हर्षिनी कान्हेकर : कैसे भारत की पहली महिला फायर फाइटर बनीं
फायर कालेज में एडमिशन के दौरान वे मुझे वहां ले गए, तो पता चला कि वहां आज तक किसी लड़की ने दाखिला नहीं लिया है. किन कारणों से लड़कियां एडमिशन नहीं कराती थी.
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