Short Story in Hindi love : पति की मौत के बाद शैली ने 14 साल छोटे राजकुमार उर्फ राज वर्मा से शादी कर ली. लेकिन कुछ दिनों में ही राज का मन शैली से ऊब गया तो फेसबुक के माध्यम से वह भारती के संपर्क में आ गया. इस के बाद शैली के बिगड़ैल राजकुमार ने जो किया वह…
आज के समय में सोशल मीडिया का बुखार लोगों के सिर चढ़ कर बोल रहा है. अपनी फोटो, अपनी दिनचर्या, अपनी खुशी अपना गम, सब कुछ इस आभासी दुनिया में शेयर करते हैं. यहां तक कि सच्चे दोस्त और हमसफर की तलाश भी इसी आभासी दुनिया की भीड़ में हो रही है. शैली भी फेसबुक पर अपने लिए हमसफर की तलाश कर रही थी. इसी तलाश में उस की दोस्ती राजकुमार उर्फ राज वर्मा से हुई, जिस ने फेसबुक पर अपनी आईडी राज वर्मा नाम से बना रखी थी. दोस्ती हुई तो उन के बीच बातें होने लगीं. बातों ही बातों में पता चला कि राजकुमार शैली से करीब 14 साल छोटा है. फिर भी उन के बीच दोस्ती बरकरार रही, जो धीरेधीरे प्यार का रूप ले रही थी.
शैली को भी पति की मौत के बाद एक सहारे की जरूरत थी. राजकुमार काफी स्मार्ट था और व्यवहार व बातें करने में भी काफी अच्छा था. समय के साथ दोनों काफी नजदीक आने लगे, एकदूसरे से रूबरू मिलने की इच्छा हुई तो बात कर के मिलने को तैयार हो गए. शैली हरियाणा के करनाल शहर की थी, राजकुमार भी करनाल का था. लेकिन वह गुड़गांव में प्राइवेट जौब कर रहा था. कहां मिलना है, कितने बजे मिलना है, यह सब उन दोनों ने तय कर लिया था. फिर निश्चित तिथि पर शाम 6 बजे करनाल के एक पार्क में शैली पहुंच गई. शैली वहां जिस राज वर्मा नाम के युवक से मिलने आई थी, उसे पहले उस ने कभी नहीं देखा था. फेसबुक पर दोनों ने एकदूसरे के फोटो देखे थे, वीडियो कालिंग भी उन में होती थी.
इसी के आधार पर दोनों को यकीन था कि सैकड़ों की भीड़ में वे अपने दिलबर को पहचान लेंगे. शैली पार्क में होने वाली भीड़ से थोड़ा अलग खड़ी हो गई. वहां खड़े हो कर वह राज वर्मा की तलाश में चारों ओर नजरें दौड़ाने लगी. तभी एक युवक अचानक उस के सामने आ खड़ा हुआ, ‘‘हैलो शैली!’’
शैली ने चौंक कर उसे देखा. मन में बसी हुई राज वर्मा की तसवीर से उस के चेहरे का मिलान किया तो सुखद आश्चर्य से चीख पड़ी, ‘‘राज, तुम.’’
‘‘हां मैं,’’ राज वर्मा मुसकराया,‘‘शैली, मैं कहता था न कि मैं सैकड़ों में भी तुम्हें पहचान लूंगा. देखो पहचान लिया न.’’
‘‘हां, मैं भी तो तुम्हें पहचान गई,’’ राज से मिलने का उत्साह और उल्लास शैली के चेहरे से छलक रहा था, ‘‘तुम तो समय से पहले आ गए.’’
‘‘तुम भी तो आधे घंटा पहले आई हो.’’
‘‘दिल जिसे चाहता हो, पहली बार उस से रूबरू मिलने का जोश ही अलग होता है.’’ शैली बोली.
‘‘शैली, सही कहा तुम ने,’’ राज की मुसकान खिली, ‘‘समय पास करना मुश्किल हो रहा था. एकएक लम्हा सदियों की तरह बीत रहा था. इसीलिए मैं 40 मिनट पहले ही पार्क में आ गया.’’
