंदगी रुक जाएगी? यह इसलिए भी मुश्किल लगता है, क्योंकि आज मोबाइल हर इंसान की पहुंच में है. मोबाइल के जरिए ही यह गंदगी बच्चों से ले कर बूढ़ों तक सहजता से पहुंच रही है.

—कहानी पुलिस सूत्रों पर आधारित, मौडल ऐश्वर्या का नाम बदला हुआ है

 

वेबसीरीज : HARIKATHA

Web series : ‘हरिकथावेब सीरीज में उच्च जाति के कुछ लोग निम्न जाति के दास नाम के बालक की मां को पीटपीट कर मार देते हैं तो दास भगवान विष्णु के अवतार का भेष धारण कर मां के हत्यारों और दुराचारियों की एकएक कर हत्या करता है. लगातार हो रही हत्याओं को सुलझाने में पुलिस औफीसर तक की जान चली जाती है.

निर्माता: विश्वप्रसाद टीजी, विवेक कुचिबोटला और कृति प्रसाद, निर्देशक: रमेश मूर्ति और मैगी, लेखक: सुरेश जय, ओटीटी: डिज्नीप्लस हौटस्टार

कलाकार: राजेंद्र प्रसाद, श्रीकांत, मौनिका रेड्डी, दिवि वधाता, पुजिता पोन्नदा, श्रेया कोट्टम, अर्जुन अंबाती, रुचिरा सादिनेनी, विक्रम सत्यसाची, सुमन झा और ऊषाश्री.

वेब सीरीज   (Web series) हरिकथा’  (HARIKATHA) दिनांक 15 दिसंबर, 2024 को रिलीज हो चुकी है. यह हिंदी के साथसाथ साउथ भाषाओं और मराठी व बंगाली में भी मौजूद है. इस की कहानी एक ऐसे गांव में सेट की गई है, जहां के लोगों का मानना है कि भगवान खुद हत्या कर के उन्हें सजा देने के लिए उतर रहे हैं. यह सब घटनाएं देख कर गांव वाले काफी डर और घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि ये मौतें ईश्वरीय दंड का हिस्सा हैं. एक पुलिस अधिकारी उस गांव में आता है और इस विश्वास को चुनौती देता है कि हत्याओं के पीछे ईश्वर का हाथ तो नहीं है. जब वह इन अनसुलझे रहस्यों की जांच करता है तो इस प्रक्रिया में वह अपने परिवार को ही खो बैठता है.

इस वेब सीरीज की कहानी दर्शकों को यह सोचने के लिए मजबूर कर देती है कि इन हत्याओं के पीछे वास्तव में कौन हो सकता है? क्या वास्तव में भगवान ही इन लोगों को सजा दे रहे हैं या कुछ और हो रहा है? क्या पुलिस अधिकारी इन रहस्यों को सुलझा कर इन हत्याओं को रोक सकता है? इस वेब सीरीज का ट्रेलर एक चौंकाने वाले पल से समाप्त होता है.

इस वेब सीरीज  (Web series) में पुलिस अधिकारी विराट की भूमिका श्रीकांत ने निभाई है, जबकि राजेंद्र प्रसाद (रंगाचारी), श्रेया कोट्टम (वैदेही), पुजिता पोन्नदा (लिसा), अर्जुन अंबाती (भरत), दिवि वधाता (चमंथी), रुचिरा सादिनेनी (स्वाति), विक्रम सव्यसाची (मार्थांडा), मौनिका रेड्डी (अंजलि), सुमन झा (हरि) और उषाश्री (ईरम्मा) की भूमिकाओं में हैं.

एपिसोड नंबर 1

पहले एपिसोड की शुरुआत गीता के श्लोक से होती है और फिर 1982 के एक कोर्ट के दृश्य को दिखाया जाता है, जिस में हथौड़े से लोगों का मर्डर करने के जुर्म में दास नामक युवक को 18 साल की सजा सुनाई जाती है. दास माइनर था, इस वजह से उसे जुबिनायल ले जाने लगते हैं. पुलिस वैन में एक कांस्टेबल दास को जातिगत टिप्पणी कर देता है, जिस से गुस्सा हो कर द्वास पुलिस कांस्टेबल अपर्णा के हथियार से ही उस का खून कर देता है. अगला दृश्य 1990 का दिखाया जाता है, जहां विशाखापट्टनम में पुलिस अधिकारी विराट (श्रीकांत) ने एक बड़े शातिर क्रिमिनल को पकड़ कर लौकअप रूप में बंद कर रखा है. 

उस अपराधी को पकडऩे पुलिस फोर्स आ रही होती है, ताकि उसे जेल भेजा जा सके, तभी वहां पर विराट (श्रीकांत) की पत्नी अंजलि (मौनिका रेड्डी) पुलिस स्टेशन आ जाती है, जिस का उस दिन जन्मदिन भी होता है. विराट के क्रिमिनल के साथ बिजी होने के कारण अंजलि अपना जन्मदिन पुलिस वालों के साथ मनाती है. वहां पर उस क्रिमिनल को छुड़ाने के लिए थाने में कई आतंकी आ जाते हैं. एक आतंकी उस क्रिमिनल को कैद से छुड़ाने अपनी राइफल ले कर आगे बढ़ता है तो वहां मौजूद विराट का दोस्त भरत उस से भिड़ जाता है. उसी दौरान आतंकी की गोली अंजलि के सीने पर लग जाती है और एक गोली विराट को लग जाती है, जिस से विराट घायल हो कर गिर जाता है, जबकि अंजलि की मृत्यु हो जाती है.

इस के बाद कुछ साल पहले का दृश्य सामने आता है, जहां अराकू वैली में 2 व्यक्तियों की नृशंस हत्या हुई थी. तभी वहां पर लिसा (पुजितो पोन्नदा), जोकि एक टीवी रिपोर्टर है, आ कर वीडियो रिकौर्डिंग करने लगती है तो पुलिस औफिसर भरत (अर्जुन अंबाती) उसे रिकौर्डिंग करने से रोक देता है. अब वहां पर गांव का प्रतिभाशाली आदमी और वहां का बौस केशव आ जाता है. जिन 4 लोगों की हत्या हुई थी, वे दोनों केशव के ही आदमी थे. भरत केशव से पूछता है कि इन दोनों को किस ने मारा होगा.

पुलिस को घटनास्थल से कुछ दूरी पर वह हथियार भी मिल जाता है, जिस से हत्या की गई थी. अगले दृश्य में सभी गांव वाले अपने सरपंच से कहते हैं कि हम सभी को अपनी देवी देवरम्मा के पास जाना चाहिए, क्योंकि जिस हथियार से इन दोनों की हत्या की गई है, वह हथियार परशुराम के फरसे की तरह था.  अब सभी गांव वाले सरपंच के साथ देवरम्मा के दर्शन के लिए जाते हैं. वहां पर देवी देवरम्मा को प्रसन्न करने के लिए बकरे की बलि चढ़ाई जाती है और सभी देवरम्मा की पूजा करते हैं. उस के बाद देवरम्मा बलि के खून को छू कर कहती है, देवता सभी पर रुष्ट हैं. वे सभी को मार डालेंगे. साथ ही यहां पर लिसा (पुजिता पोन्नदा) भी होती है, जो सभी दृश्यों को कैमरे में रिकौर्ड करती दिखाई दे रही है.

अगले दृश्य में हम एक वुमनाइजर को देखते हैं, जो अय्याश है. वह अपने साथी से कहता है कि आज रात मंदाकिनी को बुला लो, मेरा उस के साथ प्यार करने का मन है. तब उस का साथी काशी कहता है कि मंदाकिनी आज गांव में नहीं है. तभी लाउडस्पीकर पर घोषणा हो रही होती है कि आज रात को गांव में नाटक मंडली द्वारा हिरण्यकश्यप वध का मंचन किया जा रहा है. वुमनाइजर अपने साथी काशी से कहता है कि आज रात तो नाटक देखना पड़ेगा, क्योंकि आज मंदाकिनी तो गांव में है ही नहीं.

अगले दृश्य में सभी गांव वाले नाटक देखने लगते हैं, तभी वहां पर चमंथी (दिवि वधाता) आती है, जो एक वैध भी है. उस की सहेली चमंथी से देर में आने का कारण पूछती है तो वह बताती है कि मंदाकिनी गांव में लौट आई है. उस से मैं ने बाजार से कुछ दवाइयां मंगाई थीं, इसलिए मैं उस के पास चली गई थी. यह बात वुमनाइजर सुन लेता है. वह अब मंदाकिनी से मिलने अपनी बाइक पर चल पड़ता है, लेकिन तभी उस की बाइक खराब हो जाती है तो वह पैदल ही निकल पड़ता है. 

जैसे ही वह जंगल के पास पहुंचता है तो तेज हवाएं शुरू हो जाती हैं. इस पर वह एक पेड़ से टकरा जाता है, तभी उस पेड़ पर अचानक भगवान नृसिंग प्रकट हो जाते हैं और वह उस वुमनाइजर को अपनी जांघ पर रख कर उसे बीच से फाड़ देते हैं. तभी इस घटना को गांव का एक व्यक्ति वीरू देख लेता है, जो यह देख कर वहां से भाग जाता है. अगले दृश्य में वीरू अपने घर पर चारपाई पर लेटा हुआ है और वह सारी रात की बातें गांव वालों को बताता है. उसे चमंथी दवाई देती है, लेकिन वह दवाई नहीं पीता. वह सभी गांव वालों को जंगल में उस जगह पर ले जाता है, जहां पर वुमनाइजर का मर्डर हुआ था. वहां पर लिसा रिकौर्डिंग करती है तो पुलिस औफीसर भरत उसे रिकौर्डिंग करने से मना कर देता है. सभी गांव वालों को भी अब यह लगने लगता है कि स्वयं भगवान आ कर दुष्टों का नरसंहार कर रहे हैं. 

अगले सीन में लिसा नाटक मंडली के अभिनेता रंगाचारी (राजेंद्र प्रसाद) से उन का इंटरव्यू लेती है. उधर विराट अपनी बेटी स्वीटी को घुमाने जंगल ले जाता है. विराट के दिमाग का साउंड रिसीविंग सिस्टम ब्लौक होने के कारण उसे सुनने में काफी दिक्कत होती है. स्वीटी जंगल में खेलने लगती है, तभी वहां पर कुछ कुत्ते विराट पर हमला कर देते हैं. उस की आवाज सुन कर चमंथी वहां पर आ जाती है. दोनों में परिचय होता है.

अगले सीन में सभी लोग गांव में नाटक देख रहे होते हैं, तभी वहां पर एक आदमी आ कर भरत के कान में कुछ कहता है, जिसे सुन कर भरत वहां पर किसी व्यक्ति की स्कूटी ले कर जंगल की ओर निकल जाता है. उसे जंगल में जाते देख कर लिसा अपना कैमरा ले कर उस का पीछा करने लगती है. भरत जब जंगल के बीच में पहुंचता है तो वहां पर उसे बहुत सारे जंगली सूअर उसे घेर लेते हैं और उन से बचने के लिए वह कांटों से भरे गहरे गड्ढे में गिर जाता है. फिर जंगल में बहुत तेज आंधीतूफान आ जाता है, जिस से लिसा जमीन पर गिर जाती है और उस का सिर एक पत्थर से टकराने के कारण वह बेहोश हो जाती है. उस के बाद गड्ढे में गिरे भरत को एक सांप डस लेता है जिस से भरत की मृत्यु हो जाती है. इसी के साथ पहला एपिसोड भी समाप्त हो जाता है

यदि पहले एपिसोड का विश्लेषण करें तो इस में देवरम्मा चरित्र को दिखाया गया है, जिसे लोग भगवान मानते हैं और उसे बलि भी देते हैं. आज के आधुनिक युग में ऐसा अंधविश्वास दिखाना गले से नहीं उतर पाता. दूसरा जब पूरे देश में बलि प्रथा लगभग समाप्त हो चुकी हो तो उसे दिखाना उचित नहीं लगता.  यहां पर लेखक व निर्देशक ने ऐसे दृश्यों को दिखा कर ठीक नहीं किया. अभिनय की दृष्टि से भी कलाकारों का अभिनय औसत दरजे का रहा है. 

एपिसोड नंबर

दूसरे एपिसोड की शुरुआत में मुजरिम दास की 18 वर्ष की आयु होने पर उसे पुलिसकर्मी एक जीप से जेल ले जाते हैं. रास्ते में जंगल में पुलिसकर्मियों को लघुशंका होने के कारण दोनों पुलिस वाले लघुशंका के लिए उतर जाते हैं. तभी टायलेट करते समय एक पुलिस वाले के जूते के ऊपर पेशाब की बूंदें गिर जाती हैं तो वह पुलिस वाला दास से अपने जूते साफ करने को कहता है, जिस से गुस्सा हो कर दास उस पुलिस वाले की कुल्हाड़ी से हत्या कर देता है. दूसरा पुलिसकर्मी जब दास पर इस बात के लिए गुस्सा करता है तो दास उस की भी हत्या कर डालता है और वहां से भाग कर अपने घर में चला जाता है. 

