थाने पहुंचे ठगे गए लोग
कोलकाता का पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन. पुलिस इंसपेक्टर जयंत मुखर्जी एक जरूरी केस की फाइल मंगा कर देख रहे थे. अचानक अपने कक्ष के बाहर शोरशराबा सुन कर वह हैरत में भर गए. फाइल बंद कर के वह कक्ष से बाहर आए तो उन्हें 25-30 पुरुषमहिलाएं आपस में बात करते नजर आए. उन के पास ही पुलिस हैडकांस्टेबल भी मौजूद दिखा तो वह कुछ कदम चल कर उन के पास आ गए.
“मामला क्या है, आप लोग यहां किस समस्या को ले कर आए हैं?” एसएचओ जयंत मुखर्जी ने उन लोगों से पूछा.
“सर, हम लुट गए हैं. हमारे लाखों रुपए डूब गए हैं.” सभी एक साथ बोले तो जयंत मुखर्जी ने हाथ उठाया और बोले,
“देखिए, आप एकएक कर के मुझे अपनी बात बताएं. एक साथ बोलेंगे तो मैं नहीं जान पाऊंगा, किस के साथ क्या हुआ?”
इन पुरुषमहिलाओं की भीड़ में करण बहादुर भी था और उस की प्रेमिका जया घोष भी. करण बहादुर ने लोगों को इशारे से कहा कि वह बात करेगा, फिर वह उन सभी के आगे आ कर बोला, “सर, कुछ समय पहले मोबाइल पर एक ई-नगेट्स नाम की एक गेमिंग एप्लिकेशन लांच की गई थी. इसे किसी आमिर खान नाम के शख्स ने शुरू किया था. इस में यूजर्स द्वारा लगाई गई धनराशि पर कमीशन और रिवार्ड दिए गए. यूजर्स के वालेट में कैश भी भेजे गए.
यूजर्स यानी हम को जब यह विश्वास हो गया कि हम इस गेमिंग ऐप से लाखों रुपए कमा सकते हैं तो हम ने अपनी तमाम जमापूंजी लगा दी. ऐसा यहां मौजूद सभी लोगों ने किया है और शायद और भी बहुत से लोग होंगे, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई को इस गेमिंग ऐप में लगा दिया होगा.”
“आप लोगों ने पूंजी लगाई तो क्या आप की वह पूंजी अब सुरक्षित नहीं है?” एसएचओ जयंत मुखर्जी ने पूछा.
“यदि जमापूंजी सुरक्षित होती तो सर, हम लोग फरियाद ले कर यहां क्यों आते. हमें लूट लिया गया है.” भीड़ में से एक महिला ने जोर से कहा.
“आप बताइए? आप ने पूंजी लगाई तो फिर क्या हुआ?” जंयत मुखर्जी ने करण बहादुर के चेहरे पर नजरें डाल कर पूछा.
“सर, इस ई-नगेट्स मोबाइल गेमिंग ऐप के मालिक आमिर खान ने इस ऐप की वालेट से पूंजी निकासी को रोक दिया. इस से हमारा सारा रुपया फंस गया. मैं ने और मेरी मित्र जया घोष ने जब इस संबंध में आमिर खान से पूछा तो उस ने हमें गोलमोल जवाब दिया. उस ने सिस्टम के अपग्रेड न होने के बहाने बनाए.
“हमें शक है कि आमिर खान ने हम से धोखाधड़ी की है. मुझ में और जया घोष के मन में इस ऐप से जुडऩे वाले अन्य लोगों के विषय में जान लेने की जिज्ञासा उत्पन्न हुई. मैं ने जया घोष से कहा कि हमारी तरह अन्य लोग भी इस गेम ऐप के द्वारा ठग लिए गए होंगे. हमें यह पता लगाना चाहिए.
“तब जया और मैं ने सोशल मीडिया पर एक मुहिम शुरू की और उन लोगों को हम से जुडऩे के लिए आमंत्रित किया, जो इस ऐप के मालिक आमिर खान द्वारा धोखे का शिकार हुए. यह 25-30 लोग अभी तक हम से जुड़े हैं इंसपेक्टर साहब. मुझे विश्वास है, हमारी तरह सैकड़ों या हजारों लोग इस गेमिंग ऐप का शिकार हुए हैं.”
पुलिस ने आमिर खान से की पूछताछ
इंसपेक्टर जयंत मुखर्जी को मामला गंभीर लग रहा था. वह बहुत गंभीर हो गए, “आप की बात में सच्चाई है तो निस्संदेह ही इस मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन को लांच करने वाले आमिर खान ने लोगों के साथ धोखाधड़ी की है. इस मोबाइल गेमिंग ऐप के हजारों लोग शिकार हुए होंगे. मैं आप की इस बात से सहमत हूं. आप सभी लोग अपनी शिकायत लिख कर दे दीजिए. मैं देखता हूं कि आमिर खान क्या चीज है.”
इंसपेक्टर जयंत मुखर्जी ने फोन द्वारा पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार गोयल को मोबाइल ऐप के द्वारा सैकड़ों लोगों को ठगने की जानकारी देते हुए दिशानिर्देश मांगा. गोयल ने इस मामले को गंभीरता से देखने का आदेश जयंत मुखर्जी को दे दिया.
