Karnataka News : कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) 68 वर्षीय ओमप्रकाश की हत्या उन की 65 वर्षीय पत्नी पल्लवी ने जीवन के उस मोड़ पर कर डाली, जहां हर किसी को एक मददगार जीवनसाथी की जरूरत अधिक होती है. आखिर शादी के करीब 40 साल बाद पल्लवी ने क्रूरता की हदें पार कर चाकू से अपने ही हाथों अपने पति का कत्ल क्यों किया?
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के पौश इलाकों में से एक एचएसआर लेआउट है. यहीं तीनमंजिला इमारत में रिटायरमेंट के बाद पिछले 8 सालों से कर्नाटक के पूर्व डीजीपी और बिहार के चंपारण के मूल निवासी ओम प्रकाश अपनी पत्नी पल्लवी और बेटी कृति के साथ रह रहे थे. बेटा कार्तिकेश अपनी पत्नी के साथ बेंगलुरु में ही अलग दूसरी जगह रहता था. छोटे से परिवार में सुखसुविधाओं की कमी नहीं थी. फिर भी परिवार के गिनती के सदस्यों के बीच तनाव बना रहता था.
बात रविवार 20 अप्रैल, 2025 की है. ओम प्रकाश और उन की पत्नी दोपहर के भोजन के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठे थे. उन के पसंदीदा भोजन मछली और चावल की हल्कीहल्की खुशबू हाल में फैली हुई थी. उलटी प्लेट को सीधी करते हुए ओम प्रकाश बोले, ”कृति नहीं आई?’’
”नहीं, उसे मछली पसंद नहीं है.’’ डाइनिंग टेबल का एक चेयर बाहर की ओर निकालती हुई पत्नी पल्लवी बोली.
”पास की चेयर पर बैठो न!’’ ओम प्रकाश बोले.
”क्यों, यहीं ठीक है. क्या होगा पास बैठ कर, जब हमारे बीच दूरियां बढ़ती जा रही हैं?’’ पल्लवी रूखेपन के साथ बोली.
”तुम अभी तक नाराज हो?’’ ओम प्रकाश बोले.
”नाराज तो तुम्हारा बेटा है…बोला था लंच साथ करूंगा, लेकिन अभी तक लापता है.’’ पल्लवी बोली.
”मुझे तो लगता है कृति भी नाराज है, जो यहां नहीं है.’’ ओम प्रकाश ने उसी अंदाज में जवाब दिया, जिस तरह से पल्लवी बेटे कर्तिकेश के बारे में बोली थी.
”तुम पर ही गया है, जैसा बाप वैसा बेटा. खानदानी जो है.’’ पल्लवी ने व्यंग्य किया.
”वह तो मैं भी देख ही रहा हूं कि कौन कितना खानदानी है और कौन कितना हमदर्द!’’ ओम प्रकाश बोले ही थे कि पल्लवी एकदम से एक झोंके की तरह बरस पड़ी. बगैर रुके बोलना शुरू कर दिया. पुरानी बातों को तह पर तह लगाने लगी. तब तक ओम प्रकाश कैसरोल से 2 बड़ा चम्मच चावल निकाल चुके थे. दूसरे कैसरोल से मछली का पीस निकाल रहे थे. पास के कमरे से कृति की आवाज आई, ”मम्मी फिर शुरू हो गईं तुम!’’
”…अरे भई, खाना तो ठीक से खा लेने दो. हर वक्त एक ही बात को 50 तरीके से बकती रहती हो.’’
कमरे में कृति ने डाइनिंग हाल से तूतूमैंमैं की आवाज सुन कर भिड़े दरवाजे को बंद कर लिया. कुंडी लगाने की आवाज हुई ‘खटाक!’
”तुम से तो बेटी तक को नफरत है… मैं क्या हूं?’’ पल्लवी के तीखे बोल सुन कर ओम प्रकाश एकदम से तिलमिला गए, किंतु जल्द ही शांत हो गए. कोई जवाब नहीं दिया और मछली खाने के लिए उस का कांटा निकालने लगे. उन्हें पता था कि पल्लवी की बातों का उस के अंदाज में ही जवाब देने का मतलब क्या हो सकता है. वह पूरे घर को सिर पर उठा लेगी. फिर उसे संभालना मुश्किल होगा. उस पर मानो एक तरह से दौरा पड़ता है. वह सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक रोग की शिकार है. कुछ सेकेंड में पल्लवी की आवाज धीमी हुई, तब उन्होंने कहा, ”मछली अच्छी बनी है. एकदम से देसी स्टाइल में!’’
