Hindi Story : मुजफ्फरपुर की सबा फिरदौस अपने जीजा के भाई मुमताज अहमद को 16 साल की उम्र में दिल दे बैठी थी. न चाहते हुए भी फेमिली वालों को दोनों की शादी करने के लिए मजबूर होना पड़ा. शादी के कई साल बाद फिरदौस ने गूगल सर्च कर पंचायत औफीसर पति मुमताज की हत्या की फुलप्रूफ प्लानिंग कर मौत के घाट उतार दिया. जिस मुमताज से शादी करने के लिए सबा फिरदौस ने फेमिली वालों से बगावत की, आखिर उसे चाकू से क्यों गोद डाला?
घटना 7 जुलाई, 2025 की है. वक्त था सुबह के कोई 4 बजे का. बिजली गुल हो जाने के बाद बिहार के जिला मुजफ्फरपुर के गांव माड़ीपुर की रहने वाली सबा फिरदौस की आंखें खुलीं तो उस ने अपने पति के कमरे में जा कर देखा. पति को देखते ही उस की जोरदार चीख निकल गई. उस का पति मुमताज अहमद औंधे मुंह फर्श पर पड़ा हुआ था. उस के आसपास का फर्श खून से लाल था. उस का सारा कमरा अस्तव्यस्त था. कहीं पर कपड़े पड़े हुए थे तो कहीं पर कुछ और सामान.
कमरे का हाल देख कर वह बदहवास सी हो कर जोरजोर से चीखने लगी. ‘बचाओ …बचाओ’ किसी ने मेरे पति का खून कर दिया. सुबहसुबह सबा फिरदौस के रोनेचीखने की आवाज सुन कर पड़ोसी भी इकट्ठा हो गए थे. घर में शोरशराबे की आवाज सुन कर उस के तीनों बच्चे भी उठ कर अपने अब्बू को देख कर रोने लगे थे. पति के कमरे की हालत देखते ही सबा ने रोते हुए ही पति के बड़े भाई मुश्ताक अहमद को फोन कर सूचना दी. सूचना पाते ही मुश्ताक मुमताज के घर पहुंचा. उस के बाद मुश्ताक ने अपने अन्य फेमिली वालों को इस की जानकारी देने के बाद पुलिस को भी सूचना दे दी.
सुबहसुबह हत्या की सूचना पाते ही काजी मोहम्मदपुर थाने के एसएचओ जयप्रकाश सिंह पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. मुमताज अपने कमरे में पेट के बल पड़ा हुआ था. उस का शरीर पूरी तरह से लहूलुहान था. इस घटना की जानकारी जुटाने के बाद एसएचओ ने इस मामले की सूचना मुजफ्फरपुर जिले के एसपी (सिटी) कोटा किरण कुमार, डीएसपी (टाउन) सीमा देवी को भी दे दी थी. पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया.
जांचपड़ताल के दौरान पता चला कि हत्यारे पड़ोसी की छत के सहारे मकान के फस्र्ट फ्लोर के दरवाजे की जाली और ताला काट कर कमरे में अंदर घुसे और फिर लूटमार करने के बाद मुमताज की हत्या कर फरार हो गए थे. मौके पर पहुंची एसपी (सिटी) कोटा किरण ने तुरंत ही एफएसएल की टीम को जांच के लिए बुला लिया था. एफएसएल की टीम के 5 वैज्ञानिकों ने करीब 2 घंटे तक कमरे व फस्र्ट फ्लोर पर कटी जाली और ताले से साक्ष्य जुटाए. साथ ही टीम ने मृतक के बैड पर पड़े चाकू पर लगे ब्लड के सैंपल और फिंगरप्रिंट भी लिए.
घटनास्थल पर डौग स्क्वायड को भी बुला लिया. इस दौरान खोजी कुत्ता कई बार मृतक के पास से होता हुआ उस की पत्नी के पास भी जा कर रुका, लेकिन पुलिस का मुमताज की पत्नी पर हत्या का शक करने का सवाल ही नहीं उठता था. क्योंकि सब से पहले उस की हत्या के बाद सबा फिरदौस ही उस के पास पहुंची थी. फिर वैसे भी वह उस की पत्नी थी. उस के बाद खोजी कुत्ता मृतक के कमरे से नीचे उतर कर बगल की गली से होता हुआ झाड़ी के रास्ते से रेलवे ट्रैक तक पहुंचा और वहीं पर रुक गया.
