Love Crime: 4 बच्चों की मां बनने के बावजूद 52 वर्षीय रानी सोमवंशी की हसरतें जवान थीं. वह बनसंवर कर रहती और इंस्टाग्राम पर अपने फोटो शेयर करती. यहीं पर 25 वर्षीय अरुण सिंह राजपूत उसे दिल दे बैठा. बाद में दोनों होटलों में भी मिलने लगे. शादीशुदा होते हुए भी रानी अरुण से शादी करने का ख्वाब संजोने लगी, लेकिन अरुण ऐसा छलिया आशिक निकला कि…

रानी सोमवंशी की धमकी से अरुण डर गया. उस की रातों की नींद व दिन का चैन छिन गया. आखिर उस ने रानी को खत्म करने का निश्चय कर लिया. उस ने रानी को विश्वास में ले कर उस की हत्या का तानाबाना बुन लिया. 8 अगस्त, 2025 को रानी सोमवंशी ने फोन पर अरुण से बात की और उसे धमकाया कि जल्द शादी करो या फिर पैसे वापस करो. इस पर अरुण ने उस से कहा कि वह उस से प्यार करता है और शादी को तैयार है. तुम 10 अगस्त को मैनपुरी आ जाओ और भांवत चौराहे पर मिलो. उस के बाद हम शादी करने का प्लान बनाएंगे.

रानी 9 अगस्त को अपनी ससुराल के गांव जिठौली से फर्रुखाबाद जिले के गांव खेड़ा में रहने वाली अपनी बहन के यहां आई थी. प्रेमी अरुण से बात होने के बाद वह 10 अगस्त को ही ससुराल जाने की बात कह कर वह मैनपुरी चली आई. प्रेमी की इस बात पर रानी खुश हो गई और 10 अगस्त, 2025 की दोपहर साढ़े 12 बजे वह मैनपुरी के भांवत चौराहे पहुंच गई. वहां अरुण पहले से ही रानी का इंतजार कर रहा था. रानी को देख कर वह मुसकरा उठा. रानी ने भी मुसकान बिखेरी. इस के बाद दोनों ने साथ बैठ कर एक रेस्टोरेंट में चायनाश्ता किया. फिर दोनों खरपरी बंबा के पास पहुंचे और सुनसान स्थान देख कर पेड़ के नीचे बैठ कर बतियाने लगे.

बातचीत के दौरान रानी ने शादी की जिद की और दिनतारीख बताने को कहा. यह सुनते ही अरुण को गुस्सा आ गया. उस ने रानी की चुन्नी को उसी के गले में लपेटा और गला कसने लगा. चुन्नी को वह तब तक कसता रहा, जब तक उस की मौत नहीं हो गई. रानी सोमवंशी की हत्या के बाद अरुण ने रानी के शव को झाडिय़ों में छिपा दिया. रानी के मोबाइल फोन का सिम निकाल क र तोड़ दिया और बंबा में फेंक दिया. मोबाइल कूच कर झाडिय़ों में छिपा दिया. चुनरी को पत्तों के नीचे छिपा दिया. उस के बाद वह फरार हो गया.

इधर रानी जब देर शाम तक घर नहीं पहुंची तो उस के पति राजपाल को चिंता हुई. उस ने रानी को कौल लगाई, लेकिन उस का फोन बंद था. वह रात भर चहलकदमी करता रहा. सुबह उस ने कुछ लोगों को रानी के लापता होने की जानकारी दी. उस के बाद वह कई दिनों तक पत्नी की खोज में भटकता रहा. जब कुछ पता नहीं चला, तब उस ने जिठौली थाने में पत्नी की गुमशुदगी की सूचना दर्ज करा दी. 11 अगस्त, 2025 की सुबह मैनपुरी कोतवाली के गांव खरपरी के कुछ किसान अपने खेतों की ओर गए तो उन्होंने बंबा के पास झाडिय़ों के बीच एक महिला की लाश देखी. लाश देख कर उन के होश उड़ गए. खबर गांव तक पहुंची तो वहां भीड़ जुट गई. इसी बीच किसी ग्रामीण ने इस लाश की सूचना थाना मैनपुरी कोतवाली को दे दी.

