Illicit Relationship: कमलेश और जीरा के बीच भले ही शादी से पहले के संबंध रहे थे, लेकिन जीरा की शादी के बाद दोनों को यह गलती दोहरानी नहीं चाहिए थी. उन दोनों की इस गलती ने जब विकराल रूप ले लिया तो फिर खून की नदी तो बहनी ही थी, भले ही उस में लाश जीरा की बहती या कमलेश की.

खिदिरपुर गांव से सटा हुआ गांव है ताजपुर माझा. 23 जुलाई, 2015 की सुबह का उजाला फैला तो ताजपुर माझा के लोगों ने खेतों का रुख किया. एक ग्रामीण ने सिट्टू राय के खेत के पास की झाड़ी में एक जवान युवक को रक्तरंजित पड़ा देखा तो उस की घिग्गी बंध गई. उस ने हिम्मत कर के उस युवक के जिस्म पर नजर डाली तो उसे समझते देर नहीं लगी कि वह जीवित नहीं है. वह ग्रामीण चिल्लाता हुआ वहां से भागा, ‘‘झाडि़यों में लाश है, झाडि़यों में लाश है.’’

उस की आवाज सुन कर लोग खेतों के पास खड़ी झाडि़यों की तरफ दौड़ पड़े. देखते ही देखते लाश के पास काफी लोग जमा हो गए. मृतक जवान युवक था. उस के शरीर पर नई पैंट शर्ट और जूते थे, ऐसा लगता था जैसे वह किसी रिश्तेदारी में आया था. क्योंकि गांव के ज्यादातर लोग कहीं बाहर या रिश्तेदारी में आनेजाने पर ही नए कपड़े पहनते हैं. मृतक का सिर फटा हुआ था, जिस से बहा खून उस के चेहरे और शर्ट के काफी हिस्से पर फैल गया था.

खून चूंकि जम कर काला पड़ गया था, इस से लग रहा था कि उसे मरे हुए काफी समय हो गया है. आसपास एकत्र भीड़ में तरहतरह की चर्चाएं हो रही थीं, उसे पहचानने की कोशिश भी की गई, लेकिन कोई भी उसे पहचान नहीं पाया. इसी बीच किसी ने थाना जमानियां की पुलिस को फोन कर के युवक की लाश मिलने की सूचना दे दी. कुछ ही देर में थानाप्रभारी जमानियां अवधेश नारायण सिंह पुलिस टीम के साथ मौकाएवारदात पर पहुंच गए. उन्हें देख कर भीड़ लाश के पास से हट गई. अवधेश नारायण सिंह ने युवक की लाश का निरीक्षण किया. उस के फटे सिर को देख कर ही उन्हें अनुमान हो गया कि उस की मौत ज्यादा खून बह जाने की वजह से हुई है.

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