अगले दृश्य में विराट भरत का दाह संस्कार करता है. भरत के मरने से विराट की बेटी स्वीटी और विराट को बहुत दुख होता है. विराट जब भरत की अस्थियां नदी में प्रवाहित करता है, तभी भरत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ जाती है. पुलिस कांस्टेबल वामन राव विराट को बताता है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मर्डर का एंगल नजर नहीं आ रहा है. घर पर स्वीटी अपने पापा विराट से कहती है कि मेरे ही कारण भरत अंकल की मौत हुई, क्योंकि उस दिन यदि मैं उन्हें अपने साथ नाटक ले जाने की जिद न करती तो वे जिंदा होते. 

स्वाति जब पानी भर कर ला रही होती है तो गांव की औरतें उसे सुनाते हुए कहती हैं कि यह स्वाति कितनी बदनसीब है, जिस की शादी होने से पहले ही उस का पति मर गया. रात के समय विराट को भरत की मौत का सपना आता है तो वह घबरा कर उठ जाता है और वह देखता है कि उस की बेटी स्वीटी नींद में भी भरत की मौत का जिम्मेदार खुद को मान रही थी. यह देख कर विराट उदास हो जाता है. अगले दिन विराट पुलिस स्टेशन जा कर कांस्टेबल वामन राव से पूछता है कि उस रात क्या हुआ था. विराट को अब पुलिस विभाग की ओर से भरत व अन्य लोगों की मौत की जांच के लिए भेजा गया है. 

तब कांस्टेबल वामन राव कहता है कि उस रात भरत सर के कान में कुछ कह कर एक आदमी आया था. उस के बाद भरत सर वहां से मेरी स्कूटी ले कर सीधे जंगल की ओर चले गए थे. विराट उस से कहता है कि यह केस हमें सौल्व करना होगा, क्योंकि मैं अपनी बेटी स्वीटी के दिल से उस के अंकल भरत की मौत का गिल्ट निकालना चाहता हूं और फिर इस से यह भी पता चल जाएगा कि इस के पीछे भगवान ही है या कोई और ही कातिल है. अगले सीन में चमंथी नहाने के लिए झरने के पास जा रही होती है, तभी वहां पर विराट आ जाता है और चमंथी से कहता है कि आप को अकेले इस तरह जंगल में नहीं जाना चाहिए. यहां काफी खतरा है. फिर विराट नदी के किनारे जा कर खड़ा हो जाता है, तभी वहां पर स्वाति आ जाती है. विराट स्वाति से पूछता है कि भरत कभी किसी बड़े केस में इन्वौल्व तो नहीं था. 

इस पर स्वाति कहती है कि भरत ने तो कभी भी किसी बड़े केस को हाथ तक नहीं लगाया था. उस के बाद विराट गांव वालों से पूछताछ करता है तो सभी कहते हैं कि भरत एक सीधासादा इंसान था. तभी ढोलनगाड़ों की आवाज सुनाई देती है. सभी गांव वाले वहां पर इकट्ठे हो जाते हैं तो वहां पर गांव के सरपंच ने ही सब को बुलाया हुआ था. सरपंच गांव वालों से कहता है कि भगवान हम सब से नाराज हैं, इसलिए जब तक भगवान का गुस्सा शांत नहीं हो जाता, तब तक कोई भी गांव का आदमी जंगल में नहीं जाएगा. 

रात के वक्त सभी गांव वाले आपस में बात करते हैं कि हम सभी को (HARIKATHA) जंगल से ही रोजीरोटी मिलती है, अब हम जंगल में ही नहीं जा पाएंगे तो हमारा गुजारा कैसे हो पाएगा. अगले दृश्य में गांव का एक आदमी साइकिल से जा रहा होता है तो वह एक दृश्य देख कर वापस गांव आ कर सभी को उस स्थान पर ले कर आता है, जहां पर आने से पता चलता है कि किसी ने गांव के सरपंच की हत्या कर उस के शव को एक पेड़ से लटका दिया था. तभी वहां पर पुलिस औफीसर विराट आता है और गांव वालों से करता है कि यह मर्डर भगवान ने नहीं, बल्कि इसी गांव के किसी आदमी ने किया है. इस पर गांव वाले विराट को काफी बुराभला कहने लगते हैं. 

अब विराट पुलिस स्टेशन आ कर अब तक मरे सभी लोगों की केस फाइल मंगवाता है. वामन राव सारी फाइलें ले कर आता है. तब विराट उस से पूछता कि इन सभी मौतों में कौमन क्या है? वामन राव बताता है कि ये सभी मरने वाले लोग इसी गांव के निवासी थे. तब विराट कहता है कि इस के अलावा कुछ और अलग बात जरूर है, जिसे तुम समझ नहीं पाए हो. तभी पुलिस स्टेशन में एक महिला अपने मृत पति की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मांगने आती है क्योंकि बैंक के लोग उसे बिना पोस्टमार्टम रिपोर्ट के पैसे देने में आनाकानी कर रहे थे. 

तब पुलिस औफीसर विराट को पता चलता है कि उस महिला का पति भी रात को नाटक देखने गया थे, जिस के बाद उस की मौत हो गई थी. यह सुन कर विराट उस केस की विस्तृत छानबीन करता है, तब उसे यह पता चलता है कि अब तक मरे हुए सभी लोग रात को नाटक देखने गए थे.उस के बाद विराट सीधा नाटक कंपनी के संचालक व अभिनेता रंगाचारी के घर जा कर उस का गला पकड़ कर कहता है कि अब  तुम मुझे सब कुछ सचसच बता दो, तुम ने सारे लोगों को क्यों मारा है

इस पर रंगाचारी कहता है कि मुझे तो रात में शो के दौरान ठीक से दिखाई भी नहीं देता, क्योंकि मेरी आंखें कमजोर हैं तो फिर मैं भला उन लोगों का खून कैसे कर सकता हूं. तभी वहां पर स्पीकर से जोरजोर से शोर होने लगता है, जिस के कारण विराट के कानों में काफी परेशानी होने लगती है. तब यह देख कर एक आदमी आ कर लाउडस्पीकर को बंद कर देता है. उस के बाद रंगाचारी विराट से कहता है कि आज रात आप खुद नाटक देखने आ जाना, जिस से आप को यह पता चल जाएगा कि वास्तव में ये सब मर्डर कौन कर रहा है और इसी के साथ एपिसोड समाप्त हो जाता है.

इस एपिसोड में जो (HARIKATHA) अपराधी दास है, जब सभी पुलिस वालों को और अन्य लोगों को यह बात पता है कि यह ऊंचनीच या अछूत की बातें सुन कर तैश में आ जाता है तो वे बारबार उसे क्यों इस तरह प्रताडि़त कर रहे हैं. इस के बाद उस के पास पुलिस वालों को मारने के लिए आखिर एकाएक हथियार कैसे मिल गया? यदि वह सजायाफ्ता है तो उस के हाथों में हथकड़ी क्यों नहीं थी? ये सब देख कर यह सीन काल्पनिक सा लगता है. 

दूसरी बात यह है कि दास के रूप में जिस कलाकार को दिखाया गया है, वह अभिनय करने की दृष्टि से कहीं से कहीं तक कलाकार नहीं लगता, बस एक नौसिखिया सा नजर आता है. अभिनय की दृष्टि से भी इस एपिसोड में कलाकारों का अभिनय केवल औसत दरजे का रहा है.

एपिसोड नंबर 3

इस एपिसोड की शुरुआत में हम फिर उसी बाल अपराधी दास को देखते हैं, जो कुछ लोगों को मार रहा है. अगले दृश्य में गांव का गुंडा केशव गांव वालों से कहता है कि एक न एक दिन तो सभी को मरना है, पर आज डोरा की बारी है. चमंथी विराट से कहती है कि मुझे पूरा विश्वास था कि आज तुम नाटक देखने जरूर आओगे. उस के बाद विराट कांस्टेबल वामन राव से पूछता है कि आज यहां पर जितने भी लोग नाटक देख रहे हैं, उन का करेक्टर अब तक मरे हुए लोगों से कहीं मिलता तो नहीं है? यानी कि जिन्होंने कभी नीच हरकत की हो. 

तब वामन राव बताता है यहां पर 3 आदमी हैं, जिन में पहला प्रभाकर, दूसरा केशव और तीसरा डोरा है. प्रभाकर और केशव के बीच में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है और जो यह तीसरा डोरा बैठा है, वह क्रिमिनल्स की लिस्ट में पहले नंबर पर है. चौथे नंबर पर विराज है, जो एक नंबर का लड़कीबाज है. विराट वामन राव से कहता है कि अपने आदमियों से कहो कि इन सभी पर अपनी नजर रखें. तब कांस्टेबल वामन राव अपने आदमियों को काम पर लगा देता है. फिर विराट भी उन को देखता रहता है. वे सभी चारों लोग अपनेअपने घर जाने लगते हैं. 

तभी वामन राव का विराट को फोन आता है वह बताता है कि डोरा जंगल की ओर गया है. तब विराट जंगल में डोरा का पीछा करने लगता है, वह देखता है कि डोरा वहां पर किसी से अपनी गलतियों की माफी मांग रहा है और जिस से माफी मांग रहा है, वह कोई और नहीं बल्कि विष्णु भगवान के वामन अवतार हैं. उस के बाद भगवान वामन देव डोरा को 3 कदम आगे आने का आदेश देते हैं, फिर जैसे ही डोरा आगे की ओर बढ़ता है वैसे ही एक विशालकाय पेड़ डोरा के ऊपर गिर जाता है, जिस से डोरा की मौत हो जाती है. 

फिर वहां पर भगवान वामन देव कांस्टेबल वामन राव को आशीर्वाद दे कर वहां से चले जाते हैं. तभी विराट को जंगल में लिसा का कैमरा मिलता है और उसी समय विराट के पीछे से कोई अचानक भाग कर गायब हो जाता है. अगले दिन कांस्टेबल वामन राव गांव वालों को बताता है कि कल रात खुद भगवान वामन देव ने उसे आ कर आशीर्वाद दिया था. यह सब सुन कर गांव भर में सभी लोग अब जगहजगह कांस्टेबल वामन राव की बातें करते दिखाई देते हैं. 

उस के बाद थाने में विराट किसी केस को सौल्व करने के लिए केस की कड़ी से कड़ी मिला रहा होता है, तभी वहां पर कांस्टेबल वामन राव आ जाता है और मेज पर कैमरा देख कर वह विराट से कहता है कि यह कैमरा तो लिसा का है. विराट उस से लिसा के बारे में पूछता है तो वामन राव उसे बताता है कि लिसा न्यूज चैनल वीएनसी की तरफ से यहां की मौतों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही थी. 

विराट नाटक मंडली के लोगों को थाने बुला कर उन से सख्ती से सत्य उगलवाने की कोशिश करता है, तभी वहां पर एक नया सबइंसपेक्टर आ जाता है और वह विराट को थाने से बाहर निकाल देता है. अगले दृश्य में लिसा को अब होश आ चुका था. फिर अब हम विराट को देखते हैं वह उस जगह पर बैठा शराब पी रहा होता है, जहां पर उस के दोस्त भरत की मृत्यु हुई थी. विराट नशे में कहता है कि मैं अपने दोस्त के हत्यारे को एक दिन जरूर पकड़ लूंगा. 

उसी समय वहां पर लिसा आ जाती है और अपने कैमरे की कैसेट ले कर वहां से चली जाती है, जो उस दिन जंगल में गिर गई थी, जब भरत का मर्डर हुआ था और लिसा पत्थर लगने से बेहोश हो गई थी. उस की यह कैसेट उस दिन यहीं पर गिर गई थी. अगले दृश्य में रंगाचारी अपने घर पर आता है तो वहां पर विराट उस का इंतजार कर रहा होता है. विराट रंगाचारी से कहता है कि जिसे मैं ने उस दिन देखा था, उस की हाइट 5 फीट की थी और उस के बाल सफेद थे. मुझे पूरा विश्वास है कि वह आदमी तुम्हारी नाटक मंडली में से ही एक है, मगर वह अभी यहां पर नहीं है. यह बात तुम सब अच्छी तरह से जान लो कि लोगों को अब मुझ से भगवान भी नहीं बचा सकता, क्योंकि मुझे अब कातिल का पता चल गया है और फिर यहीं पर तीसरा एपिसोड भी समाप्त हो जाता है.

इस एपिसोड में भी लेखक और निर्देशक कहानी को दिखाने में भटकाव की स्थिति में दिखाई दे रहे हैं. विराट को किस ने सभी केसों को सौल्व करने का आदेश दिया और फिर एक एसआई आ कर विराट को थाने से बाहर कर देता है. कहानी में ऐसा लग रहा है कि मानो लेखक कहानी लिखतेलिखते न जाने कहां भटक गया है. अभिनय की दृष्टि से भी यह एपिसोड औसत दरजे का रहा है.