सूचना मिलते ही एसएसआई राजेंद्र सिंह कुछ पुलिसकर्मियों के साथ खरपरी बंबा के पास पहुंच गए, जहां झाडिय़ों के बीच महिला की लाश पड़ी थी. उस समय वहां लोगों की भीड़ थी. चूंकि मामला एक महिला की हत्या का था, अत: एसएसआई राजेंद्र सिंह ने सूचना पुलिस अधिकारियों को दी. कुछ देर बाद ही एसपी (सिटी) अरुण कुमार तथा डीएसपी संतोष कुमार सिंह घटनास्थल आ पहुंचे. पुलिस अधिकारियों ने मौके पर फोरैंसिक व डौग स्क्वायड को भी बुलवा लिया. इस के बाद पुलिस अधिकारियों ने बड़ी बारीकी से घटनास्थल का निरीक्षण शुरू किया. मृतक महिला की उम्र 50-52 वर्ष थी. वह लाल रंग का कुरता व पीले रंग की सलवार पहने थी. गले में पर्स लटका था. हाथ के पास रुमाल पड़ा था और हाथ में लाल रंग का धागा बंधा था.

मृतका के शरीर पर चोट आदि के निशान नहीं थे. देखने से ऐसा लग रहा था कि महिला की हत्या गला घोंट कर की गई थी. शरीर पर कोई आभूषण भी नहीं था. डौग स्क्वायड का खोजी कुत्ता महिला के शव को सूंघ कर झाडिय़ों के इर्दगिर्द घूमता रहा, फिर भौकता हुआ बंबा की पटरी पर आया. वह नगला गहियर जाने वाले मार्ग पर कुछ दूर तक गया, उस के बाद वापस आ गया. फोरैंसिक टीम ने भी जांच की, कुछ फोटो खींचे और सबूत जुटाए. अब तक महिला के शव को सैकड़ों लोग देख चुके थे, लेकिन कोई भी शव को पहचान नहीं पाया था. इस से स्पष्ट था कि महिला पासपड़ोस के गांव की नहीं थी. दूरदराज से बुला कर उस की यहां हत्या की गई थी. हत्या किसी खास परिचित ने ही की थी.

जब शव की पहचान नहीं हो पाई, तब पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हेतु जिला अस्पताल मैनपुरी भिजवा दिया. लेकिन 72 घंटे बीत जाने के बाद भी जब शव की पहचान नहीं हुई, तब नियम के मुताबिक पोस्टमार्टम करा कर पुलिस ने अज्ञात में महिला के शव का दाह संस्कार कर दिया. एसपी अरुण कुमार ने इस ब्लाइंड मर्डर को बड़ी ही गंभीरता से लिया. उन्होंने महिला की शिनाख्त व हत्याकांड के खुलासे के लिए 2 टीमें गठित कीं. साथ ही हत्यारों की धरपकड़ के लिए एक पुलिस टीम डीएसपी संतोष कुमार सिंह की देखरेख में गठित की और दूसरी स्वाट प्रभारी जितेंद्र चंदेल के नेतृत्व में बनाई गई.

पुलिस टीमों ने महिला की खोज मैनपुरी के अलावा पड़ोसी जिला फर्रुखाबाद व इटावा में शुरू की. इन जिलों के थानों में महिला की हुलिया सहित फोटो चस्पा कराई गईं. गुमशुदा अधेड़ महिलाओं की सूचना भेजने को कहा गया. डीएसपी संतोष कुमार सिंह ने सुरागसी के लिए अपनी विशेष टीम तथा मुखबिरों को भी लगा दिया. धीरेधीरे 10 दिन बीत गए, लेकिन पुलिस की टीमें महिला के शव की पहचान न कर पाई. मुखबिरों ने भी पसीना बहाया, लेकिन वह भी नाकाम रहे. अखबारों में ब्लाइंड मर्डर की खबरें सुर्खियों में छप रही थीं, साथ ही पुलिस की नाकामी पर भी सवाल उठाए जा रहे थे. खबरों से पुलिस अधिकारी चिंतित थे.

