UP Crime News : पिछले एक महीने में प्रेमिका के साथ मिल कर पति द्वारा पत्नी को ठिकाने लगाने या पत्नी द्वारा प्रेमी के साथ मिल कर पति का कत्ल करने की अलगअलग राज्यों में 20 से अधिक घटनाएं सामने आई हैं. इन में जहां मेरठ की ड्रम वाली घटना में क्रूरता की पराकाष्ठा थी तो देवरिया की यह घटना भी उस से किसी मामले में कम नहीं है.
नौशाद के दुबई जाने के बाद रजिया सुलतान पूरी तरह रोमान के वश में आ गई थी. अब उस के लिए अलग घर बन ही गया था. नौशाद यहां जो पैसे भेजता था, उसी के अकाउंट में आता था. इसलिए उस के अकाउंट में काफी रकम जमा हो गई थी. यही वजह थी कि अब उसे लगने लगा था कि अगर नौशाद नहीं भी रहेगा तो वह रोमान के साथ आराम से गुजारा कर लेगी. क्योंकि रोमान भी तो कमाता था. उस के साथ वह सुखी रहेगी, क्योंकि वह उस के साथ रहेगा.
अब वह बाकी की जिंदगी अपने प्रेमी रोमान के साथ बिताना चाहती थी. लेकिन इस के लिए नौशाद से छुटकारा चाहिए था. नौशाद से वह तलाक लेना नहीं चाहती थी. इस की वजह यह थी कि अगर वह नौशाद से तलाक लेती तो उस के हाथ कुछ न लगता. घर भी छोडऩा पड़ता और नौशाद के रुपए भी देने पड़ते. जबकि वह यह सब हड़पने के चक्कर में थी.
अब नौशाद से छुटकारा पाने का एक ही तरीका बचा था कि उसे ठिकाने लगा दिया जाए यानी उस की हत्या कर दी जाए. लेकिन यह काम उस के अकेले के वश का नहीं था. अभी यह भी कंफर्म नहीं था कि रोमान नौशाद की हत्या के लिए तैयार होगा भी या नहीं. रजिया दुविधा में फंसी थी. लेकिन उस ने यह तय कर लिया था कि अब वह नौशाद के साथ नहीं, प्रेमी रोमान के साथ रहेगी. यह निर्णय लेने के बाद अब उसे रोमान को अपने मामा की हत्या के लिए तैयार करना था, साथ ही इस के लिए भी मनाना था कि सारा मामला शांत होने के बाद वह उस के साथ निकाह करेगा. इस के बाद उस ने धीरेधीरे रोमान को मनाना शुरू किया कि नौशाद के न रहने पर दोनों सुख और शांति से रह सकेंगे.