Rajasthan True Crime: तरविंदर सिंह उर्फ राजू इतना शातिर था कि एकएक कर आधा दरजन हत्याएं करने के बावजूद भी वह पुलिस की पकड़ में नहीं आ सका. लेकिन जब उस ने वही अपनी सगी बुआ के साथ किया तो पुलिस के शिकंजे में ऐसा फंसा कि...
21 दिसंबर, 2014 की बात है. कडाके की ठंड पड़ रही थी. चारों ओर पसरा घना कोहरा ठिठुरन को और बढ़ा रहा था. राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ कस्बे के रहने वाले मलकीत सिंह कमरे में बैठे अलाव ताप रहे थे. तभी बाहर कार के रुकने की आवाज से वह चौंके. उन्होंने सिर उठा कर दरवाजे की तरफ देखा तो उन के साले का लड़का तरविंदर सिंह उर्फ राजू आता दिखाई दिया. उस के पीछे एक अनजान औरत भी थी. उसी दौरान रसोई के काम में जुटी मलकीत सिंह की पत्नी छिंदरपाल कौर भी पति के पास पहुंच गई थीं.
अब तक राजू औरत के साथ उन के घर में दाखिल हो चुका था. राजू को देखते ही छिंदरपाल कौर का चेहरा खुशी से खिल उठा. कमरे में पहुंचते ही राजू और औरत ने झुक कर वृद्ध दंपत्ति के पैर छुए और कुशलक्षेम पूछने लगे. इस से पहले कि राजू की बुआ साथ आई औरत के बारे में पूछती, राजू ने खुद ही उस का परिचय अपनी पत्नी यशोदा के रूप में दे दिया. राजू की पहली पत्नी कुलविंदर की कई सालों पहले संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई थी.
‘‘फूफाजी, अगले सप्ताह मेरी भतीजी की शादी होनी है. बाजार से गहने, कपड़े आदि खरीदने हैं. मैं इस मामले में अनाड़ी हूं. आप ने कई शादियां करवाई हैं, इसलिए अगर मेरे साथ चल कर खरीदारी करवा देते तो अच्छा रहता.’’ राजू ने कहा.