मामला गंभीर था, इसीलिए पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल से सभी साक्ष्य जुटाने के बाद जांच की काररवाई पूरी कर लाश पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी. उसी दौरान पुलिस को पता चला कि मृतक के पास 2 मोबाइल फोन थे, दोनों ही गायब थे. उस के घर ज्वैलरी और नकदी भी गायब थी. मृतक मुमताज के घर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, लेकिन उन की रिकौर्डिंग (डीवीआर) भी गायब थी. शायद अपराधी राज खुलने के डर से अपने साथ ही ले गए थे.
इस दौरान मृतक की बीवी सबा फिरदौस का रोरो कर बुरा हाल था. इस दौरान वह कई बार बेहोश भी हो गई, जिसे बड़ी मुश्किल से संभाला गया था. सबा फिरदौस ने रोतेरोते बताया कि पति कई महीनों से नौकरी को ले कर परेशान थे. वह अकसर यही कहा करते थे कि उन की नौकरी खतरे में है. नौकरी कभी भी उन के हाथों से जा सकती है. उस के अलावा मुमताज ने आसपास के कई लोगों को पैसा दे रखा था, जो मिल नहीं पा रहा था. पता नहीं कौन लोग उस के दुश्मन बन कर आए और उन की हत्या कर गए.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि मुमताज का किसी धारदार हथियार से 3 बार गला काटा गया था. उसी हथियार से उस की दोनों आंखों में भी वार किए गए थे. साथ ही उस के शरीर पर अलगअलग 5-6 गहरे घाव पाए गए थे. इस मामले में तुरंत ऐक्शन लेते हुए पुलिस ने उस के घर के आसपास लगे कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की. जिस रास्ते से खोजी कुत्ता बारबार जा रहा था, पुलिस ने उसी रास्ते पर मुमताज के घर के पीेछे लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज निकाली तो पता चला कि रात के 3 बजे उस रास्ते से एक काली रंग की नए मौडल की स्कौर्पियो आतीजाती दिखाई दी, जिस से पुलिस को पूरा शक हो गया कि अपराधी इसी स्कौर्पियो से घटना को अंजाम देने के लिए आए होंगे.
इसी आशंका के चलते पुलिस ने रामराज की ओर जाने वाले रास्ते पर लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज जुटा ली. उस के साथ ही पुलिस ने डीआईयू व सर्विलांस टीम को मृतक के दोनों मोबाइल नंबर दे दिए, जो सर्विलांस पर लगा दिए गए, लेकिन अफसोस, कहीं से भी पुलिस को इस घटना से संबधित कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई. जब पुलिस को इस हत्याकांड के सिलसिले में कहीं से भी कोई ठोस सबूत नहीं मिला तो पुलिस ने फिर से उस के फेमिली वालों के साथसाथ पड़ोसियों से पूछताछ की, जिस के दौरान पुलिस को एक अहम जानकारी मिली.
पड़ोसियों ने बताया कि मुमताज की गैरमौजूदगी में उस के घर पर कभीकभी एक युवक आता था. वह युवक कौन था, उस की उन्हें कोई जानकारी नहीं. इस जानकारी के मिलते ही पुलिस ने फिर से मृतक मुमताज अहमद की पत्नी फिरदौस से पूछताछ की, लेकिन फिरदौस अपने पहले बयान से कुछ हटती नजर आई. इस बार उस ने पुलिस को बताया कि जिस वक्त वह पति के कमरे की तरफ गई तो वहां पर कुछ लोग उन्हें बुरी तरह से मारपीट रहे थे. उस ने उन का विरोध किया तो उन्होंने उसे चाकू दिखा कर अपने कब्जे में ले लिया.