मिर्च पाउडर झोंक कर किया चाकू से हमला
पल्लवी शांत हो चुकी थी. अपनी प्लेट में एक चम्मच चावल निकाल चुकी थी. मछली निकाल रही थी, तभी ओम प्रकाश ने उस की प्लेट में एक चम्मच चावल और डाल दिए. बोले, ”एक में क्या होगा, कम से 2-3 चम्मच तो लो.’’
”तुम सरिता से दस्तखत करवा लाए?’’ अचानक पल्लवी बोली, तब ओम प्रकाश के हाथ से चम्मच छूट गई.
”क्यों, झटका लगा?’’ पल्लवी बोली.
”उस प्रौपर्टी पर सरिता का भी हक है. वह पुश्तैनी प्रौपर्टी के पैसे से खरीदी गई है.’’ ओम प्रकाश ने सफाई दी.
यह सुनना था कि पल्लवी फिर बिफर गई. मछली की ग्रेवी से भरा चम्मच पति पर फेंक मारा. वह सीधे उन के चेहरे पर जा लगा. कुछ आंखों में चला गया. वह तिलमिला गए. अपने हाथों से आंखें मलने लगे.
”यह क्या कर डाला तुम ने… मुझे मार डालोगी क्या?’’ पीड़ा से कराहते हुए आंखें धोने के लिए वह उठे और रसोई के सिंक की ओर जाने लगे, किंतु वह लडख़ड़ा कर गिर गए. इसी बीच एक झटके में पल्लवी उठी और रसोई से चाकू निकाल लाई. उस ने एक जोरदार हमला उठने की कोशिश कर रहे पति ओम प्रकाश की गरदन पर कर दिया. उन्होंने बचाव किया, किंतु पल्लवी तब तक मिर्च पाउडर का डब्बा ले आई और मिर्च का पाउडर उन की आंखों में झोंक दिया. 68 वर्षीय ओम प्रकाश तीखे दर्द से तिलमिलाने लगे. भारी शरीर होने के कारण उठ नहीं पाए. शोरगुल सुन कर कृति कमरे से बाहर निकल आई. 65 वर्षीय पल्लवी अपने पति पर चाकू से लगातार हमले करने लगी.
जमीन पर पड़े ओम प्रकाश लहूलुहान हो चुके थे. चीखते हुए ‘बचाओबचाओ’ कर रहे थे. कुछ मिनट में ही उन की आवाज निकलनी भी बंद हो गई. तब तक पल्लवी भी चाकू से हमले कर पस्त हो गई थी. चाकू डाइनिंग टेबल पर फेंका और फर्श पर बैठ गई.
”मम्मी ये कर डाला तुम ने?’’ कृति तब तक हाल में आ चुकी थी. चीखती हुई बोली.
उसी तरह पल्लवी भी चीखती हुई बोली, ”ठीक किया, यह काम बहुत पहले ही करना चाहिए था. पुलिस को फोन कर.’’
”तुम्हें जो करना है, करो. मैं चली अपने कमरे में सोने.’’ कृति कहती हुई फस्र्ट फ्लोर पर अपने कमरे में चली गई.
इधर कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश खून से लथपथ जमीन पर गिरे पड़े थे. उन के मुंह से जरा भी आवाज नहीं निकल रही थी. उन की सांसें चल भी रही थीं या नहीं, इसे देखने वाली वहां मौजूद एकमात्र पल्लवी थी. वह उन्हें काफी समय तक देखती रही. जब उसे पूरा विश्वास हो गया कि पति मर चुके हैं, तब उस ने पुलिस को 112 नंबर पर काल किया. उस ने बताया कि उस के पति की मौत हो गई है. उसे उसी ने मार डाला है. इस के बाद पल्लवी ने अपनी एक दोस्त, जोकि एक रिटायर्ड आईपीएस की पत्नी थीं, को वीडियो काल किया. उन से कहा, ‘मैं ने राक्षस को मार डाला!’
