कहते हैं जिस्म बेचने वाली को कितना भी प्यार और इज्जत दो, लेकिन उस के भीतर की असलियत खत्म नहीं होती. श्रेया भी समझ गई थी कि रामेंदु उपाध्याय ने उसे अपनी रखैल बना कर रख लिया है. अगर वह उसे पत्नी का दरजा नहीं देगा तो उसे पत्नी की तरह उसे तमाम सुख देने होंगे. इसलिए वह उस से अपनी हर फरमाइश पूरी करवाने लगी. उसे पीने के लिए शराब की जरूरत होती, खाना बनाना श्रेया को आता नहीं था, इसलिए या तो वह होटल से खाना मंगाती या रामेंदु ही उस के लिए खाना बनाता. इस तरह रामेंदु का लगभग रोज फ्लैट में आनाजाना होता था.
श्रेया अब उस से लगातार दुर्व्यवहार भी करने लगी थी और इतना ही नहीं शराब पी कर वह रामेंदु को गालियां तक देती और कहती, “तुम ने मेरी लाइफ खराब कर दी है मुझे रखैल की तरह रखा हुआ है. या तो मुझ से शादी कर लो नहीं तो…”
लेकिन रामेंदु के घर में एक डेढ़ साल का बेटा और पत्नी थी. ऐसे में वह इस के लिए बिलकुल राजी नहीं था. इस तरह के झगड़े होना आम बात हो गई थी. लेकिन अपनी अय्याशी की लत के कारण अब वह लाचार हो गया था और अपने पाप को छिपाए रखने के लिए सब कुछ सहने पर मजबूर था. लेकिन 2-2 जिंदगी जीते हुए रामेंदु इस बात से अंजान था कि उस की पत्नी सविता को एक बार फिर उस के चालचलन पर शक हो गया था.
श्रेया की जिद ले गई उसे मौत के मुहाने
2 सितंबर, 2023 को सविता अपने पति का पीछा करते हुए उस की रखैल श्रेया के घर पहुंच ही गई. उस दिन रामेंदु की जिंदगी में कोहराम मच गया. पत्नी प्रेमिका दोनों में जम कर झगड़ा हुआ. श्रेया ने पत्नी से साफ कह दिया कि रामेंदु ने 3 साल से उसे रखैल बना कर रखा है या तो वह उस के साथ शादी करे नहीं तो वह उस का पीछा नहीं छोड़ेगी.
पत्नी सविता और श्रेया के बीच लड़ाई होने से रामेंदु को पहली बार बहुत बुरा लगा था. वह पहली बार असमंजस की स्थिति में आ गया कि वह क्या करे क्या न करे. वह बहुत परेशान हो गया था. एक तरफ उस की पत्नी को उस के अवैध संबंधों का पता चल गया था. वहीं गर्लफ्रेंड पत्नी की तरह हक मांगने लगी थी. घर जाने पर पत्नी के ताने और क्लेश ने उस की जिंदगी को नासूर बना दिया था.
पत्नी सविता और श्रेया के बीच झगड़े के अगले दिन रामेंदु श्रेया को जुडियो के एक आउटलेट में ले गया, जहां उसे वही शार्ट मिडी दिलाई, जो हत्या के वक्त श्रेया ने पहनी थी. रामेंदु ने तय कर लिया कि अगर उसे इस मुसीबत से छुटकारा पाना है तो उसे श्रेया की हत्या करनी पड़ेगी. उस ने सोचना शुरू कर दिया कि किस तरह श्रेया को रास्ते से हटाया जाए कि वह पुलिस की पकड़ में न आए.
सुनसान जगह पर कर दी श्रेया की हत्या
आखिरकार, बहुत सोचविचार कर उस ने एक फुलप्रूफ योजना तैयार कर ली. उसी योजना के तहत 9 सितंबर, 2023 को श्रेया को वह बीयर पिलाने के लिए राजपुर रोड स्थित एक क्लब ले गया. जहां पर रात को दोनों ने शराब पी. रामेंदु ने कम शराब पी, जबकि उस ने श्रेया को ज्यादा शराब पिलाई.
श्रेया जब शराब के नशे में धुत हो गई तो उस ने श्रेया से लौंग ड्राइव पर चलने के लिए कहा. उस ने अपनी किया कार में बीयर की कुछ बोतलें और शराब भी रख ली. इस के बाद समय बिताने के लिए रामेंदु गाड़ी घुमाते हुए पहले आईएसबीटी घंटाघर बल्लूपुर डोईवाला गया, फिर डोईवाला से वापस होते हुए महाराणा प्रताप चौक से थानो रोड की तरफ निकल गया.