पार्क स्ट्रीट थाने के इंसपेक्टर जयंत मुखर्जी ने ठगे गए लोगों की एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस बल के साथ आमिर खान के घर का रुख किया. एफ-7, गार्डन रीच में आमिर खान का दोमंजिला साधारण सा मकान देख कर जयंत मुखर्जी का माथा ठनका. उन्हें लगा कि लोगों ने झूठे ही आमिर खान के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. साधारण से मकान में रहने वाला व्यक्ति यदि इतनी बड़ी जालसाजी करता तो यहां नहीं रहता.
उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया. एक युवक ने दरवाजा खोला. सामने पुलिस को देख कर वह चौंका. खुद को शीघ्र ही संभाल लेने के बाद उस ने बहुत इत्मीनान से पूछा, “आप को किस से मिलना है साहब?”
“आमिर खान से मिलना है मुझे, उसे बुलाइए.” जयंत मुखर्जी ने कहा तो युवक मुसकरा पड़ा.
“मेरा ही नाम आमिर खान है साहब.”
जयंत मुखर्जी ने उस युवक को ऊपर से नीचे तक हैरानी से देखा. यह 22 वर्षीय युवक चेहरेमोहरे से शांत स्वभाव का दिखाई दे रहा था. उस के चेहरे पर मक्कारी जैसे कोई भाव नहीं थे.
“आप अंदर आ कर बैठिए साहब.” आमिर खान ने शिष्टाचार दिखाते हुए दरवाजे से हट कर इंसपेक्टर जयंत मुखर्जी को रास्ता दिया.
जयंत मुखर्जी अंदर आ कर उस बैठकनुमा कमरे में पड़ी कुरसी पर बैठ गए. पुलिस के 4 सिपाही उन के साथ थे. वे आ कर खड़े हो गए. तब आमिर खान अंदर जा कर सभी के लिए पानी ले आया.
“हमारे स्वागतसत्कार को छोड़ो आमिर, तुम सामने बैठ कर मेरे सवालों का जवाब दो.” जयंत मुखर्जी ने गंभीर हो कर कहा तो आमिर खान उन के सामने बैठ गया.
“आमिर खान, तुम्हारे खिलाफ 2 दरजन से ज्यादा लोगों ने मेरे थाने में शिकायत दर्ज करवाई है कि तुम ने उन लोगों को लूटा है. उन से धोखाधड़ी की है.”
“वे कौन लोग हैं साहब, मैं ने तो किसी को नहीं ठगा, न किसी के साथ धोखाधड़ी की है.” आमिर खान हैरान होते हुए बोला,
“आप स्पष्ट शब्दों में बताइए, मामला क्या है?”
“वे कोलकाता के संभ्रांत नागरिक हैं आमिर खान. उन का कहना है कि तुम ने मोबाइल पर ई-नगेट्स गेमिंग ऐप लांच किया. उस गेम में लोगों ने अपनी मेहनत की जमापूंजी लगा दी. तुम से उन को शिकायत है कि तुम ने उस ई-नगेट्स गेमिंग ऐप से पैसों की निकासी को अचानक रोक कर उन का पैसा हड़प लिया.”
आमिर खान मुसकरा पड़ा, “ऐसा नहीं है साहब. मैं मानता हूं कि मैं ने ई-नगेट्स गेमिंग ऐप को एक व्यवसाय के तहत शुरू किया है. कुछ दिन पहले मुझे ई-नगेट्स गेमिंग ऐप सिस्टम अपग्रेडेशन न होने के कारण बंद करना पड़ा है. जैसे ही सिस्टम अपग्रेड हो जाएगा, मैं इसे फिर से चालू कर दूंगा. किसी की मेहनत की कमाई मैं धोखे से खा जाऊं, यह मेरे लिए हराम है साहब.”
पुलिस को आमिर खान लगा बेकुसूर
जयंत मुखर्जी के पास आमिर खान की बात पर विश्वास कर लेने के अलावा कोई चारा नहीं था. वह भी जानते थे, सिस्टम में खराबी आ जाना या सिस्टम को अपग्रेड करना मोबाइलों में आम बात होती है.
आमिर खान को क्लीन चिट देते हुए उन्होंने कहा, “आमिर, यदि तुम सच बोल रहे हो तो मैं तुम पर कोई काररवाई नहीं करूंगा. हां, तुम्हें यह जरूर कहूंगा कि अपने गेमिंग ऐप सिस्टम को तुरंत ठीक कर के शुरू कर दो ताकि खुद को ठगा हुआ समझने वाले यूजर्स राहत की सांस ले कर अपनी एफआईआर वापस ले सकें.”
“ठीक है साहब,” आमिर खान ने कहा.
इंसपेक्टर जयंत मुखर्जी थाने लौट आए. शिकायतकर्ता अपनी रिपोर्ट लिखवा कर जा चुके थे. उन के मोबाइल नंबर लिख लिए गए थे, जयंत मुखर्जी ने हैडकांस्टेबल को निर्देश दिया कि सभी को फोन कर के समझा दिया जाए कि आमिर खान जल्द ही ई-नगेट्स गेमिंग ऐप शुरू कर देगा.
क्रमशः