UP News : 24 वर्षीय प्रदीप कुमार पासवान और 22 वर्षीय शिवानी की सुहागसेज फूलों से सजाई गई थी. उन्हें हंसीखुशी से कमरे में भेजा गया था, लेकिन सुबह को सुहागसेज पर दोनोंं की लाशें मिलीं. शादी की पहली रात को दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ? किस ने छीन ली दोनों की जिंदगी? पढ़ें, सुहागरात को दोनों की मौत की सच्चाई को बयां करने वाली यह कहानी…

9 मार्च, 2025 को सुबह लगभग 6 बजे दीपक कुमार पासवान सब्जी मंडी जाने के लिए तैयार हो गया. रात को उस के छोटे भाई प्रदीप ने कह दिया था कि वह भी सुबह मंडी उस के साथ चलेगा. मंडी जाते समय दीपक ने प्रदीप कुमार पासवान के कमरे का दरवाजा खटखटाया और कहा कि प्रदीप मैं तो मंडी जा रहा हूं, तुम भी आ जाना.

अयोध्या के थाना कैंट क्षेत्र के सहादतगंज मुरावन टोला निवासी 24 वर्षीय प्रदीप कुमार पासवान की शादी खंडासा थाना क्षेत्र के डीली सरैया के मजरा (मौजा) मोहलिया निवासी मंतूराम पासवान की बेटी 22 वर्षीय शिवानी से 7 मार्च, 2025 को हुई थी. 8 मार्च को दूल्हा बना प्रदीप अपनी नईनवेली दुलहन को विदा करा कर अपने घर लाया था. 9 मार्च को प्रीतिभोज का कार्यक्रम होना था.

रिसैप्शन के लिए हलवाई को खाना बनाने की तैयारी करनी थी, इसलिए दीपक अपने कुछ रिश्तेदारों के साथ सब्जी खरीदने के लिए मंडी आया था. मंडी पहुंचने पर जब उस का भाई प्रदीप नहीं आया तो भाई दीपक ने सोचा रात को शादी की थकान के चलते प्रदीप सो रहा होगा, इसलिए आंख नहीं खुली होगी. दीपक ने अपने रिश्तेदारों के साथ सब्जी खरीदना शुरू की ही थी कि उस के मोबाइल की घंटी बज उठी. फोन घर से ही उस की बहन अनीता ने किया था. वह हड़बड़ाते हुए बोली, ”भैया, घर जल्दी आ जाओ.’’

इतना कह कर उस ने काल डिसकनेक्ट कर दी. इस पर दीपक हड़बड़ा गया. वह यह भी नहीं पूछ सका कि बात क्या है? आननफानन में दीपक उल्टे पैर घर लौट आया. घर में घुसते ही महिलाओं के रोनेचीखने की आवाजें सुन कर दीपक के पैरों के नीचे से जैसे जमीन खिसक गई. पता चला कि नवविवाहित जोड़े की सुहागसेज पर ही मौत हो गई है. यह कैसे हो गया?

पता चला कि 9 मार्च की सुबह 7 बजे तक प्रदीप और नवविवाहिता शिवानी सो कर नहीं उठे. इस पर प्रदीप की मां ने बेटी से प्रदीप को जगाने और मंडी भेजने के लिए कहा. नवविवाहित जोड़े के कमरे का दरवाजा काफी देर तक खटखटाने और प्रदीप और शिवानी को कई आवाजें देने के बाद भी जब अंदर से कोई जबाव नहीं मिला और दरवाजा नहीं खुला, तब परिजन व रिश्तेदार कमरे के बाहर जमा हो गए. सभी डर गए थे. मां ने बेटी अनीता से कमरे की पीछे की खिड़की से देखने को कहा.

इस पर अनीता ने खिड़की के पल्लों को धकेल कर खोला तो अंदर का सीन देखते ही उस की चीख निकल गई. प्रदीप पंखे से लटका हुआ था. सभी ने मिल कर तय किया कि अब और देर नहीं की जाए. तब खिड़की तोड़ कर खिड़की के रास्ते कमरे में घुसा गया और कमरे का दरवाजा खोला. कमरे के अंदर का नजारा देख कर फेमिली वालों के साथसाथ सभी रिश्तेदार सन्न रह गए. प्रदीप का शव बंद कमरे में फंदे से लटका हुआ था जबकि दुलहन शिवानी मृत अवस्था में सुहाग सेज पर पड़ी थी.