23 अगस्त, 2025 को मैनपुरी कोतवाली के एसएसआई राजेंद्र सिंह को फर्रुखाबाद जिले के थाना राजेपुर से सूचना मिली कि उन के यहां रानी सोमवंशी नाम की महिला की गुमशुदगी दर्ज है. गुमशुदगी उस के पति राजपाल सिंह ने दर्ज कराई थी, जो जिठौली गांव का रहने वाला है. रानी 4 बच्चों की मां है. उस की उम्र 52 वर्ष है. इस सूचना पर पुलिस टीम गांव जिठौली पहुंची और राजपाल सिंह सोमवंशी को महिला की पहचान हेतु मैनपुरी कोतवाली ले आई. एसएसआई ने महिला के शव की फोटो राजपाल सिंह को दिखाई तो वह फफक पड़ा और बोला, ”साहबजी, यह फोटो उस की पत्नी रानी की है. वह 10 अगस्त की सुबह 9 बजे दवा लाने के लिए घर से निकली थी, उस के बाद घर वापस नहीं आई. तब से वह उस की खोज में जुटा था.’’

”क्या तुम बता सकते हो कि तुम्हारी पत्नी की हत्या किस ने की है?’’ एसएसआई राजेंद्र सिंह ने पूछा.

”नहीं साहब, मुझे पता नहीं कि रानी की हत्या किस ने और क्यों की है?’’ राजपाल ने जवाब दिया.

”गांव में तुम्हारी किसी से दुश्मनी या लेनदेन का झगड़ा तो नहीं था?’’

”साहब, मैं उम्रदराज सीधासादा किसान हूं. हमारा न तो किसी से झगड़ा है और न ही लेनदेन.’’

”कोई खास या बाहरी व्यक्ति घर में आता था, जिस से रानी का लगाव रहा हो.’’

”ऐसा कोई व्यक्ति घर में नहीं आता था, जिस से रानी का लगाव हो.’’

”रानी के पास मोबाइल फोन था?’’ राजेंद्र सिंह ने पूछा.

”हां साहब, था, लेकिन उस का फोन बंद है. मैं ने कई बार बात करने की कोशिश की थी.’’

राजपाल सोमवंशी से पूछताछ के बाद एसएसआई ने उस से मृतका रानी का मोबाइल फोन नंबर लिया और फिर उस नंबर की कौल डिटेल्स निकलवाई. कौल डिटेल्स से पता चला कि रानी एक खास नंबर पर अकसर बातें करती थी. आखिरी कौल उसी नंबर से उस के मोबाइल पर आई थी. रानी सोमवंशी के मोबाइल पर जो आखिरी कौल आई थी, पुलिस ने उस नंबर को ट्रेस किया तो पता चला कि वह नंबर जनपद मैनपुरी के थाना एलाऊ के किशोरपुर गांव निवासी अरुण सिंह राजपूत के नाम दर्ज है.

यह पता चलते ही पुलिस टीम ने किशोरपुर गांव निवासी अरुण के घर छापा मारा, लेकिन वह घर पर नहीं था. अरुण के पापा मुन्ना राजपूत ने बताया कि अरुण गुरुग्राम (हरियाणा) में रहता है. वह टैंकर चलाता है. इस के बाद पुलिस टीम सर्विलांस की मदद से गुरुग्राम पहुंची और पहली सितंबर 2025 की रात अरुण को गिरफ्तार कर लिया. अरुण को थाना मैनपुरी कोतवाली लाया गया. थाने में अरुण राजपूत से रानी सोमवंशी की हत्या के बारे में पूछा गया तो वह पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करने लगा, लेकिन सख्ती करने पर वह टूट गया और हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया.

यही नहीं, पुलिस ने अरुण की निशानदेही पर मृतका रानी का टूटा हुआ मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया, जिस का सिम तोड़ कर अरुण ने बंबा में फेंक दिया था और टूटा हुआ मोबाइल झाडिय़ों में डाल दिया था. पुलिस ने वह चुनरी भी बरामद कर ली, जिस से अरुण ने रानी का गला घोंटा था. चुनरी उस ने पेड़ के पत्तों में छिपा कर ईंट से दबा दी थी. एसएसआई राजेंद्र सिंह ने ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करने तथा कातिल को गिरफ्तार करने की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी तो एसपी (सिटी) अरुण कुमार व डीएसपी संतोष कुमार सिंह ने पुलिस सभागार में प्रैसवार्ता कर रानी मर्डर केस का खुलासा कर दिया.

