बात 26 जुलाई, 2018 की है. कुछ चरवाहे भोगपुर डैम के पास अपने जानवर चरा रहे थे. तभी उन की नजर डैम के मछली झाला क्षेत्र में पानी पर तैरती एक लाश पर पड़ी. चरवाहों ने डैम के किनारे जा कर देखा तो लाश किसी युवक की थी.
एक चरवाहे ने इस की सूचना पुलिस को दे दी. चूंकि यह इलाका जसपुर थाना कोतवाली के अंतर्गत आता था, इसलिए पुलिस कंट्रोल रूम से जसपुर कोतवाली को सूचना दे दी गई.
खबर मिलते ही थानाप्रभारी सुशील कुमार, परमापुर चौकी इंचार्ज वी.के. बिष्ट के साथ मौके पर पहुंच गए. पुलिस के पहुंचने तक अंधेरा घिर आया था, मौके पर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था. पुलिस ने लाश डैम के पानी से बाहर निकलवाई. लाश की जांच की तो उस के कपड़ों से पहचान की कोई चीज नहीं मिली. लाश एक युवक की थी. शिनाख्त न होने पर पुलिस ने जरूरी काररवाई कर के लाश पोस्टमार्टम के लिए काशीपुर भेज दी.
घटनास्थल की काररवाई निपटा कर पुलिस जब थाने लौट रही थी, तो रास्ते में पड़ने वाले गांव गढ़ीनेगी पहुंच कर पुलिस ने वहां के लोगों को डैम में लाश मिलने की बात बताते हुए पूछा कि यहां का कोई युवक तो गायब नहीं है. पुलिस ने लोगों को मोबाइल में मौजूद मृत युवक के फोटो भी दिखाए. वहां मौजूद एक युवक ने उस फोटो को देखते ही कहा कि यह तो करनपुर के तोताराम का बेटा पप्पू सिंह है.
इस के बाद पुलिस करनपुर गांव में तोताराम के घर पहुंच गई. पुलिस ने पप्पू की पत्नी शशि से पप्पू के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि कल वह कहीं जाने की बात कह कर घर से निकले थे, तब से अभी तक नहीं लौटे हैं. पुलिस ने उसे बताया कि पप्पू की लाश भोगपुर डैम के मछली झाला क्षेत्र में पानी पर तैरती पाई गई है. यह सुन कर शशि दहाड़ मार कर रोने लगी. घर में रोने की आवाज सुन कर आसपड़ोस वाले भी वहां पहुंच गए.
पप्पू का बड़ा भाई राजपाल जोकि दूसरे मकान में रहता था. खबर सुन कर घर वालों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गया. राजपाल ने लाश की शिनाख्त अपने भाई पप्पू सिंह के रूप में की. लाश की शिनाख्त कर राजपाल घर लौट आया. भाई की मौत को ले कर घर वाले सारी रात परेशान रहे.
भाई को संदेह था भाई की पत्नी पर
अगले दिन सुबह के समय राजपाल अपनी पत्नी के साथ भाई पप्पू के घर पहुंचा तो घर बिलकुल सुनसान पड़ा था. राजपाल ने पप्पू की बीवी शशि को आवाज लगाई तो कोई जवाब नहीं मिला. राजपाल और उस की बीवी ने अंदर जा कर देखा तो मृतक के दोनों बच्चे सोए हुए थे.
राजपाल ने शशि को आसपास तलाशा, लेकिन उस का कहीं भी पता नहीं चला. पति की मौत के बाद शशि के अचानक गायब हो जाने से लोग अपनी मानसिकता के अनुसार तरहतरह के कयास लगाने लगे.
उसी दौरान किसी ने बताया कि शशि अभी थोड़ी देर पहले घर के सामने खड़ी थी. यह जानकारी मिलने से यह तो साबित हो गया कि वह थोड़ी देर पहले ही घर से निकली है. राजपाल ने पड़ोसियों की मदद से उसे आसपास खोजने की कोशिश की तो वह जंगल की तरफ जाती हुई मिली.