एपिसोड नंबर 4

इस एपिसोड की शुरुआत में एसआई अजय को एसपी का फोन आता है कि तुम इन मर्डर केस को जल्द सौल्व करो, जिस से जल्दी ही तुम्हारा प्रमोशन भी हो जाएगा. अब कहानी फ्लैशबैक में चली जाती है, जहां पर रंगाचारी की बेटी और दामाद की मौत हो जाती है और केवल उन दोनों की बेटी वैदेही (श्रेया कोट्टम) ही जीवित रहती है. रंगाचारी अपनी नातिन से बेहद प्यार करता है और उसे पढऩे बाहर भेज देता है, जहां से वह डाक्टर बन कर आती है. जब वैदेही घर पहुंचती है तो काफी लोग आ जाते हैं. तब लोग कहते हैं कि यहां गांव में चमंथी तो है, फिर वैदेही की क्या जरूरत है. 

इस पर चमंथी कहती है कि मैं तो किसी भी बीमारी को कुछ समय के लिए ही रोक सकती हूं, लेकिन वैदेही तो एक डाक्टर है, जो बीमारी को जड़ से ही खत्म कर देगी. अब वैदेही गांव वालों की मदद करती है तो सभी उस से बहुत खुश रहते हैं. एक दिन केशव की मां की तबीयत खराब हो जाती है तो वैदेही उस का इलाज करने उस के घर जाती है तो वैदेही को देख कर केशव की नीयत खराब हो जाती है और वह उसे पाने के लिए सोचने लगता है. दूसरी सुबह रंगाचारी और वैदेही अपने घर जा रहे होते हैं, तभी तेज आंधीतूफान आ जाता है. 

तभी वहां पर केशव अपनी जीप ले कर आ जाता है और वह रंगाचारी को धक्का दे कर सड़क पर गिरा देता है और वैदेही को अपनी जीप पर बैठा कर अपने घर ले आता है. वैदेही उस से छूटने के लिए बहुत कोशिश करती है किंतु वह कामयाब नहीं हो पाती और केशव वैदेही से रेप कर देता है. रंगाचारी सरपंच के घर पर जा कर उसे सारी बातें बता कर उस से मदद मांगता है. सरपंच रंगाचारी को ले कर केशव के घर पर जाता है और फिर वह रंगाचारी को केशव के घर के बाहर खड़ा रहने को कह कर खुद केशव के कमरे मे जाता है तो वहां वैदेही के सौंदर्य को देख कर वह अपने आप पर संयम नहीं कर पाता और वह भी वैदही का रेप कर देता है. 

जब काफी देर तक न तो वैदेही का पता चलता है और न ही सरपंच घर से बाहर आता है तो रंगाचारी खुद घर के अंदर वैदेही को ढूंढने लगता है लेकिन उसे वहां पर न तो वैदेही मिलती है और और न ही सरपंच कहीं पर दिखाई देता है. अगले सीन में केशव वैदेही को अपने अन्य दोस्तों के पास ले जाता है, जहां पर उस के सभी दोस्त वैदेही के साथ रेप करते हैं. उस के बाद गुंडे केशव के आदमी वैदेही को मरणासन्न अवस्था में सड़क में फेंक कर वहां से चले जाते हैं. रंगाचारी इधरउधर पागलों की तरह वैदही को ढूंढ रहा होता है तो उसे वैदेही सड़क पर मरणासन्न अवस्था में मिल जाती है. 

वह रंगाचारी को अपनी सारी आपबीती बता कर उस से यह वायदा लेती है कि वह यह बात किसी को भी नहीं बताएंगे, क्योंकि इस के कारण केवल रंगाचारी को बदनामी ही मिल सकेगी और फिर वैदेही की मौत हो जाती है. वैदेही की लाश के सामने रंगाचारी और उस का परिवार शपथ लेता है कि जिसजिस ने भी वैदेही के साथ कुकर्म किया है, वे उन में से किसी को भी नहीं छोड़ेंगे. अब रात के समय नाटक के समय केशव पुलिस औफीसर अजय और विराट नाटक देख रहे होते हैं और नाटक खत्म होने के बाद अजय और विराट सभी नाटक करने वालों को एक स्थान पर इकट्ठा कर उन्हें वहीं रोक लेते हैं. 

अगली सुबह केशव रंगाचारी से कहता है कि अब अगला नाटक कब होगा, मुझे तुम जरूर बताना, में देखने अवश्य ही आऊंगा. तभी वहां पर केशव के गैंग का एक आदमी आ कर केशव को बताता है कि बौस हमारे साथी विराट भार्गव का भी मर्डर हो गया है यह सुन कर केशव के होश उड़ जाते हैं. तब रंगाचारी केशव से कहता है अरे भई नाटक तो अब पूरा हुआ है, अभी कुछ नाटक करने तो और भी बाकी हैं. अब पुलिस औफीसर विराट भार्गव की लाश की विस्तृत जांच कर के सीधा जंगल की ओर चला जाता है. वहां पर उसे कपड़े का एक टुकड़ा मिलता है. तभी इसे कुछ आवाज सुनाई पड़ती है तो वह अपने कान से रुई निकाल लेता है और कुछ आवाजें सुनता है. 

आवाज का पीछा करते हुए विराट काफी दूर निकल जाता है, जहां पर जंगल के एक कोने में उसे एक घर दिखाई देता है. विराट घर के अंदर जाता है तो वह वहां पर भगवान विष्णु के सभी अवतारों के कपड़े देखता है. उसे बड़ा आश्चर्य होता है, तभी घर में एक आदमी घुसता है. उसे देख कर विराट उस से पूछता है कि तुम कौन हो? इस पर वह आदमी जोरजोर से थाल बजाने लगता है, जिस के शोर से विराट को बहुत तकलीफ होने लगती है. शोर से सिर घूमने लगता है और विराट को जोर का चक्कर सा आ जाता है और उस का सिर वहां पर रखी मेज के नुकीले कोने से टकरा जाता है. मेज उस के पैरों पर गिर जाती है और वह बुरी तरह घायल हो कर जमीन पर गिर जाता है. 

विराट को जमीन पर गिरा देख वह व्यक्ति अब थाल बजाना बंद कर देता है. जमीन पर गिरा हुआ विराट उस व्यक्ति से एक बार फिर पूछता है कि तुम कौन हो तब वह आदमी बताता है कि मैं भगवान हूं और इसी के साथ चौथा एपिसोड भी समाप्त हो जाता है. इस चौथे एपिसोड में वास्तविकता कम और नाटकीयता कुछ अधिक नजर आ रही है. जब रंगाचारी सरपंच को ले कर केशव के घर पर जाता है तो सरपंच रंगाचारी को घर के बाहर खड़े होने को कह कर खुद अंदर चला जाता है और फिर वैदेही से रेप भी कर डालता है. उस के बाद वे सभी वैदेही सहित घर के अंदर से भी गायब हो जाते हैं. 

एक व्यक्ति जिस की नातिन का अपहरण किया गया हो, वह भला घर के बाहर कैसे और क्यों रुक कर इतनी देर इंतजार कर सकता है. यह दृश्य केवल लेखक और निर्देशक के दिमाग की एक उपज ही हो सकती है. क्योंकि वास्तविक रूप से यह कभी भी संभव नहीं हो सकता. इस को किसी और तरीके से दिखाया जा सकता था. अभिनय की दृष्टि से भी कोई भी कलाकार प्रभावित नहीं कर पाया है.

एपिसोड नंबर 5

एपिसोड की शुरुआत में हम देखते हैं कि जो आदमी पिछले एपिसोड की समाप्ति पर विराट से अपने आप को भगवान कह रहा था, वह तो भगवान नहीं बल्कि बाल अपराधी दास था. इस के बाद दास विराट को बताता है कि जब एक बार वह अपनी मां के साथ मंदिर में गया था तो उस ने वहां पर एक आदमी से पूछा भी था कि भगवान ने हमें नीची जाति में पैदा क्यों किया, जो सभी उच्च जाति के लोग हम से इतनी नफरत करते हैं. फिर वह आदमी दास से कहता है कि यह तो बस भगवान की लीला है. 

इस के बाद फिर रात को नींद में दास भगवान का नाम ले कर उन से कहता है कि हे भगवान आप ने हमें ऐसा जन्म क्यों दिया है, जो सब लोग हम से दूरदूर रहते हैं और हम से बात करना तक पसंद नहीं करते.  यह सब देख कर उस की मां दूसरे दिन दास को मंदिर में ले कर जाती है तो वह जब मंदिर में जा कर भगवान की मूर्ति से यह प्रश्न करता है तो उसे तब वहीं पर साक्षात भगवान के दर्शन हो जाते हैं, जिन्हें देख कर दास बेहोश हो कर जमीन पर गिर जाता है. उस के बाद उस की मां उसे ले कर अपने घर चली जाती है. 

अगले दिन स्कूल में टीचर सभी बच्चों से सवाल पूछते हैं, जिस के प्रत्युत्तर में दास अपना हाथ उस प्रश्न के उत्तर को देने के लिए उठा देता है. लेकिन वह टीचर उस पर बिलकुल ध्यान ही नहीं देता और देख कर भी उसे अनदेखा कर देता है, क्योंकि दास एक निम्न जाति का था. इस के साथ ही दास को अन्य बच्चों से अलग दूर बिठाया जाता था. दास जब अपने घर पर स्कूल की छुट्टी के बाद आता है तो कुछ लोग उस की मां को बुरी तरह से पीट रहे थे. उन लोगों का यह कहना था कि दास की मां ने चोरी की है. यह सब देख कर दास अपनी मां से लिपट जाता है. 

इस के बाद वे लोग दास की भी बुरी तरह से पिटाई कर देते हैं. इसी मारपीट के दौरान दास की मां का सिर एक पत्थर से टकरा जाता है, जिस के कारण उस की वहीं पर मौत हो जाती है. लेकिन उस की मां की मृत्यु हो जाने पर भी एक आदमी जब दास की मां की मृत देह पर लात मारने लगता है तो दास बरदाश्त नहीं कर पाता और वह वहीं पर उस आदमी की हत्या कर देता है. उस के बाद दास को जेल हो जाती है. 

अब दृश्य फिर से वर्तमान में आ जाता है, जहां पर दास विराट को आगे बताता है कि जेल से निकलने के बाद मैं ने उन सभी आदमियों को मार डाला, जिन के कारण मेरी मां की जान गई थी. दास आगे बताता है कि उस के बाद मेरा बदला बस भगवान से था, जिन के कारण मेरी मां और मेरा ये हाल हुआ था, इसलिए मैं उस दिन नाटक में भगवान को मारने गया था, मगर वहां पर कृष्ण भगवान की छवि को देखते ही मैं बेहोश हो गया था. फिर अगले दिन रंगाचरी दास का इलाज करवा कर उसे होश में लाता है. दास तब रंगाचारी से कहता है कि रंगाचारीजी, बस आप मुझे एक बार भगवान बना दीजिए. फिर रंगाचारी वहां पर उपस्थित लोगों से कहता है कि इसे खाना खिला कर यहां से भेज दो, यह तो न जाने क्या अनापशनाप बक रहा है. 

सभी वहां से चले जाते हैं तब वहां पर दास को वैदेही मिलती है, जो उसे अपनी नाटक मंडली में शामिल कर लेती है. इस दौरान दास को वैदेही का नेचर अच्छा लगने लगता है, क्योंकि वैदेही ऊंचीनीची जाति को बिलकुल मानती ही नहीं थी. एक दिन दास नाटक मंडली से छुट्टी ले कर अपने गांव अपनी मां का वार्षिक श्राद्ध करने के लिए चला जाता है और अपने गांव से वापस लौटते समय वह एक सुंदर सी साड़ी वैदेही के लिए खरीद कर ले कर ले आता है. लेकिन वहां पहुंचने पर उसे पता चलता है कि वैदेही की तो निर्मम हत्या कर दी गई है. यह सुन कर वह बुरी तरह से टूट जाता है. 

इस के अगले दिन जब लोकलाज के भय से रंगाचारी आत्महत्या करने के इरादे से नदी में कूदने जा रहा होता है तो दास दौड़ कर रंगाचारी को पकड़ कर रोक लेता है. दास फिर रंगाचारी से कहता है कि आप मुझे भगवान बना दीजिए, मैं फिर किसी को भी छोड़ूंगा नहीं और आप को न्याय दिला कर रहूंगा. जिस पर रंगाचारी और उस के परिवार और नाटक मंडली के लोग दास की बात मान लेते हैं. 

फिर रंगाचारी कहता है कि इसे भगवान बना दो. रंगाचारी दास का रुद्राभिषेक करता है और कहता है कि अब होगी हरिकथा, जिस में सब राक्षस मारे जाएंगे. अब सीन वर्तमान में आ जाता है, जहां विराट जमीन पर घायल अवस्था में गिरा हुआ है. विराट दास से कहता है कि फिर तुम ने भरत का मर्डर क्यों किया? तब दास जोरजोर से डमरू बजाने लगता है और यह शोर सहन न कर पाने के कारण विराट बेहोश हो जाता है. अब अगले दिन चमंथी जड़ीबूटी व दवाइयों का मदद से विराट को होश में लाती है और विराट वहां से चला जाता है. 

