Social Crime : 17 वर्षीय सना यूसुफ सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर थी. उस के 5 लाख से ज्यादा फालोअर्स थे. इन्हीं चाहने वालों में एक व्यक्ति ऐसा था, जो हाथ धो कर उस के पीछे पड़ा हुआ था. एक दिन वह 22 वर्षीय व्यक्ति सना के घर गया और उस ने गोली मार कर सना की हत्या कर दी. कौन था वह शख्स और क्यों की उस ने सना की हत्या?
लड़की होना और उस पर खूबसूरत होना तो पूरी दुनिया में किसी भी लड़की के लिए सब से बड़ा गुनाह है. पाकिस्तान जैसे मुल्क में यह और भी बड़ा हो जाता है, जहां इस्लाम के दस्तूरों के साथ औरत को पांव की जूती और भोगविलास की वस्तु समझना पुरुष समाज की न सिर्फ फितरत है, बल्कि वह औरत पर अपने अधिकार को मर्दानगी मानता हो. पाकिस्तानी समाज में एक जवान खूबसूरत लड़की, जो शोहरत की बुलंदियों पर हो, उसे पाने का ख्वाब तो हर कोई देखता है. लेकिन ऐसी खूबसूरत लड़की को पाने की हसरत जुनून बन जाए तो इंसान कोई भी गुनाह कर सकता है. भले ही उस के लिए उसे अपनी उसी हसरत की हस्ती को ही क्यों न मिटाना पड़े.
पाकिस्तान में एक हसीन लड़की के इश्क में जुनून की हद पार कर चुके एक सिरफिरे आशिक की ऐसी ही घटना ने पाकिस्तान ही नहीं, पूरी दुनिया में हंगामा खड़ा कर दिया है. घटना सोमवार, 2 जून 2025 की शाम की है. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पौश इलाके जी-13 सेक्टर में 17 साल की चर्चित टिकटौकर और इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर सना यूसुफ की उस के ही घर में गोली मार कर हत्या कर दी गई. हमलावर कोई बाहर से नहीं आया, बल्कि ‘घर का ही मेहमानÓ था, जिस ने सना को उस के ही घर में उसे नजदीक से 2 गोलियां मारीं और भाग निकला.
चित्राल जिले से ताल्लुक रखने वाली सना यूसुफ पाकिस्तान में नई पीढ़ी की डिजिटल आवाज थी. वह न सिर्फ हंसाने वाली रील्स बनाती थी, बल्कि महिला अधिकार, सांस्कृतिक पहचान और शिक्षा जैसे मुद्दों पर भी अपनी राय बेबाकी से रखती थी. इंस्टाग्राम पर उस के लगभग 5 लाख फालोअर्स थे और उस के अलगअलग अकाउंट ब्रांड डील्स और कैंपेन के लिए इस्तेमाल होते थे. उस का कंटेंट चित्राली परंपराओं को दिखाने वाले वीडियो, पौजिटिव मैसेज और रील्स जेन-जेड के बीच बेहद लोकप्रिय था.
घटना के समय घर पर सिर्फ उस की खाला लतीफा ही थीं. सना की अम्मी फरजाना यूसुफ खरीदारी करने बाजार गई हुई थीं और उस का 15 साल का छोटा भाई हबीब यूसुफ खैबर पख्तूनख्वाह के जिला चित्राल में अपने गृहनगर गया हुआ था. सना के अब्बू सैयद यूसुफ, जो एक सरकारी अधिकारी तथा सोशल एक्टिविस्ट हैं, इलाके में ही अपने एक दोस्त के घर गए हुए थे. 17 वर्षीय सना सोशल मीडिया की बेहद चर्चित और लोकप्रिय युवा इंफ्लुएंसर थी. इसलिए जैसे ही सना की हत्या की खबर सार्वजनिक हुई,
पूरे इसलामाबाद में जंगल की आग की तरह फैल गई और सोशल मीडिया पर लोग इस हत्या की आलोचना के साथ कातिल को पकडऩे और पुलिस की नाकामयाबी पर सवाल खड़ा करते हुए हत्यारे को गिरफ्तार कर उसे फांसी देने की मांग करने लगे. घटना के बाद घर में मौजूद सना की खाला लतीफा ने सना की अम्मी और उस के अब्बा को वारदात की इत्तला दी. लतीफा और घर में नीचे की मंजिल पर रहने वाले किराएदार का परिवार सना को जख्मी हालत में पास के पिम्स अस्पताल ले गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. सना के अब्बू और अम्मी जब तक अस्पताल पहुंचे, तब तक बेटी की मौत हो चुकी थी.