चूंकि अरुण कुमार राजपूत ने हत्या का जुर्म कुबूल कर लिया था और हत्या में प्रयुक्त चुनरी भी बरामद करा दी थी, अत: बीएनएस की धारा 103(1), 228(4) के तहत अरुण राजपूत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उसे विधिसम्मत गिरफ्तार कर लिया. पुलिस जांच में प्यार में छल की जो सनसनीखेज घटना प्रकाश में आई, इस प्रकार थी—

उत्तर प्रदेश का फर्रुखाबाद जिला कई मायनों में अपनी पहचान बनाए हुए है. यहां पर बीड़ी और तंबाकू का कारोबार बड़े पैमाने पर होता है. आलू का उत्पादन भी भारी मात्रा में होता है. यहां की नमकीन पूरे उत्तर प्रदेश में मशहूर है. इसी फर्रुखाबाद जिले के राजेपुर थाना अंतर्गत एक गांव है जिठौली. राजपाल सिंह सोमवंशी इसी गांव का निवासी था. उस की पत्नी का नाम रानी सोमवंशी था. उस के 4 बच्चों में 2 बेटे व 2 बेटियां थीं. राजपाल सिंह किसान था. उस के पास 10 बीघा उपजाऊ भूमि थी, जिस में आलू, मूंगफली, मक्का और गेहंू की अच्छी उपज होती थी.

राजपाल व रानी अपने बच्चों से बेहद प्यार करते थे. बेटेबेटी में वह भेद भी नहीं करते थे. दोनों उन की हर जिद पूरी करते थे. पढ़ाईलिखाई का भी खूब खयाल रखते थे. उन के दोनों बेटे पढ़लिख कर टीचर बनना चाहते थे, जबकि बेटियां डाक्टर बनना चाहती थीं. राजपाल सीधासादा और कम पढ़ालिखा था. उस के रहनसहन और बोलचाल की भाषा भी साधारण थी. इस के विपरीत उस की पत्नी रानी पढ़ीलिखी थी. वह तेजतर्रार थी. सजसंवर कर रहती थी. जैसा उस का नाम था, वैसे ही वह रानी बन कर घर में रहती थी. राजपाल जो कमाता था, वह सब रानी के हाथ पर रख देता था. घर में उस की हैसियत कोल्हू के बैल की तरह थी. घर चलाने की जिम्मेदारी रानी की थी. बच्चों की पढ़ाई का खर्चा, खेत में बीजखाद का खर्चा, मजदूरों का खर्चा, सब रानी की जिम्मेदारी थी. राजपाल को तो बीड़ीतंबाकू का ही पैसा मिलता था.

राजपाल का पत्नी रानी पर कोई कंट्रोल नहीं था. वह उस की किसी बात का विरोध नहीं कर पाता था. रानी स्वच्छंद विचारों वाली थी. वह सामान खरीदने बाजारहाट भी जाती थी. घमंडी भी थी. इसी कारण अड़ोसपड़ोस के घरों से उस की दूरी बनी रहती थी. पड़ोस की महिलाएं उस से कम ही बातें करती थीं. समय बीतता रहा. समय के साथसाथ राजपाल उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच गया, जहां सारी इच्छाएं समाप्त हो जाती हैं. वह सारा दिन फसल की रखवाली में व्यतीत करता और रात को खाना खा कर चारपाई पर पसर जाता. दूसरी तरफ रानी सोमवंशी जो 4 बच्चों की मां थी, वह अब भी अपने को जवान समझती थी और खूब सजसंवर कर रहती थी. उसे घर में सब सुख था, लेकिन पति सुख से वंचित रहती थी.

