Chhattisgarh News: 26 वर्षीया तेजस्विनी अपने गांव के ही रहने वाले 25 साल के सालिक राम पैंकरा को दिल दे बैठी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद ही जब उसे पता चला कि उस का प्रेमी साइकोपैथ है तो वह प्रेमी से दूरी बनाने लगी. यह बात सालिक राम को नागवार गुजरी और उस ने तेजस्विनी के साथ ऐसा सुलूक किया कि पूरा गांव दहल उठा…

वैसे तो 26 साल की युवती तेजस्विनी के दिल में एक खूबसूरत नौजवान से प्यार करने की हसरतें पल रही थीं, इसलिए उस ने गांव के ही रहने वाले सालिक राम पैंकरा से दोस्ती कर ली और फिर उस से प्यार भी करने लगी थी. मगर कुछ दिनों बाद सालिक राम की अजीबोगरीब हरकतों से परेशान हो कर तेजस्विनी उस से कन्नी काटने लगी थी. सालिक राम को तेजस्विनी से दूर रहना एक पल भी गंवारा नहीं था. जब तेजस्विनी उस से दूर रहने लगी तो सालिक राम बौखला गया.

24 अक्तूबर, 2025 की रात सालिक राम ने पहले तेजस्विनी को बारबार फोन पर मैसेज कर मिलने बुलाया, मगर तेजस्विनी ने मिलने से साफ इंकार कर दिया. इस से वह भड़क उठा और रात करीब डेढ़ बजे फोन कर के उस ने फिर तेजस्विनी को मिलने के लिए बुलाया. उस के बारबार फोन करने से परेशान हो कर वह अपने घर से बाहर निकली और बाहर से घर का दरवाजा बंद कर गुड़ी चौक की तरफ बढ़ गई. रात का स्याह अंधेरा था और कुत्तों के भौकने की आवाज से डरीसहमी तेजस्विनी सालिक राम से मिलने पहुंच गई. तेजस्विनी को सामने आते देख सालिक राम की आंखों में चमक आ गई.

धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के चरोटी गांव में 5 दिन का दीवाली त्यौहार मनाने के बाद 25 अक्तूबर, 2025 की सुबह होते ही लोग अपनेअपने घरों से निकल खेतों की तरफ जा रहे थे. धान की कटाई शुरू हो चुकी थी. गांव के रास्ते में जगहजगह धान के पुआल के ढेर लगे हुए थे. गांव में इस तरह के ढेर को पैरावट बोला जाता है. राह चलते कुछ लोगों को पैरावट के पास अजीब सी गंध और धुआं देख कर लोगों के कदम वहीं ठहर गए. उन लोगों में गुलाब शाय और मंशा राम भी थे. दोनों ने एकदूसरे की तरफ देखा और नजदीक जा कर बारीकी से उस ढेर को देखने लगे.

ढेर के कचरे को एक लकड़ी से उलटपलट कर देखा तो एक अधजला शव उन्हें नजर आया. जिसे देख कर गुलाब शाय आशंका व्यक्त करते हुए बोला, ”यह तो किसी इंसान का जला हुआ शरीर दिखाई दे रहा है. पैरावट के ढेर में कहीं रात में कोई सो तो नहीं रहा था और किसी ने आग लगा दी हो.’’

”मगर भैया, मुझे तो ऐसा लग रहा है कि यह जला हुआ शरीर किसी युवती का है. आजकल लड़कियों के साथ ज्यादती बढ़ रही है. कहीं किसी ने युवती की आबरू लूट कर तो नहीं जला दिया.’’ मंशाराम ने भी अपनी आशंका व्यक्त की. मंशाराम और गुलाब अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए थे कि देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई और लाश मिलने से गांव में अफरातफरी मच गई. युवती का एक पैर टूटा हुआ और दोनों हाथ बंधे हुए थे. पास में ही एक नीले रंग का दुपट्टा पड़ा हुआ था.

यह दृश्य इतना भयावह था कि देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. आसपास के लोग डर गए. वहां मौजूद मंशाराम ने तुरंत पुलिस को खबर कर दी. सूचना मिलते ही एसडीओपी निधि नाग और बलौदा बाजार सिटी कोतवाली पुलिस थाना के टीआई अजय झा और उन की टीम मौके पर पहुंची. पैरावट के ढेर में पड़ी लाश बुरी तरह चल चुकी थी, इस वजह से उस की शिनाख्त करना मुश्किल हो रहा था. हां, डैडबौडी के दोनों हाथ पीछे की तरफ बंधे हुए थे, जिस से लग रहा था कि पहले उसे मारा गया होगा, फिर आग लगा कर जलाने की कोशिश की गई थी.

