विकास पालीवाल 

सिपाही यतेंद्र कुमार यादव ने 26 अप्रैल, 2020 को रात 9 बजे अपने चचेरे साले सुरजीत

के मोबाइल पर फोन किया. फोन सुरजीत के छोटे भाई योगेंद्र ने उठाया. यतेंद्र ने कहा, ‘‘सुनो, जैसे ही गेट में घुसोगे, घुसते ही नेमप्लेट लगी है. उस के ऊपर ग्रिल है, चाबी वहीं रखी है और अंदर पिंकी (पत्नी) आंगन में है. आप उन लोगों (ससुरालीजनों) को बता देना. मतलब हम ने पिंकी को गोली मार दी है. साफसीधी बात है.’’

योगेंद्र ने पूछा, ‘‘कब?’’

यतेंद्र ने बताया, ‘‘आज रात में.’’

‘‘बच्चियां कहां हैं?’’

इस पर यतेंद्र ने कहा, ‘‘बच्चियां भी गायब हैं. आप उन को (ससुरालीजनों को) बता देना, बहुत सोचसमझ कर ही कोई कदम उठाएं. हमें जो करना था कर दिया. आप समझदार हो, जो भी गलती हुई माफ करना. अभी चाहो अभी काल कर लो. रात की बात है. जो भी काररवाई करवानी है करवाओ.’’

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद के शिकोहाबाद थानांतर्गत हाइवे स्थित आवास विकास कालोनी 3/39 के सेक्टर-3 में 32 वर्षीय सरोज देवी उर्फ पिंकी अपनी 3 बेटियों 10 साल की आकांक्षा, 8 साल की आरती व सब से छोटी 4 साल की अन्या के साथ अपने निजी मकान में रहती थीं. सरोज का पति यतेंद्र कुमार यादव आगरा के थाना सैंया में डायल 112 पर सिपाही पद पर तैनात था.

बीचबीच में यतेंद्र घर पर अपनी पत्नी व बेटियों के पास आताजाता रहता था. कहते हैं कभीकभी खून सिर चढ़ कर बोलता है. यही बात यतेंद्र के साथ भी हुई.

उस ने अपनी पत्नी की हत्या करने के बाद अपने चचेरे साले को फोन कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और अपने ससुरालीजनों को सूचना देने व आगे की काररवाई करने को कहा. इस के साथ ही उस ने उन्हें धमकी भी दी कि वे जो भी काररवाई करें, खूब सोचसमझ कर करें.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...