बाद में उस के सामने ही उन लोगों ने पति की चाकुओं से गोद कर हत्या कर दी. उस के बाद उन लोगों ने उस से ही अलमारी खुलवा कर उस में रखा हुआ सारा सामान लूट लिया और फरार हो गए. हालांकि उस ने अपने किसी खास व्यक्ति को बचाने के लिए यह बयान बदला था, लेकिन पुलिस की नजरों में वह बुरी तरह से फंस चुकी थी. उस के इस बयान से पुलिस पूरी तरह से समझ चुकी थी कि उस के पति की हत्या में उसी का हाथ था. इस के बाद भी पुलिस ने जल्दबाजी करना उचित नहीं समझा.
उस के बाद डीएसपी ने स्वयं सबा फिरदौस को बुला कर उस से पूछताछ की. लेकिन वह बारबार बदमाशों द्वारा उस के पति की हत्या करने वाली बात दोहराती रही. लेकिन पुलिस को उस के फेमिली वालों ने एक और जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुमताज के साथ उस का छोटा भाई भी रहता था, जिस को सबा फिरदौस ने एक दिन पहले ही अपनी रिश्तेदारी में भेज दिया था. उस के बाद उस ने अपने देवर से कहा था कि वह रात में वहीं पर रुके. इस जानकारी के मिलते ही पुलिस ने इस बारे में उस के देवर से पूछा तो उस ने पुलिस को बताया कि भाभी ने ही उसे यह कह कर भेजा था कि आज रात तुम वहीं पर रुक जाना. लेकिन पुलिस के लिए यह जानकारी भी अधूरी ही थी. फिर भी पुलिस का उस पर शक पूरी तरह से गहरा गया था.
उस के बाद पुलिस ने उस के मोबाइल को जब्त कर लिया. सबा फिरदौस का मोबाइल अपने कब्जे में लेते ही पुलिस ने सब से पहले उस के गूगल सर्च पर क्लिक किया. क्लिक करते ही उस की सारी जानकारी सामने आ गई. कुछ दिन पहले ही सबा फिरदौस ने गूगल पर सर्च किया था कि ‘हत्या कैसे करनी चाहिए.’ उस से सब कुछ साफ हो गया था कि सबा फिरदौस ने अपने पति को मौत की नींद सुलाने का तरीका गूगल पर ही सर्च किया था. जब पुलिस ने सबा फिरदौस के खिलाफ कई सबूत जुटा लिए तो उस से सख्ती से पूछताछ की. पुलिस की सख्ती के आगे सबा फिरदौस ज्यादा वक्त तक टिक न सकी. फिर उस ने पुलिस को सब कुछ साफसाफ बता दिया था.
पुलिस पूछताछ में सबा फिरदौस ने बताया कि उस ने पढ़लिख कर जीवन में अफसर बनने का सपना देखा था. उस ने मुमताज अहमद से इसीलिए निकाह किया था कि उस के साथ शादी करने के बाद उस के सारे सपने पूरे हो जाएंगे, लेकिन शादी के बाद पता चला कि मुमताज का किसी दूसरी महिला के साथ अफेयर चल रहा है. मुमताज शादी के बाद उस से पहले जैसा प्यार भी नहीं करता था. उसे डर था कि कहीं मुमताज उस महिला के चक्कर में आ कर उस की हत्या न कर डाले. इसी डर की वजह से उस ने उस की हत्या करने का प्लान बनाया.
उस के लिए उस ने गूगल और यूट्यूब पर हत्या करने के नएनए तरीके सीखे. फिर एक दिन योजना के तहत उस की हत्या कर दी. हालांकि पुलिस पूछताछ के दौरान सबा फिरदौस ने अपना जुर्म कुबूल करते हुए पति की हत्या करने वाली बात स्वीकार कर ली थी. लेकिन पुलिस क्या, कोई भी इंसान उस की बात से सहमत नहीं हो पा रहा था. उस का कारण था कि मुमताज अहमद एक हट्ïटाकट्टा युवक था, वह अकेली उस की हत्या कैसे कर सकती है?
