Hindi Story : अफगानिस्तान में तालिबान के दोबारा आ जाने के बाद वे यौनकर्मियां भी भयभीत हैं, जो छिपे तौर पर देह व्यापार में लिप्त रहती थीं. इस बारे में एक यौनकर्मी जैनब ने अपनी जो पीड़ा सुनाई वह…
जैनब जब 2 साल पहले अपने ग्राहक से मिली थी, तब वह नशे में थी. उस ने उस के साथ सैक्स करना शुरू किया. सैक्स क्या था, उसे बलात्कार कहना ही ज्यादा सही होगा, क्योंकि उस पीड़ा से वह कराह भी नहीं पा रही थी. कुछ समय में वह मरणासन्न जैसी हो गई थी. उस ने पहले कभी शराब को छुआ तक नहीं था, लेकिन कहा गया था कि वह बेहोश हो जाएगी. यह करने के लिए उसे भयभीत किया गया था और उस ने ऐसा करने के लिए अनिच्छा से सहमत हुई थी. तब उस की उम्र महज 18 वर्ष थी. वह आदमी चला गया था. जब वह जागी तब उस का शरीर दर्द से कराह रहा था. उस के मन में क्षोभ भर चुका था. यह बताते हुए वह कहती है कि उस के बाद सैक्स जारी रखने के अलावा उस के पास कोई विकल्प नहीं था.
अफगानिस्तान में सैक्स वर्क पूरी तरह से गैरकानूनी रहा है, लेकिन जैसेजैसे युद्ध के बाद अराजकता का माहौल बना और लाखों की संख्या में लोग व्यापक गरीबी की चपेट में आ गए. तब बहुत सारी औरतें और पुरुषों ने देह व्यापार को अपनी आजीविका का जरिया बना लिया. सैक्स वर्क गैरकानूनी होने के बावजूद अफगानिस्तान में दंड संहिता के तहत किसी सजा का उल्लेख नहीं है, लेकिन पकड़े जाने पर जेल की सजा का जोखिम बना रहता है. इस संबंध में बताते हैं कि अफगानिस्तान में गरीबी और अशिक्षा वेश्यावृत्ति के मुख्य कारण रहे हैं. खास कर गरीब युवा महिलाओं में यौनाचार के ज्ञान के समझ की कमी होती है. वे मर्दों के झांसे में आ जाती हैं. कभी डर से तो कभी बेहतर जिंदगी के लालच में इस पेशे को धोखे से अपना लेती हैं.
जैनब के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था. काफी मिन्नतों के बाद 21 साल की जैनब अमेरिका के गार्जियन अखबार के पत्रकार को इंटरव्यू देने के लिए तैयार हुई थी. उस ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त रखी थी. उस ने बताया कि अपने पिता की मृत्यु के बाद वह 5 छोटे भाईबहनों की देखभाल की जिम्मेदारी के बोझ तले दब गई थी. उस वक्त वह 13 साल की थी. मां भी लंबे समय से बीमार चल रही थी. इस के लिए उसे पहले तो स्कूल छोड़ना पड़ा. फिर वह घरेलू नौकरानी के रूप में काम करने लगी. एक बार उस का छोटा भाई बीमार हो गया. उसे अस्पताल में देखभाल और दवा की जरूरत पड़ी. अस्पताल में एडवांस में पैसे जमा करने को कहा. उस के पास पैसे तो थे नहीं, इसलिए वह अपनी मालकिन के पास गई तो उस ने कहा
‘‘मेरे पास पैसे नहीं हैं, लेकिन मैं तुम्हारे लिए एक आदमी ला सकती हूं. तुम कुंवारी हो, तुम बहुत पैसा कमा सकोगी.’’
दरअसल, वह जिस औरत के यहां हाउसकीपिंग का काम करती थी वह एक अंडरग्राउंड वेश्यालय की मालकिन थी. जैनब ने बताया कि तब उसे नहीं पता था कि वह आदमी उस के साथ क्या करने वाला है. उसे यह कहते हुए शराब पिलाई गई कि उस के साथ जो कुछ होगा, उस का उसे पता नहीं चलेगा. थोड़े समय में उस की बेहोशी दूर हो जाएगी. तब तक उस के बीमार भाई का इलाज चलता रहेगा. यह जैनब को इस धंधे में धकेले जाने की शुरुआत थी. उस के भाई का इलाज तो हो गया, लेकिन वह खुद बीमार हो गई, तन से भी और मन से भी. उस ने महसूस किया कि उस के साथ कुछ गलत हुआ है. उस गलती को सुधारा नहीं जा सकता है सिवाय छिपाने के.