पुलिस ने गांव के कोटवार को बुला कर गांव में मुनादी करवा दी कि गांव में पैरावट में मिली लाश को गांव वाले अच्छी तरह देख लें, जिस से उस की पहचान हो सके. फोरैंसिक विशेषज्ञों की टीम ने लाश का बारीकी से निरीक्षण किया. पुलिस टीम को जांच में पता चला कि शव पर चाकू जैसे धारदार हथियार के कई गहरे घाव थे और उसे लकड़ी या किसी भारी चीज से पीटा भी गया था. शव का बड़ा हिस्सा जल चुका था, लेकिन साफ दिख रहा था कि यह कोई दुर्घटना नहीं, बल्कि सोचीसमझी हत्या है. पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी.

मुनादी सुन कर गांव के रूपचंद पटेल भी वहां पहुंच गया और लाश को देख कर फूटफूट कर रोने लगा. टीआई अजय झा ने उन्हें ढांढस बंधाया और उन के कंधे पर हाथ रखते हुए पूछा, ”अपनी जवान बेटी पर कोई निगरानी नहीं रखते. आप की बेटी रात में कहां थी, आप को कोई जानकारी नहीं थी क्या?’’

”साहब, कल रात अपनी बेटी के साथ मैं ने खाना खाया था, उस के बाद मैं गली में टहलने निकल गया था. रात में लौट कर आया और अपने कमरे में जा कर सो गया था.’’ रोतेबिलखते हुए रूपचंद्र बोला.

”फिर तुम को कैसे मालूम हुआ कि तुम्हारी बेटी घर पर नहीं है. कहीं कुछ छिपा तो नहीं रहे?’’ टीआई ने पूछा.

रूपचंद ने आंसू पोंछते हुए बताया, ”साहब, मैं क्यों कुछ छिपाऊंगा, मेरा तो बुढ़ापे का सहारा ही छिन गया. सुबह कोटवार की मुनादी की आवाज सुन कर मैं उठा तो घर का दरवाजा बाहर से बंद था. पड़ोसियों को आवाज दे कर दरवाजा खुलवाया, तभी पड़ोसियों ने बताया कि पैरावट में आग लगी है, उस में किसी लड़की की लाश है.’’

”तुम्हें यकीन है कि यह तुम्हारी ही बेटी है.’’ टीआई ने तस्दीक करते हुए कहा.

”हां साहब, ये दुपट्टा उसी का है और उस का चेहरा देख कर मैं पहचान गया कि वह बेटी तेजस्विनी ही है.’’ रूपचंद ने कहा.

तेजस्विनी गांव के रूपचंद पटेल की बेटी थी. 26 साल की तेजस्विनी पटेल गांव चरौटी की रहने वाली थी और परिवार की माली हालत ठीक न होने के कारण मजदूरी कर अपना जीवनयापन करती थी. उस की मम्मी का देहांत पहले ही हो चुका था और वह अपने पापा के साथ रहती थी. पंचनामा तैयार कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया. इस दौरान पुलिस टीम ने गांव वालों से पूछताछ कर  तेजस्विनी के फेमिली वालों से बात की और हर संभावित सुराग को खंगालने में जुट गई.

छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले की एसपी भावना गुप्ता ने इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए सिटी कोतवाली थाने के टीआई अजय झा के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिस में एएसआई जीवन लाल वर्मा, जमील खान और कांस्टेबल मोहम्मद अकरम को शामिल किया. साइबर सेल के एक्सपट्र्स और सिटी कोतवाली पुलिस की संयुक्त टीम ने गांव में ही कैंप लगाया. वहां गवाहों के बयान दर्ज किए. गांव वालों से की गई पूछताछ में पता चला कि युवती का पहले गांव के युवक सालिक राम पैंकरा से प्रेम संबंध था, मगर दोनों के बीच कुछ समय से विवाद चल रहा था.

पुलिस टीम ने जब रूपचंद्र से तेजस्विनी का मोबाइल नंबर जानना चाहा तो वह इस से अंजान था. पुलिस टीम ने बलौदा बाजार में, जहां तेजस्विनी काम करती थी, जा कर मोबाइल नंबर खोज निकाला. मोबाइल की काल डिटेल्स की जांच में पता चला कि रात डेढ़ बजे तेजस्विनी की बात गांव के सालिक राम पैंकरा से हुई थी. यहीं से पुलिस के शक की सूई सालिक राम की तरफ घूम गई. पुलिस ने सालिक राम को हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की. पहले तो वह झूठ बोलता रहा, लेकिन जब पुलिस ने सारे सबूतों को सामने रखा तो वह टूट गया और सारा सच उगल दिया. इस के बाद उस ने तेजस्विनी की हत्या की जो कहानी बताई, वह इस प्रकार निकली—

25 वर्षीय सालिक राम पैंकरा अपने पेरेंट्स के साथ चरोटी गांव में ही रहता था. 3 भाइयों में वह सब से छोटा था. कुछ समय से उस पर एक अजीब सी सनक सवार हो गई थी. दाढ़ीमूंछ की जगह वह अपने चेहरे को चिकना रख कर लड़कियों जैसी वेशभूषा में  रहने लगा था. वह अपने हाथपैर के नाखूनों पर नेल पौलिश और हाथों में मेहंदी लगाता था. अपने घर में उस के द्वारा लड़कियों के कपड़े पहन कर खिंचवाए गए कई फोटो दीवारों पर सजा लिए थे.

