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पायल अपनी टीचर दिव्या बख्शी के सामने अपने मामा अर्जन का परिचय पापा के रूप में कराती है तो टीचर उसे गणित और अंगरेजी में कमजोर बताती है. इस पर अर्जन घर चल कर पायल को मारने की बात कहता है तो टीचर अर्जन को डांट देती है.

दरअसल, पायल ने टीचर को झूठ बोल कर यह बताया था कि उस की मां नहीं है. इसी दौरान पायल के मम्मीपापा भी वहां आ जाते हैं और पायल का झूठ सामने आ जाता है. यह दृश्य मौजूदा दौर की शिक्षा की पोल खोलता है, जिस में कम माक्र्स आने पर बच्चों को इतना भयभीत किया जाता है कि उन्हें झूठ बोलना पड़ता है.

स्कूल से बाहर आ कर पायल को उस की मम्मी मारने की कोशिश करती है तो अर्जन रोकता है और मैथ्स की कोचिंग लगाने का सुझाव देता है. मगर पायल की मम्मी उस का स्कूल चेंज करने की बात कह कर चली जाती है. इस के बाद जीजा नरिंदर अर्जन को एक फोटो की कौपी करा कर उसे शहर के इलाकों में पोस्टर लगाने को कहता है.

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अर्जन जब फोटो ले कर निकलता है तो एक चिल्ड्रन फेयर में उस की मुलाकात पायल की टीचर दिव्या बख्शी और उस की गूंगी और बहरी भांजी इति से होती है.

घर जा कर अर्जन डौल की फोटो देखता है तो उसे कुछ याद आता है. वह सीरियल किलर की पुरानी अखबार की कतरन निकालता है, जिस में स्कूल की लड़की को किडनैप कर के हत्या कर के इसी तरह की डौल मिली थी. वह इसी पुराने केस की फाइल निकलवाता है और एसएचओ परमार मैडम को कुछ क्लू देने की कोशिश करता है. मगर एसएचओ बुरी तरह डांट कर उस के आइडिया को नकार देती है.

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