जैनब ने आगे बताया कि उस के बाद उसे हर हफ्ते 2 से 3 पुरुषों के मनोरंजन का साधन बनना पड़ा. उन के दिल बहलाने से ले कर देह की भूख मिटाने तक का काम करना पड़ा. हमबिस्तर होना पड़ा. उन में से प्रत्येक से 2,000 अफगानी मुद्रा में पैसे मिले, जो भारतीय मुद्रा से थोड़े कम थे. सैक्स वर्क के बारे में जैनब ने बताया कि इस काम के लिए उन्हें 10 मिनट का समय देना होता था, लेकिन कभीकभी 20 मिनट का समय भी देना पड़ता था. इस दौरान कुछ ग्राहक कंडोम का उपयोग करते थे, लेकिन अधिकतर कंडोम से परहेज करते थे. उस ने बताया कि यह उस के लिए जान के जोखिम से कम नहीं था.
जब वह अपने काम के बारे में बताती है, तब हाथों को बांध कर बैठ जाती है. केवल उस की आंखें खुली रहती हैं और फिर धाराप्रवाह बोलती चली जाती है. उन्होंने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सैक्स बेचने वाले पुरुष और महिलाओं के बारे में जिक्र करते हुए उन के ठिकानों के बारे में भी बताया. काबुल में अधिकतर ऐसे अड्डे दोस्तों के घर, कौफी शौप और ब्यूटीपार्लर से जुड़े होते हैं. ग्राहकों में अधिकतर पुरुष युवा होते हैं, जिन की आयु 25 से 30 वर्ष के बीच होती है. उन में से ज्यादातर विवाहित हैं. वे सैक्सवर्कर के दलालों को जानते हैं और अपौइंटमेंट की व्यवस्था करने के लिए उन्हें फोन करते हैं.
कुछ पुरुष कई लड़कियों में से चुनने का अनुरोध करते हैं. वे कइयों के साथ सैक्स कर चुके होते हैं, इस कारण नई लड़की चुनने की कोशिश करते हैं. कुछ से वे नफरत भी करते हैं, जिन से उन्हें संतुष्टि नहीं मिलती. जैनब बताती है कि हर बार जब वह एक आदमी के साथ कमरे में अकेली होती है तो डरी रहती है. उस के बारे में न तो दोस्तों और न ही परिवार को पता है कि वह किस तरह से कमाई कर रही है. इस कारण वह अभी भी एक हाउसकीपर के रूप में काम करती है. जैनब ने बताया कि उसे ग्राहक तक पहुंचाने वाले पुरुष और औरत दोनों रहे हैं. वह जानती है कि काबुल में भी कई पुरुष यौनकर्मी का काम करते हैं, लेकिन उन का कहना है कि वह उन में से किसी से भी नहीं मिली हैं.
हालांकि जैनब की तरह ही 28 वर्षीय जावेद भी पुरुष सैक्स वर्कर हैं, जिन्हें पुरुष सैक्सवर्कर कहा जा सकता है. 3 बच्चों के पिता हैं. उन के काम के बारे में न तो उन की पत्नी को कुछ मालूम है और न ही बच्चे इस बारे में कुछ जानते हैं. जावेद बताते हैं कि वह दोहरी जिंदगी जीते हैं. उन्होंने बताया, ‘‘मैं ने महसूस किया कि बहुत से पुरुष मेरे साथ सोना चाहते थे और मुझे पैसे की जरूरत थी. मैं ने लोगों के साथ घर जाना शुरू किया और उस में दिलचस्पी पैदा हुई. कुछ अब मेरे ग्राहक हैं और मुझे भुगतान करते हैं. दूसरे ऐसे दोस्त हैं जिन के साथ मैं यौन संबंध बनाने का फैसला करता हूं.’’
उन का कहना है कि यह पैसा उन के बच्चों को खिलाने, अच्छी परवरिश और उन्हें स्कूल भेजने का खर्च पूरा करने के काम आता है. जैनब और जावेद परिवर्तित नाम हैं. Hindi Story