वारदात की इत्तला मिलने पर स्थानीय थाने की पुलिस भी वहां पहुंच गई. पुलिस ने सभी लोगों के बयान दर्ज किए. लतीफा इस घटना की एकमात्र चश्मदीद गवाह थी. उस के बयान और सना की अम्मी फरजाना की शिकायत पर कत्ल की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई. हत्या की एफआईआर में सना की अम्मी फरजाना ने कहा कि शाम करीब 5 बजे एक व्यक्ति अपने हाथ में पिस्तौल ले कर अचानक उन के घर में घुस आया और मेरी बेटी को मारने के इरादे से सीधे गोली मार दी. सना के सीने में 2 गोलियां लगीं, जिस से वह गंभीर रूप से घायल हो गई. सना को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उस ने दम तोड़ दिया. फरजाना के मुताबिक हत्यारा स्मार्ट दिखने वाला, मध्यम कदकाठी का था और उस ने काले रंग की शर्ट और पैंट पहन रखी थी.
उस ने दावा किया कि वह और उस की भाभी लतीफा शाह घटना की चश्मदीद गवाह थीं और अगर वे उसे व्यक्तिगत रूप से देखें तो वे संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर सकती हैं. उस के शव को पोस्टमार्टम के लिए पाकिस्तान इंस्टीट्यूट औफ मैडिकल साइंसेज (पिम्स) में भेज दिया गया और पुलिस ने पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या की जांच शुरू कर दी और कातिल की तलाश शुरू कर दी गई.
24 घंटे में पकड़ा गया सना का कातिल
पुलिस को शुरुआत में कत्ल करने वाले और कत्ल के मोटिव की कोई जानकारी नहीं थी. चूंकि घर में फ्रेंडली एंट्री हुई थी और कत्ल घर के भीतर हुआ था, इसलिए साफ था कि हत्या किसी पहचान वाले ने की है. पुलिस को जांच में जब यह पता चला कि कातिल सना का मोबाइल भी ले गया है तो इस से साफ था कि वह शायद अपनी पहचान छिपाने या सबूत नष्ट करने के लिए मोबाइल अपने साथ ले गया था. लिहाजा पुलिस ने सना के मोबाइल की काल रिकौर्ड निकलवा ली. साथ ही घर के आपपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कर फुटेज अपने कब्जे में ले ली.
सना यूसुफ के फोन रिकौर्ड की जांच से पता चला कि उस के और किसी शख्स के बीच फोन पर कई बार बात हुई थी. फोन करने वाले की फोटो निकाली गई तो सना के परिवार ने उस व्यक्ति के हुलिए की पहचान के बारे में जानकारी दी जो घर में घुसा था. जब सना की काल रिकौड्र्स चैक की गई तो एक नंबर की प्रोफाइल पर लगी तसवीर उस व्यक्ति के हुलिए से मेल खाती थी, जो घर से निकलते हुए सीसीटीवी में कैद हुआ था. वारदात की इकलौती चश्मदीद लतीफा ने भी युवक की पहचान कर बताया कि वही युवक घर में घुसा था.
पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि जिस शख्स ने सना को गोली मारी थी, वह शायद उस का परिचित था और ‘इनवाइटेड गेस्टÓ के रूप में घर आया था. यही बात जांच को निजी रंजिश की ओर मोड़ रही थी. जांच में यह भी पता चला कि सना को मैडिकल फील्ड पसंद थी, वह डाक्टर बनना चाहती थी. हालांकि सना के अब्बा ने उसे सलाह दी थी कि वह सीएसएस के लिए कोई एकेडमी जौइन कर ले, लेकिन वह मैडिकल क्षेत्र में ही अपना करिअर बनाना चाहती थी. इस केस की जांच के लिए इस्लामाबाद के आईजी सैयद अली नासिर रिजवी ने एसएसपी की निगरानी में एक विशेष जांच दल बनाया और अभियुक्त को पकडऩे के लिए कई जगह छापेमारी शुरू करा दी.
पुलिस ने अगले 24 घंटे में 113 सीसीटीवी कैमरों के फुटेज तलाशे और करीब 300 फोन काल्स की जांच की. साथ ही सोशल मीडिया पर लोगों की एक्टिविटीज की छानबीन की, तब 37 संदिग्धों को शार्टलिस्ट किया. कातिल सना का फोन भी अपने साथ ले गया था, ताकि काल डिटेल्स को डिलीट कर सके. इसलिए पुलिस लगातार उसी फोन नंबर को सर्विलांस करते हुए कातिल का पीछा कर रही थी. आखिर पुलिस की मेहनत रंग लाई और कातिल को 24 घंटे के भीतर फैसलाबाद जिले से गिरफ्तार कर लिया गया.
सना यूसुफ की जिस शख्स ने गोली मार कर हत्या की थी, उस का नाम उमर हयात उर्फ काका था. 22 वर्षीय युवक उमर हयात भी सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर व टिकटौक कंटेंट क्रिएटर है. उमर हयात को इस्लामाबाद से भागने के बाद उसे फैसलाबाद में गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और फोन डेटा का इस्तेमाल कर के उसे ट्रैक किया था. जांचकर्ताओं ने सना यूसुफ की हत्या के बाद उमर हयात उर्फ काका के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए हैं. सीसीटीवी फुटेज में उसे हत्या के बाद बड़े आराम से सना के घर से निकलते हुए देखा गया. इस के बाद वह मोटरवे के रास्ते इस्लामाबाद भाग गया. सना को गोली मारने के लिए इस्तेमाल किए गए हथियार के अलावा उस दिन उस ने जो कपड़े पहने थे, उन्हें भी बरामद कर लिया गया.
शुरुआती पूछताछ के बाद पता चला कि उस ने रिजेक्शन में सना की हत्या की थी. वह सना से एकतरफा प्यार करता था, उसे बारबार मैसेज कर के दोस्ती करने के मैसेज करता था. वह सना को अपनी बनाना चाहता था. लेकिन सना उस की मोहब्बत को लगातार ठुकरा रही थी. वह सना से उस के घर व घर से बाहर कई बार मिल चुका था. पंजाब प्रांत के रहने वाले उमर हयात का संबंध एक अमीर जमींदार परिवार से था. उस के अब्बा रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं. पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि घटना से चंद रोज पहले यानी 29 मई को ही सना ने अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया था.
इस दिन भी उमर हयात ने सना से मिलने की काफी कोशिश की थी. वह उस के लिए गिफ्ट भी लाया था, लेकिन सना ने उसे घर के भीतर ही नहीं आने दिया. इसी से नाराज हो कर 2 जून की शाम को उमर शाम 5 बजे सना के घर पहुंचा था. उस दिन वह 7-8 घंटे तक सना से मिलने की कोशिश करता रहा. उस ने कई बार सना को फोन किए, मैसेज किए, लेकिन सना ने कोई तवज्जो नहीं दी.