सुहागसेज पर मिलीं नवविवाहित जोड़े की लाशें

प्रदीप की बहन

रहस्यमय तरीके से दोनों की मौत से शादी के घर में कोहराम मच गया. जहां कल तक शहनाई बज रही थी, वहीं अब महिलाओं की चीखें सुनाई दे रहीं थीं. इन में प्रदीप की मम्मी की भी आवाज थी, ‘नागिन मेरे बेटे को खा गई.’

ऐसा क्या हुआ, जो कुछ घंटों में ही दोनों की मौत हो गई? क्या किसी ने दोनों की हत्या तो नहीं कर दी? लेकिन दरवाजा तो अंदर से बंद था, फिर ऐसा होना कैसे संभव था?

नवविवाहित युगल की मौत का रहस्य गहराता जा रहा था. हर कोई चाहता था कि दोनों की मौत के रहस्य से जल्द से जल्द परदा उठे. फेमिली वाले भी कुछ समझ नहीं पा रहे थे. यह सब कैसे और क्यों हो गया?

मामले की गंभीरता को देखते हुए दीपक ने पुलिस के साथ ही दुलहन शिवानी के फेमिली वालों को भी घटना की जानकारी दे दी. खबर मिलते ही शिवानी के मायके में भूचाल सा आ गया. ऐसी क्या बात हो गई, जो दुलहन और दूल्हे की शादी के कुछ घंटे बाद ही मौत हो गई? पड़ोसी भी शिवानी के घर पर जा पहुंचे. थाना कैंट के एसएचओ पंकज सिंह पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए. पुलिस ने आते ही कमरे का निरीक्षण किया. इस के बाद प्रदीप के शव को फंदे से उतारा. प्रदीप ने अपनी शेरवानी के दुपट्टे से फांसी लगाई थी. घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई.

सूचना मिलते ही एसएसपी राज करण नैय्यर, सीओ शैलेंद्र सिंह भी वहां पहुंच गए. पुलिस का कहना था कि फोरैंसिक टीम ने सैंपल लिए हैं. कमरा अंदर से बंद था, ऐसे में मामला सुसाइड का लग रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा. पुलिस को कमरे के अंदर से प्रदीप का मोबाइल भी मिला, जिसे कब्जे में ले लिया गया. फेमिली वालों ने पुलिस को बताया कि 8 मार्च को सुबह 11 बजे दुलहन शिवानी विदा हो कर राजीखुशी से अपनी ससुराल पहुंची थी. शाम होतेहोते घर और रिश्ते की महिलाएं ढोलक ले कर बैठ गईं और फिर देर रात तक शादी के गीत गाए जाते रहे.

पूजापाठ के साथ जरूरी रस्में निभाई गईं. सभी ने खाना खाया और हंसीठिठोली के बीच रात लगभग 11 बजे के बाद दूल्हादुलहन को भाभी व बहनों ने कमरे में छोड़ा था. कमरे को फूलों की लडिय़ों तथा सुहागसेज को गुलाब की पंखुडिय़ों से सजाया गया था. शादी में कामकाज के चलते सभी थके हुए थे, इसलिए सोने चले गए थे. रात को घर में सो रहे मेहमानों व परिजनों ने किसी प्रकार की कोई आवाज या शोर भी नहीं सुना.

पुलिस ने मौके की काररवाई निपटाने के साथ ही दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने अपनी जांच कई एंगल से शुरू की. सुहागरात पर दोनों के बीच किसी बात पर विवाद हुआ हो. इस के बाद प्रदीप ने दुलहन की हत्या कर दी, फिर खुद फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली. अथवा दोनों के बीच विवाद के बाद दुलहन ने आत्महत्या कर ली. इस के बाद डर कर प्रदीप ने भी फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. पुलिस के पहुंचने से पहले ही घर वालों ने खिड़की का दरवाजा तोड़ कर कमरे में प्रवेश किया था. ऐसे में पुलिस हत्या के एंगल से भी जांच में जुटी और घर में कौनकौन रिश्तेदार थे, उन के बारे में फेमिली वालों से पूछताछ शुरू की.

9 मार्च को शाम 3 बजे शिवानी और प्रदीप का पोस्टमार्टम हो गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टरों ने शिवानी की मौत का कारण उस की गला दबा कर हत्या करना बताया. वहीं प्रदीप की मौत हैंगिग से होना बताया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा हुआ कि शिवानी का गला जोर से दबाया गया था.