विराट अब एसआई अजय के पास आ कर कहता है कि इन सभी मर्डर के पीछे रंगाचारी का हाथ है. अगले दृश्य में रंगाचारी अपनी नाटक मंडली से कहता है कि अब यह हमारा आखिरी नाटक होगा और उस के अवतार के रूप में कल्कि अवतार होगा और इसी के साथ पांचवां एपिसोड भी समाप्त हो जाता है. पांचवें एपिसोड का विश्लेषण करें तो यहां पर लेखक ने दास के चरित्र का भगवान की मूर्ति के दर्शन करने पर बेहोश होता दिखाया है तथा यह भी चित्रित करने का प्रयास किया है कि दास को साक्षात भगवान के दर्शन होते हैं. यह सब मात्र लेखक के दिमाग की उपज हो सकती है.

एपिसोड नंबर 6

एपिसोड की शुरुआत में हम लिसा को देखते हैं, जो गांव वालों की साइकिल पर बैठ कर अपनी नाटक मंडली की ओर जा रही है. अगले दृश्य में विराट रंगाचारी के पास आ कर कहता है कि तुम अब यह सब मर्डर करना रोक दो, पुलिस को अपना काम कर लेने दो. तुम्हें हत्यारा बनने की जरूरत नहीं है. तब रंगाचारी विराट से कहता है कि तुम्हारी पुलिस के बस का कुछ भी नहीं है. यह सब हम नहीं बल्कि भगवान कर रहे हैं. अगले दृश्य में एसआई अजय केशव को चेतावनी देता है कि तुम अब बच कर रहना, क्योंकि अब मरने का नंबर तुम्हारा ही है. लेकिन केशव उस की बात को हंसी में उड़ा देता है. 

उस के बाद अजय और केशव नाटक देखने लगते हैं, तभी वहां पर कल्कि अवतार में दास आ जाता है और वह केशव को मारने वाला ही होता है कि तभी वहां पर अजय आ कर उसे बचा लेता है. फिर वहां से दास भाग जाता है और अजय उस का पीछा करने लगता है. विराट भी वहां आ कर अब अजय और दास के पीछे भागने लगता है. तभी अजय दास को गोली मार देता है. विराट उसे रोकने की कोशिश करता है कि वह दास को न मारे. दास घायल हो कर जमीन पर गिर जाता है. अब अजय दास पर दूसरी गोली चलाने लगता है तभी चमंथी आ कर अजय पर डंडे से वार कर देती है. 

चमंथी अजय की जान लेने की कोशिश करती है तो विराट आ कर चमंथी को रोक लेता है. इसी हाथापाई के दौरान घायल दास आ कर अजय को जान से मार देता है और खुद भी जमीन पर गिर कर तड़पने लगता है. विराट दास के पास जाता है तो दास उस से कहता कि वैदेही के साथ जिसजिस ने भी बुरा कृत्य किया था, सब के सब मारे गए हैं. बस अब केवल केशव ही बाकी रह गया है. उसे तुम जरूर देख लेना, क्योंकि मुझे तुम्हारे ऊपर पूरा विश्वास है. इस के बाद दास का मृत्यु हो जाती है. 

अगले दिन रंगाचारी अपने गांव से सदासदा के लिए जाने लगता है. वह जाते समय काफी दुखी लग रहा था, क्योंकि गांव से उस की बहुत सारी यादें जुड़ी हुई थीं. अगले दृश्य में केशव कहीं जा रहा होता है, तभी वहां पर एक आदमी नकाब ओढ़ कर घोड़े पर बैठ कर आता है और फिर एक ही झटके में केशव की गरदन काट देता है. तब हमें पता चलता कि वह नकाब पहने हुए आदमी और कोई नहीं बल्कि विराट होता है. तब हमें यह पता चलता है कि विराट ने दास और रंगाचारी से वायदा किया था कि वह उन लोगों को जरूर न्याय दिलवाएगा, साथ ही हमें यह पता भी चलता कि विराट ने अपनी बेटी स्वीटी भी रंगाचारी को सौंप दी थी और रंगाचारी से कहा था कि तुम इसे अब अपनी नातिन वैदेही के रूप में समझना क्योंकि मैं तो अब मरने वाला ही हूं. विराट की इस भेंट को रंगाचारी ने दिल से स्वीकार भी कर लिया था. 

अगले दृश्य में चमंथी विराट से कहती है कि सब कुछ तो अब ठीकठाक हो ही गया है, परंतु मुझे ऐसा लग रहा है कि तुम अभी भी कुछ ढूंढ रहे हो. अब हमें यह पता चलता है कि दास ने मरते समय विराट से कहा था कि मैं भरत को मारने गया तो अवश्य था, लेकिन वहां पर भरत की हत्या किसी ने पहले ही कर दी थी, इसलिए विराट को भरत के खूनी की तलाश अभी भी थी. वह भरत के कातिल को किसी भी तरह ढूंढना चाहता था. तभी वहां लिसा विराट के सामने रिकौर्डर ले कर आ जाती है. फिर जब वे सभी उस वीडियो को देखते हैं तो उन्हें पता चलता है कि भरत की हत्या भगवान ने स्वयं आ कर की थी. 

यह सब देख कर वहां पर सभी हैरान हो जाते हैं. फिर विराट उन्हें बताता है कि भरत ने केशव से डर कर रंगाचारी की बिलकुल भी मदद नहीं की थी, जबकि रंगाचारी कई बार वैदेही पर हुए जुल्म की सजा दिलाने के लिए भरत के पास आया था. शायद इसीलिए भगवान ने खुद आ कर भरत को मार डाला था और फिर यहीं पर वेब सीरीज हरिकथा संभवामि युगे युगे समाप्त हो जाती है. इस आखिरी एपिसोड में तो लेखक और निर्देशक ने पूरी कहानी को ही भटकाने का पूरा प्रयास कर डाला है, जिस पर किसी को भी यकीन नहीं हो सकता. अभिनय की दृष्टि से भी इस एपिसोड में सभी कलाकारों का प्रदर्शन फीका रहा है. 

यदि हम पूरी वेब सीरीज का विश्लेषण करें तो हरिकथा: संभवामि युगे युगेमें न तो थ्रिलर है और न ही ड्रामा और न ही इस के रोमांच में कोई ताकत है. वेब सीरीज   (Web series) में स्पष्ट रूप से बताने और हत्यारे की कार्यप्रणाली को चित्रित करने में बहुत समय लगता है. कहानी को कहने का तरीका मौत के मुंह में जाने वाले कथानकों से भरा हुआ है. आज लेखकों और निर्देशकों के लिए अपराधियों की कहानियों को सहानुभूति तरीके से चित्रित करना और व्यवस्था तथा भेदभावपूर्ण समाज को असली खलनायक के रूप में चित्रित प्रदर्शित करना बेहद फैशनेबल हो गया है. हरिकथा संभवामि युगे युगेकम से कम तब बेहतर होती, अगर इस में प्रतिशोध का महिमामंडन किए बिना सही और गलत के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाता. कुल मिला कर यह वेब सीरीज देखने लायक नहीं है. 

श्रीकांत अभिनेता श्रीकांत का जन्म 23 मार्च, 1968 को गंगावती, कर्नाटक में हुआ था. श्रीकांत ने कर्नाटक विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिल्मों में अपना करिअर बनाने के लिए चेन्नै चला गया. श्रीकांत मुख्यरूप से तेलुगु सिनेमा में अपने काम के लिए जाना जाता है. उस ने अब तक 120 से अधिक फिल्मों में काम किया है. श्रीकांत ने स्वराभिषेकमजैसी फिल्म में अभिनय किया है, जिस ने वर्ष 2004 में तेलुगु में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था. श्रीकांत को एक राज्य नंदी पुरस्कार और एक फिल्मफेयर पुरस्कार दक्षिण मिला है.

श्रीकांत की एक और फिल्म विरोधीका प्रीमियर भारतीय पैनोरमा खंड में 2011 में भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हुआ था. श्रीकांत कन्नड, मलयालम और तमिल फिल्मों सहित कुछ अन्य भाषाओं की फिल्मों में भी नजर आया था. श्रीकांत ने 20 जनवरी, 1997 को अहा के साथ विवाह किया और उन के 2 बेटे रोशन, रोहन और एक बेटी मेघा है.

पुजिता पोन्नदा

तेलुगु अभिनेत्री पुजिता पोन्नदा का जन्म 5 अक्तूबर, 1989 को विशाखापत्तनम में हुआ था. पुजिता ने एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान से बीटेक किया है. पुजिता पोन्नदा एक तेलुगु परिवार से है और चेन्नै में पलीबढ़ी है. बचपन से ही पुजिता को अभिनय का बड़ा शौक था और वह हमेशा से फिल्म इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाने का सपना देखती थी. पुजिता ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में सौफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करने के बाद लघु फिल्मों से अपने अभिनय करिअर की शुरुआत की. 

उसे तेलुगु फिल्म उद्योग में पहला ब्रेक 2018 में फिल्म रंगस्थलमसे मिला. सुकुमार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में प्रसिद्ध कलाकार सामेया आनी और रामचरण मुख्य भूमिकाओं में थे. इस के अलावा 2019 में पुजिता ने कल्किफिल्म में भी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस फिल्म में पुजिता एक पत्रकार थी, जिस के लिए उसे अलग तरह के कौशल और बारीकियों को भी प्रदर्शित करना पड़ा था. 

पुजिता पोन्नदा अपने अभिनय पेशे के अतिरिक्त सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती है और अपने सभी प्रशंसकों को अपने निजी और पेशेवर जीवन की झलकियां दिखा कर प्रोत्साहित करती रहती है. पुजिता ने अभी तक विवाह नहीं किया है.

 

 

चोर डकैतों के आतंक दिखाने वाली वेब सीरीज

द किल प्वाइंट: यह एक अमेरिकी टेलीविजन सीरीज है, जिस में इराक में सेवा से लौटे अमेरिकी नौसैनिकों के एक समूह की कहानी दिखाई गई है. वे जो पीट्सबर्ग में थ्री रिवर बैंक शाखा की एक बड़ी बैंक डकैती को अंजाम देने का काम करते हैं.

कहानी के अनुसार इस में जेक मिस्टर वुल्फ  मेंडेज, मरीन काप्र्स में एक पूर्व सार्जेंट और उस के लोग एक सैन्य पलटन हैं. उन्होंने इराक और अफगानिस्तान में युद्ध अभियानों में भाग लिया था. वे एक बैंक को लूट लेते हैं.

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भागने के लिए जैसे ही वे कार की ओर जाते हैं, उन पर बन जाते हैं. सीरीज को एरिका गारसिया ने क्रिएट किया है. इस में मुख्य भूमिकाएं निभाने वालों में जियानकारलो एस्पोसितो, रफस सेवेल, पैज वेगा, रोसालीन एलबे शामिल हैं.

एवरीबडी लव्स डायमंड्स: अमेजन प्राइम पर देखी जाने वाली यह वेब सीरीज फरवरी 2003 में हुई एक वास्तविक घटना पर आधारित है. इस की कहानी डकैतियों के इतिहास में सब से बड़ी हीरे की डकैती के इर्दगिर्द घूमती है, जिसे आपराधिक मास्टरमाइंड लियोनार्डो नोटारबार्टोलो ने अंजाम दिया था.

तब अनुमान लगाया गया था कि लूट की कीमत सौ मिलियन डालर से अधिक थी, लेकिन अजीब बात है कि इसे कभी भी बरामद नहीं किया गया.

नोटारबार्टोलो को 10 साल की सजा तब की परिस्थितियों के सबूतों के आधार पर सुनाई गई थी. इस सजा के 4 साल बाद उसे पैरोल पर रिहा किया गया था, लेकिन पैरोल की शर्तों को पूरा नहीं करने के कारण उसे 2011 में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और 2017 में रिहा किया गया.

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इतिहास की सब से बड़ी हीरे की डकैती की सच्ची कहानी पर आधारित एवरीबडी लव्स डायमंड्स की शुरुआत एंटवर्प वल्र्ड डायमंड सेंटर को लूटने के बाद हुई घटना से होती है. तेजतर्रार इतालवी जौहरी लियोनार्डो नोटारबार्टोलो मास्टरमाइंड था. उसे एक विशेषज्ञ टीम का सहयोग मिला हुआ था.

उस का गिरोह सुरक्षा में सेंध लगाने में कामयाब हो जाता है. इसी कामयाबी के साथ कैसे और क्यों जुड़ा हुआ है. जिसे 8 एपिसोड में दिखाया गया है. अंत तक सस्पेंस बना रहता है कि लूट का क्या हुआ?

इस लूट के टीम में एक विशेषज्ञ लौकपिकर सैंड्रा, प्रतिभाशाली हैकर अल्बर्टो, अलार्म विशेषज्ञ घिगो और खुद नोटारबार्टोलो शामिल था. उस के द्वारा डकैती की योजना महीनों तक बनाई गई थी. उन्होंने सभी तरह के संभावित खतरों को ध्यान में रखा था.

इस की शुरुआत से ही पता चल जाता है कि डकैती सफल रही थी, लेकिन एक सवाल उठा कि लियोनार्डो नोटारबार्टोलो की गिरफ्तारी का कारण क्या था? सब कुछ लियो की योजना के अनुसार हुआ था, फिर भी यह कूड़े से निकले कागज का एक टुकड़ा कैसे उस की परेशानी का सबब बन गया.