‘‘इसी को कहते हैं दोनों तरफ बराबर आग लगी होना,’’ शैली हंसती हुई बोली, ‘‘हम कब तक यहां खड़े हो कर बात करेंगे. चलो, कहीं सुकून से बैठ कर बातें करें.’’
‘‘मैं जानता था कि जब हम पहली बार मिलेंगे तो बातें खत्म होने का नाम नहीं लेंगी. किसी तरह का डिस्टरबेंस भी हमें मंजूर नहीं होगा.’’ राज चहक कर बोला, ‘‘इसीलिए मैं ने ऐसी जगह का बंदोबस्त कर लिया है, जहां बेफिक्र हो कर बातें करें.’’
‘‘राज, यह काम तुम ने बहुत सही किया,’’ शैली ने खुशी जाहिर की.
राजकुमार के कदम बढ़े तो शैली भी उस के साथ कदम मिलाने लगी. एक के बाद एक परेशानियों ने घेरा शैली को हरियाणा के करनाल जिले के गांव असम की रहने वाली थी शैली. शैली सुशिक्षित व संस्कारी युवती थी. शैली के पिता का नाम खैरातीलाल बल्ला और मां का नाम उषा रानी था. शैली के पिता खैरातीलाल का बैटरियां बेचने का कामधंधा था. उन का यह काम बहुत अच्छा चलता था. जिस वजह से वह आर्थिक रूप से काफी सुदृढ़ थे. शैली की एक बहन मोनिका और एक भाई करन था. करन जब 13 साल का था, तभी पेट का संक्रमण होने के कारण उस की मृत्यु हो गई थी. वर्ष 1997 में शैली का विवाह दिल्ली निवासी अनिल वर्मा से कर दिया.
कालांतर में शैली ने एक बेटी को जन्म दिया, जिस का नाम उन्होंने तान्या रखा. समय का पहिया घूमता रहा. एक समय वह आया जब अनिल को अपने बिजनैस में काफी घाटा हुआ तो वह परेशान हो गया. वह तनाव में रहने लगा. शैली भी पति को परेशान देख कर दुखी रहने लगी. शैली ने अपने पिता को बात बताई तो उन्होंने दोनों को अपने पास आ कर रहने को कहा. शैली ने अपने पति अनिल से बात की तो मजबूर अनिल को अपनी ससुराल में रहने के लिए हां कहना पड़ा. शैली पति अनिल और बेटी तान्या के साथ अपने पिता के घर शिफ्ट हो गई. खैरातीलाल ने दामाद अनिल को अपने बैटरी के बिजनैस में जोड़ लिया. वैसे भी उन का एक ही बेटा था, जोकि अब इस दुनिया में नहीं था.
दामाद भी एक तरह से बेटा ही होता है, यही सोच कर खैरातीलाल ने यह कदम उठाया था. एक बार फिर से शैली की जिंदगी में सब अच्छा चलने लगा. साल दर साल गुजरने लगे. फिर अचानक समय ने अपना रुख बदला. 2014 में शैली की मां का देहांत हो गया. मां की मौत से वह उबर पाती कि 2016 में पति अनिल की भी बीमारी के कारण मौत हो गई. शैली की राज से बनीं नजदीकियां पति के बिना जिंदगी गुजारना बहुत कठिन होता है. शैली के आगे अभी पूरी जिंदगी पड़ी थी और उस के सिर पर बेटी तान्या की भी जिम्मेदारी थी. ऐसे में शैली ने दूसरी शादी करने का फैसला कर लिया. उस ने तमाम माध्यमों से अपने नए हमसफर की तलाश करनी शुरू कर दी.