जबकि सबा फिरदौस ने पुलिस को बताया कि उस ने पति के गहरी नींद में सोते ही तकिए से उस का मुंह दबा कर हत्या कर दी. दूसरे मुमताज के मकान के ऊपर लगे दरवाजे पर जाली और उस का ताला कटा हुआ मिला था. सबा फिरदौस का मोबाइल तो पुलिस को मिल गया था. लेकिन मुमताज के 2 मोबाइल फोन कहां गायब हो गए थे. मुमताज की गैरमौजूदगी में उस के घर जो शख्स आताजाता था, वह कौन था और उस से सबा फिरदौस का क्या रिश्ता था? यह सब जानकारी पुलिस के गले की हड्डी बनी हुई थी.
पुलिस पूछताछ और मुमताज के फेमिली वालों की जानकारी के अनुसार इस हत्याकांड का जो खुलासा हुआ, वह इस प्रकार था. बिहार के जिला वैशाली के पातेपुर थाने के डढुआ गांव में रहता था मुमताज अहमद का परिवार. सबा फिरदौस मुमताज की रिश्ते में साली लगती थी. सबा फिरदौस की बहन की शादी उस के बड़े भाई मुश्ताक अहमद के साथ हुई थी. उसी कारण उस का अपनी बहन के पास आनाजाना लगा रहता था. उसी आनेजाने के दौरान दोनों के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया. उन के बीच चक्कर चला तो जल्दी ही दोनों के बीच अवैध संबंध भी स्थापित हो गए थे. उस वक्त सबा फिरदौस केवल 16 साल की ही थी.
धीरेधीरे दोनों के लव अफेयर की जानकारी सबा फिरदौस के फेमिली वालों को भी हो गई थी. बाद में उस के फेमिली वालों ने सबा फिरदौस की बड़ी बहन की ससुराल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन मुमताज अहमद अपने भाई की ससुराल जाने से बाज नहीं आ रहा था, जहां पर वह सबा फिरदौस के साथ आंखमिचौली खेलते हुए प्यार का खेल खेलने लगा था. उस के बाद वह अपने फेमिली वालों से भी सबा फिरदौस के साथ शादी करने की जिद करने लगा था, लेकिन मुमताज अहमद के घर वाले किसी भी सूरत में उस के साथ उस की शादी करने को तैयार नहीं थे. इस के बाद भी मुमताज अपनी जिद पर अड़ा रहा. जबकि फिरदौस के फेमिली वाले उस की कम उम्र होने के कारण उस की शादी करने को राजी नहीं थे.
लेकिन सबा फिरदौस और मुमताज अहमद एक साथ जीनेमरने की कसम खा चुके थे. फेमिली वाले उन की शादी के बीच आड़े आए तो एक दिन सबा फिरदौस प्रेमी मुमताज अहमद के साथ घर से भाग गई. घर से भागते ही दोनों के घर वालों को समाज के सामने नीचा देखना पड़ा. दोनों एक ही बिरादरी और खास रिश्तेदारी से बंधे हुए थे. इसी कारण दोनों परिवारों ने एक साथ बैठ कर बातचीत की. रिश्तेदारी का कनेक्शन होने के कारण दोनों परिवारों में जल्दी ही सहमति बनी और फिर सन 2012 में उन की शादी कर दी. उस वक्त तक मुमताज अहमद बेरोजगार था, लेकिन उस ने सरकारी नौकरी के लिए कई जगह अप्लाई कर रखा था.
सबा फिरदौस भी पढ़ाई में तेज थी. मुमताज के साथ शादी करने के बाद भी उस ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. उसी दौरान 2014 में मुमताज अहमद की नौकरी पंचायत रोजगार सेवक के पद पर लग गई. मुमताज की पहली पोस्टिंग वैशाली के ही भगवानपुर प्रखंड में हुई थी. नौकरी लगने के बाद मुमताज ने अपना गांव छोड़ दिया. उस के बाद वह अपनी पत्नी सबा फिरदौस को साथ ले कर जिला मुजफ्फरपुर के गांव माड़ीपुर स्थित रामराजी रोड पर मसजिद के नजदीक अपना मकान बना कर रहने लगा था. मुमताज की नौकरी लगने के बाद सबा फिरदौस भी सरकारी नौकरी के लिए हाथपांव मारने लगी थी. दिल में एक बड़ा अफसर बनने की चाहत लिए उस ने शादी के बाद भी कड़ी मेहनत की.
