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काल डिटेल्स की जांच में पता चला कि नीलम की मां के मोबाइल से एक नंबर पर अधिकतर बातें होती थीं. मां इस बारे में अनजान थी. तब इस नंबर को खंगाला गया. यह नंबर थाना किरावली के गांव डावली निवासी गणेश का निकला.

पुलिस ने बिना देर किए शाम को गणेश को उस के घर से गिरफ्तार कर लिया. नीलम के परिजनों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि नीलम किसी युवक से मोबाइल पर बातचीत करती है.

सिकंदरा पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद गणेश झूठ बोलता रहा. गणेश का कहना था कि नीलम उस से मिलने आई थी. वह उसे छोड़ने गांव आ रहा था. उस का कहना था कि वह रुनकता गांव गया ही नहीं था. नीलम ने उस से कहा कि गांव के बाहर ही छोड़ दो, कोई देख लेगा तो घर वालों को मालूम पड़ जाएगा. वह यहां से पैदल घर चली जाएगी. तब उस ने उसे गांव के बाहर ही छोड़ दिया था.

उस के बाद नीलम के साथ क्या हुआ, उसे नहीं मालूम. उधर, नीलम के घर वाले भी सही सोच रहे थे कि वह घर में मौजूद है तो घटना नहीं कर सकता. पीड़िता के घर वाले भी उस पर शक नहीं कर रहे थे. मगर, पुलिस ने घटना वाले दिन गणेश के मोबाइल की काल डिटेल्स और लोकेशन निकाल कर पूरी घटना का परदाफाश कर दिया.

गणेश के मोबाइल की लोकेशन नीलम के गांव और रुनकता क्षेत्र की आई. गणेश ने इस दौरान मोबाइल खरीदने और रेस्टोरेंट में नाश्ते के लिए औनलाइन भुगतान भी किए थे. इस बात ने उसे सच बोलने पर मजबूर कर दिया.

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