शैली ने फेसबुक पर अपना एकाउंट बना रखा था. फेसबुक पर वह रोज नए लोगों से मिलती, उन की फ्रैंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करती. इन में से ही एक युवक था राजकुमार वर्मा उर्फ राज. राज करनाल के गांव निगदू का निवासी था. उस के परिवार में मातापिता और एक भाई व 3 बहनें थीं. राज की उम्र शैली से करीब 14 साल कम थी. फेसबुक पर शैली के मित्रों की सूची में उस ने भी जगह बना ली. राज शैली के मित्रों की सूची में जुड़ने वाला सिर्फ एक नाम बन कर नहीं जुड़ने आया था, वह तो शैली के दिल तक अपनी पहुंच बना कर उसे अपना बनाने आया था. उस ने शैली को मैसेज पर मैसेज करने शुरू कर दिए.
पहले तो वह जानपहचान बढ़ाने के उद्देश्य से शैली को मैसेज कर रहा था. शैली जब उस से मैसेंजर पर बातें करने लगी तो वह एक सच्चा दोस्त बन कर उस से दोस्ती की बातें करने लगा. शैली को भी उस की बातों में मजा आता था. राज स्मार्ट था और बातों का धनी था. शैली भी उस से प्रभावित हो कर उस से खुलने लगी. शैली ने राज को अपने बारे में सब बता दिया था. उस के बावजूद राज उसे पटाने में लगा था. राज युवा था और अविवाहित था. उसे कोई भी खूबसूरत युवती मिल जाती और शादी करने को तैयार हो जाती. लेकिन राज को शैली में न जाने क्या दिखा, जो वह अपने से 14 साल बड़ी विधवा औरत, जिस के एक जवान बेटी भी थी, उस के प्यार में पड़ने को आतुर था.
यह प्यार था या एक जाल, जिस में वह शैली को फांसने की तैयारी कर रहा था. यह तो वक्त के गर्त में छिपा था. लेकिन इतना सब शैली ने नहीं सोचा. वह तो राज जैसे युवा को अपनी तरफ आकर्षित देख कर फूली नहीं समा रही थी. शादी तक पहुंचा प्यार दोस्ती की अगली सीढ़ी प्यार होता है. दोनों प्यार की सीढ़ी पर चढ़ने को आतुर थे. उन के बीच वीडियो काल पर बातें होने लगीं. ऐसी ही एक वीडियो काल के दौरान राज ने शैली से कहा, ‘‘हम दोनों को फेसबुक पर जुड़े काफी समय हो गया. लेकिन मैं इधर काफी दिनों से महसूस करने लगा हूं कि हमारा रिश्ता दोस्ती के रिश्ते से भी आगे बढ़ गया है.
‘‘जिस रिश्ते की दहलीज पर हम ने कदम रखा है वह रिश्ता है प्यार का रिश्ता. मुझे तुम से प्यार हो गया है शैली. यह कब हुआ कैसे हुआ, इस बात का मुझे भी पता न चला. जब इस को मैं ने महसूस किया तो दिल की खुशी का ठिकाना न रहा. मुझे लगता है कि तुम भी मुझ से प्यार करती हो. एम आई राइट शैली?’’
शैली यह सुन कर मन ही मन खुश हो रही थी, उस ने अपनी यह खुशी राज पर जाहिर नहीं होने दी और बोली, ‘‘राज, हम दोस्त ही रहें तो अच्छा है, प्यार के चक्कर से दूर रहें, वही ठीक है.’’
शैली के गोलमोल जवाब से राज जान गया कि शैली के दिल में भी वही है, जो वह चाहता है. वह भी उसे प्यार करती है लेकिन कहने से कतरा रही है. हो सकता है इस के पीछे बड़ा कारण हो. लेकिन उस ने भी ठान लिया कि वह शैली को मना कर ही रहेगा.
‘‘शैली, ऐसा क्यों कह रही हो. जब प्यार करती हो तो उसे स्वीकार भी करो. दिल में छिपा कर मत रखो.’’ राज ने बेचैन हो कर शैली से कहा.
‘‘राज हम दोनों में उम्र का बहुत बड़ा फासला है. तुम से कुछ साल छोटी मेरी एक बेटी है. ऐसे में हम प्यार के रिश्ते में नहीं पड़ सकते, दोस्ती का रिश्ता ही ठीक है. वैसे भी हमारे समाज में यह स्वीकार्य नहीं है.’’
