बिहार राज्य के भोजपुर जिले के बिहिया में वार्ड नंबर 8 के राजाबाजार निवासी मनोहर यादव उर्फ मिंची (32 वर्ष) अपनी केक की दुकान पर बैठा था. तभी 25 वर्षीय सजीसंवरी खुशबू उस की दुकान पर आई. बोली, “मिंची, आज मुझे एक बढिय़ा सा केक चाहिए.”

“क्या बात है, आज तो आप बहुत सुंदर दिख रही हैं? लग रहा है कि फलक से चांद आज जमीं पर उतर आया. केक किसलिए?” मिंची खुशबू की कजरारी आंखों में झांकते हुए बोला.

दरअसल, इन दोनों की पुरानी जानपहचान थी. मिंची खुशबू की खूबसूरती पर फिदा था, इसलिए मौका मिलने पर वह उस से हंसीमजाक कर लेता था. खुशबू को भी उस की बातें अच्छी लगती थीं, इसलिए वह बुरा नहीं मानती थी. क्योंकि वह भी उसे चाहने लगी थी. मिंची के पूछने पर वह बोली, “मेरे बच्चे का जन्मदिन है,” कह कर मुसकरा दी.

“सच में भाभी, आप को देख कर नहीं लगता कि आप 2-3 बच्चों की मां हैं,” मिंची ने आंख मारी.

“तुम्हें भी देख कर नहीं लगता कि तुम भी किसी के बाप हो...” खुशबू खिलखिलाई.

उस के हाजिरजवाब पर मिंची ने जोरदार ठहाका लगाया. मिंची ने चौकलेट वाला केक नौकर को पैक करने को कहा और फिर खुशबू से बातें करने में लग गया.

इस दौरान दुकान पर कई ग्राहक आ गए. तभी खुशबू ने कहा, “अरे कस्टमर देखो...”

“अभी तो हुस्न की परी देख रहा हूं.”

“ध्यान से काम करो वरना बीवी मारेगी...”

“भाभी, तुम्हारी खातिर यह भी मंजूर है.”

“बड़े बेशर्म हो.”

“तुम्हारा आशिक हूं न इसलिए...”

तब तक नौकर खुशबू का केक पैक कर के काउंटर पर ले आया. वह बोला, “मालिक, केक.” इस के बाद मिंची झेंप गया.

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