वह अपने साथियों पर ही संदेह क्यों करने लगा? उस का मानना था कि घिगो और सैंड्रा ने उस के खिलाफ साजिश रची थी. लियो ने जेल से अपने भाई अल्बर्टो से संपर्क करने का रास्ता कैसे ढूंढ निकाला? इस तरह के कई सवाल दर्शकों को रोमांचित करने के लिए काफी हैं.

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द एंडगेम: यह एक अमेरिकी क्राइम ड्रामा थ्रिलर वेब सीरीज है, जो निकोलस वूटन और जेक कोबर्न द्वारा बनाई गई थी. चोरीडकैती पर बेस्ड वेब सीरीज में यह दिमाग को झकझोर देने वाली सीरीज है. वैसे यह ‘द ब्लैकलिस्ट’ की कहानी की तरह ही है.

दोनों ही सीरीज में मुख्य भूमिका निभाने वाला किरदार कानून प्रवर्तन अधिकारियों को परेशान करता हुआ दिखाया गया है. दोनों ही एनबीसी के शोज हैं. ‘द एंडगेम’ में बैक टू बैक कई चोरियां होती हैं. इस में चोरी के मास्टरमाइंड और एक एफबीआई एजेंट के बीच रस्साकशी चलती रहती है. यह वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफार्म हुलु पर देख सकते हैं.

‘काला पानी सीजन 1’ रिव्यू : अंडमान पर फैली महामारी

कलाकार: आशुतोष गोवारिकर, मोना सिंह, आरुषि शर्मा, अमेय वाघ, विकास कुमार, पूर्णिमा इंद्रजीत, सुकांत गोयल, राधिका मेहरोत्रा, चिन्मय मंडलेकर

निर्देशक: समीर सक्सेना, अमित गोलान,

लेखक: बिश्वपति सरकार, निमिषा मिश्रा, संदीप साकेत, अमित गोलानी,

संगीतकार: रचिता अरोड़ा,

संपादन: देव राव जाधव,

कार्यकारी निर्माता: केतन शाह,

छायांकन: इवान मुलिगन, बार्नी क्राकर, धनंजय नवग्रह,

निर्माता: समीर सक्सेना,

प्लेटफार्म: नेटफ्लिक्स

18 अक्तूबर, 2023 को रिलीज हुई ‘काला पानी’ वेब सीरीज (Kala Pani Web Series) देश के अंदर फैली संक्रामक बीमारी कोरोना को मद्देनजर रखते हुए निर्माता समीर सक्सेना (Producer Sameer Saxena) ने अमित गोलानी (Amit Golani) के निर्देशन में बनाई है. सीरीज में संक्रामक हालात के भयावही दृश्यों का फिल्मांकन करते हुए दर्शकों को रूबरू कराया है. सीरीज में लगभग एकएक घंटे के 7 एपिसोड फिल्माए गए हैं.

पहला एपीसोड

वेब सीरीज की कहानी के दृश्यांकन में दिखाया गया है कि अंडमान और निकोबार द्वीप (Andaman & Nikobar) में सालाना जलसा होने वाला है, जिस में देश दुनिया से हजारों पर्यटक वहां पहुंचते है. वहां पर एक रहस्यमय बीमारी पर्यटकों के पहुंचने से पहले ही अपने पैर पसार रही है. यह रहस्यमय बीमारी वहां पर पहुंचने वाले लोगों को धीरेधीरे अपनी चपेट में ले लेती है.

शुरुआत में लोगों की गरदन पर काले चकत्ते हो रहे हैं. इस के अलावा वे खांसी से भी बहुत पीडि़त हैं. इसी के चलते लोग मौत के मुंह में समाते जा रहे हैं.

इस बीच द्वीप पर एक टूरिस्ट फेस्टिवल होना है, जो वास्तव में अमीर कारपोरेट फर्म एटम की एक और भयावह साजिश है. प्रतिवर्ष होने वाले फेस्टिवल में शामिल होने के लिए हजारों पर्यटकों का द्वीप समूह में आने का सिलसिला शुरू होता है.

विशाल त्योहार के आयोजक निर्देशक की पहल पर फिल्म की सार्थकता बनाने के लिए प्रकृति को अनदेखा करते हुए अपना मिशन जारी रखते हैं. किंतु बेरहम प्रकृति भी पूरी तरह पंख फैला लेती है और जनसमूह को अपनी चपेट में लेने लगती है. इस का जीता जागता उदाहरण इस पहले एपीसोड में मिलता है.

इस एपिसोड में डा. सौदामिनी (मोना सिंह) क्षेत्र में फैली बीमारी को समझने की कोशिश करती है, लेकिन वह बीमारी को जांच करते करते काबू पाने में असमर्थ सी होती दिखाई देती है.

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कई पर्यटक प्रकृति की गोद में आए आनंद की चाह में मौत के मुंह में समा जाते हैं.  त्योहार के विशाल पर्व के दौरान महामारी से प्रभावित लोग विवश हो कर वहां पर बदहाल जिंदगी जीने के लिए विवश हो जाते हैं इस प्रकार निर्मातानिर्देशक ने इस बोगस फिल्म का दृश्यांकन कर के वाहवाही लूटने की कोशिश की है.

सीरीज का निर्देशन कोई खास नहीं रहा, निर्देशकों ने यहां पर अपनी सोच के अनुसार जरूरत से ज्यादा लंबे सीन कर दिए हैं.

ऐसे सरवाइवल ड्रामा की पहली चुनौती दर्शकों के मर्म के साथ मौजूदा हालात में डरावने दृश्यों से भावनात्मक रूप से दर्शकों को जोडऩा और फिर उन्हें बेचैनी महसूस कराना ही मुख्य दृष्टिकोण है.

वेब सीरीज काला पानी में कलाकार नामचीन कुछ गिनती के ही हैं और बाकी तमाम कलाकार ऐसे हैं, जो सिर्फ अपने काम से अपना नाम और छवि बनाते नजर आए हैं.  उपराज्यपाल की भूमिका के तौर पर आशुतोष गोवारिकर की वापसी सीरीज का एक मजबूत आधार बनाने का काम करती है. वह एक ऐसे प्रशंसक हैं, उन्हें चिकित्सकों पर विश्वास तो है ही किंतु वो कारपोरेट लौबी से भी घिरा हुआ पाते हैं.

मुख्य सचिव उन का वैसा ही अफसर है, जो हर हाल में खुद को इस प्राकृतिक मार से खुद को सेफ रखना चाहता है. और वापस दिल्ली जाने को बेकरार पुलिस अफसर के रूप में कलाकार अभय वाघ का काम देखने लायक है. वह एक थिएटर का कलाकार है.

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दूसरा एपिसोड

दूसरे एपिसोड में यह दिखाया गया है कि जब कोई संकट सामने आता है तो उचित कदम उठाने में चूक हो जाती है. ऐसा ही एलजी से हुआ. एलजी एडमिरल जिब्रान कादरी को मालूम पड़ता है तो वह उस बीमारी पर काबू करने के लिए कदम उठाते हैं, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी होती है. जनता को सचेत हिफाजत करने में वह विफल रहते हैं. ज्योत्सना (आरुषि शर्मा) अपने अतीत की दर्दनाक यादों से नहीं निकल पाती है.

‘काला पानी’ की सीरीज में फिल्माए गए दृश्यों में दिखाया गया है कि वीरान रास्ते बीमारियों का फैलना लोगों के मन में दहशत भर देता है. पीडि़तों की जान बचाने की जद्दोजहद को बखूबी दिखाया गया है. निकोबार में मौजूद आदिवासी प्रजाति के समूह ओराकस की मौजूगी उत्सुकता बढ़ाने के साथ और देखने में दिलचस्प लगती है.

तीसरा एपिसोड

इस एपीसोड में गार्जियन की भूमिका को प्रदर्शित कराने का प्रयास किया है. संक्रामक रोगों के फैलने के कारण द्वीप के सार्वजनिक स्थानों पर ताले पड़े दिखाई दे रहे हैं और चारों तरफ सन्नाटा छा जाता है.

संक्रामक बीमारी की वजह से आईलैंड पर लौकडाउन लगा हुआ है. ऐसे में संतोष अपने बच्चों से मिलने की कोशिश करता है. वह बच्चों से मिलने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा देता है. वहीं बीमार गार्गी उन के अभिभावक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को ले कर बहुत ज्यादा चिंता करती है.

चौथा एपिसोड

महामारी के कारण क्वारंटाइन करने की कोशिश में विफल होने के कारण इस का सीधा बुरा प्रभाव दर्शकों पर पड़ता है और सुरक्षा की चूक डायरेक्टरों की विफलता दिखाए गए उदाहरणों से प्रतीक बन कर रह गई है. और वह अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाते हैं.

पांचवां एपिसोड

इस एपिसोड में अमर प्राणी त्रासदी के क्रोध से दुखी चिरंजीवी को भस्म कर देता है. केवल उस के लिए एक स्वदेशी जनजाति के साथ एक चौंकाने वाले संबंध को उजागर करना इस एपिसोड का मुख्य मकसद रहा है. अभिनेता रितू और केतन एक दुर्लभ पौधा खोजने के लिए अपनी टीम के साथ निकल पड़ते हैं जिस से कि संक्रामक रोगों की जांच हो सके.

संक्रामक रोगों की जांच के लिए मरीजों में जांच के लक्षण मिलने के बाद चीफ मैडिकल औफिसर डा. सौदामिनी सिंह जांच में जुटी हुई है. हालातों को मद्ïदेनजर रखते हुए डा. सौदामिनी इस त्योहार के पूर्णत: खिलाफ हैं मगर पर्यटकों और वहां के रोजीरोटी के साधन सुलभ कराने वाले जनसमूह फायदे को देखते हुए एलजी जिब्रान कादरी को उन्हें मना देते और होने वाले फेस्टिवल के आयोजन में बढ़चढ़ कर अपना योगदान देते हैं. डा. सौदामिनी के मन में उपजी डर की भावना सही साबित होती है.

जिब्रान कादरी जनता को समय रहते सूचित करने में चूक जाते हैं और महामारी विकराल रूप धारण कर के पूरे द्वीप पर फैल जाती है. दीप पर पर्यटकों और वहां के निवासी दहशत में आए लोग किसी तरह से आईलैंड से निकलने की कोशिश करने का प्रयास करते हैं.

छठा एपिसोड

इस एपिसोड में पूर्वजों के बारे में एक चौंकाने वाली खोज करने के बाद डा. ऋतु (राधिका मेहरोत्रा) को संभावित इलाज खोजने के लिए डा. सौदामिनी सिंह का भारी सामना करना पड़ता है. लेकिन वह अपने अतीत से आगे निकल जाती है और भटकती है.

अंत में हम इस कथा के कथानक का चित्रण करने के बाद अंतिम पायदान की ओर बढेेंगे. फिल्म के छायांकन के दौरान कर्ण को पता चलता है कि इस के पिता शंकरलाल जेल में हैं और उस की मां बचपन में ही यह दिखावा करती रही कि इस के पिता की मृत्यु हो गई है.

अपने पिता से मिलने पर करण को पता चलता है कि उसे एक ऐसी हत्या के लिए जेल में डाल दिया गया है, जिसे आम बोलचाल की भाषा में काला पानी कहा जाता है, जो उस ने नहीं की थी. करण  के पिता की बेगुनाही का सबूत इकट्ठा करने के लिए निकलता है, ताकि वह उस के खिलाफ दायर मामले में फिर से अदालत में दस्तक दे सके और उन्हें मुक्त करा सके.

करण उन गवाहों से मिलने जाता है जिस में अदालत में उस के पिता के लिए बात की थी. जो उसे जांच अधिकारी इंसपेक्टर मेहता के बारे में बताता है. करण बतौर पेइंग गेस्ट रहता है, जिस की मालकिन आशा है और वह एक पत्रकार भी है. इंसपेक्टर मेहता से करण को अन्य गवाहों और जुम्मन को एक पत्र के बारे में जिक्र करते हुए सुना, जब पता चलता है तो इंसपेक्टर ने स्वीकार किया कि अभियोजक जसवंत राय ने उसे चुप करा दिया. यद्यपि उसे संदेह की गंध आ गई थी.

इंसपेक्टर मेहता करण को यह भी बताता है कि उस ने किशोरी और जुम्मन को एक पत्र के बारे में बात करते हुए सुना था और शंकर लाल की बेगुनाही का एक शक्तिशाली सबूत और सूत्र साबित हो सकता है. करण किशोरी को लुभाने की कोशिश करता है, ताकि वह उस के पास मौजूद सबूत के तौर पर उस पत्र को हासिल कर सके.

इसी बीच करण और आशा के बीच रोमांटिक भावनाएं एकदूसरों के दिलों में उपज जाती हैं. करण जसवंत राय से भी संपर्क करता है और वह बेगुनाही साबित करने के लिए मामले को फिर से खोलना चाहता है और वह यह भी पूछता है कि किशोरी से पत्र प्राप्त करना उस के लिए पर्याप्त होगा. अभियोजक ने उसे पहले पत्र प्राप्त करने के लिए कहा था ताकि वह यह देख सके इस से क्या निष्कर्ष निकलता है.

