Hindi stories: फरियाद ले कर पुलिस चौकी पहुंची खूबसूरत ईशा को देख कर दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह इतना प्रभावित हुआ कि शादीशुदा होते हुए भी वह उसे चाहने लगा. इतना ही नहीं, खुद को अविवाहित बता कर उस ने ईशा से शादी भी कर ली. बाद में यही झूठ ऐसा जी का जंजाल बना कि वह एक खौफनाक अपराध कर बैठा.   कानपुर के थाना काकादेव क्षेत्र में एक मोहल्ला है नवीन नगर. कौशलेश सचान अपनेपरिवार के साथ इसी मोहल्ले में रहते थे. उन के परिवार में पत्नी विनीता के अलावा एक बेटा ऐश्वर्य राज, 2 बेटियां ईशा व प्रगति थीं. कौशलेश साधन संपन्न व्यक्ति थे. घर में किसी चीज की कोई कमी नहीं थी.

कौशलेश सचान की बड़ी बेटी का नाम वैसे तो ईशा था लेकिन घर में सब लोग उसे ईशू कहते थे. गोरी, तीखे नाकनक्श और बड़ीबड़ी आंखों वाली ईशा सुशील और विनम्र स्वभाव की थी. ईशा तनमन से जितनी खूबसूरत थी, पढ़नेलिखने में भी उतनी ही तेज थी. उस ने कानपुर के सरस्वती बालिका इंटर कालेज से प्रथम श्रेणी में इंटरमीडिएट और एएनडी कालेज में बीए पास किया. ईशा की इच्छा थी कि वह आईएएस बने. इसलिए प्रथम श्रेणी में बीए पास करने के बाद उस ने आईएएस की तैयारी के लिए कोचिंग शुरू कर दी थी. लेकिन लगातार 3 साल तक परीक्षा देने के बाद भी वह सिविल सर्विस में न निकल सकी.

एक दिन ईशा अपनी मां विनीता के साथ जेके मंदिर गई. दर्शन करने के बाद जब वह गेट के बाहर निकली, तो एक झपटमार ने उस के गले की सोने की चेन खींच ली और साथ ही उस का पर्स भी छीन कर भाग निकला. बदहवास मांबेटी थाना नजीराबाद पहुंचीं. उस इलाके के चौकी इंचार्ज सबइंसपेक्टर ज्ञानेंद्र सिंह पटेल उस समय थाने में ही थे. ईशा ने ज्ञानेंद्र सिंह को लूट की पूरी घटना बताई तो उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कर के लुटेरे की तलाश शुरू कर दी. 3-4 दिन बाद ही ज्ञानेंद्र ने छोटे यादव नाम के लुटेरे को पकड़ लिया. दरोगा ज्ञानेंद्र सिंह की इस त्वरित काररवाई से ईशा काफी प्रभावित हुई.

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