हतचंद भाओनानी गुरुमुख यानी चार्ल्स शोभराज  एक बार फिर नेपाल की सुप्रीम कोर्ट से रिहाई के आदेश के बाद चर्चा में आ गया है .दरअसल, बहुत कम ऐसे जीवंत किरदार होते हैं जो लोगों के आकर्षण का केंद्र हो जाते हैं.

चार्ल्स शोभराज  उन्ही भाग्यशाली अपराधिक कृत्य कारित करने वाले शख्सियत में से एक है, जो हमेशा से मीडिया में सुर्खियां बटोरते रहे हैं. और आमजन मानस  के आकर्षण का केंद्र बनी रहे. अब जब नेपाल सुप्रीम कोर्ट से लंबे समय तक जेल के सीखचों में बंद रहने के बाद के चार्ल्स शोभराज की रिहाई को बड़े ही आकर्षण के साथ देखा जा रहा था पर अचानक ग्रहण लग गया और काठमांडू के जेल प्रशासन ने चार्ल्स शोभराज की रिहाई नहीं कर आदेश को अस्पष्ट बता दिया.

दरअसल, चार्ल्स शोभराज की जिंदगी इसी तरह उतार-चढ़ाव की  रही है कब क्या होगा कोई नहीं जानता अभी जब यह खबर सुर्खियों में है कि रिहाई नहीं हो पाई तो हो सकता है यह रिपोर्ट प्रकाशित होते होते वह रिहा हो जाए और हो सकता है भारत अथवा फ्रांस की पुलिस को  अन्य मामलों में कार्रवाई के लिए सुपुर्द भी कर दिया जाए.

वस्तुतः चार्ल्स शोभराज एक ऐसा किरदार है जिसने  लाखों लोगों को प्रभावित किया है. लोग उसे देखना सुनना और पढ़ना पसंद करते हैं .  पुलिस ने जब फिल्मी स्टाइल में उसकी गिरफ्तारी की थी वह भी अपराधिक इतिहास में एक दस्तावेज के रूप में सुरक्षित है.

आइए, आज आपको उस घटनाक्रम से वाकिफ कराते हैं. अमाडो गौसांल्येस गोवा पणजी का वह शख्स है जिसने पुलिस को चार्ल्स शोभराज को बांधने के लिए रस्सी उपलब्ध कराई थी. उसको आज भी छह अप्रैल, 1986 की शाम स्मरण है जब मुंबई अपराध शाखा के मौजूदा इंस्पेक्टर मधुकर जेंडे ने चार्ल्स शोभराज को पकड़ने के लिए उस पर रिवाल्वर तान दी थी.

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