उस के मन में प्रबल इच्छा होती कि कोई उस की जिंदगी में आए और उस के अरमानों की अलख जगाए. कभीकभी तो वह सोचती कि वह दूसरा विवाह कर ले. पर किस से? यह सोच कर दुखी हो जाती. रानी खाली समय मोबाइल फोन पर व्यतीत करती थी. उसे इंस्टाग्राम चलाने का शौक था. इंस्टाग्राम पर वह अपने एडिट किए हुए फोटो लगाती थी, ताकि वह कम उम्र की और खूबसूरत दिखे. वह चाहती थी कि कोई युवक उस की फोटो देख कर उसे पसंद करे और फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेजे. रानी को यकीन था कि एक न एक दिन उस की तमन्ना जरूर पूरी होगी. वह इंतजार में दिन गुजारती रही.

एक रोज अरुण राजपूत ने इंस्टाग्राम पर रानी सोमवंशी की फोटो देखी तो वह उसे पसंद आ गई. उसे लगा कि यही उस के सपनों की रानी है. अत: उस ने फालो कर उसे फ्रेंडशिप रिक्वेस्ट भेज दी. रानी ने उस की रिक्वेस्ट स्वीकार कर ली. इस के बाद दोनों की इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती हो गई और उन के बीच चैटिंग होने लगी. अरुण राजपूत उत्तर प्रदेश के ही मैनपुरी जिले के थाना एलाऊ के गांव किशोरपुर का रहने वाला था. उस के पिता मुन्ना राजपूत किसान थे. 3 भाईबहनों में अरुण सब से छोटा था. उस का मन न पढ़ाई में लगा और न किसानी में. अत: उस ने ड्राइवरी सीख ली और ड्राइवर बन गया. कुछ समय बाद वह गांव छोड़ कर गुडग़ांव (हरियाणा) चला गया और वहां टैंकर चलाने लगा.

अरुण राजपूत और रानी सोमवंशी की दोस्ती धीरेधीरे प्यार में बदल गई. दोनों एकदूसरे को मन ही मन चाहने लगे. इंस्टाग्राम पर दोनों हर रोज चैटिंग करते थे. रानी अपनी उम्र छिपाने के लिए फिल्टर ऐप का प्रयोग कर अरुण से बात करती थी. लगभग एक साल तक दोनों के बीच चैटिंग चलती रही. फिर चैटिंग के दौरान ही दोनों ने एकदूसरे के मोबाइल फोन नंबर शेयर कर लिए. अब इंस्टाग्राम पर चैटिंग के साथसाथ मोबाइल फोन पर भी उन की रसभरी बातें होने लगीं. रानी देर रात अरुण को कौल करती थी.

समय बीतते दोनों का प्यार परवान चढ़ा तो उन के बीच एकदूसरे से रूबरू होने की तमन्ना जागी. एक रोज अरुण ने फोन पर बातचीत के दौरान रानी से कहा कि वह उस से मिलना चाहता है और आमनेसामने बैठ कर बात करना चाहता है. इस पर रानी ने जवाब दिया कि वह स्वयं भी उत्सुुक है. जब चाहो, तब आ जाओ. अरुण रानी से मिलने को उतावला था, अत: तीसरे रोज ही वह मैनपुरी से फर्रुखाबाद आ गया. उस के बाद उस ने रानी से फोन पर बात की और बताया कि वह फर्रुखाबाद आ गया है और यात्री होटल में ठहरा है. तुम कल मिलने आ जाना. मैं तुम्हारा बेसब्री से इंतजार करूंगा. जवाब में रानी ने कहा कि वह कल सुबह 10 बजे तक होटल पहुंच जाएगी. नाश्ता व लंच साथसाथ करेंगे.

वादे के तहत रानी सुबह 9 बजे ही फर्रुखाबाद स्थित यात्री होटल पहुंच गई. होटल रूम में जब पहली बार अरुण ने रानी को देखा तो वह ठगा सा रह गया. इंस्टाग्राम पर जिस रानी की फोटो को उस ने देखा था, सामने बैठी रानी वैसी नहीं थी. वह उस की उम्र से दोगुनी दिख रही थी. हालांकि रानी ने मेकअप कर उम्र छिपाने की भरसक कोशिश की थी, लेकिन चेहरे की झुर्रियां उस की उम्र की चुगली कर रही थीं.