उस दौरान उस ने एक बार बीपीएससी और 2 बार यूपीएससी का एग्जाम भी दिया था. समय के साथसाथ सबा फिरदौस ने 2 बेटियों और एक बेटे को जन्म दिया. हालांकि उस की गृहस्थी ठीकठाक चल रही थी, लेकिन उस के अंदर एक अफसर बनने का जज्बा अभी भी हार मानने को तैयार न था. शादी के कई साल बाद तक दोनों के बीच सब कुछ ठीक प्रकार चलता रहा. लेकिन 2022 आतेआते उन के संबंधों में खटास पैदा होने लगी थी. उस का मुख्य कारण था मुमताज की व्यस्तता. मुमताज अहमद करीब ढाई साल से वैशाली जिले के भगवानपुर प्रखंड में पंचायत रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत था.
उस के बाद मुमताज को रतनपुरा और असोई पंचायत में पंचायत रोजगार का सेवक बनाया गया था, जिस के कारण उस का घर से ही पंचायत और प्रखंड में आनाजाना लगा रहता था. काम अधिक होने के कारण वह अपनी बीवी और बच्चों को भी ठीक से टाइम नहीं दे पाता था. यही कारण रहा कि सबा फिरदौस को मुमताज पर किसी अन्य महिला के साथ संबंध होने का शक पैदा हो गया था. उसी शक के चलते दोनों के बीच मनमुटाव पैदा हो गया. दोनों के बीच शक ही दरार ने उन के रिश्तों में कड़वाहट घोल दी थी. सबा फिरदौस को पूरा विश्वास था कि पति का वैशाली के भगवानपुर प्रखंड में काम करने वाली एक महिला के साथ अवैध संबंध हैं.
मुमताज अपने लौकर की चाबी हमेशा अपने पास ही रखता था. कई बार सबा फिरदौस ने उस से चाबी मांगी, लेकिन उस ने चाबी देने से मना कर दिया था, जिस के कारण सबा फिरदौस को पति पर शक हो गया था कि उस ने उस के जेवर उस महिला को दे दिए हैं, जिस से वह प्यार करता था. सबा फिरदौस पढ़ीलिखी थी. उस ने कई बार पति मुमताज को चोरीछिपे मोबाइल पर बात करते देखा था. उसे पूरा शक था कि पति जरूर किसी अन्य महिला के प्यार के चक्कर में पड़ गया है. उस की सच्चाई जानने के लिए उस के दिमाग में एक आइडिया आया.
उस ने अपने मोबाइल में मोबाइल ट्रैकर ऐप इंस्टाल कर लिया, ताकि वह घर बैठे ही पति की दिनचर्या पर पूरा ध्यान रख सके. मुमताज अहमद का काम ही कुछ ऐसा था, जहां पर रहते उसे दिन में तरहतरह के लोगों से मिलना होता था. उस में स्त्रीपुरुष दोनों ही होते थे. उस के बाद भी सबा फिरदौस पति के घर आते ही उस से तरहतरह के सवाल करने लगी थी. उस की उसी बात से मुमताज को उस पर झुंझलाहट पैदा होने लगी थी, जिस के कारण दोनों के बीच मतभेद और बढ़ गए. इस के बाद सबा फिरदौस अपने एक रिश्तेदार के संपर्क में आ गई, जिस से वह अपना मन बहलाने के लिए मोबाइल पर बात करने लगी थी.
फिर वह धीरेधीरे पति की गैरमौजूदगी में उस के घर भी आने लगा था. रिश्तेदार के साथ अफेयर चालू होते ही उस का पति के प्रति व्यवहार भी बदल गया था. वह हर वक्त उस से खफाखफा सी रहती थी, जिस के कारण मुमताज अहमद को भी उस पर शक होने लगा था. इस दौरान मुमताज ने कई बार उस से उस का मोबाइल मांगा, लेकिन फिरदौस ने उसे अपना मोबाइल दिखाने से साफ मना कर दिया था. वह अपने मोबाइल में लौक लगा कर रखती थी. इसी कारण मुमताज को पत्नी पर शक हो गया कि वह उस की गैरमौजूदगी में जरूर किसी से मिलती है.