हत्या और आत्महत्या बनी पहेली           

              

अब प्रश्न यह था कि नईनवेली दुलहन शिवानी की हत्या किस ने की और प्रदीप को पंखे से किस ने लटकाया? यह सभी के लिए पहेली बनी हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार शिवानी की मौत रात 3 बजे हुई थी, जबकि उस के लगभग एक घंटे बाद प्रदीप की मौत हुई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट की खास बात यह थी कि मरने से पहले सुहागरात पर दोनों के रिलेशन बने थे. दोनों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मौत की उलझी गुत्थियों को कुछ हद तक सुलझा दिया था.

फोरैंसिक टीम की जांच से एक फैक्ट और सामने आया. प्रदीप ने शिवानी की हत्या करने के बाद करीब 45 मिनट तक यह सोचा कि वह खुद की जिंदगी को कैसे खत्म करे. शिवानी की लाश के पास बैठ कर वह सोचता रहा. कमरे में एक चाकू भी मिला था. हालांकि उस पर खून के निशान नहीं थे. कमरे में बैड पर प्रदीप ने कुरसी और स्टूल रख कर पंखे तक पहुंचने की कोशिश की थी, क्योंकि ये सब सामान बिखरा हुआ था.

अब सवाल यह था कि जब दोनों हंसीखुशी अपने कमरे में गए थे. तब देर रात ऐसा क्या हुआ? रात को उन के कमरे में कौन आया, जिस से दूल्हे प्रदीप को सुहागरात मनाने के बाद अपनी नवविवाहिता पत्नी शिवानी की गला घोंट कर हत्या करनी पड़ी? और लगभग एक घंटे के अंतराल में ही प्रदीप को फंदे पर लटक कर आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ा?

जबकि कुछ घंटे पहले अपनी शादी में प्रदीप दोस्तों के साथ डांस कर रहा था. प्रदीप और शिवानी अपनी शादी से खुश थे. दोनों के बीच कोई अनबन नहीं थी.

मोबाइल के मैसेज में छिपा राज

शादी तय होने के बाद पिछले एक साल से दोनों एकदूसरे से मोबाइल पर दिल खोल कर बातें करते थे. दोनों को अपनी शादी के दिन का बेसब्री से इंतजार था. दोनों को एकएक दिन भारी पड़़ रहा था. फिर ऐसा क्या हुआ, जो विवाहित जीवन शुुरू होने से पहले ही खत्म हो गया.

पुलिस ने बताया कि दुलहन शिवानी का गला इतनी जोर से दबाया गया कि वह चिल्ला भी नहीं सकी. उस की आवाज गले में घुट कर रह गई. ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि जिस कमरे में प्रदीप और दुलहन शिवानी मौजूद थे, उस कमरे की खिड़की से सिर्फ 5 फीट की दूरी पर बाकी परिजन सोए हुए थे. अगर शिवानी की आवाज बाहर तक पहुंचती तो शिवानी को बचाने के लिए फेमिली वाले आ जाते, लेकिन उन्हें घटना के बारे में सुबह 7 बजे ही पता चला.

पुलिस ने कमरे में मिले प्रदीप के मोबाइल की काल डिटेल्स निकलवाई. बताया जाता है कि मोबाइल में ज्यादातर काल शादी से संबंधित ही थे. एक मैसेज आया था. इस मैसेज में लिखा था, ”तुम कैसी हो… मुझे छोड़ कर अच्छा नहीं किया…’’

सीओ शैलेंद्र सिंह ने बताया, ”प्रदीप के मोबाइल पर एक अधूरा मैसेज मिला. उस मैसेज की भाषा कुछ ऐसी है, जैसे प्रदीप पत्नी शिवानी से कुछ सवाल पूछना चाहता है. ऐसा अनुमान है कि उसी मैसेज को दिखा कर दोनों में विवाद हुआ होगा. फिर प्रदीप ने शिवानी की हत्या कर दी और खुद फंदे पर लटक गया.’’

उन का मानना था कि प्रदीप ने खुद ही अपने दूसरे नंबर से इस मैसेज को किया था. वह इस मैसेज के जरिए नवविवाहिता पत्नी शिवानी के पुराने रिलेशनशिप के बारे में जानना चाहता था. उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी जांच जारी है. दोनों परिवारों की ओर से कोई शिकायत नहीं मिली है. कोई शिकायत मिलेगी, तब उसी के अनुसार काररवाई की जाएगी.’’