प्यार नहीं स्वीकारा तो मारी गोली
शाम को जब उस ने पाया कि घर में सना के अब्बू व अम्मी नहीं हैं तो वह घर में दाखिल हुआ और सीधे सना के रूम में पहुंच गया. कुछ पल दोनों के बीच बात हुई और सना ने उमर को झिड़क दिया. गुस्से में आगबबूला उमर ठान कर ही आया था कि अगर सना ने आज फिर उसे ठुकराया तो वह उसे जिंदा नहीं छोड़ेगा. लिहाजा उस ने पेंट की बेल्ट में खोंसी रिवौल्वर निकाली और सना के सीने की तरफ रुख कर 2 गोलियां दाग दीं. सना लहरा कर वहीं जमीन पर अपने ही खून से लथपथ हो कर ढेर हो गई. गोली की आवाज सुन कर जब तक सना की मौसी लतीफा उस के कमरे में पहुंचीं, उमर सना के हाथ में पकड़ा उस का मोबाइल छीन रहा था.
अचानक कमरे में लतीफा को देख उस ने रिवौल्वर उस की तरफ तान दी और रास्ते से हटने का कहा और वहां से भाग गया. उमर हयात ने पुलिस पूछताछ के दौरान अपराध कुबूल कर लिया. उस ने बारबार इनकार किए जाने पर गुस्से को इस का कारण बताया है. पूछताछ में पता चला कि सना से मिलने के लिए किराए की एसयूवी में 2 बार फैसलाबाद से इस्लामाबाद गया था. 29 मई को उस के जन्मदिन पर और फिर 2 जून को वह उपहार ले कर आया, लेकिन दोनों बार उसे वापस कर दिया गया. इनकार किए जाने से नाराज हो कर उस ने सना के घर पर उसे 2 बार गोली मारी.
हत्या के बाद हयात सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर के फैसलाबाद भाग गया. पुलिस ने सीसीटीवी और मोबाइल डेटा की मदद से उसे 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया. उसे अदालत में पेश किया गया और पहचान परेड के लिए 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया. सना भी सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय थी. वह कौमेडी, लाइफस्टाइल, कल्चरल अवेयरनेस और एजुकेशनल मैसेज से जुड़े पोस्ट करती थी. सना के वीडियो व खूबसूरती दोनों ही उमर को बहुत अच्छे लगते थे. वह चाहता था कि सना उस की हमसफर बन जाए और वे दोनों मिल कर सोशल मीडिया के आसमान का सितारा बन जाएं.
लेकिन सना सोशल मीडिया के साथ डाक्टर बन कर अपना करिअर बनाना चाहती थी. सना प्यारमोहब्बत या इश्क के चक्कर में पड़ कर वह अपना करिअर खराब नहीं करना चाहती थी. इसलिए घर से बाहर 1-2 मुलाकातों में जब भी उमर ने सना से अपने प्यार का इजहार किया तो सना ने बड़ी विनम्रता से इंकार कर दिया. सना के अब्बा सरकारी नौकरी के साथ जानेमाने सोशल एक्टिविस्ट भी थे. सना भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफाम्र्स के जरिए अपने अब्बू की तरह महिलाओं के अधिकारों के बारे में बातें करती थी. ट्रेंड्स सेट करने वाली यह पाकिस्तानी स्टार यूथ की पसंदीदा आइकन बन चुकी थी. लेकिन वह एक ऐसे युवक के साथ संबंध जोड़ कर अपना करिअर खराब नहीं करना चाहती थी, जो उसे पसंद ही नहीं था.
लेकिन सना को भला क्या पता था कि कट्टर मजहबी सोच और पुरुषवादी सोच रखने वाले समाज में उस जैसी युवतियों को अपनी सोच और पसंद से जीवनसाथी चुनने का हक ही नहीं है. इस कत्ल पर पाकिस्तानी समाज में महिलाओं के अधिकारों, उन की काम करने की आजादी पर बहस शुरू हो गई है. सना की हत्या ने पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरे उपमहाद्वीप को झकझोर कर रख दिया है. लोग इस केस को फास्टट्रैक कोर्ट में चला कर अपराधी को जल्द से जल्द फांसी पर लटकाने की मांग कर रहे थे. Social Crime