इस बात की पुख्ता जानकारी के लिए मुमताज अहमद ने अपने बच्चों को माध्यम बनाया. उस ने अपने बच्चों से पूछा तो बच्चों ने साफसाफ बता दिया कि आप के पीछे हमारे घर एक अंकल आते हैं. इस जानकारी के मिलते ही मुमताज का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया, लेकिन उस ने उस वक्त पत्नी से इस बारे में कोई बात नहीं की. वह किसी भी तरह से गुप्तरूप से उस की हकीकत जानना चाहता था. वह कौन है और कहां रहता है? उस सच्चाई को जानने के लिए मुमताज ने अपने घर में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए, ताकि वह पत्नी की हर दिन की दिनचर्या देख सके. घर में सीसीटीवी लगते ही सबा फिरदौस भी सचेत हो गई थी. उस ने फोन कर अपने रिश्तेदार को उस सब की जानकारी दे दी, जिस के बाद वह उस के घर नहीं आया था.
लेकिन मुमताज फिर भी मानने को तैयार न था. उस के बाद भी उस ने कई बार उस से जानने की कोशिश की कि उस के पीछे घर पर कौन आता है. सबा फिरदौस अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं थी. इसी बात को ले कर दोनों के बीच में इतना मनमुटाव हो गया कि मुमताज ने कई बार उस की पिटाई तक कर दी. मुमताज अपनी प्रेम कहानी उस से छिपाए हुए था, लेकिन बारबार सबा फिरदौस पर शक करते हुए उस की सच्चाई जानने के लिए व्याकुल था. उस की इस बात से सबा फिरदौस पूरी तरह से पति से नफरत करने लगी थी. उस ने तभी सोच लिया था कि किसी भी तरह से पति से पीछा छुड़ाना होगा.
उसे अपने पर विश्वास था कि एक न एक दिन उस की सरकारी नौकरी लग ही जानी है. उस के खत्म होने के बाद वह अपने बच्चों को खुद ही पाल लेगी. उसी दौरान उस ने एक दिन एक चार्ट पर स्लोगन लिखा, ‘हारना मंजूर है मुझे, पर खेल तो बड़ा ही खेलूंगी.’’
मुमताज अहमद ने वह स्लोगन कई बार पढ़ा भी, लेकिन उस ने सोचा कि बच्चों के लिए लिखा होगा. उस ने उस बारे में कभी भी गहराई से नहीं सोचा था. उस के साथ ही फिरदौस ने पति की हत्या की प्लानिंग करनी शुरू कर दी. फिर वह क्राइम पेट्रोल, सस्पेंस व थ्रिलर वाली फिल्में देखने लगी, ताकि वह बिना किसी रिस्क के पति की हत्या कर सके. इस के साथ ही वह अपने मोबाइल से गूगल व यूट्यूब पर हत्या करने के तरीके भी खोजने लगी थी. उस दौरान उस ने गूगल और यूट्यूब से कई तरह के तरीके नोट भी कर लिए थे, जिस से वह जल्दी से पति से आजाद हो सके.
मुमताज अहमद सारे दिन भागदौड़ की ड्यूटी निभाने के बाद शाम को जब घर पहुंचता तो उस की बीवी उस से सीधे मुंह बात नहीं करती थी. पत्नी के बदले व्यवहार से तंग आ कर उस ने शराब पीनी भी शुरू कर दी थी. वह अपनी ड्यूटी से घर वापस आता और फिर खाना खा कर सो जाता था. उस दौरान तक वह पति की हत्या करने का पूरा प्लान बना चुकी थी. मुमताज हमेशा ही घर देर से पहुंचता था. सबा फिरदौस एक थ्रिलर फिल्म की भांति उस की हत्या की स्क्रिप्ट लिख चुकी थी. उस ने पति की हत्या से पहले ही ताले की चाबी खो जाने वाली बात कहते हुए किसी से कटर द्वारा उसे कटवा लिया था, ताकि वह मुमताज की हत्या के बाद अपनी योजनानुसार उस को बदमाशों द्वारा काटना दिखा सके.