‘‘तुम मुझ से बड़ी हो फिर भी नासमझी वाली बातें कर रही हो. प्यार कभी उम्र नहीं देखता, कभी जातपात, ऊंचनीच नहीं देखता और न किसी की परवाह करता है. जिस से होता है तो बस हो जाता है. हमारी जिंदगी है तो जिंदगी के फैसले हम ही लेंगे, खासतौर पर उन फैसलों को जिन पर हमारी जिंदगी की खुशियां टिकी हैं.
‘‘वैसे भी समाज में कई उदाहरण हैं जिस में महिला पुरुष से बड़ी थी, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह नहीं की और एक बंधन में बंध कर खुशहाल जिंदगी गुजार रहे हैं. जब वे एक साथ अच्छी जिंदगी गुजार सकते हैं तो हम क्यों नहीं.’’ राज ने समझाया.
कुछ सोच कर शैली बोली, ‘‘बात तो तुम्हारी सही है, हमें अपनी जिंदगी के फैसले लेने का खुद हक है. किसी को परेशानी हो तो उस से हमें क्या करना. मैं भी तुम्हें बहुत दिनों से चाह रही थी. लेकिन दुविधा में पड़ी थी. तुम ने आज मुझे निश्चिंत कर दिया कि तुम मेरे जीवनसाथी बनने के लिए ही बने हो. लव यू राज.’’
‘‘लव यू टू शैली.’’ राज ने भी शैली के प्यार का जवाब प्यार से दिया. इस के बाद उन के बीच काफी देर तक बातें होती रहीं. राज शैली को मनाने में सफल हो गया.
उन में प्यार हो गया वह भी बिना एकदूसरे से मिले. अब दोनों ने एकदूसरे से मिलने का फैसला किया.
निश्चित तिथि पर पार्क में दोनों मिले. एकदूसरे को सामने देख कर दोनों खुश हुए. पार्क में बात करने में दिक्कत हुई तो वे सुरक्षित और शांत ठिकाने पर बातें करने चले गए. इस के बाद उन के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता ही गया. बाद में दोनों ने शादी करने का फैसला लिया तो अपने घर वालों को बताया. शैली ने अपनी छोटी बहन मोनिका को इस बारे में बताया तो मोनिका ने अपनी बड़ी बहन से कहा कि उन्होंने राज के बारे में सब पता कर लिया है कि नहीं. इस पर शैली ने उसे आश्वस्त किया कि उस ने राज के बारे में सब पता कर लिया है. जबकि शैली को उतना ही पता था, जितना राज ने उसे बताया था.
ससुराल में होने लगी अनबन वर्ष 2017 में शैली ने राज से विवाह कर लिया. विवाह के बाद बेटी तान्या के साथ ससुराल गांव निगदू आ गई. कुछ समय तक सब ठीकठाक चलता रहा. उस के बाद शैली की राज के घर वालों से तकरार होने लगी. उस की वजह यह थी कि वे सब शैली और उस की बेटी तान्या को परेशान करते थे. राज या तो चुप रहता या अपने घर वालों का ही पक्ष लेता. जब पानी सिर के ऊपर से गुजरने लगा तो शैली ने अलग रहने का इरादा कर लिया. शैली ने करनाल शहर के न्यू प्रेमनगर मोहल्ले में मकान किराए पर ले लिया. शैली ने जहां मकान किराए पर लिया था, वहीं 2 गली छोड़ कर उस की छोटी बहन मोनिका किराए पर रहती थी.
मोनिका का पति अमनदीप वासी अमेरिका में जौब करता था और वहां की उसे स्थाई नागरिकता मिली हुई थी. मोनिका कुछ समय के अंतराल पर पति से मिलने अमेरिका जाती रहती थी. मोनिका के 14 साल की एक बेटी और 9 साल का एक बेटा था, जोकि उस के साथ ही रहते थे. शैली शहर में आ कर रही तो उस ने अपना और अपनी बेटी का खर्चा उठाने के लिए करनाल की मुगल मार्केट में सोलर एनर्जी से जुड़ी एक कंपनी के औफिस में नौकरी कर ली थी. कुछ दिन में राज भी उस के पास वहां आ कर रहने लगा. राज काम करना चाहता था. उस के पास पैसे नहीं थे. वह शैली से पैसों का इंतजाम करने को कहता था. राज को पता था कि शैली के पास काफी पैसा है और दिल्ली में पहले पति का फ्लैट भी उस के नाम है.
