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अफजल का इकलौता बेटा था अरहान

आखिर यह पूरा मामला क्या था? आइए, इस पर एक नजर डालते हैं. उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा के मेवाती मोहल्ला औरंगाबाद थाना सदर बाजार में रहते थे अफजल. परिवार में उन की पत्नी नाजिस और एक 9 साल का बेटा अरहान था.

अरहान अफजल का इकलौता बेटा था, इसलिए दोनों मियांबीवी उसे बहुत प्यार करते थे. उसे लाड़प्यार से पाल रहे थे. अफजल को उम्मीद थी कि पढ़लिख कर एक दिन अरहान बहुत बड़ा आदमी बनेगा और उन के दिन संवर जाएंगे. अरहान को लिखानेपढ़ाने में अफजल मियां कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे थे. वह दिन भर कड़ी मेहनत कर के रुपया कमाते और अरहान की स्कूल की जरूरत का सारा सामान दिलवाते.

दिन हंसीखुशी से बीत रहे थे कि 8 अप्रैल, 2023 की शाम को अरहान लापता हो गया. न वह गलीमोहल्ले में कहीं मिल रहा था न बाजारहाट में. वह गली में खेलतेखेलते गायब हुआ था. नाजिस ने उसे घर में से ही दोचार बार आवाज दी थीं, फिर उत्तर न मिलने पर वह घर से बाहर आ गई थी. अरहान गली में दिखाई नहीं दे रहा था. नाजिस ने उसे पहले आसपड़ोस में ढूंढा. वह नहीं मिला तो उस के पिता अफजल को बताया.

अफजल ने बेटे को हर संभावित जगह पर तलाश किया. वह अपने बड़े भाई की दुकान पर भी अरहान को देखने गए, क्योंकि अरहान अकसर अपने ताऊ की दुकान पर चला जाया करता था. उस दिन वह ताऊ की दुकान पर नहीं गया था. हर जगह तलाश करने के बाद अफजल परेशान हो कर मोहल्ले के 2-3 पहचान वालों को साथ ले कर कोतवाली सदर बाजार पहुंच गए.

कोतवाल जसवीर सिंह के सामने पहुंच कर अफजल ने अपने 9 वर्षीय बेटे के लापता होने के बारे में बताया, “सर, मुझे बहुत घबराहट हो रही है. मेरा बेटा शाम से गली में खेलते हुए गायब हो गया है. आप उस की तलाश करवाइए.”

एसएचओ जसवीर सिंह ने इस मामले को बहुत गंभीरता से लिया. बच्चा मासूम था, उस के साथ कुछ भी अनहोनी होने का अंदेशा था.

“आप बच्चे का हुलिया, उम्र आदि दर्ज करवा दीजिए. उस की कोई फोटो हो तो वह भी दे दीजिए. मैं आप के बच्चे की तलाश करने की कोशिश करता हूं. आप अपने स्तर पर भी उसे ढूंढिए.” अफजल ने अपने बेटे अरहान की गुमशुदगी दर्ज करवा कर उस का एक फोटो भी कोतवाल साहब को दे दिया.

सीसीटीवी कैमरे से मिला सुराग

पुलिस ने पहले इस मामले की गुमशुदगी दर्ज की, लेकिन जब उस के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो अज्ञात के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर लिया. इस मामले को स्वयं कोतवाल जसवीर सिंह ने अपने हाथ में लिया और इस की विवेचना शुरू कर दी.

उन्होंने एसएसपी शैलेष कुमार पांडेय को इस बच्चे की गुमशुदगी की जानकारी दे कर दिशानिर्देश मांगे. एसएसपी के दिशानिर्देश पर कोतवाल जसवीर सिंह ने जांच की शुरुआत अरहान के घर के आसपास से की. गली में उस के साथ खेलने वाले बच्चों से पूछताछ की तो उन से मालूम हुआ कि शाम को अरहान उन के साथ खेल रहा था, फिर वह अपने ताऊ की दुकान की ओर किसी के साथ जाता दिखाई दिया था. वह व्यक्ति कौन था, वे उसे नहीं पहचानते.