अभियोजक खलनायक निकला, वह सरदारी लाल को चेतावनी देता है, जिस ने वास्तव में हत्या की थी कि करण इस पत्र के पीछे लगा हुआ है.  जो किशोरी के पास मौजूद है.

सरदारी लाल बदले में जुम्मन को किशोरी से इस बारे में चेतावनी देने के लिए कहता है. किशोरी करण से कहती है कि उस ने उसे धोखा दिया है. वह उस पर किसी और मंशा को ले कर उस से झूठा प्यार दिखा रहा है, किंतु करण जबाब देता है कि उस के निर्दोष पिता को जेल भेजने का कारण रहा है. वह उसे झूठ बोलने की शिकायत नहीं कर सकता और सच्चाई जानने पर किशोरी को पश्चाताप होता है और वह करण पर प्रभावित हो कर वह पत्र करण को दे देती है.

करण ने अपने पिता के खिलाफ मामले को फिर खुलवाने के लिए सबमिट अपील की है. अभियोजक जसवंत राय ने अदालत में अपना अपराध स्वीकार कर लिया और कहानी में शंकर लाल के जेल से छूटने और करण मेहरा की आशा से शादी करने के साथ ही सीरीज समाप्ति के पायदान की ओर बढऩे लगती है.

सातवां एपिसोड

इस एपिसोड में मानवीय संवेदनाएं जगाए रखने की जिम्मेदारी देखने में आई है. अंडमान निकोबार द्वीप की राजधानी पोर्टब्लेयर में है. अंगे्रजों के द्वारा भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों पर किए गए अत्याचारों की इस मूक गवाह जेल की नींव 1897 में रखी गई थी और लगभग 9 साल के बाद 1906 में यह बन कर तैयार हुई.

काला पानी नामक जेल इतिहास की बहुचर्चित जेलों में से रही थी और काला पानी की सजा बीते जमाने में एक ऐसी सजा हुआ करती थी, जिस के नाम से कैदी कांपने लगते थे. इसे सेल्युलर जेल के नाम से भी विश्व में जाना जाता था और आज भी इसे इसी नाम से जाना जाता है.

डेंजरस : बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर का डिजिटल डेब्यू

डेंजरस : बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर का डिजिटल डेब्यू – भाग 3

नेहा आदित्य को घेरने की पूरी प्लानिंग के साथ एयरपोर्ट पहुंचती है. एयरपोर्ट पर आदित्य नेहा का इंतजार कर रहा है. नेहा जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचती है, उस का ट्रौली बैग के ऊपर रखा हैंडबैग गिर जाता है, जिसे एक छोटी बच्ची उठा कर देती है.

शुरुआती सीन पर ही खत्म होती है वेब सीरीज

आदित्य को शक होता है कि नेहा का बैग इतना हल्का क्यों है? शक होने पर आदित्य वहां से भागने लगता है और नेहा पुलिस टीम के साथ उस का पीछा करती है. कुछ समय दोनों तरफ से गोलीबारी होती है, तभी नेहा आदित्य के पीछे से पिस्टल तान कर उसे रुकने को कहती है.

नेहा आदित्य से कहती है कि तुम यहां से भाग नहीं सकते. सारा परदाफाश हो चुका है, इसलिए तुम सरेंडर कर दो. इस पर आदित्य नेहा को बताता है कि वह दीया को मार कर गौरी को पार्टनर बनाना चाहता था, तभी तुम मेरी जिंदगी में आ गईं. आदित्य सफाई देने की कोशिश करता है, मगर नेहा उसे अदालत में सच्चाई बताने को कहती है.

आदित्य नेहा से पूछता है कि वह उस के साथ है या खिलाफ तो नेहा कहती है कि वह उस के खिलाफ है और दुआ करती है वह  कभी भी उस की जिंदगी में दोबारा न आए.

तभी एक कार आती है और आदित्य नेहा के हाथ से पिस्टल छीन कर उस कार के ड्राइवर को बाहर निकाल कार में बैठ कर भागने लगता है. नेहा भी दूसरे रास्ते पर जा कर आदित्य की कार के आगे पिस्टल ले कर खड़ी हो जाती है. जैसे ही आदित्य कार आगे बढ़ाता है, नेहा ट्रिगर दबा देती है और गोली कार के शीशे को पार कर आदित्य को लगती है और उस का काम तमाम हो जाता है.

जिस सीन के साथ एपिसोड शुरू हुआ था, वह पूरा हो जाता है. एपिसोड के अंत में नेहा अपने फोटो फ्रेम को सीने से लगा कर मेज पर रखती है और लैपटाप पर बिजी हो जाती है. तभी कैमरा फोटो फ्रेम पर घूमता है, जो पूरी तरह खाली है.

बिपाशा बसु

बौलीवुड की हौट एक्ट्रैस बिपाशा बसु का जन्म 7 जनवरी, 1979 को दिल्ली में एक बंगाली फैमिली में हुआ था. उस के पिता हीरक बसु सिविल इंजीनियर हैं, जबकि मां ममता एक हाउसवाइफ हैं. बिपाशा 3 बहनें हैं, जिन में बड़ी बहन विदिशा और छोटी बहन विजयेता हैं.

बिपाशा ने 8 साल की उम्र तक दिल्ली में रह कर ही पढ़ाई की, इस के बाद उस की फैमिली कोलकाता शिफ्ट हो गई, जहां स्कूल में उसे बच्चे ‘लेडी गुंडा’ कहते थे. वह क्लास की हेड गर्ल रही और छोटे बाल, दमदार पर्सनैलिटी से हमेशा लाइमलाइट में रहती थी.

साल 1996 में कोलकाता के एक होटल में बिपाशा बसु को मौडल मेहर जेसिया रामपाल ने देखा तो उस की खूबसूरती को देख कर बिपाशा को मौडलिंग करने का सुझाव दिया.

उसी साल बिपाशा ने सुपर मौडल प्रतियोगिता में हिस्सा ले कर जीत हासिल की. इस के बाद मियामी में फोर्ड मौडल्स सुपर मौडल औफ द वल्र्ड कांपिटीशन में देश का प्रतिनिधित्व किया. यहीं से बिपाशा का सफर शुरू हुआ.

उसी दौरान बिपाशा बसु और डिनो मोरिया मिले और एकदूसरे को डेट करने लगे. उस समय दोनों ने साथ में एक बोल्ड विज्ञापन किया, जो काफी समय तक विवादों में रहा था. इस के बाद वह कई मैगजींस के कवर पेज पर छा गई. उस ने तब तक मौडलिंग की, जब तक फिल्म का औफर नहीं आ गया.

साल 2001 में बिपाशा बसु ने बौलीवुड में कदम रखा. वह पहली बार अक्षय कुमार के साथ ‘अजनबी’ फिल्म में नजर आई, जिसे अब्बास-मस्तान ने डायरेक्ट किया था. उस की पहली फिल्म सफल रही और इमेज एक बोल्ड अभिनेत्री की बन गई.

अगले ही साल 2002 में बिपाशा ने एक और फिल्म ‘राज’ में काम किया और इस में उस की ऐक्टिंग और बोल्डनैस की खूब तारीफ हुई. फिल्म के डायलौग से ले कर गाने तक हिट हुए थे. इस फिल्म को विक्रम भट्ट ने डायरेक्ट किया था.

इस के बाद बिपाशा ने जिस्म, जमीन, मदहोशी, बरसात, नो एंट्री, धूम 2, फिर हेराफेरी, ओमकारा आदि फिल्में कीं. वह साउथ की फिल्मों में भी नजर आई.

पर्सनल लाइफ की बात करें तो साल 1996 से 2002 तक बिपाशा बसु ने डिनो मोरिया को डेट किया, लेकिन फिर इन का रिश्ता टूट गया. इस के बाद 2002 में बिपाशा की जौन अब्राहम से नजदीकियां बढ़ीं. दोनों 2011 तक एकदूसरे के साथ थे.

बताया जाता है कि बिपाशा ने हरमन बावेजा को भी डेट किया था, लेकिन 2014 में दोनों अलग हो गए थे. इसी साल ‘अलोन’ के सेट पर बिपाशा की मुलाकात करण सिंह ग्रोवर से हुई. यहीं से दोनों की नजदीकियां बढ़ीं और दोनों ने 2016 में शादी कर ली. 12 नवंबर, 2022 को बिपाशा ने एक बेटी को भी जन्म दिया, जिस का नाम देवी रखा गया है.

करण सिंह ग्रोवर

टीवी इंडस्ट्री से बौलीवुड तक अपनी पहचान बनाने वाले करण सिंह ग्रोवर का जन्म 23 फरवरी, 1982 को नई दिल्ली में हुआ था. सऊदी अरब में उस की शुरुआती पढ़ाई हुई, इस के बाद आईएचएम मुंबई से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की. कुछ वक्त तक उस ने होटल इंडस्ट्री में काम किया, लेकिन उस की मंजिल ग्लैमर इंडस्ट्री में पूरी हुई.

करण सिंह ग्रोवर आज अपनी जिंदगी कभी बौलीवुड की टौप मोस्ट एक्ट्रैस में शुमार बिपाशा बसु के साथ गुजार रहा है. दोनों की जोड़ी बौलीवुड के रोमांटिक जोड़ी में से एक हैं. ऐसा नहीं है कि बिपाशा करण का पहला प्यार है, इस से पहले भी वह कई बार अलगअलग लड़कियों को दिल दे चुका है.

करण सिंह का नाम दिलफेंक ऐक्टर के  रूप में जाना जाता है. उस की जिंदगी में कई लड़कियां आईं. बिपाशा बसु से शादी करने से पहले वह 2 बार दूल्हा भी बन चुका है.

करण ने 2008 में अभिनेत्री श्रद्धा निगम के साथ सात फेरे लिए, लेकिन इस रिश्ते में वह ईमानदार नहीं रह पाया. एक बार तो श्रद्धा ने उसे रंगेहाथों पकड़ा, जिस के बाद उस ने करण से शादी तोड़ दी. यह रिश्ता महज 10 महीने तक ही कायम रहा.

श्रद्धा से अलग होने के बाद करण का नाम डांस कोरियोग्राफर निकोल के साथ भी जुड़ा, फिर एक्ट्रैस जेनिफर विंगेट के साथ वह प्यार में पड़ा. साल 2012 में दोनों शादी के बंधन में बंध गए, लेकिन यहां भी करण अपने दिल को नहीं संभाल पाया. वह दूसरी लड़कियों के प्रति आकर्षित होने लगा.

एक बार तो जेनिफर ने एक टीवी सीरियल के सेट पर करण को किसी लड़की के साथ देख लिया तो वह अपना आपा खो बैठी और भरी महफिल में करण को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. इस के बाद साल 2014 में दोनों ने तलाक ले लिया.

फिर करण का दिल बिपाशा बसु पर आ गया. करण और बिपाशा 31 दिसंबर, 2015 की रात थाईलैंड में थे और इस दौरान करण ने एक रिंग के साथ बिपाशा को प्रपोज किया. बिपाशा उसे न नहीं बोल पाई और 2016 में दोनों ने शादी कर ली.

फिलहाल करण और बिपाशा एकदूसरे के साथ बेहद खुश हैं. अकसर दोनों एकदूसरे के साथ रोमांस करते नजर आते हैं.

सोनाली राउत

‘द एक्सपोज’ फिल्म में काम कर चुकी एक्ट्रेस और बिग बौस की पूर्व कंटेस्टेंट सोनाली राउत का जन्म 23 दिसंबर, 1990 को दिल्ली में हुआ था. सोनाली न सिर्फ अपने बोल्ड और बिंदास अंदाज के लिए चर्चा में रही है, बल्कि अपनी सैक्सी इमेज और फिगर को ले कर भी उस ने खूब लोकप्रियता बटोरी है.

सोनाली भारत की पहली सुपर मौडल के नाम से पहचानी जाने वाली उज्जवला राउत की छोटी बहन है. सोनाली साल 2010 में उस समय चर्चा में आई, जब उस ने किंगफिशर कैलेंडर के लिए स्विमसूट पहन कर पोज दिए थे.

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सोनाली राउत

आज हौट और स्लिम दिखने वाली यह बाला एक वक्त पर बेहद मोटी थी. सोनाली राउत ने अपने करिअर की शुरुआत मौडलिंग से की थी, इस के बाद उस ने हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘द एक्सपोज’ के जरिए बौलीवुड में कदम रखा और इसी दौरान वह रियलिटी शो ‘बिग बौस’ के आठवें सीजन में भी नजर आई.

सोनाली अपने गुस्सैल स्वभाव के लिए भी जानी जाती है. कपिल शर्मा के शो ‘कौमेडी नाइट्स विद कपिल’ के सेट पर सोनाली राउत और जोया अफरोज के बीच जम कर झगड़ा हुआ था और बात इस कदर बढ़ी कि जोया ने सोनाली को थप्पड़ तक जड़ दिया था. दोनों यहां हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘द एक्सपोज’ के प्रमोशन के लिए आई थीं.

