Hindi Best Stories : फेमिली वालों की मरजी से अपने प्रेमी बैंक मैनेजर आशुतोष वर्मा से शादी कर के सुधा खुश थी. पति का मुंबई ट्रांसफर हो जाने के बाद सुधा एक एनजीओ खोल कर गरीबों व जरूरतमंदों की सेवा करने लगी. एनजीओ के सहयोग से पुलिस ने रेडलाइट एरिया में छापा मारा तो कोठे से बरामद नाबालिग लड़कियों के साथ माधुरी को देख कर सुधा चौंक गई. माधुरी कालेज में साथ पढऩे वाली उस की पक्की सहेली थी. माधुरी वेश्यावृत्ति के अड्डे तक आखिर कैसे पहुंची? पढ़ें, यह सस्पेंस से भरी रोमांटिक कहानी.
सुबह का सूरज आसमान में फैली लालिमा से निकल कर बाहर आया तो सुनहरी धूप खिल गई. सुधा 4 बजे ही बिस्तर से उठ कर स्नान आदि .से निवृत्त हो जाती थी. फिर घर के मंदिर में वह पूजा की थाली ले कर पहुंच जाती थी. यह उस का रोज का नियम था. उस के फेमिली वाले जानते थे कि सुधा संस्कारी लड़की है. मंदिर में उस का साथ देने के लिए वे सब भी नहाधो कर उपस्थित होते थे. उस दिन भी मंदिर की घंटी जैसे ही बजी, सुधा के दादा दीनानाथ, मम्मी जानकी और छोटी बहन कुसुम मंदिर में आ कर खड़े हो गए.
सुधा ने बड़े श्रद्धा भाव से राधाकृष्ण की पूजा की, आरती गाई, फिर मूर्ति के चरणों में नमन करने के बाद वह आरती की थाली ले कर दादाजी के पास आ गई. उस ने झुक कर एक हाथ से दादाजी के चरण स्पर्श किए, फिर पूजा की थाली उन के सामने बढ़ा दी.