सालिक राम हमेशा महिलाओं से जुड़ी गतिविधियों में लिप्त रहता था और खुद को आकर्षक दिखाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेता था. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उस ने लड़कियों के नाम से 19 आईडी बना रखी थीं. उस के इस शौक की वजह से फेमिली वाले भी उसे अकसर टोकते रहते थे, मगर उस पर कोई असर नहीं होता था. सालिक राम और तेजस्विनी की जानपहचान करीब 5 साल पहले पहले हुई थी. दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे और काम करने पास के शहर बलौदाबाजार में जाते थे. सालिक राम तेजस्विनी का बहुत खयाल रखता था, इस वजह से दोनों में नजदीकियां हो गईं.

सालिक राम के पास एंड्रायड फोन था, जिस में वह वीडियो और रील्स देखता था और कभीकभी तेजस्विनी को भी दिखाया करता था. कभी वह तेजस्विनी के वीडियो बना कर दिखाता तो तेजस्विनी खुश हो जाती. तेजस्विनी भी धीरेधीरे सालिक राम के प्रति आकर्षित हो चली थी.

काम से लौटते समय एक दिन सालिक राम ने उस से अपने प्रेम का इजहार करते हुए कहा, ”तेजस्विनी, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो. जी चाहता है कि मैं हर वक्त तुम्हारे साथ ही रहूं.’’

”वैसे दिन भर तो मैं तुम्हारे साथ ही रहती हूं, इस से तुम्हारा जी नहीं भरता?’’ तेजस्विनी ने भी इठलाते हुए कहा.

”तुम्हारे साथ दिन तो कैसे बीत जाता है, पता ही नहीं चलता, मगर कमबख्त ये रात नहीं कटती.’’ सालिक राम भावुक हो कर बोला.

”रातें गुलजार करनी हैं तो मुझ से शादी करनी पड़ेगी.’’ तेजस्विनी शरमाते हुए बोली.

”जानेमन, हम तो कब से आस लगाए बैठे हैं, तुम हरी झंडी दिखाओ.’’ सालिक राम ने उस का हाथ पकड़ कर कहा.

”समाज में जातिबिरादरी की बेडिय़ां हमें ऐसा करने देंगी क्या?’’ हाथ छुड़ाते हुए तेजस्विनी बोली.

”हम इन बेडिय़ों को तोड़ कर तुम्हें पा कर ही मानेंगे.’’ सालिक राम ने भरोसा दिलाते हुए कहा.

इसी तरह दोनों प्यार भरी बातें करते हुए कब गांव आ गए, उन्हें पता ही नहीं चला. दूसरे दिन फिर काम पर चलने का वादा करते हुए वे अपनेअपने घरों की ओर मुड़ गए.

दोनों का प्यार परवान चढ़ा तो इस के बाद दोनों छिपछिप कर रात को भी मिलने लगे. इस बीच दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बन गए. घर में पिता की मौजूदगी के चलते किसी दिन तेजस्विनी सालिक राम से नहीं मिल पाती तो सालिक राम पागल सा हो जाता. वह तेजस्विनी को मिलने के लिए बुलाता और जब वह देरसवेर पहुंच जाती तो उस से संबंध बनाने के लिए वह इतने वहशीपन पर उतर जाता कि तेजस्विनी को बरदाश्त नहीं होता. तेजस्विनी इस बात को ले कर शिकायत भी करती, मगर सालिक राम पर कोई असर नहीं होता.

धीरेधीरे तेजस्विनी को सालिक राम के बारे में यह भी पता चल गया था कि वह घर पर लड़कियों के कपड़े पहन कर नेल पौलिश और लिपस्टिक लगा कर शृंगार करता है और इस तरह के फोटो फ्रेम करा कर उस ने अपने कमरे में भी लगा रखे हैं. यह सच्चाई जान लेने के बाद तेजस्विनी ने अपने प्रेमी सालिक राम पैंकरा से दूरी बना ली. करीब 4 महीने से वह सालिक राम के साथ काम करने भी नहीं जा रही थी. सालिक राम को प्रेमिका की यह बेरुखी बरदाश्त नहीं हो रही थी. बैचेन हो उठा. वह बारबार उसे फोन कर के बुलाने लगा.