इस के बाद सोनाली साल 2016 की एडल्ट कौमेडी फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ में दिखाई दी थी. बिग बौस सीजन 8 में सोनाली ने अली कुली मिर्जा को थप्पड़ मार दिया था. अली ने सोनाली पर गलत टिप्पणी की थी, जिस के बाद सोनाली ने अली को गुस्से में मारा था.

फिल्म के अलावा सोनाली रणवीर सिंह के साथ अपने एक बोल्ड फोटोशूट को ले कर भी खूब चर्चा में रही. वह सोशल मीडिया पर अकसर अपनी ग्लैमरस तसवीरें शेयर करती रहती है और इस के चलते चर्चा में भी बनी रहती है.

डेंजरस : बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर का डिजिटल डेब्यू – भाग 2

एपिसोड- 3

तीसरे एपिसोड में नेहा आदित्य के घर उस के रूम की तलाशी लेती है. तलाशी के दौरान उसे एक फोटो फ्रेम हाथ लगता है, जिसे देख कर नेहा आदित्य के साथ बिताए प्यार भरे पलों को याद करती है. नेहा एक छोटी डिब्बी खोल कर देखती है, जिस में हीरे की अंगूठी रखी होती है, यह वही अंगूठी है जिसे नेहा आदित्य को उस वक्त लौटाती है, जब वह दीया से शादी करने का निर्णय लेता है.

तलाशी के दौरान नेहा को ड्रग्स की पिल्स मिलती हैं, जिन का इस्तेमाल डिप्रेशन में किया जाता है. नेहा जैक्स के माध्यम से उस मनोचिकित्सक डा. सायरा खान तक पहुंच जाती है, जो दीया का इलाज करती है. डा. खान दीया के साथ हुई बातचीत की रिकौर्डिंग नेहा को इस शर्त पर उपलब्ध कराती है कि इस रिकौर्डिंग को पुलिस के अलावा किसी को नहीं सुनाई जाएगी.

नेहा अपने असिस्टेंट जैक्स के साथ दीया और डा. खान के बीच हुई बातचीत की रिकौर्डिंग सुनती है तो उस में नेहा कहती है कि वह डिप्रेशन की नहीं रिजेक्शन की शिकार है. आदित्य शादी के बाद भी हर वक्त नेहा को मिस करता है. डाक्टर के यह पूछने पर दीया बताती है कि वह ड्रग्स ले कर रातरात भर विशाल की बाहों में रहती है.

मीका सिंह के गाए गाने पर विशाल और दीया के बोल्ड इंटीमेट सीन भी इस एपिसोड में देखने को मिलते हैं. एक रात विशाल के आगोश में समाई दीया को विशाल सलाह देता है कि आदित्य को परेशान करने के लिए वह जिम जाने के दौरान 2-3 दिनों के लिए बिना बताए कहीं गायब हो जाए.

इस के बाद के सीन में किसी अंधेरे कमरे में विशाल ने दीया को कैद कर रखा है और वह किसी से फोन पर कह रहा है कि आदित्य से किसी तरह पैसा मिलना जरूरी है, क्योंकि अब ज्यादा दिन दीया को संभालना मुश्किल है.

इधर नेहा आदित्य को सच बता देती है कि विशाल ने तुम्हें और दीया को धोखा दिया है, उस का अफेयर दीया के साथ चल रहा है. आदित्य अफसोस के साथ कहता है कि ऐसी बीवी की रिहाई की कीमत चुकानी पड़ेगी. नेहा कहती है कि किसी भी तरह दीया की जान बचानी है.

एपिसोड- 4

इस एपिसोड के शुरुआत में विशाल का दीया के प्रति बर्ताव इस तरह होता है, जिस से साफ झलकता है कि किडनैपिंग के जरिए वह आदित्य से पैसा वसूलना चाहता है. विशाल आदित्य को फोन कर के अमेरिका की टिकट और फिरौती की रकम देने की बात कहता है.

जब आदित्य उस से पूछता है रकम कहां लानी है तो विशाल बताता है कि उस के घर के बाहर उस के मेल बौक्स में एक पार्सल रखा है. उसे खोल कर देखो फिर बात करता हूं.

पुलिस टीम की मौजूदगी में बाहर मेल बौक्स में रखे पार्सल को खोलने पर पता चलता है कि उस में पैरों में पहनने वाली एक ऐसी विस्फोटक डिवाइस निकलती है, जिस का संबंध चिप के जरिए सेलफोन से होता है.

बाद में विशाल फोन कर के कहता है कि इस डिवाइस को नेहा के पैरों में पहना कर उसे साथ ले कर तुम्हें पैसे ले कर आना है. पहले तो वह मना करता है, मगर नेहा के कहने पर वह मान जाता है.

नेहा अपने पैरों में वो डिवाइस पहन कर आदित्य के साथ विशाल के बताए टेलीफोन बूथ पर पहुंचती है, वहां एक लिफाफे में कार की चाबी और लेटर मिलता है, जिस में एक कार का नंबर और कहां जाना है, यह लिखा रहता है. दोनों वहां खड़ी उस नंबर की कार से रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं और ट्रेन में बैठ कर विशाल के बताए अगले पड़ाव के लिए निकल पड़ते हैं.

आगे किसी स्टेशन पर ट्रेन रुकती है तो पता चलता कि इलैक्ट्रिक फेलियर से ट्रेन आगे नहीं जाएगी. नेहा जैक्स को फोन कर के कोई दूसरा इंतजाम करने को कहती है. तभी विशाल आदित्य को फोन कर के उसे 5 मिनट बाद दूसरी ट्रेन से आने की चेतावनी देता है.

आदित्य नेहा से पैरों में पहनी डिवाइस निकालने को कहता है तो नेहा कहती है ऐसा करने से ब्लास्ट हो सकता है और वह आदित्य को उस से दूर जाने को कहती है, मगर आदित्य भावुक हो कर उस के गले लग जाता है.

एपिसोड- 5

पांचवें एपिसोड में विशाल आदित्य को फोन लगा कर कहता है कि इलैक्ट्रिक फेलियर की वजह से आज कोई ट्रेन आगे नहीं जा सकती, इसलिए आज तुम वहीं रुको, कल मैं बताऊंगा कि कहां आना है.

दूसरे दिन नेहा और आदित्य एक सुनसान जगह पहुंचते हैं, जहां विशाल भी मिलता है. विशाल पैसे देने की बात कहता है तो आदित्य पूछता है कि दीया कहां है. विशाल के कहने पर आदित्य ब्रीफकेस खोल कर पैसा दिखाता है. विशाल के निर्देश पर एक तरफ से आदित्य चल कर उस के पास जाता है, दूसरी तरफ से दीया नेहा की तरफ बढ़ती है.

पैसा मिलने के बाद विशाल नेहा के पैर में फंसी डिवाइस का रिमोट औफ कर आदित्य को देता है. दीया के साथ नेहा और आदित्य कार में वापस लौटते हैं. रास्ते में दीया के मुंह से खून निकलने पर दोनों उसे हौस्पिटल ले कर जाते हैं, जहां पर डाक्टर हाथ खड़े करते हुए कहते हैं कि आर्सेनिक पाइजनिंग की वजह से दीया को बचा पाना नामुमकिन है.

आदित्य दीया से मिलने अंदर जाता है तो वह कांपते हाथों से कुछ लिखने का इशारा करती है. आदित्य उसे कागज पेन देता है तो वह ‘सौरी’ लिख देती है. आदित्य उस का माथा चूमता है और दीया की मौत हो जाती है.

इधर विशाल पैसे ले कर अपने ठिकाने पर पहुंचता है तो वहां गौरी दिखाई देती है, जो दीया की किडनैपिंग के खेल की मास्टरमाइंड थी. गौरी का अगला प्लान विशाल को ले कर देश छोडऩे का है और लंदन पुलिस विशाल का दीया के मर्डर के सिलसिले में लुक आउट नोटिस जारी करती है.

गौरी आदित्य से कुछ दिनों की छुट्टी मांगने की बात करना चाहती है तभी डोर बेल बजती है और नेहा आ जाती है. आदित्य और नेहा भावुक हो कर फिर से नई जिंदगी की शुरुआत करने का निर्णय लेते हैं. एक गाने के साथ नेहा की बोल्ड और मादक अदाओं से भरपूर आदित्य के साथ इंटीमेट सीन फिल्माए गए हैं.

एपिसोड के आखिर में जैक्स नेहा को फोन कर विशाल के एक होटल में मिलने की सूचना देता है.

एपिसोड- 6

छठवें एपिसोड की शुरुआत में गौरी विशाल को फोन करती है, उस समय वह बाथरूम में शावर ले रहा होता है. ठीक उसी वक्त आदित्य और नेहा पुलिस टीम के साथ होटल पहुंच जाते हैं. विशाल नहा कर आता है तो गौरी का फोन फिर से आता है तो गौरी बताती है कि पुलिस को उस के होटल में होने का पता चल गया है.

इधर पुलिस होटल को चारों तरफ से घेर लेती है. विशाल और पुलिस के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग होती है. तभी नेहा विशाल पर पिस्टल तान कर उसे सरेंडर करने को कहती है, लेकिन विशाल नेहा पर गोली चलाता है और बीच में आदित्य आ जाता है. मौके का फायदा उठा कर विशाल वहां से भाग जाता है और गौरी के पास पहुंचता है.

कहानी में ट्विस्ट आता है और गौरी विशाल से पूछती है कि उस ने मुझ पर भरोसा कर एक बार भी नहीं सोचा तो विशाल कहता है हम दोनों प्यार करते हैं, इस पर गौरी इडियट कह कर विशाल को गोली मार कर उस की जेब में मोबाइल रख कर भाग जाती है.

इधर पुलिस टीम विशाल के पास पहुंच कर एंबुलेंस से हौस्पिटल भेजती है. इलाज के दौरान हौस्पिटल में विशाल की जेब से मोबाइल गिरता है, जिस में गौरी और विशाल की फोटो देख कर नेहा और जैक्स चौंक जाते हैं और नेहा कहती है कि आदित्य की जान खतरे में है.

उधर गौरी आदित्य के घर पहुंच कर उस पर पिस्टल तान कर उसे अपनी पिस्टल दूर फेंकने और दरवाजा बंद करने को कहती है. जैसे ही आदित्य दरवाजा बंद कर के वापस आता है, गौरी उस के माथे पर कातिल मुसकान के साथ पिस्टल अड़ा देती है, मगर आदित्य चालाकी से उस की पिस्टल छीन कर उसे बेतहाशा चूमने लगता है.

दोनों की बातचीत से ऐसा लगता है कि आदित्य और गौरी की प्लानिंग से ही यह सब किया गया है. इस के बाद ‘तेरा प्यार डेंजरस…’ गाने के साथ गौरी और आदित्य के इंटीमेट सीन्स की भरमार दिखाई देती है, जिसे देख कर दर्शकों की सांसें तेज चलने लगती हैं.

बाथटब में आदित्य और गौरी का रोमांस चल रहा है, उसी दौरान नेहा आदित्य को काल करती है. काल गौरी रिसीव करती है. नेहा के पूछने पर गौरी कहती है कि आदित्य के हाथ, पैर, मुंह बंधे हैं. यदि तुम ने घर में घुसने की कोशिश की तो वह आदित्य की जान ले लेगी.

इधर नेहा पुलिस टीम के साथ आदित्य के घर के अंदर आ जाती है तो आदित्य गौरी के सिर पर वार कर उसे गिरा देता है और गौरी के हाथ से पिस्टल ले कर खिड़की के शीशे पर गोली चलाता है.

गौरी उस से कहती है कि तुम ने मुझे धोखा दिया है तो आदित्य कहता है कि मैं नेहा को खोना नहीं चाहता. गौरी के बेहोश होने पर आदित्य पिस्टल उस के हाथ में पकड़ा कर खुद गिरने का नाटक करता है तभी पुलिस टीम के साथ नेहा आ जाती है.

एपिसोड- 7

सातवें एपिसोड की शुरुआत एक रोमांटिक सीन से होती है, जिस में नेहा आदित्य से केस का खुलासा होने की बात करती है. तब आदित्य कहता है कि ऐसा नहीं हो सकता कि हम कुछ दिनों के लिए कहीं चले जाएं और कुछ नई यादें बनाएं.

नेहा इस के लिए राजी भी हो जाती है और जैक्स को केस की रिपोर्ट और लीव एप्लिकेशन साहब की डेस्क पर रखने को देते हुए बताती है वह आदित्य के साथ कुछ दिनों के लिए फ्रांस जा रही है.

जैक्स नेहा को एक और केस सुलझाने की बात कहता है कि बाहर उस होटल की मालकिन बैठी हुई है. जिस होटल में विशाल रुका हुआ था, वह होटल में हुए नुकसान की भरपाई मांग रही है.

बाहर आ कर नेहा और जैक्स उस महिला से रिपोर्ट करने को कहते हैं. इस पर बूढ़ी महिला नाराज हो जाती है, तब नेहा उसे बताती है कि उस के पति का फोन आया था. इस पर महिला चौंक कर बताती है कि उस का पति तो 15 साल पहले मर चुका है. जैक्स कहता है हमारे पास रिकौर्डिंग है जिस में वह टीवी के बारे में कह रहा है.