राजपाल और उस के परिजनों ने उसे रोकने की कोशिश की तो वह जोरजोर से दहाड़ें मार कर रोते हुए कहने लगी कि जब उस का मर्द ही नहीं रहा तो वह जी कर क्या करेगी. उस ने बताया कि अब वह आत्महत्या कर के पति के पास जाना चाहती है. घर वालों को उस वक्त उसे समझा कर शांत करना ठीक लगा. उन लोगों ने घर वापस चलने को कहा तो उस ने जाने से साफ मना कर दिया. घर वाले उसे जैसेतैसे समझा कर घर वापस ले आए.
राजपाल सिंह पहले से ही शशि के त्रियाचरित्र को जानता था. उसे शक था कि हो न हो शशि ने ही उस के भाई को न मरवा दिया हो. राजपाल भाई के 12 वर्षीय बेटे राज को साथ ले कर अपने घर आ गया. घर जा कर उस ने राज से उस के पापा के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि कल शाम भूपेंद्र अंकल घर आए थे.
वह पापा को किसी काम के बहाने घर से बाहर ले गए थे. उस के बाद पापा सारी रात घर नहीं आए. उस ने मम्मी से पापा के बारे में पूछा तो उस ने बताया कि तुम्हारे पापा किसी काम से बाहर गए हैं. सुबह तक आ जाएंगे. इस के बाद मम्मी ने दोनों भाईबहन को सुला दिया था.
भाई के बेटे राज के द्वारा इतनी जानकारी मिलने से यह तो पक्का हो ही गया था कि पप्पू की हत्या में भूपेंद्र सिंह शामिल था. राजपाल ने यह बात वहां मौजूद अपने घर वालों को बता दी और पुलिस को भी सूचित कर दिया.
यह जानकारी मिलते ही थानाप्रभारी सुशील कुमार महिला पुलिस के साथ मृतक के घर पहुंच गए. उन्होंने सब से पहले मृतक के बेटे राज से बात की तो उस ने वही सारी बात उन्हें बता दीं, जो अपने ताऊ राजपाल को बताई थीं. इस के बाद पुलिस ने शशि को एकांत में ले जा कर पूछताछ की.
शशि ने साफ शब्दों में कहा कि उस के पति की हत्या किस ने और क्यों की, इस बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है. पुलिस ने उस समय उस से सख्ती करनी जरूरी नहीं समझी. इस की जगह पुलिस ने उस के पड़ोसियों के साथसाथ उस के घर वालों से पूछताछ की.
पता चला काफी समय से गांव कलिया वाला टांडा निवासी भूपेंद्र सिंह का शशि के यहां आनाजाना था. वह वक्तबेवक्त आताजाता रहता था. इस बात की पुष्टि शशि के बेटे राज ने भी कर दी, जिस से साफ हो गया कि पप्पू अपनी पत्नी शशि और भूपेंद्र के बीच पनपे अवैध संबंधों की भेंट चढ़ गया था.
शशि ने स्वीकारा अपना अपराध
शशि के खिलाफ सबूत मिल चुके थे, इसलिए पुलिस उसे अपने साथ पुलिस चौकी पतरामपुर ले गई. पुलिस चौकी में की गई पूछताछ में भी वह मुंह खोलने को तैयार नहीं थी. इस पर पुलिस ने अपने गेम का अगला पासा फेंकते हुए कहा कि उस के बताने या न बताने से पुलिस को कोई फर्क नहीं पड़ता. उस के बेटे राज ने उस की सारी करतूतें बता दी हैं. वही इस केस का गवाह भी बनेगा.
यह सुनते ही शशि फफकफफक कर रोते हुए बोली, ‘‘साहब, इस में मेरा कोई कसूर नहीं है. मैं अपने आदमी को भला क्यों मारूंगी. यह सब भूपेंद्र का ही कारनामा है. वह काफी समय से मेरे पीछे पड़ा था. उस ने कई बार मुझ से शादी करने को भी कहा था. मैं ने इस के लिए मना किया तो उस ने मेरे पति की हत्या कर दी.’’