मोबाइल के मैसेज और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से धीरेधीरे इस वारदात से परदा उठता चला गया. प्रदीप ने शिवानी का गला जिस समय दबाया, उस समय शिवानी गहरी नींद में थी. दम घुटने से उस की नींद टूट गई. आंखें खुलीं तो उस ने प्रदीप को देखा होगा. शिवानी के गले पर जितने गहरे नीले रंग के निशान बने थे, उस से स्पष्ट है कि प्रदीप ने दोनों हाथों से शिवानी का गला दबा रखा होगा. शिवानी ने बचने के लिए ताकत लगाई, लेकिन प्रदीप की पकड़ से वह छूट नहीं पाई.

जिंदगी के लिए जुझते हुए उस ने प्रदीप के चेहरे और सीने पर हाथ मारे. प्रदीप के हाथों पर नोचा, लेकिन 3 मिनट में उस की सांसें घुट गईं. डाक्टर को शिवानी के हाथ के नाखूनों से प्रदीप के शरीर की स्किन मिली थी. वहीं प्रदीप का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर को उस की बौडी पर भी नोचे जाने के निशान मिले थे. डाक्टर के अनुसार शिवानी और प्रदीप के खून की जांच में किसी तरह का कैमिकल नहीं मिला. यानी दोनों ने कोई नशा नहीं किया था और न कोई दवा ली. प्रदीप ने पूरे होशोहवास में घटना को अंजाम दिया था.

मोहलिया निवासी शिवानी सिलाई का काम करती थी और अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहती थी. वह 8वीं कक्षा तक पढ़ी थी. उस के पिता  मंतूराम पासवान भी दिल्ली में सिलाई का काम करते थे. मंतूराम शिवानी के लिए लड़का तलाश रहे थे. किसी ने उन्हें प्रदीप के बारे में बताया.

तब मंतूराम प्रदीप के घर मुरावन टोला पहुंचे. मुरावन टोला और मोहनिया गांव के बीच 25 किलोमीटर की दूरी है. मंतूराम ने प्रदीप की फेमिली से रिश्ते की बात की. प्रदीप टाइल्स लगाने का काम करता था. वह दसवीं पास था. उस के पिता भग्गन पासवान की मौत हो चुकी थी. बड़ी बहन अनीता और भाई दीपक की शादी हो चुकी थी. प्रदीप सीधासादा युवक था. गौसेवक था. उस ने एक गाय भी पाल रखी थी. उस का चारापानी प्रदीप ही करता था. घर के सभी फैसले वही करता था. बड़ा भाई दीपक ट्रक मैकेनिक है.

शिवानी की मरजी से हुई थी शादी

दोनों ही परिवार शादी के लिए तैयार हो गए. इस के बाद लड़की को दिखाया गया. दोनों ने एकदूसरे को पसंद कर लिया. शादी अप्रैल, 2025 में करना तय हुआ था, लेकिन प्रदीप की मम्मी की तबियत खराब रहती थी, इसलिए शादी की तारीख अप्रैल की जगह 7 मार्च, 2025 रखी गई. मंतूराम शादी से एक महीने पहले अपने पुश्तैनी गांव के मकान पर परिवार सहित आ गए थे. शिवानी के पिता मंतूराम पासवान जानकारी मिलने पर अपने परिवार के साथ शिवानी की ससुराल पहुंचे. उन्होंने बताया कि शादी बेटी शिवानी की मरजी से ही की थी.

8 मार्च को सुबह 11 बजे बारात को हंसीखुशी विदा किया था. सभी बाराती और दूल्हादुलहन खुश थे. बारात विदा हो कर जब मुरावन टोला आई तो 4-5 घंटे में क्या हुआ, यह पता नहीं है. शिवानी की मम्मी सुमन देवी ने भी यही बात बताई और कहा कि हम किसी पर आरोप नहीं लगाएंगे. शिवानी दिल्ली में रहती थी. पुलिस के अनुसार उस का रहनसहन भी ठीक था. उस के फेमिली वालों से पुलिस ने संपर्क किया. शिवानी अपना मोबाइल मायके में ही छोड़ आई थी. पुलिस को शिवानी का मोबाइल रिकवर करना था.