राज ने जब काफी जिद की तो शैली ने पिछले साल 10 लाख रुपयों का इंतजाम कर के उसे पैसा कमाने के लिए पुर्तगाल भेजा. भारती के प्यार ने बदल दी सोच पुर्तगाल में राज किसी कंपनी में लग गया. इसी दौरान फेसबुक पर राज की मुलाकात 21 वर्षीय भारती से हुई. भारती करनाल के कौल गांव की रहने वाली थी. उस के पिता एक ज्वैलर थे. भारती से फेसबुक पर दोस्ती हुई तो उन में बातचीत होने लगी. दोनों एकदूसरे को पसंद करने लगे. भारती और राज एकदूसरे के बारे में जानने को उत्सुक थे. राज ने भारती को बताया कि वह शादीशुदा है लेकिन वह अपनी पत्नी से तलाक लेने वाला है.
पत्नी उम्र में बड़ी है और उस की एक बेटी है जिस की उम्र 21 साल है, जितनी उस की (भारती) उम्र है. शैली ने साजिश के तहत उस पर दबाव बना कर उस से शादी की थी. अब वह उस से पीछा छुड़ाना चाहता है. वैसे भी ऐसे बेमेल रिश्ते का खत्म हो जाना अच्छा है. राज की बात सुन कर भारती खुश हुई. उस ने राज से बिना सोचेसमझे अपने प्यार का इजहार कर दिया. राज उस की हिम्मत की दाद देने लगा. राज भी यही चाहता था. उसे लगा था कि भारती को लाइन पर लाने में काफी समय लगेगा, लेकिन यहां तो वह खुद ही बिना देर किए उस की गोद में आ गिरी. राज ने भी उस से अपने प्यार का इजहार किया. फिर दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा.
12 मार्च, 2021 को राज पुर्तगाल से वापस करनाल आ गया. वह भारती से मिला. दोनों मिल कर बहुत खुश हुए. इस के बाद उन की बराबर मुलाकातें होने लगीं. पुर्तगाल से वापस आते ही राज ने अपने रंग दिखाने शुरू कर दिए. वह शैली से दिल्ली वाला फ्लैट बेचने का दबाव बनाने लगा. फ्लैट बेच कर मिलने वाले पैसों से वह अमेरिका जाना चाहता था. शैली को हटाने की बनाई योजना शैली ने साफ मना कर दिया. भारती से शादी करने के लिए वह शैली से तलाक देने की बात करने लगा. तलाक की वजह उस ने शैली को बताई कि उस के कोई बच्चा नहीं हो रहा, इसलिए वह तलाक लेना चाहता है.
जबकि शैली ने शादी से पहले ही उस से कह दिया था कि वह बच्चा नहीं चाहती. फिर भी अब राज उस से बच्चा न होने का उलाहना दे कर तलाक चाहता था. राज को शैली से तलाक पाने का यही सही तरीका लगा था. लेकिन शैली तलाक देने को तैयार नहीं हुई. राज ने भारती को बताया तो भारती ने उस से कहा कि कैसे भी कर के उसे रास्ते से हटाओ, उस की हत्या करनी पड़े तो वह भी करो. शैली ने राज के लिए सारे रास्ते बंद कर रखे थे. इसलिए उस ने भी निश्चय कर लिया कि शैली से हर हाल में छुटकारा पाना है. इस के लिए राज और भारती ने योजना बनाई. योजना ऐसी कि जिस से मामला हत्या का नहीं, हादसे का लगे.