अरुण समझ गया कि रानी ने प्यार में उस के साथ छल किया है. इंस्टाग्राम पर एडिट फोटो लगा कर उस ने उसे छला है. उस के मन में रानी के प्रति नफरत भर गई, लेकिन उस ने अपनी नफरत को दबाए रखा और रानी से प्यार भरी बातें करता रहा. उस ने रानी को आभास नहीं होने दिया कि उस के मन में नफरत का कितना बड़ा तूफान उठ रहा है. अरुण जहां रानी को देख कर मायूस हुआ, वहीं रानी 25 वर्षीय युवक अरुण को देख कर गदगद हो उठी थी. वह सोचने लगी कि अरुण जैसे गबरू जवान से शादी कर वह अपने सारे अरमान पूरे कर लेगी. उस के नीरस जीवन में एक बार फिर बहार आ जाएगी.

उस रोज रानी ने अरुण से खूब बातें कीं, फिर उस के साथ शारीरिक भूख मिटाई. चंद घंटे होटल में रुकने के बाद रानी वापस घर आ गई. उस दिन वह बेहद खुश थी. रात में भी वह अरुण के बारे में सोचती रही और उस के साथ बिताए खुशी के पलों को याद करती रही. इधर अरुण घर आया तो उसे लगा कि जैसे उस का सब कुछ लुट गया है. रानी जैसी अधेड़ उम्र की महिला से वह शादी कभी नहीं कर सकता. रानी ने प्यार में उस के साथ छल किया था. अत: उस ने भी उस के साथ छल करने का निश्चय किया. प्यार के बदले वह उस से पैसा वसूल करेगा. इंकार किया तो दूरियां बना लेगा.

इस के बाद अरुण जब दोबारा होटल में रानी से मिला तो उस ने रानी से दिखावे के रूप में खूब प्यारभरी बातें कीं. शारीरिक संबंध भी बनाए, फिर जरूरत बता कर रानी से पैसे मांगे. शादी के लालच में रानी ने उसे पैसे दे दिए. इस के बाद तो यह सिलसिला ही चल पड़ा. जब भी अरुण आता, होटल रूम मेें रानी से संबंध बनाता और फिर पैसा मांगता. इस तरह रानी से वह लगभग 2 लाख रुपए ले चुका था. इधर कुछ दिनों से रानी अरुण पर शादी करने का दबाव बनाने लगी थी, लेकिन अरुण कोई न कोई बहाना बना कर टाल देता था.

रानी को उस पर शक हुआ तो उस ने अरुण को धमकाना शुरू कर दिया कि वह या तो उस से शादी करे या फिर पैसे वापस करे, अन्यथा वह पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा कर उसे परिवार सहित जेल भिजवा देगी. रानी सोमवंशी की धमकी से अरुण राजपूत डर गया और बोला, ”रानी, यह तुम क्या कह रही हो? तुम जैसा कहोगी, वैसा ही मैं करूंगा. थोड़ा समय दो. मैं तुम से शादी कर लूंगा.’’

”तब ठीक है, मुझे तुम से यही उम्मीद थी. वैसे भी मैं तुम से मजाक कर रही थी.’’ रानी बोली.

अरुण ने घबरा कर रानी से कह तो दिया कि वह उस से शादी रचा लेगा, लेकिन वह ऐसा कर नहीं सकता था, क्योंकि रानी अधेड़ उम्र की थी. भला वह उस से शादी कैसे कर लेता. उस के पेरेंट्स भी रानी को बहू के रूप में स्वीकार नहीं करते. इज्जत उछलती सो अलग से.

इस तरह रानी की शादी की जिद, रुपया वापस करने की मांग तथा जेल भिजवाने की धमकी से अरुण बेचैन हो उठा. आखिर इस समस्या से निपटने के लिए अरुण ने रानी की हत्या की योजना बनाई. उस ने इस की भनक किसी के कानों में नहीं पडऩे दी. आरोपी अरुण सिंह राजपूत से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे 3 सितंबर, 2025 को मैनपुरी कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जिला जेल भेज दिया गया. Love Crime

 

 

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