बेटे ने मां और बहन पर लगाया हत्या का आरोप
उसी दिन शाम के साढ़े 4 बजे पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने घर के अंदर देखा. डाइनिंग हाल में खून से लथपथ पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश की लाश पड़ी थी और पल्लवी हाल में ही लाश के करीब बैठी थी. ओम प्रकाश की गरदन, पेट, सीने और बाहों पर चाकू के 8 से 10 घाव थे. जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब लाश चादर से लिपटी हुई थी. फर्श पर चारों तरफ खून बह जाने की वजह से ओम प्रकाश की घर में ही मौत हो चुकी थी. जबकि बेटी कृति फस्र्ट फ्लोर पर अपने कमरे में थी. उस ने खुद को कमरे के अंदर बंद कर लिया था. पुलिस ने उसे आवाज लगाई, लेकिन उस ने कोई जवाब नहीं दिया. काफी कोशिश के बावजूद जब कृति ने दरवाजा नहीं खोला, तब पुलिस को मजबूरन दरवाजा तोडऩा पड़ा.
पुलिस ने पाया कि वारदात के समय घर में सिर्फ 3 लोग ही मौजूद थे. ओम प्रकाश, उन की करीब 65 वर्षीया पत्नी पल्लवी और करीब 20 साल की बेटी कृति. ओम प्रकाश का बेटा कार्तिकेश तब कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में गोल्फ खेलने गया हुआ था. शाम करीब 5 बजे कार्तिकेश को उन के एक पड़ोसी ने फोन कर वारदात की जानकारी दी. कार्तिकेश भागाभागा घर आया. पुलिस पहले से ही घर के अंदर थी. उस ने ही बाद में पुलिस में एफआईआर लिखाई. उस ने इस वारदात के लिए अपनी मम्मी और बहन को ही दोषी ठहराते हुए एफआईआर में लिखाया कि उस की मम्मी पल्लवी पापा ओम प्रकाश को पिछले कई हफ्तों से धमकी दे रही थी.
इसी धमकी के चलते ही कुछ दिन पहले पापा घर छोड ़कर बेंगलुरु में रहने वाली अपनी बहन सरिता कुमारी के घर चले गए थे. 2 दिन पहले 18 अप्रैल को उस की छोटी बहन कृति अपनी बुआ सरिता कुमारी के घर गई थी. उस ने पापा पर दबाव बना कर उन्हें किसी तरह उन की मरजी के खिलाफ घर ले आई थी. कार्तिकेश ने रिपोर्ट में यह भी लिखवाया कि मम्मी और बहन दोनों ही डिप्रेशन की मरीज हैं. उन्हें पूरा यकीन है कि उस की मम्मी और बहन ने ही पापा की हत्या की है. कार्तिकेश की शिकायत और शुरुआती जांचपड़ताल के सिलसिले में पुलिस ने पाया कि उस दिन रविवार होने के कारण शाम तक ओम प्रकाश के घर बाहर से कोई भी नहीं आया था. और न ही कोई घर से बाहर गया था. सीसीटीवी कैमरे में किसी बाहरी शख्स के आने या जाने की फुटेज नहीं दिखाई नहीं दी थी.
वैसे पूर्व डीजीपी होने के नाते ओम प्रकाश को पुलिस सुरक्षा भी मिली हुई थी, किंतु रविवार को कोई सुरक्षा नहीं थी. घर के अंदर फोर्स की सुरक्षा के कोई सबूत नहीं मिले थे. इस तरह से कार्तिकेश की शिकायत और मौके पर मिले सुराग पल्लवी और कृति के आरोपी होने का इशारा कर रहे थे. लिहाजा, पुलिस ने उन दोनों को हिरासत में ले लिया. पल्लवी ने ओम प्रकाश के कत्ल की बात कुबूल करने में जरा भी देरी नहीं की. शुरुआती पूछताछ में पल्लवी ने सारी बातें बता दीं कि कैसे झगड़े की शुरुआत हुई और किस तरह से कौन पहले हिंसा के लिए आगे बढ़ा.