सालिक राम ने 24 अक्तूबर, 2025 की रात भी करीब डेढ़ बजे अपनी प्रेमिका तेजस्विनी को गुड़ी चौक पर मिलने के लिए बुलाया और उस पर फिर से रिश्ता शुरू करने का दबाव बनाने लगा. तेजस्विनी ने उसे समझाने की बहुत कोशिश की, मगर वह मानने को तैयार नहीं हुआ. वह तेजस्विनी से संबंध बनाने की जिद करने लगा तो तेजस्विनी ने साफ इनकार कर दिया.

इस पर सालिक राम ने गुस्से में आ कर पहले तो चाकू से तेजस्विनी पर जानलेवा हमला कर दिया, जिस से उस की मौत हो गई. हत्या करने के बाद उस ने शव को पास ही लगे धान के पुआल के ढेर में ले जा कर जला दिया. तेजस्विनी की हत्या के बाद सालिक राम रात को ही सीधे अपने घर जा कर सो गया. सुबह जब वह सो कर उठा तो उस के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी. वह गांव के लोगों के साथ सामान्य स्थिति में रहा और उस के बाद वह अपने मामा के गांव डमरू चला गया.

सालिक राम की सामान्य स्थिति देख कर किसी को उस पर कोई संदेह नहीं हुआ. वारदात को अंजाम देने के बाद सालिक राम पैंकरा अपने मामा के यहां से पुणे भागने की फिराक में था, मगर उस से पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. एसपी भावना गुप्ता ने प्रैस कौन्फ्रेंस में बताया कि सालिक राम की मानसिक स्थिति बिलकुल सामान्य नहीं है. वह एक साइकोपैथ है यानी उस में इंसानियत की भावना नाममात्र की है. जांच में उस के घर से महिलाओं के कपड़े, मेकअप का सामान और खुद महिलाओं की तरह सजधज कर खींची गई दरजनों तसवीरें मिलीं. वह अकसर लड़कियों की ड्रैस पहनता था और खुद को आईने में निहारता था. यह उस की विकृत मानसिकता का सबूत है.

पुलिस ने जब उस के घर की तलाशी ली तो वहां पर महिलाओं के कपड़े और तसवीरें भी बरामद कर लीं. सालिक राम की सोशल मीडिया हिस्ट्री की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि वह इंस्टाग्राम पर फरजी अकाउंट से लड़कियों से चैटिंग करता था. सब से हैरान करने वाली बात यह है कि सालिक राम ने इंस्टाग्राम पर महिलाओं के नाम, फोटो और प्रोफाइल से पूरे 19 फरजी अकाउंट बनाए हुए थे. इन अकाउंट्स से वह अनजान लड़कियों और महिलाओं से चैट करता था, उन्हें प्यार का झांसा देता था, चिकनीचुपड़ी बातें कर के प्रभावित करता था और रिश्ता बनाने की कोशिश करता था.

पुलिस को शक है कि तेजस्विनी के अलावा भी कई महिलाएं उस के इस झांसे का शिकार हुई होंगी. अब बलौदा बाजार पुलिस इन सभी अकाउंट्स की गहराई से जांच कर रही है. साइबर सेल की टीम तकनीकी तरीके से इन प्रोफाइल्स को खंगाल रही है, ताकि पता चले कि सालिक ने कितनी महिलाओं से संपर्क किया, उन्हें कितना धोखा दिया और क्या उस के कोई अन्य अपराध भी जुड़े हैं. अगर कोई और पीडि़ता सामने आती है तो मामला और बड़ा हो सकता है. मनोवैज्ञानिकों और मानसिक रोग विशेषज्ञों की मानें तो साइकोपैथ एक ऐसा इंसान होता है, जिस की सोच, भावनाएं और व्यवहार आम लोगों से बिलकुल अलग होते हैं. ऐसे व्यक्ति में दूसरों के दर्द, दुख या भावनाओं के प्रति कोई संवेदना नहीं होती.

उसे अपने किए पर न पछतावा होता है, न अपराधबोध. बाहर से वह बहुत आकर्षक, मीठी बातें करने वाला और आत्मविश्वासी लगता है, लेकिन अंदर से ठंडा, चालाक, स्वार्थी और खतरनाक होता है. वह लोगों को सिर्फ अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करता है. कई बार ऐसे लोग अपराध भी बहुत सोचसमझकर, बिना डरे करते हैं. मनोविज्ञान की भाषा में इसे ‘एंटी सोशल पर्सनैलिटी डिसऔर्डर (ASPD) का एक गंभीर प्रकार कहा जाता है. इस का इलाज करना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि ऐसे लोग खुद को बीमार नहीं मानते और बदलना भी नहीं चाहते. सालिक राम जैसा मामला दिखाता है कि ऐसे लोग समाज के लिए कितना बड़ा खतरा बन सकते हैं. ऐसे लोगों से सावधानी बरतनी बेहद जरूरी है. Chhattisgarh News

 

 

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