Crime Story: मानो ने देह की कमाई से जो रुपए कमाए थे, उस पर उस की एक परिचित कीर्ति देवी की नजर पड़ गई. फिर उन रुपयों को हड़पने के लिए उस ने जो किया, बेचारी मानो जान से गई...
मनजीत कौर उर्फ मानो पति शीशपाल सिंह को छोड़ कर अंबाला शहर के काजीवाड़ा में अकेली ही रहती थी. आसपड़ोस के लोग उसे एक धार्मिक और समाजसेवी औरत के रूप में जानते थे. इस की वजह यह थी कि वह गरीबों की काफी मदद करती थी और पीर की मजार पर भी नियमित जाती थी. मानो के घर के ठीक सामने वाली गली में रहते थे बलदेव राज. 13 दिसंबर, 2012 की सुबह 9 बजे बलदेव राज बगीचे से घूम कर लौट रहे थे तो उन्हें मानो के घर के सामने कुछ लोग खड़े दिखाई दिए. पूछने पर पता चला कि मानो का कत्ल हो गया है और उस की लाश घर के अंदर पड़ी है.
उत्सुकतावश बलदेव राज भी उस के घर चले गए. अंदर वाले कमरे में बिछी चारपाई पर मानो का शव पड़ा था. उस के बाएं कान, नाक और मुंह से खून रिस रहा था. गले पर नीला निशान था. कमरे का सामान भी इधरउधर बिखरा पड़ा था. बलदेव राज मोबाइल लिए थे. उन्होंने तुरंत इस की सूचना पुलिस को दे दी. थोड़ी ही देर में चौकी नंबर 3 से एसआई महावीर सिंह 2 सिपाहियों के साथ वहां आ पहुंचे. घटनास्थल की स्थिति देख कर उन्होंने इस घटना की जानकारी थाना सिटी को दे दी. चौकी नंबर 3 इसी थाने के अंतर्गत आती थी.