पल्लवी के मुताबिक उस ने खुद के बचाव में पति को मार डाला. पल्लवी ने आरोप लगाया कि पति ओम प्रकाश अपने पास एक पिस्टल रखा करते थे. उसी पिस्टल से छोटीछोटी बातों पर भी वह उन्हें गोली मार देने की धमकी देते थे. वारदात के दिन जब पति के साथ झगड़ा हो गया था, तब इसी झगड़े के दौरान उन्होंने उस पर पिस्टल तान कर मार डालने की धमकी दी थी. पल्लवी ने यह भी कहा कि वह उस वक्त इतने गुस्से में थी कि उस ने उन्हें कम से कम 8 से 10 बार चाकू मारा. जब उसे यकीन हो गया की वह मर चुके हैं, तब चाकू से हमले करने बंद किए. इसी के साथ पल्लवी ने यह भी कहा कि इस हत्या में बेटी कृति का कोई रोल नहीं है.
हालांकि पुलिस ने घटनास्थल से 2 चाकू बरामद किए. पुलिस को शक है कि ओम प्रकाश के कत्ल में पल्लवी के साथसाथ कृति भी शामिल हो सकती है. पल्लवी के बयान से हट कर पुलिस ने घटनास्थल की जांच की. पल्लवी और कृति दोनों से अलगअलग पूछताछ की गई. उस दोपहर की घटना का खुलासा हुआ. उस के मुताबिक, डाइनिंग टेबल पर खाना लगा हुआ था और ओम प्रकाश जब खाने के लिए कुरसी पर बैठे थे, तभी अचानक पत्नी पल्लवी से उन का झगड़ा हो गया था. इसी झगड़े के दौरान पल्लवी ने हमला करना शुरू कर दिया था.
पतिपत्नी के बीच झगड़े की क्या थी वजह
शुरुआती जांच में पुलिस को यह भी मालूम हुआ कि ओम प्रकाश अपने कुछ करीबी पुलिस वालों से घरेलू झगड़े की बातें बता चुके थे. इस बारे में छानबीन करने पर एक महत्त्वपूर्ण बात सामने आई कि ओम प्रकाश और उन की पत्नी पल्लवी के बीच अकसर एक प्रौपर्टी को ले कर झगड़ा हुआ करता था. यह प्रौपर्टी बेंगलुरु में ही है. झगड़ा इस बात को ले कर होता था कि ओम प्रकाश ने यह प्रौपर्टी अपनी बहन सरिता कुमारी के नाम कर रखी थी. उसी बहन के यहां वह पिछले हफ्ते भर से रह रहे थे.
कहते हैं हर जुर्म के होने से पहले उस की आहट सुनाई देती है. ऐसा ही इस वारदात में हुआ था. पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि यह वारदात एकाएक हुए किसी झगड़े की वजह से नहीं हुई, बल्कि इस की आहट काफी पहले से सुनाई दे रही थी. पल्लवी अपने पति पर जासूसी करवाने, खाने में जहर देने और यहां तक कि अपने और अपनी बेटी के कत्ल की साजिश रचने का भी इलजाम लगा चुकी थी. मगर तब लोगों ने इसे पारिवारिक मामला मान कर अनसुना कर दिया था. यह कहें कि इस परिवार के जानने वाले लोगों, दोस्तों और रिश्तेदारों ने इस आहट को सुनने और समझने में गलती कर दी.
आईपीएस ग्रुप में पल्लवी ने क्या मैसेज किया
जैसेजैसे जांच का सिलसिला आगे बढ़ा, वैसेवैसे ओम प्रकाश की हत्या के पीछे नफरत, धोखा, रुपयों का लालच, साजिश, धमकी की विवादित बातें उजागर होने लगीं. इस कत्ल की बुनियाद काफी पहले उसी वक्त तैयार हो गई थी, जब पतिपत्नी के बीच हर गुजरते दिन के साथ झगड़ा बढ़ता ही जा रहा था. हालांकि इस को ले कर पल्लवी कई बार अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को फोन कर या फिर मैसेज के जरिए इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगा चुकी थी. लेकिन सच्चाई यही है कि ज्यादातर लोगों ने इसे पारिवारिक मामला मान कर पतिपत्नी की इस लड़ाई से खुद को दूर कर लिया था.
वारदात के महज कुछ रोज पहले ही पल्लवी ने आईपीएस औफिसर्स के एक वाट्सऐप ग्रुप में अपने पति ओम प्रकाश के खिलाफ एक के बाद एक कई मैसेज भेजे थे. मैसेज में उस ने लिखा था कि इस मामले पर उन्हें ‘सुओ-मोटो काग्निजेंस’ लेते हुए पति के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए. सुओ-मोटो काग्निजेंस एक कानूनी शब्द है, जो भारतीय न्याय प्रणाली में अकसर प्रयोग होता है. इसे अंगरेजी में स्ह्वश रूशह्लश ष्टशद्दठ्ठद्ब5ड्डठ्ठष्द्ग कहा जाता है. यह एक लैटिन शब्द है, जिस का मतलब होता है अपने आप या स्वत: संज्ञान लेना’.
अपने देश में इस का प्रयोग मानवाधिकार उल्लंघन, पर्यावरण से जुड़े मामले, भ्रष्टाचार, जनहित से जुड़े गंभीर मुद्ïदे आदि के लिए होता रहा है. इसे ही पल्लवी ने मैसेज में लिखा था, ‘यह मेरी यानी पल्लवी ओम प्रकाश की ओर से एक इमरजेंसी काल है. इसे मेरी ओर से दी जा रही एक औनलाइन एफआईआर समझें और प्लीज इस मामले में स्वयं संज्ञान लें और मेरे पति ओम प्रकाश के खिलाफ काररवाई करें. मैं और मेरी बेटी मेरे पति यानी कर्नाटक के पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश के हाथों घरेलू हिंसा का शिकार हो रहे हैं.’
यही नहीं, पल्लवी पति के कत्ल से पहले उन पर और भी कई संगीन आरोप लगा चुकी थी. उस ने लोगों से फरियाद की थी, लेकिन उन बातों को तब गंभीरता से नहीं लिया गया. पल्लवी ने इल्जाम लगाया था कि उस के और बेटी के खिलाफ उस के पति ओम प्रकाश लगातार साजिशें रच रहे हैं. वह उन की जासूसी कराते हैं. वे जिन से भी मिलने की कोशिश करती हैं या फिर जिन से बातें करती हैं, पति के लोग वो सारी जानकारी उन्हें देते हैं. यहां तक कि अब तो उन के खाने में डायबिटीज की दवा इंसुलिन और सैनिटाइजर जैसी जहरीली चीजें भी मिलाई जाने लगी हैं. वह अब अपनी बेटी कृति को जानबूझ कर टारगेट करने लगे हैं, क्योंकि बेटी अपने पिता की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाती है.
पल्लवी ने एक और वाट्सऐप मैसेज में लिखा था कि अब वह मेरी बेटी को भी ड्रग देने लगे हैं. क्योंकि वह अपनी आवाज उठाने लगी है. मेरी बेटी हर रोज तिलतिल कर मर रही है. हम बहुत ही खतरनाक और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं और हमें तुरंत सुरक्षा और मदद की दरकार है. मेरी बेटी का फोन, लैपटाप और सारे इलेक्ट्रौनिक डिवाइसेज या तो हैक कर लिए गए हैं या फिर उन्हें खराब कर दिया गया है. इस मामले में सबूतों की कोई कमी नहीं है.
इसी तरह एक और मैसेज में पल्लवी ने अपने पति ओम प्रकाश पर इलजाम लगाया था कि वह अपनी सारी करतूतों पर परदा डालने के लिए जब भी जरूरत पड़ती है, उन्हें मानसिक तौर पर डिस्टर्ब साबित करने की कोशिश करते हैं और इन चीजों के पीछे सिर्फ और सिर्फ लालच और जलन जैसी चीजें हैं. मेरे बेटे और बहू उन का साथ देते हैं. वो लालच में डूबे हैं, भ्रष्ट हैं. पावर यानी अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल करते हैं. जांच और सूत्रों के अनुसार पल्लवी और उन के पति ओम प्रकाश के बीच विवाद की असली जड़ प्रौपर्टी ही थी. पल्लवी को लगता था कि पति उसे और बेटी को उन का हक दिए बगैर अपने नातेरिश्तेदारों को प्रौपर्टी का शेयर देते जा रहे हैं, जोकि ठीक नहीं है. ऐसा ही एक विवाद बेंगलुरु की एक प्रौपर्टी को ले कर था.
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के छोटे से शहर बगहा से आने वाले ओम प्रकाश एलआईसी क्लर्क शिवपूजन गुप्ता के बेटे थे, जिन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की. 1981 में आईपीएस अधिकारी बनने के बाद वह कर्नाटक चले गए और बेल्लारी जिले के एडिशनल एसपी के रूप में अपना करिअर शुरू किया. उन्होंने अपना करिअर तब के बेल्लारी डिस्ट्रिक्ट और आज के हरपनहल्ली में बतौर एएसपी से शुरू किया था.
कर्नाटक के अलगअलग शहरों और जिलों में बतौर एसएसपी भी उन्होंने शानदार काम किया था. ओम प्रकाश लोकायुक्त, फायर डिपार्टमेंट ऐंड इमरजेंसी सर्विसेज और सीआईडी में भी डीआईजी के तौर पर काम कर चुके थे. वह पहली मार्च, 2015 को कर्नाटक के डीजीपी बनाए गए थे. इस पद पर वह पूरे 2 साल रहे और फिर मार्च 2017 में सर्विस से रिटायर हो गए. रिटायरमेंट के बाद से वह अपने परिवार के साथ बेंगलुरु के इसी घर में रहा करते थे.
बगहा के रहने वालों का कहना है कि उन्होंने अंतरजातीय विवाह किया था, जिसे ले कर उन का अपनी मम्मी से झगड़ा हो गया था. मम्मी ने कभी उन की शादी को स्वीकार नहीं किया था. यह उन के करिअर के शुरुआती वर्षों में बगहा का अकसर दौरा न करने का एक कारण बन गया था. उन के बारे में बगहा शहर में उन के पड़ोसियों का कहना था कि ओम प्रकाश का परिवार परसौनी गांव में रहता था, जब तक कि यह 1971 की विनाशकारी गंडक बाढ़ में बह नहीं गया. उन के पिता शिवपूजन गुप्ता ने बगहा में एक घर खरीदा था और 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अपनी मृत्यु तक यहीं रहे.
उन के दोनों बेटों में से कोई भी अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए बगहा नहीं आया. उन के छोटे भाई कोलकाता में रहते हैं. पड़ोसी के अनुसार ओम प्रकाश आखिरी बार 2022 में बगहा आए थे और उन्होंने अपने घर के पास एक हनुमान मंदिर स्थापित किया था. उन के पैतृक घर पर अब ताला लगा रहता है. इस मामले को जांच बेंगलुरु सेंट्रल क्राइम ब्रांच की महिला शाखा को सौंप दी गई है. अपराध के पीछे के मकसद का पता लगाने के लिए पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए है. जांच की जिम्मेदारी डीसीपी सारा फातिमा को सौंपी गई है.
फातिमा के अनुसार प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि पल्लवी और उस की बेटी कृति ने एक सप्ताह पहले ही ओम प्रकाश को खत्म करने की योजना बना ली थी. पुलिस की जांच के अनुसार, ओम प्रकाश पर दोपहर का खाना खाते समय हमला किया गया, तब कथित तौर पर उन के और पत्नी व बेटी के बीच कहासुनी हुई थी. बताते हैं कि जब ओम प्रकाश मछली खा रहे थे, तब आरोपियों ने कथित तौर पर उन पर चाकुओं और बीयर की बोतल से हमला कर दिया था.
ऐसा माना जाता है कि पहले उन की आंखों में मिर्च पाउडर फेंका गया था, ताकि वह अपनी लाइसेंसी पिस्टल तक न पहुंच सकें. इस हत्याकांड में पल्लवी का साथ उन की बेटी कृति ने भी दिया था या नहीं, इस की पुष्टि नहीं हो पाई है. किंतु इतना जरूर पता चला है कि हत्या से पहले पल्लवी ने गूगल पर हत्या के तरीकों की खोज की थी, जिस में गरदन पर वार करने से होने वाली मौत के बारे में जानकारी शामिल थी. इस जानकारी को सर्च करने में पल्लवी को बेटी ने मदद की थी, जहां से उन्होंने यह सीखा कि शरीर के किस भाग पर चाकू मारने से इंसान की जल्दी मौत होती है.
पल्लवी और उस की बेटी को सर्च के बाद यह पता चला कि गरदन के पास नसों और रक्त वाहिकाओं को काटने से कैसे एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. पुलिस को जांच में मांबेटी के मोबाइल पर सर्च हिस्ट्री में और भी बहुत कुछ पता चला है. कथा लिखे जाने तक पुलिस ने पल्लवी को गिरफ्तार कर 21 अप्रैल को मजिस्ट्रैट के सामने पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था, जबकि कृति को मानसिक जांच के लिए निमहंस में भरती करा दिया गया था.