श्रेया शराब के ज्यादा नशे में थी, लिहाजा वह रामेंदु से गाड़ी में ही सैक्स करने की जिद करने लगी और अपने कपड़े उतारने लगी. रामेंदु ने उसे किसी तरह समझाया और कहा कि इस के लिए गाड़ी को थोड़ा एकांत में ले कर जाना पड़ेगा. तब तक रात के डेढ़ बज चुके थे. उस ने अपनी गाड़ी थानो रोड पर सोड़ा सरोली से बाईं ओर जाने वाले एक रास्ते की तरफ मोड़ दी. वहां पर जंगल जाने वाला रास्ता था.
वहां उसे श्रेया को जान से मारने का उचित मौका लगा. उस ने जैसे ही गाड़ी रोकी तो शराब के नशे में धुत श्रेया गाड़ी से उतर गई. उस के गाड़ी से उतरते ही रामेंदु ने गाड़ी की पिछली सीट पर रखा हथौड़ा निकाल कर उस के सिर पर और चेहरे पर एक के बाद एक कई प्रहार किए. श्रेया को संभलने का मौका भी नहीं मिला. वह लहरा कर जमीन पर गिर पड़ी. कुछ ही देर में उस की मौत हो गई.
रामेंदु ने श्रेया के मृत शरीर को उठा कर गाड़ी में डाला. उस ने नब्ज देखी तो तब तक श्रेया के प्राण निकल चुके थे. रामेंदु ने उसी दिशा में गाड़ी को थोड़ा और आगे लिया, लेकिन आगे का रास्ता बंद था. लिहाजा उस ने वहां से वापस गाड़ी बैक की और उस के बाद वापस मेन रोड पर आया और एक जगह कच्ची नाली में उस की लाश को गाड़ी से उतार कर फेंकदी. उस के बाद रामेंदु ने गाड़ी में रखा टायलेट क्लीनर वाला तेजाब निकाला और उस के मुंह पर डाल दिया, जिस से लाश की शिनाख्त न हो सके.
लेकिन शायद रामेंदु की किस्मत उस दिन खराब थी. क्योंकि जिस वक्त उस ने श्रेया की हत्या की तो उस के कुछ देर बाद ही बारिश शुरू हो गई थी. इसलिए जब उस ने पहचान मिटाने के लिए टाइलेट क्लीनर श्रेया के चेहरे पर डाला तो कुछ ही देर में बारिश के कारण वह तेजाब धुल गया और उस का चेहरा पूरी तरह बिगड़ नहीं सका.
पुलिस ने बरामद किए ठोस सबूत
श्रेया के शव को ठिकाने लगा कर रामेंदु ने हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा थानो रोड पर सड़क किनारे फेंक दिया. उस के बाद वापस आ कर गाड़ी क्लेमनटाउन के एक स्टोर में छिपा दी. श्रेया के सामान व पहने कपड़े भी उस ने गाड़ी में छिपा कर रख दिया. इस के बाद वह अपने घर गया और अपनी पत्नी से जा कर बता दिया कि उस ने श्रेया को वापस भेज दिया है.
पूछताछ के बाद जब पुलिस ने रामेंदु उपाध्याय की निशानदेही पर उस की क्लेमनटाउन में खड़ी हुई घटना में प्रयुक्त किया कार यूके-07 डीएक्स 5881 बरामद कर ली. कार के अंदर छिपा कर रखी श्रेया की आईडी, उस के कपड़े, घटना के समय रामेंदु उपाध्याय के पहने हुए खून से सने कपड़े और कार में लगे खून के निशान सबूत के तौर पर एकत्र कर लिए.
थानो रोड के जंगल से घटना में प्रयुक्त रक्तरंजित हथौड़ा भी पुलिस ने बरामद कर लिया, जिस पर रामेंदु की अंगुलियों के निशान थे. पुलिस ने बाद में राजपुर रोड के ऐंजल क्लब से श्रेया के साथ रामेंदु की सीसीटीवी फुटेज भी बरामद कर ली, जहां वह उसे शराब पिलाने के लिए ले गया था.

आवश्यक पूछताछ व साक्ष्य एकत्र करने के बाद पुलिस ने आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल रामेंदु उपाध्याय को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया. एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को 25 हजार रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है.
(कथा पुलिस की जांच और आरोपी के बयान पर आधारित)




