25 वर्षीया शानू हुस्न की साक्षात मूर्ति थी. दिलफेंक स्वभाव का जसवीर उस दिन के बाद किसी न किसी बहाने उस के घर जाने लगा. शानू को समझते देर नहीं लगी कि जसवीर उस की खूबसूरती का दीवाना हो चुका है और वह उस से नजदीकियां बढ़ाने को बेताब है.
बातों ही बातों में शानू जान गई कि जसवीर मोटा असामी है. उसे लगा कि अगर किसी तरह वह उस की बातों में आ गया तो वह उस के पैसों पर न केवल पूरी जिंदगी ऐश करेगी, बल्कि उस की जायदाद की मालकिन भी बन सकती है. यह सोच कर उस ने जसवीर की उम्र की परवाह न कर के उस से प्रेम में डूबी मीठीमीठी बातें करने लगी.
शानू ने निकटता बढ़ाने के लिए अपना मोबाइल नंबर जसवीर को दे दिया. फिर जसवीर शानू से फोन पर लंबीलंबी बातें करने लगा. कुछ ही दिनों में दोनों इतने नजदीक आ गए कि उन के बीच अंतरंग संबंध बन गए.
जसवीर ने सूखा छावनी में हरिओम के घर में एक कमरा किराए पर ले रखा था. वहां उस का एक दोस्त पिंकू रहता था. पिंकू के साथ वह प्रौपर्टी डीङ्क्षलग का धंधा करता था. शानू से मिलने के लिए यह जगह एकदम सुरक्षित थी. जसवीर जब भी बरेली आता, शानू को फोन कर के वहीं बुला लेता.
जब शानू को विश्वास हो गया कि जसवीर पूरी तरह उस के प्यार की गिरफ्त में आ चुका है और अब वह उस से हर जायजनाजायज मांगे पूरी करवा सकती है तो एक दिन प्यार के हसीन पलों के बीच उस ने जसवीर के आगे शादी का प्रस्ताव रख दिया. जसवीर को तो जैसे मन मांगी मुराद मिल गई. उस ने शानू को आगोश में लेते हुए शादी के लिए हां कर दी. लेकिन उस ने यह भी कहा कि शादी के पहले उसे अपनी पत्नी गुरप्रीत को रास्ते से हटाना होगा.
शानू जसवीर के मुंह से पत्नी की हत्या के बाद शादी की बात सुन कर खुश हो गई. इस के बाद वह जब भी जसवीर से मिलती, उस के ऊपर शादी के लिए दबाव जरूर डालती.
सितंबर में किसी तरह गुरप्रीत को पता चल गया कि जसवीर का संबंध बरेली की किसी लडक़ी से है तो वह उस पर उस लडक़ी से संबंध तोडऩे के लिए दबाव डालने लगी. लेकिन जसवीर तो उसे ही रास्ते से हटाना चाहता था. इसलिए उस ने गुरप्रीत की हत्या की तैयारी कर ली. वह पिंकू उर्फ महेंद्र के साथ शानू से मिलने जौहरपुर गया. पिंकू जसवीर की हर बात का राजदार था.
शानू को ले कर वे सीबीगंज के परसाखेड़ा इंडस्ट्रियल एरिया पहुंचे, जहां तीनों ने गुरप्रीत को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली. वहां से घर लौट कर जसवीर मौके की तलाश में लग गया. गुरप्रीत को विश्वास में लेने के लिए अब वह उस से प्यार से पेश आने लगा. जसवीर का बदला व्यवहार देख कर मासूम गुरप्रीत को लगा कि शायद जसवीर की अक्ल ठिकाने आ गई है. वह उस की बातों पर विश्वास करने लगी.
21 नवंबर को जसवीर ने गुरप्रीत से बच्चों से मिलने के लिए शहर चलने को कहा तो बच्चों से मिलने के लिए लालायित गुरप्रीत उस के साथ चलने को तैयार हो गई. इस के बाद जसवीर ने पिंकू को फोन कर के बता दिया कि वह कल गुरप्रीत को ले कर शहर आएगा, इसलिए वह उस की हत्या की पूरी तैयारी कर ले.
22 नवंबर को भी जसवीर ने सुबह पिंकू को फोन किया. इस के बाद अपनी योजना के अनुसार, वह सुबह 10 बजे गुरप्रीत को ले कर घर से निकला और फतेहगंज पश्चिमी होता हुआ मिलक पहुंचा. वहां जसवीर की मामी रहती थीं. कुछ देर वहां रुक कर वह फतेहगंज और सीबीगंज होता हुआ अपने बच्चों के पास छावनी हार्डमैन पहुंचा.
गुरप्रीत को बच्चों के पास छोड़ कर वह सूखा छावनी में पिंकू से मिला और उस से कहा कि वह शाम 6 बजे गुरप्रीत को अपनी मोटरसाइकिल से ले कर सोहरा होता हुआ घर की ओर जाएगा, वह नत्थू मुखिया के खेतों के पास उस से मिले. उसी सुनसान जगह पर गुरप्रीत की हत्या करनी है.
पिंकू को गुरप्रीत की हत्या की योजना समझा कर जसवीर बच्चों के पास लौट आया. शाम 6 बजे वह गुरप्रीत के साथ वापस घर जाने के लिए निकला तो रास्ते में फतेहगंज पश्चिमी चौराहे पर रुका. वहां उस ने कृष्णा से गन्ने के रुपए लिए. उसी बीच पिंकू पहले से तय योजना के अनुसार, अगरास जाने वाले रास्ते से कैथोला बेनीराम गांव के बाहर नत्थू मुखिया के खेतों के पास पहुंच गया और जसवीर के आने का इंतजार करने लगा.
जसवीर वहां पहुंचा तो पिंकू ने उसे हाथ दे कर रोक लिया. जसवीर ने गुरप्रीत को मोटरसाइकिल से उतरने के लिए कहा. अपनी हत्या से अनजान गुरप्रीत मोटरसाइकिल से उतर कर खड़ी हो गई. इस के बाद जसवीर ने अपनी मोटरसाइकिल खड़ी की और कमर में खोंसा तमंचा निकाल कर उस की कनपटी से सटा कर गोली चला दी. गोली लगते ही गुरप्रीत गिर कर तड़पने लगी. इस के बाद पिंकू ने तमंचा निकाला और गुरप्रीत के सीने में गोली मार दी.
इस के बाद पहले से तय योजना के अनुसार, पिंकू ने अपने तमंचे में दोबारा गोली भरी और जसवीर के कान के पास लगा कर गोली चला दी, ताकि पुलिस के सामने वह खुद को निर्दोष बता कर गुरप्रीत की हत्या का आरोप अपने पुराने दुश्मन नबी बख्श पर लगा सके. इस के लिए उस ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की. जब पुलिस ने नबी बख्श को नहीं पकड़ा तो उस ने पेट के पास तमंचा सटा कर गोली मारी और थाने पहुंच गया. लेकिन पुलिस के सामने उस की यह चालाकी भी काम नहीं आई और वह पकड़ा गया.
अनिल कुमार सिरोही ने उस की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त उस का तमंचा नत्थू मुखिया के खेत के पास से बरामद कर लिया. इस के बाद उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. पुलिस ने मुकदमे में पिंकू और शानू का नाम भी जोड़ दिया है. शानू को धारा 120बी का अभियुक्त बनाया गया है.
कथा लिखे जाने तक पुलिस पिंकू और शानू को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. इस बीच अनिल कुमार सिरोही का तबादला हो गया था.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित