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उधर नगरवासियों का पुलिस पर दबाव बढ़ रहा था, जिस से पुलिस अधिकारी भी इस संवेदनशील मामले को ले कर बहुत चिंतित थे. डीसीपी ने इस केस को सुलझाने के लिए थानाप्रभारी हरपाल सिंह ग्रेवाल की अध्यक्षता में एक पुलिस टीम बनाई, जिस में सबइंस्पेक्टर मनजीत सिंह, हेडकांस्टेबल अमरजीत सिंह, स्वर्ण सिंह, कमलजीत सिंह, बिशन सिंह, सुरेंद्र सिंह, महिला कांस्टेबल कलविंदर कौर व राजवंत कौर को शामिल किया गया.

थानाप्रभारी अब हरप्रीत के घर वालों से बात करना चाहते थे. उस समय उस के घर वाले डीएमसी अस्पताल में ही थे, इसलिए वह अस्पताल पहुंच गए. पूछताछ के दौरान हरप्रीत की मां दविंदर कौर से उन्हें कई काम की बातें मालूम हुईं.

उन्होंने बताया कि जब से हरप्रीत की शादी तय हुई है, तब से 2 युवक उन्हें कभी फोन पर तो कभी घर पर आ कर धमकी देते आ रहे थे. वे कहते थे कि अपनी लड़की की शादी वहां न करो, जहां कर रहे हो. 2 दिन पहले भी एक अनजान युवक हमारे घर फिर आया था. उस ने हम से फिर कहा था कि हरप्रीत की शादी करने लुधियाना न जाएं.

‘‘क्या हरप्रीत कौर उस युवक को जानती हैं?’’

‘‘नहीं, मेरी बच्ची उन्हें नहीं जानती.’’ दविंदर कौर ने कहा.

बातचीत में दविंदर कौर ने पुलिस को आगे बताया था कि वह बरनाला की रहने वाली हैं और विशाल नाम के किसी लड़के को नहीं जानतीं.

यह मामला कहीं एकतरफा प्यार का तो नहीं है, यह जानने के लिए थानाप्रभारी ने एक पुलिस टीम बरनाला भेज दी और खुद एक बार फिर उसी ब्यूटीपार्लर में पहुंचे, जहां घटना घटी थी.

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