Suspense Story: प्रगट मसीह ने सुमन से शादी सिर्फ इसलिए की थी, क्योंकि उस की मां के पास लाखों का मकान था. इस के बाद प्रगट ने उस मकान को हासिल करने के लिए ऐसा क्या किया कि उसे जेल जाना पड़ा?

‘‘सा हब, मेरे बेटे को ढूंढ दीजिए. मैं गरीब विधवा औरत हूं, मेरे बेटे के सिवाय मेरा कोई और सहारा नहीं है.’’ कृष्णा नामक एक विधवा औरत ने थाना सदर के अंतर्गत पड़ने वाली पुलिस चौकी मरांडो के प्रभारी बलबीर सिंह के पास जा कर गुहार लगाई. कृष्णा के साथ समाजसेवक सरदार प्रगट सिंह भी थे, जो ग्राम प्रधान भी थे. चौकीप्रभारी ने पूरी बात विस्तार से बताने के लिए कहा तो कृष्णा ने बताया कि वह न्यू गुरु तेगबहादुर नगर के मकान नंबर 15 में रहती है. काफी समय पहले उस के पति मगट सिंह की मृत्यु हो चुकी है. उस की 2 संताने हैं, एक 32 वर्षीय बेटा वीर सिंह, दूसरी 28 वर्षीया बेटी सुमन. 7 साल पहले सुमन की शादी प्रगट मसीह के साथ हुई थी.

कृष्णा ने आगे बताया, ‘‘मेरे घर पर केवल मैं और मेरा बेटा वीर सिंह ही रहते थे. 27 जुलाई, 2014 को वीर सिंह कोल्डड्रिंक पीने के लिए गली के कोने तक गया. उस के बाद लौट कर नहीं आया. मैं ने उस की तलाश उन जगहों पर कर ली है, जहां उस के मिलने की संभावना थी. इसलिए साहब, आप से निवेदन है कि आप मेरे बेटे को ढूंढने में मेरी मदद करें.’’

यह 28 जुलाई, 2014 की बात है. चौकीप्रभारी बलबीर सिंह ने समाजसेवक सरदार प्रगट सिंह और कृष्णा देवी के बयान के आधार पर वीर सिंह की गुमशुदगी दर्ज कर के उस की तलाश शुरू कर दी. लेकिन वह किसी नतीजे पर पहुंच पाते इस के पहले ही उन का तबादला हो गया. उन की जगह चौकी का प्रभार एएसआई निशान सिंह ने संभाला. निशान सिंह ने गुमशुदा वीर सिंह के फोटो की कौपी सभी थानों को भेज दी. लुधियाना व निकटवर्ती शहर के थानों को वीर सिंह का हुलिया बता कर वायरलैस मैसेज करवा दिए गए. इस के बावजूद वीर सिंह का कोई सुराग नहीं मिला.

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