इस जानकारी से कोतवाल को यह पता चल गया कि अरहान किसी ऐसे शख्स को जानता है, जो उस के बहुत करीब रहा है. उसी के साथ वह ताऊ की दुकान की तरफ गया था. जसवीर सिंह ने उस शख्स के बारे में मालूम करने के लिए सीसीटीवी फुटेज देखने का मन बना लिया. जहां पर अरहान के ताऊ की दुकान थी, उस रास्ते में 3-4 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे. पुलिस ने उन कैमरों की फुटेज निकलवा कर देखी तो उन्हें अरहान एक पतलेदुबले युवक के साथ जाता हुआ नजर आ गया.

उस युवक की पहचान करने के लिए अरहान के पिता अफजल को थाने में बुलवाया गया. अफजल को सीसीटीवी कैमरे की वह फुटेज दिखाई गई.

“क्या आप इस युवक को पहचानते हैं?” कोतवाल ने अफजल से पूछा.

“यह तो मोहम्मद सैफ है. मेरे बड़े भाई की दुकान पर काम करता है.” अफजल ने हैरान हो कर कहा, “इस के साथ अरहान कई बार घूमने जाता रहा है, यह अच्छा व्यक्ति है.”

“हूं.” कोतवाल ने सिर हिलाया, “मैं इस से मिलना चाहूंगा.”

“यह दुकान पर होगा. आप मेरे साथ चलिए.”

कोतवाल जसवीर सिंह 2 पुलिसकर्मियों को साथ ले कर अफजल के साथ उस के भाई की दुकान पर आ गए. उन्हें वहां सीसीटीवी में नजर आने वाला युवक सैफ मिल गया.

पुलिस की बंदरघुडक़ी आई काम

पुलिस को दुकान पर देख कर उस के चेहरे का रंग उड़ गया. जसवीर सिंह की पैनी नजरों से यह छिप नहीं पाया. उन्होंने पुलिसकर्मियों को इशारा किया, “मोहम्मद सैफ को हिरासत में ले लो.”

उन का आदेश मिलते ही पुलिसकर्मियों ने सैफ को पकड़ लिया. उसे पुलिस वैन में बिठा कर थाने में लाया गया. अफजल भी उन के साथ आए थे.

सैफ को सामने बिठा कर कोतवाल ने उस से सख्ती से पूछा, “अरहान कहां पर है सैफ?”

“मैं क्या बताऊं साहब… वो अपने घर में ही होना चाहिए.” सैफ नजरें झुका कर बोला.

“कल शाम को वह तुम्हारे साथ था. मेरे पास इस का ठोस सबूत है, तुम ठीकठीक बता दो वरना पुलिस वाले तुम्हारी चमड़ी उधेडऩे के लिए डंडा ले कर खड़े हैं.”

“मैं सही कह रहा हूं साहब, मैं नहीं जानता.”

जसवीर सिंह ने उस के गाल पर करारा थप्पड़ जड़ दिया, वह कुरसी से दूर जा गिरा. जसवीर सिंह के पास में खड़ा पुलिस कांस्टेबल उसे उठा कर दूसरे कमरे में ले गया. तभी बेंत ले कर 2 पुलिस वाले वहां और आ गए. एक पुलिस वाले ने सैफ के दोनों हाथ पीछे कर के बांध दिए.

इस से सैफ डर गया. वह समझ गया कि अब उस के साथ ये पुलिस वाले क्या करेंगे. इस से पहले कि वह पुलिस वाले कोई काररवाई करते, सैफ डर कर बोला, “सर, आप मुझे मारना मत, मैं सब बताता हूं.”

तभी एक पुलिसकर्मी कोतवाल को बुला लाया.

कोतवाल ने कडक़ स्वर में पूछा, “बता अरहान कहां है?”

“साहब, मैं ने उसे मार दिया है…” सैफ ने जैसे ही यह कहा, बराबर के कमरे में बैठे अफजल के कानों में भी यह आवाज आ गई. वह अपनी जगह गश खा कर गिर पड़े. वहां मौजूद कांस्टेबल उन्हें उठा कर बाहर बेंच पर ले गया और उन्हें होश में लाने की कोशिश में लग गया. कोतवाल जसवीर सिंह गहरी सांस ले कर रह गए. सैफ कुबूल कर रहा था कि उस ने अरहान को मार डाला है.

“तुम ने अरहान को क्यों मार दिया, उस बच्चे ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था?” सैफ को फाड़ खाने वाली नजरों से देखते हुए जसवीर सिंह ने पूछा.

अरहान की हत्या का जो कारण सैफ ने बताया, उसे सुन कर कोतवाल और पुलिस कांस्टेबल के सिर शर्म से झुक गए.

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