19 मई, 2021 को राज शैली और तान्या को बठिंडा में रहने वाले दादा से मिलवाने के लिए बाइक पर बैठा कर करनाल से चला. किरमिच के पास भाखड़ा नदी में जानबूझ कर उस ने अपनी बाइक गिरा दी. बाइक के साथ ही तीनों नदी में गिर गए. शैली और तान्या को तैरना नहीं आता था. राज यह जानता था, इसीलिए यह योजना बनाई थी. नदी में गिरने पर राज ने लात मार कर शैली व तान्या को नदी के बीच में कर दिया, जिस से वे डूब कर मर जाएं. जब डूबने से दोनों की मौत हो गई, तब वह तैर कर नदी से बाहर निकला. फिर जेब में पन्नी में लिपटा मोबाइल निकाला और भारती को काल कर के दोनों का काम हो जाने की बात बताई.
योजना में हुए सफल बात करने के बाद फोन को नदी में फेंक दिया. वह चिल्ला कर लोगों को हादसा बताने का ड्रामा करने लगा. वहां लोगों से पत्नी और सौतेली बेटी के नदी में गिरने की बात कहने लगा, दोनों को तैरना नहीं आता, ये भी बात बताई. पास में ही ईंट भट्ठे पर मजदूर काम करते थे. वे दोनों को बचाने के लिए नदी में कूद गए. काफी तलाशने पर शैली मृत अवस्था में मिली, जिसे वे मजदूर नहर से बाहर निकाल लाए. तान्या का कुछ पता नहीं चला. राज ने अपने परिवार वालों को घटनास्थल पर बुलवा लिया. घटनास्थल कुरुक्षेत्र जिले के केयूके थाना क्षेत्र में आता था. पुलिस को घटना की सूचना दे दी गई. सूचना पा कर केयूके थाने के एसएचओ राकेश राणा अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए.
राज वर्मा ने उन्हें घटना के बारे में बताया. थानाप्रभारी राणा ने गोताखोरों को नदी में उतार कर तान्या की खोजबीन की, लेकिन तान्या का कुछ पता नहीं चला. इस पर उन्होंने शैली की लाश का निरीक्षण करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया. राज ने मोनिका को शाम 4 बज कर 20 मिनट पर फोन कर के हादसा होने की जानकारी दी थी. जबकि घटना अपराह्न 3 बजे की थी. राज ने जो बताया, उस से मोनिका समझ गई कि राज ने दोनों को मारने का प्लान बनाया था, जिसे हादसा होना बता रहा है. मोनिका ने केयूके थाने जा कर एक तहरीर दी, जिस में उस ने राज की हरकतों का ब्यौरा देते हुए अपनी बहन और उस की बेटी की हत्या का आरोप उस पर लगाया था. उस साजिश में राज के मातापिता, भाई और 3 बहनों पर आरोप लगाया था.
थानाप्रभारी राकेश राणा को पहले ही राज वर्मा की बातों पर शक था. मोनिका की तहरीर के बाद वह शक और भी पुख्ता हो गया. उन्होंने मोनिका को वादी बना कर राज वर्मा और उस के 6 पारिवारिक सदस्यों के खिलाफ भादंवि की धारा 302, 201, 34, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया. इस के बाद थानाप्रभारी राणा ने राज वर्मा को गिरफ्तार कर उस से पूछताछ की तो वह गुमराह करता रहा. 21 मई, 2021 को उसे कोर्ट में पेश कर के एक दिन की रिमांड पर लिया गया. राज वर्मा के फोन नंबर की काल डिटेल्स की जांच करने के बाद 22 मई को भारती को भी उस के गांव कौल से गिरफ्तार कर लिया गया. 22 मई को नया ऐंगल सामने आने के बाद कोर्ट से राज वर्मा की एक दिन की रिमांड और ली गई.
राज और भारती का आमनासामना करा कर पूछताछ की गई तो सारा भेद खुल कर सामने आ गया. पुलिस ने गोताखोरों की मदद से नदी से राज की बाइक बरामद कर ली. 23 मई, 2021 को जांबा गांव के पास नदी से तान्या की लाश भी बरामद हो गई. 23 मई को राजकुमार वर्मा और भारती को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. Short Story in Hindi love
—कथा पुलिस सूत्रों और मोनिका से पूछताछ पर आधार