बहनों को लापता हुए डेढ़ महीने का समय हो गया था. भाई सलमान अहमद डेढ़ महीने से अपनी छोटी बहनों की तलाश में लगा था. इस दौरान वह अच्छी तरह से रात में सोया भी नहीं. हर समय बहनों की चिंता उसे सताती रहती थी. पता नहीं बहनें किन हालात में होंगी. उस के लिए उस की बहनें ही सब कुछ थीं. वह पिता के साथ शासन-प्रशासन से यही गुहार लगा रहा था कि उस की बहनों को ढंूढने की काररवाई की जाए, नहीं तो वह कोई गलत कदम उठा लेगा.
रोरो कर मां की सूज चुकी थीं आंखें
9 दिन में अपनी तीनों बेटियों के इस तरह लापता हो जाने से मां आहत थी. बोली, “हम अपनी बड़ी बेटी निशा के लिए लडक़ा देख रहे थे. हमें जरा सा भी एहसास नहीं था कि हमारे साथ कुछ ऐसा भी हो जाएगा.”
बेटियों को याद कर के मां की आंखों से आंसूू बहने लगते. वह रोतेरोते बेहोश हो जाती.
तीनों बेटियों के लापता हुए डेढ़ महीना बीत गया था. बेटियों का नाम ले कर उन्हें बारबार पुकारतीं और कहती कि अपनी बेटियों के बिना वह मर जाएगी. कहती अपहत्र्ता उन्हें तड़पा रहे होंगे, मार डालेंगे. इतने दिन हो गए पुलिस भी कुछ नहीं कर पा रही है. हम गरीब हैं, पता नहीं हमें न्याय कब मिलेगा? उसे इस बात का भी डर सता रहा था कि बेटियों के साथ कोई अनहोनी न हो जाए.
एसपी विनोद कुमार ने यही भरोसा दिया कि पुलिस अपराधियों तक पहुंचने की पूरी कोशिश में लगी हुई है. रम्पुरा की एक लडक़ी की लोकेशन पंजाब में मिली थी. पहले पिता व बाद में पुलिस भी वहां गई थी. अब पुलिस की एक स्पैशल टीम को वहां भेजा गया है. उन्होंने जानकारी दी कि अपराधियों को पकडऩे के लिए सर्विलांस और स्वाट टीमों को भी तैनात किया गया है. लड़कियों को जल्द से जल्द बरामद कर लिया जाएगा.
पूरा परिवार आ गया दहशत में
तीनों बेटियों के इस तरह लापता हो जाने से शमशाद का पूरा परिवार दहशत में आ गया. शमशाद ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि पुलिस किडनैप हुई तीनों बेटियों को बरामद करने में गंभीरता नहीं दिखा रही है.
9 जनवरी को बेटी से जब बात हुई तो बेटी ने डरी हुई आवाज में कहा, “पापा, अब मैं वापस नहीं आ पाऊंगी.”
फोन पर वे लोग पीछे से बेटी को धमका रहे थे और उस से अपने मनमुताबिक कहलवा रहे थे. पुलिस ने उस मोबाइल की लोकेशन ट्रैक की. तब 10 जनवरी को पुलिस के साथ पंजाब के लिए निकले. रास्ते में एक स्थान पर पुलिस रात में रुकी. दूसरे दिन जब पुलिस आरोपी के घर पहुंची तो घर पर ताला लटका हुआ था. हम लोगों को दूसरी बार खाली हाथ आना पड़ा. पुलिस को गाड़ी से ले जाने और भागदौड़ में काफी खर्चा भी हो गया. बेटियों की तलाश में जो कुछ धन उस के पास था, सब खर्च हो गया, अब सब्जी खरीदने लायक पैसे भी नहीं बचे थे.
शमशाद को अपनी बेटियों की चिंता सता रही थी कि वे किन हालात में हैं. एकदूसरे के साथ भी हैं या नहीं. सब से छोटी बेटी मनतारा से बात हो गई थी, लेकिन बाकी 2 बेटियों की कोई जानकारी नहीं मिली थी. वे पंजाब में ही हैं या किसी अन्य जगह. पता नहीं मनतारा अपनी 2 बड़ी बहनों के गायब होने की बात जानती है या नहीं. परिजन अब पूरी तरह पुलिस के भरोसे ही थे. पुलिस ही उन्हें उन की तीनों बेटियां वापस दिला सकती थी.