पति की हत्या की पूरी स्क्रिप्ट तैयार करने के बाद फिरदौस ने 7 जुलाई, 2025 को उस की हत्या का दिन फिक्स कर दिया था. 7 जुलाई की रात को देर रात मुमताज अहमद अपने घर पहुंचा. आते ही उस ने सब से पहले शराब का पैग लिया. उसी दौरान किसी का फोन आया तो वह अपने फोन पर बात करतेकरते ऊपर की मंजिल पर चला गया. वह काफी देर तक फोन पर बात करता रहा. जब वह नीचे आया तो सबा फिरदौस ने उस से पूछा, ”किस का फोन था, जिस से इतनी देर से बात कर रहे थे?’’
”तुम अपने काम से काम रखो, तुम्हें यह जानने की कोई जरूरत नहीं कि मैं किस से क्या बात कर रहा हूं.’’ मुमताज बोला. उस के बाद सबा फिरदौस उस का मोबाइल देखने की जिद करने लगी, लेकिन मुमताज ने उसे अपना मोबाइल देखने के लिए नहीं दिया. उसी बात को ले कर उस की सबा फिरदौस से झड़प हो गई. उसी झड़प के दौरान सबा फिरदौस की जिद के आगे मुमताज ने उसे लौकर की चाबी दे दी. लौकर की चाबी मिलते ही उस ने लौकर खोल कर देखा तो उस में से उस के सारे जेवर गायब थे. जेवरों को गायब देखते ही सबा फिरदौस का माथा ठनक गया. उस ने पति से जेवरों के बारे में पूछा तो उस ने साफ शब्दों में कहा कि उसे उस के जेवरों से क्या लेनादेना, अपने जेवर अपने आप देखो, तुम ने कहां रखे हैं.
सबा फिरदौस को पूरा शक हो गया था कि उस ने उस के जेवर जरूर उसी महिला को दे दिए होंगे, जिस से चक्कर चल रहा है. इस बात का शक पैदा होते ही सबा फिरदौस ने उसी समय मुमताज की हत्या करने का पूरा मन बना लिया था. उस के बाद भी दोनों ने बच्चों के साथ खाना खाया और फिर मुमताज अहमद अपने कमरे में सोने चला गया. सबा फिरदौस भी बच्चों को साथ ले कर दूसरे कमरे में चली गई. कुछ देर बाद ही उस के तीनों बच्चे तो सो गए, लेकिन उस रात सबा फिरदौस की आंखों से नींद कहीं दूर जा चुकी थी. वह बारबार कमरे से उठती और पति के कमरे की तरफ ही ताड़ती रही. उस रात उस का टाइम काटे कट नहीं रहा था. वह बारबार घड़ी की तरफ देखती रही.
जब काफी रात गुजर गई और चारों ओर सन्नाटा छा गया तो वह अपने कमरे से दबेपांव निकली. उस वक्त तक सारे दिन की भागदौड़ और शराब के नशे में मुमताज बेसुध हो कर सो चुका था. रात के 1 बज कर 20 मिनट पर मौका पाते ही सबा फिरदौस ने सीसीटीवी कैमरों का रिकौर्डिंग बौक्स निकाल दिया. उस के बाद वह फिर से अपने बच्चों के पास आ कर बैठ गई. फिर वह लाइट गुल होने का इंतजार करने लगी. रात के कोई ढाई बजे लाइट गुल हो गई. इस के बाद वह अपने कमरे में रखा हथौड़ा और चाकू ले कर पति के कमरे में पहुंची. उस वक्त भी मुमताज अहमद गहरी नींद में सोया हुआ था. उसे गहरी नींद में सोते देख उस के मन का शैतान जाग उठा.