बूढ़ी महिला आश्चर्य से बोलती है कि कमरों के अलावा कहीं टेलीविजन नहीं है, तुम लोग क्या बोल रहे हो. मामला संदिग्ध लगता है और उस रिकौर्डिंग को नेहा और जैक्स बारबार सुनते हैं.

उस में कोई कह रहा है कि मेरे पास विशाल के मर्डर के बारे में जानकारी है, तुम लोगों को चाहिए तो जल्दी आ जाओ वरना… उस में चल रहे बैकग्राउंड म्यूजिक से नेहा समझ जाती है कि इस पूरे खेल में आदित्य का ही हाथ है.

डेंजरस : बिपाशा और करण सिंह ग्रोवर का डिजिटल डेब्यू – भाग 1

निर्देशक: भूषण पटेल

निर्माता: मीका सिंह, विक्रम भट्ट

लेखक: विक्रम भट्ट

छायांकन: शैलेश कुमार सिंह, अरविंद गुप्ता, गैरी केंट

कलाकार: बिपाशा बसु, करण सिंह ग्रोवर, सुयश राय, सोनाली राउत, नताशा सूरी, नितिन अरोरा

ओटीटी: एमएक्स प्लेयर

सस्पेंस थ्रिलर (Suspense thriller) और हौरर (Horror) फिल्मों के जानेमाने निर्देशक विक्रम भट्ट ने बिपाशा बसु (Bipasha Basu) और उस के हसबैंड करण सिंह ग्रोवर (Karan Singh Grover) की रियल लाइफ केमिस्ट्री को ओटीटी प्लेटफार्म (OTT Platform)  पर दिखाने की कोशिश की है. विक्रम भट्ट बौलीवुड का बड़ा नाम है. लगभग 30 साल के अपने करिअर में उस ने ‘गुलाम’, ‘राज’, ‘आवारा पागल दीवाना’ और ‘1920’ जैसी कई ब्लौकबस्टर फिल्मों का निर्देशन किया है.

अगर उस की फिल्मोग्राफी पर एक नजर डाली जाए तो साफ दिखता है कि थ्रिलर और हौरर फिल्मों में उस का खासा लगाव रहा है. इसलिए जब उस की लिखी वेब सीरीज ‘डेंजरस’ (Dangerous) का ट्रेलर लौंच हुआ तो सोशल मीडिया पर लोगों का उत्साह देखने लायक था. ‘डेंजरस’ वेब सीरीज (‘Dangerous’ Web Series) में अपहरण, फिरौती, बदला, अविश्वास और प्यार समेत कई बातों को क्राइम, सस्पेंस और थ्रिलर की शक्ल देने की कोशिश की गई है.

डायरेक्टर भूषण पटेल के निर्देशन में बनी एमएक्स प्लेयर (MX Player) की वेब सीरीज ‘डेंजरस’ कहानी है पुलिस औफिसर नेहा सिंह की. विदेश में शूट हुई इस वेब सीरीज में उसे एक करोड़पति बिजनैसमैन आदित्य धनराज की लापता बीवी दीया धनराज की किडनैपिंग का केस सुलझाना होता है.

सीरीज में नेहा सिंह की भूमिका बिपाशा बसु और दीया धनराज की भूमिका सोनाली राउत (Sonali Raut) ने निभाई है.

संदिग्ध परिस्थितियों में दीया अचानक किडनैप हो जाती है. नेहा जब आदित्य धनराज के घर पहुंचती है तो उसे देख कर चौंक जाती है. वह इसलिए क्योंकि दोनों शादी से पहले एकदूसरे के साथ रिलेशन में थे.

दीया के साथ उस के ड्राइवर और आदित्य धनराज (करण सिंह ग्रोवर) के दोस्त विशाल (सुयश राय) का भी कोई अतापता नहीं है. क्या दीया की गुमशुदगी में विशाल का हाथ है? क्या दोनों किसी हादसे का शिकार हो गए हैं? नेहा और उस की टीम इन सवालों पर गौर कर रही होती है कि तभी विशाल जख्मी हालत में एक हौस्पिटल में पाया जाता है. इसी दौरान आदित्य के फोन पर किडनैपर की काल आती है और कहानी एक नया ट्विस्ट ले लेती है.

लेकिन यह ट्विस्ट तो सिर्फ शुरुआत है. ‘डेंजरस’ की कहानी में ऐसे कई ट्विस्ट हैं, जो आप को आखिरी मिनट तक बांधे रखते हैं. सीरीज की स्क्रिप्ट काबिलेतारीफ है. कहानी हर वक्त दर्शकों की सोच से 2 कदम आगे चलती है और शक की सुई लगातार एक किरदार से दूसरे किरदार की तरफ घूमती रहती है. लेकिन असली मुलजिम कौन है, इस का पता तो आप को सीरीज देख कर ही चलता है.

रंग जमा गई पतिपत्नी की कैमिस्ट्री

वेब सीरीज ‘डेंजरस’ के निर्माता जानेमाने सिंगर और म्यूजिक डायरेक्टर मीका सिंह हैं. मीका ने सीरीज में 4 गाने भी गाए हैं. मुख्य किरदार निभाए हैं रियल लाइफ जोड़ी बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर ने.

गौरतलब है कि 2016 में अपनी शादी के बाद बिपाशा और करण ने पहली बार इस सीरीज में एक साथ काम किया है. दोनों की औन स्क्रीन केमिस्ट्री दर्शकों को और खासकर उन के फैंस को काफी पसंद आएगी.

शो की कास्ट में सुयश राय, सोनाली राउत, नताशा सूरी और नितिन अरोरा भी शामिल हैं और इन सभी ने अपनेअपने किरदारों को बखूबी निभाया है. कई लोगों ने तो सीरीज के सारे एपिसोड बिंज वाच भी कर डाले हैं. लेकिन इस में उन की कोई गलती नहीं है. शो का सस्पेंस ही कुछ ऐसा है कि एक बार देखना शुरू करने के बाद रुकना मुश्किल है.

लंबे अरसे के बाद परदे पर वापसी करने वाली बिपाशा बसु के साथ ‘डेंजरस’ वेब सीरीज में उस का पति करण सिंह ग्रोवर भी प्रमुख भूमिका में है. 7 एपिसोड वाली इस सीरीज में सब से प्रभावी करण सिंह ग्रोवर ही है. यह वेब सीरीज काफी दिलचस्प है और बिपाशा-करण ने अपनी ऐक्टिंग से भी फैंस का दिल जीता है.वहीं इस वेब सीरीज में सब से जबरदस्त है बिपाशा का हौट अवतार, जिस के लिए वह जानी जाती है.

एक इंटरव्यू के दौरान बिपाशा ने बताया था कि इंटीमेट सीन शूट करने से पहले वह काफी परेशान हो जाती है और इसी वजह से उसे ऐसे सीन शूट करने से डर लगता था, मगर यही सीन जब करण के साथ शूट होते हैं तो सीन शूट करने में कंफर्टेबिलिटी रहती है. ‘डेंजरस’ में बिपाशा बसु के साथ नताशा सूरी और सोनाली राउत ने भी हौट और बोल्ड अदाओं का जलवा दिखाने की कोशिश की है.

एपिसोड-1

पहले एपिसोड की शुरुआत होती है ऐसे सीन से जहां पर एक गाड़ी आ कर रुकती है और हाथ में पिस्टल लिए नेहा (विपाशा बसु) उस गाड़ी पर गोली चलाती है. इस के बाद स्क्रीन पर 3 महीने पहले की कहानी दिखाई जाती है. सामान शिफ्टिंग के दौरान एक कार्टून में से नेहा सिंह एक फोटो फ्रेम निकालती है और अपनी कपल फोटो को फ्रेम से निकाल कर खाली फ्रेम एक तरफ रख देती है.

नेहा यूके में पुलिस की खुफिया अधिकारी है, जिसे एक केस को सुलझाने के लिए मैनचेस्टर से लंदन भेजा गया है. नेहा के लंदन पहुंचने पर नेहा के पहले से परिचित जगमोहन उर्फ जग्गू जो अपने आप को जैक्स (नितिन अरोड़ा) कहता है, उसे केस की जानकारी देते हुए बताता है कि इंडियन मिलेनियर आदित्य धनराज (करण सिंह ग्रोवर), जिस ने पिछले 7 सालों में जीरो से हीरो तक का सफर तय किया है, उस की पत्नी दीया (सोनाली राऊत) पिछले 30 घंटे से लापता है. नेहा तब पूछताछ के लिए धनराज के घर पहुंचती है.

यहीं से दर्शकों को पता चलता है कि नेहा पहले धनराज की गर्लफ्रेंड रही है. यहां फ्लैशबैक में दिखाया गया है कि नेहा की मुलाकात दीया से एक क्लब में होती है. दीया धनराज को ले कर क्लब में पहुंचती है, वहीं नेहा भी अपने बौयफ्रेंड के साथ क्लब में है. यहीं पर आदित्य दीया के साथ उस की एंगेजमेंट की बात नेहा को बताता है. शराब के पैग लेने के बाद डांस पार्टी में मीका सिंह का एक गाना चलता है.

इस के बाद नेहा अपने स्टाफ को केस के लिए जरूरी निर्देश देती है, तभी आदित्य की हाउसकीपर गौरी (नताशा सूरी) उस के पास आ कर नेहा को धनराज और दीया के रिलेशन के बारे में बताती है कि दोनों के बीच आए दिन झगड़ा और मारपीट होती रहती थी.

गौरी कहती है कि आदित्य अपने बिजनैस में इतना व्यस्त रहता है कि उस के पास दीया के लिए समय ही नहीं है, उस के लिए उस का बिजनैस ही बीवी है. ऐसे में दीया रातरात भर क्लब में जा कर ड्रिंक कर के अपना मन बहलाती है. धनराज अपने दोस्त विशाल को दीया का ड्राइवर बना कर उस पर नजर रखता है.

एक दिन दीया जब सुबह घर पहुंचती है तो धनराज उस से पूछता है कि वह रात भर किस के साथ थी. इतना सुनते ही दीया चीखचीख कर कहती है, ‘मैं जो भी करती हूं अपने बाप के पैसे से करती हूं. इस तरह के सवाल पूछने का तुम्हें कोई हक नहीं है.’

दोनों के बीच झूमाझटकी होने पर गौरी बीचबचाव करती है. एपिसोड के अंत में जैक्स नेहा को बताता है कि अभी अभी हौस्पिटल में एक आदमी के एडमिट होने की जानकारी मिली है. हो सकता है वह आदमी विशाल हो.

एपिसोड- 2

दूसरे एपिसोड में एक कार से नेहा और जैक्स हौस्पिटल पहुंचते हैं तो वहां उन्हें गंभीर हालत में विशाल एडमिट मिलता है. हौस्पिटल में मौजूद आदित्य धनराज नेहा से कहता है कि डाक्टर से कहिए इस के इलाज में कोई कसर न छोड़ें.

यहीं पर आदित्य और नेहा अपने अतीत को याद करते हैं और आदित्य नेहा को अपनी जिंदगी से अलग करने के फैसले पर शर्मिंदा होता है. नेहा कहती है कि हम ने जो भी किया वह सही था, लेकिन आदित्य कहता है कि उस की दीया से शादी एक मजाक है. वह नेहा को बताता है कि दीया का किसी से अफेयर चल रहा है.

किडनैपर ने की मोटी डिमांड

कुछ देर बाद जब नेहा और जैक्स आपस में बात कर रहे होते हैं तभी आदित्य के फोन पर  काल आती है, जिस में कर्कश आवाज में फोन करने वाला कहता है कि उस की बीवी हमारे कब्जे में है. यह सुन कर आदित्य घबरा जाता है. किडनैपर उस से फिरौती के रूप में 3 मिलियन पाउंड की डिमांड करता है.

किडनैपर आदित्य के सबूत मांगने पर दीया की आवाज सुनवाता है, जिस में दीया रोते हुए आदित्य से घर से निकलते समय की गई बदतमीजी के लिए माफी मांगती है. आदित्य नेहा से कहता है कि दीया की सलामती के लिए वह कितना ही पैसा दे सकता है.

नेहा फार्महाउस के वह फोटोग्राफ देखती है, जहां आदित्य की कार मिली थी तो उसे पता चलता है कि फार्महाउस में एक ही कार के निशान और एक व्यक्ति के फुटनोट मिले हैं. इसी आधार पर जांच आगे बढती है तो जैक्स नेहा के सामने यह आशंका जताता है कि कहीं आदित्य ने ही अपनी बीवी को किडनैप करवाया हो.

इधर दीया की किडनैपिंग की खबर के बाद जब नेहा और जैक्स हौस्पिटल पहुंचते हैं तो विशाल बैड से गायब मिलता है. आदित्य नेहा को बताता है कि विशाल को किसी ने फोन कर के हौस्पिटल से भागने को मजबूर किया होगा.

आदित्य यह भी जिक्र करता है कि दीया जिस जिम के बंद होने का बोलती है, वह उस दिन खुला हुआ था. नेहा स्टाफ को जिम के सीसीटीवी फुटेज देखने का निर्देश देती है और आदित्य से उस के घर की तलाशी लेने की बात कहती है.

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