पुलिस सरगरमी से तलाश में जुटी
परिवार अपनी तीनों गायब हुई बेटियों की तलाश में दिनरात एक कर रहा था. वहीं उन की बरामदगी के लिए पुलिस भी अपने स्तर से शमशाद की बड़ी बेटी निशा व उस के साथियों का नंबर ट्रैस कर रही थी. इसी दौरान पुलिस को आरोपी के मोबाइल की लोकेशन पंजाब की मिली. पुलिस टीम ने बिना देर किए दबिश दे कर 20 वर्षीय आरोपी भारत निवासी गोशाला वाली गली, टिस्बी साहेब रोड, मुक्तसर, पंजाब को हिरासत में ले लिया. उस के कब्जे से सब से छोटी बेटी मनतारा को 4 फरवरी, 2023 को बरामद कर लिया.
मनतारा को ले कर कुर्रा थाना पुलिस मैनपुरी आई. यहां मनतारा का मैडिकल कराया गया. तब पता चला कि मनतारा गर्भवती है. पुलिस ने उसे न्यायालय में पेश किया. न्यायालय ने नाबालिग मनतारा को परिजनों की सुपुर्दगी में दे दिया.
रहस्यमय तरीके से गायब हुई बहनों के संबंध में बरामद सब से छोटी बहन मनतारा ने पुलिस को जो बताया, उसे सुन कर पुलिस सकते में आ गई. इस मामले में मनतारा ने सनसनीखेज खुलासा कर सभी को चौंका दिया.
बड़ी बेटी निशा ने ही रची थी साजिश
सब से छोटी बेटी 14 वर्षीय मनतारा ने बताया, “हमारे परिवार की हालत बहुत खराब थी. हम लोगों की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थीं, न हम लोग पढ़ पा रहे थे न ढंग से जी पा रहे थे. इस वास्ते से हम लोग परेशान रहते थे. हम तीनों बहनें अकसर इस पर बात किया करते थे. मुझे याद है कि 18 दिसंबर, 2022 को मैं अपनी बड़ी बहन निशा के साथ घर से बाहर गई हुई थी.
“दीदी से मिलने वहां पर कोई राहुल नाम का लडक़ा आया था. शायद दीदी उस को पहले से जानती थीं. उस ने हम लोगों को वहां चाय पिलाई. फिर हम लोगों ने गोलगप्पे भी खाए. इस के बाद वह लडक़ा हम लोगों को सुंदर सुंदर कपड़े अपने मोबाइल में दिखाने लगा. उस का मोबाइल भी बहुत अच्छा था. उस ने अपने मोबाइल से मेरी फोटो भी खींची थी. उस ने मुझ से पूछा कि क्या तुम ये सब लेना चाहती हो? इस पर मनतारा ने हां बोल दिया.
“उस के बाद राहुल हंसने लगा. फिर उस ने मिठाई दिलाई और कुछ रुपए भी दिए. फिर मैं दीदी के साथ घर वापस आ गई. दीदी ने घर पर ये बात किसी को बताने से मना कर दिया था. उस के बाद दूसरे दिन फिर से दीदी मुझे राहुल से मिलवाने ले गई. उस दिन वह बाइक से आया था. मैं पहली बार बाइक पर बैठ कर घूमी थी. बहुत मजा आया था.”
दिल्ली में जौब दिलाने की बात कही
मनतारा ने आगे बताया कि उस रात दीदी ने मुझ से कहा कि हम लोगों के घर में बहुत परेशानी रहती है. राहुल मेरा दोस्त है. ये हम लोगों को दिल्ली में जौब दिला देगा. ऐसे हम लोग अपने परिवार की सहायता कर पाएंगे. जौब लग जाएगी, उस के बाद घर में सब को ये बात बता देंगे. घरवालों को भी दिल्ली बुला लेंगे.
निशा की बात मनतारा को बहुत अच्छी लगी. उसे लगा कि वह कमा कर घर के दुख दूर कर देगी. फिर बड़ी बहन तो वहां उस के साथ रहेगी ही. इसलिए उस ने निशा को तुरंत ही दिल्ली साथ चलने के लिए हां बोल दिया. उस के बाद निशा ने उस से कपड़े का बैग पैक करने के लिए कहा. निशा ने कहा कि हम लोग रात में चुपचाप घर से निकल जाएंगे, फिर दिल्ली पहुंच कर जौब लगते ही घर में अब्बा, अम्मी और भाई सब को बता देंगे.
21 दिसंबर, 2022 की आधी रात को जब सभी घर के सदस्य गहरी नींद में थे. मनतारा बड़ी बहन निशा के साथ घर से निकल गई. घर से थोड़ी दूर पर उन्हें राहुल मिल गया, वह बाइक से उन्हें स्टेशन ले गया. वहां पर कोई भारत नाम का युवक उन का इंतजार कर रहा था.