मौका देखते ही उस ने अपने एक हाथ से तकिए द्वारा उस का मुंह दबाया और दूसरे हाथ से हथौड़े से उस के सिर पर लगातार कई वार कर डाले, जिस के बाद मुमताज अहमद की चीख तकिए से दब कर रह गई. मुमताज अहमद शरीर से तगड़ा था. उस के बाद भी वह जैसेतैसे कर बैड से उठा, फिर वह सबा फिरदौस की ओर बढऩे लगा. जब सबा फिरदौस को पति से खतरा नजर आने लगा तो उस ने अपने हाथ में चाकू उठाया और पति मुमताज अहमद पर ताबड़तोड़ वार कर डाले. उस के बाद जिंदगी मौत से जूझता मुमताज अहमद फर्श पर गिर गया. उस के नीचे गिरते ही सबा फिरदौस ने चाकू से उस का गला काट दिया. उस के साथ ही उस ने पति की आंखों पर चाकू के कई वार कर डाले. कुछ देर तड़पने के बाद मुमताज ने दम तोड़ दिया.
पति को मौत की नींद सुलाने के बाद फिरदौस ने अपने बच्चों को जा कर देखा तो तीनों गहरी नींद में सोए पड़े थे. उस के बाद उस ने पति के दोनों फोन और डीवीआर उठाया और मकान की छत पर पहुंची. उस ने रात का फायदा उठाते हुए पड़ोसियों की छत पर जा कर मुमताज के मोबाइल और डीवीआर को जंगल में फेंक दिया. फिर उस ने अपने मकान की मुमटी पर लगे लोहे के दरवाजे की चाकू से जाली काटी और उस में पहले से कटा हुआ ताला लगा दिया, ताकि वह इस हत्याकांड को लूटमार की शक्ल देने में कामयाब हो जाए.
इस पूरी घटना को अंजाम देने के बाद सबा फिरदौस ने अपने पहने कपड़े चेंज किए, अलमारी का सामान उस ने कमरे में इधरउधर बिखेर दिया. उस के बाद वह अपने बच्चों के पास जा कर सो गई. जब उसे लगने लगा कि सुबह होने वाली है, तब उस ने अपने बच्चों को उठाया और फिर उस ने पड़ोसियों के साथ ही अपने फेमिली वालों को घर में लूटपाट और पति की हत्या होने की जानकारी दे दी. हत्या की सूचना पाते ही सब से पहले उस के परिवार वाले उस के पास पहुंचे और फिर पुलिस भी पहुंच गई थी. पुलिस और परिवार वालों के मकान पर पहुंचते ही सबा फिरदौस ने अपने रोनेधोने का नाटक शुरू कर दिया था.
इस हत्याकांड के खुलते ही पुलिस ने आरोपी पत्नी सबा फिरदौस की निशानदेही पर मोबाइल और डीवीआर भी बरामद कर ली थी. इस घटना के बाद मृतक मुमताज अहमद के बड़े भाई मुश्ताक अहमद ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिस में कहा गया था कि डकैत उस के भाई मुमताज की हत्या करने के बाद सबा फिरदौस से चाकू की नोंक पर 9 लाख रुपयों की ज्वैलरी व 2 लाख रुपए कैश लूट कर फरार हो गए थे. सबा फिरदौस ने पति की हत्या करने से पहले ही चाकू पर अपने पति का ही रूमाल लपेट दिया था, ताकि पुलिस काररवाई के दौरान उस के अंगुलियों के निशान उस चाकू पर न आने पाएं.
सबा फिरदौस ने पति की हत्या स्वयं ही करना स्वीकार की थी, लेकिन यह बात किसी के भी गले नहीं उतर पा रही थी. सभी का मानना था कि इस हत्याकांड में उस की सहायता करने वाला जरूर कोई रहा होगा. सबा मुमताज के घर पति की अनुपस्थिति में उस से कौन मिलने आता था? वह भी रहस्यमय बना हुआ था, जिस का राज सबा फिरदौस ने अपने दिल में छिपाए रखा था. जिस को वह पूरी तरह से बचाना चाहती थी. इस केस के खुलते ही पुलिस ने आरोपी सबा फिरदौस को कोर्ट में पेश कर उसे जेल भेज दिया, लेकिन उस ने पति पर शक कर और अपनी प्रेम कहानी के चलते अपने साथ ही बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय बना डाला. Hindi Story