सुमन देवी ने बताया कि शिवानी डेढ़ साल की थी, तब उसे दिल्ली ले गए थे और वहीं बस गए. पति लोहा फैक्ट्री में और मैं भी पास की एक कंपनी में काम करती थी. शिवानी घर पर ही सिलाई का काम करती थी. एक दिन काम करते हुए शिवानी का मोबाइल पानी में गिर गया था. इस के बाद उस के पास कोई मोबाइल नहीं था. मेरे ही मोबाइल से प्रदीप से बात करती थी.’’

प्रदीप ने वारदात से लगभग 2 घंटे पहले अपने भांजे अनुज को फोन किया था. पुलिस ने इस संबंध में अनुज से पूछताछ की. अनुज ने बताया कि मामा प्रदीप ने रविवार यानी 9 मार्च को उस से नया मोबाइल फोन खरीदने को कहा था. माना जा रहा है कि पत्नी शिवानी के पास कोई फोन न होने पर प्रदीप उसे नया फोन देना चाह रहा था. फैजाबाद के समाजवादी पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद घटना की जानकारी मिलने पर प्रदीप पासवान के घर पहुंचे. उन्होंने प्रदीप के परिजनों को सांत्वना दी. उन्होंने कहा कि पीडि़त परिवार की हरसंभव मदद की जाएगी.

फेमिली वालों ने शिवानी का शव लेने से क्यों किया इंकार

मायका पक्ष ने अंतिम संस्कार के लिए शिवानी के शव को लेने से इंकार कर दिया. उन का कहना था कि हम ने लड़की की शादी कर दी. लड़की अब आप के परिवार की हो गई. आप ही अब उस का क्रियाकर्म करें. इस बात ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि शिवानी के परिजनों को उस से जरा भी प्यार नहीं था, जो उस के शव को भी अपने गांव नहीं ले गए. यह बात भी चर्चा का विषय बनी रही. शिवानी के ससुराल वालों ने एक ही चिता पर दोनों के शव रख कर उन का अंतिम संस्कार किया. नवविवाहित युगल की चिता को जलते देख सभी की आंखें भर आईं. जहां कुछ घंटों पहले खुशी का माहौल था, वहीं अब मातम पसरा हुआ था.

अयोध्या के जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डा. आलोक मनदर्शन का मानना है कि पत्नी की हत्या के बाद प्रदीप के सुसाइड के पीछे 3 कारण हो सकते हैं. बेवफाई, सामाजिक डर और तीसरा तुम नहीं तो मैं भी नहीं. उन का कहना था कि प्रदीप सुसाइड मामले में ऐसा नहीं हो सकता कि अचानक कुछ बड़ा हो गया हो. प्रदीप के मन में पहले से कुछ शंकाएं रहीं होंगी. सुहागरात में प्रदीप को और क्लीयरेंस मिल गया होगा कि उस का शक सही है. इस के बाद ही प्रदीप ने ऐसा निर्णय लिया होगा.

फिलहाल नवविवाहिता युगल की मौत को ले कर चर्चाओं का बाजार गरम है. जितने मुंह उतनी बातें. शिवानी अपना मोबाइल मायके में क्यों छोड़ आई? शिवानी का मोबाइल पानी में गिरने पर खराब हो जाने की बात कही जा रही है तो क्या उसे अब तक सही नहीं कराया जा सका? आजकल कौन लड़की अपना मोबाइल मायके में छोड़ कर आती है. सुहागरात वाले दिन प्रदीप ने शिवानी का पास्ट जानने का प्रयास किया और स्वयं ही अपने मोबाइल पर मैसेज भेजा. इस के पीछे उस की नीयत थी कि वह पहली ही रात में यह जान लेना चाहता था कि शिवानी शादी से पहले किसी से प्यार करती थी और उस के साथ रिलेशन बना चुकी थी या नहीं? उस का अनुमान रहा होगा कि हड़बड़ी में शिवानी कुछ न कुछ बात जरूर कहेगी.

माना जाता है कि मैसेज दिखाने पर शिवानी ने विरोध किया होगा और दोनों के बीच झगड़ा हुआ होगा. गुस्से में उस ने शिवानी का गला घोंट दिया. शिवानी की हत्या करने के बाद लगभग 45 मिनट प्रदीप जिंदा रहा. आंकलन लगाया जा रहा है कि इस अंतराल में प्रदीप को यह एहसास हुआ होगा कि अब पत्नी की हत्या के आरोप में पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेगी. वह परिवार और समाज को क्या मुंह दिखाएगा? बहरहाल, शक, अविश्वास और रिश्तों की उलझन में दोनों की जिंदगी छिन गई.

 

 

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