मनोहर शुक्ला के अचानक घर से गायब होते ही नैना घंटों तक बैड पर पड़ी अपनी किस्मत को रोती रही. वह बारबार उस का फोन मिलाती रही, लेकिन फोन नहीं मिला.
उस के बाद उसे पूरा विश्वास हो गया कि वह जो कह रहा था, सही था. कई दिन मनोहर का फोन लगा, उस ने नैना को बता दिया कि अब उस की शादी हो चुकी है. इसलिए वह उसे अब ज्यादा टाइम नहीं दे सकता. उसी गुस्से में एक दिन वह एक वकील से मिली. वकील से राय मशविरा कर उस ने विरार पुलिस थाने में मनोहर शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी.
केस वापस लेने का डाला दबाव
जब इस बात का मनोहर शुक्ला को पता चला तो उस ने उसे समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन नैना ने अपना मुकदमा वापस नहीं लिया. आखिरकार मनोहर शुक्ला को इस बलात्कार के केस के कारण जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा.
हालांकि मनोहर शुक्ला नैना के कारण जेल की रोटी खा चुका था, लेकिन फिर भी वहां से जमानत पर आने के बाद वह उसे बारबार फोन करता रहता था. यही हाल नैना का भी था. उसे जेल भेजने का नैना को थोड़ा अफसोस भी हुआ. उस के जेल से आने के बाद नैना ने उस से एक बार मिलने को कहा.
नैना के कहने पर एक दिन मनोहर शुक्ला उस से मिलने उस के घर पर गया. फिर नैना उसे देख कर फूटफूट कर रोई. लेकिन कोई फायदा नहीं था. मनोहर शुक्ला को जो करना था, वह कर चुका था. इस के बाद भी नैना उसे छोडऩे को तैयार न थी.
उस दिन नैना का मन कुछ हलका हुआ और फिर वह सब कुछ भूल कर उस से पहले की तरह मिलने लगी थी. मनोहर शुक्ला के बारबार मिलने से वह अपना दर्द भूल गई, लेकिन फिर वह उसे अपना मान कर उसे पहले की तरह ही प्यार भी करती रही थी.
जमानत पर आने के बाद उस केस को आगे भी चलना था. उसे उम्मीद थी कि नैना एक दिन उस की बात मान कर अपना केस भी वापस ले लेगी, यही सोच कर उस ने कई बार नैना से संपर्क किया. उस ने उस से उस के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने का अनुरोध भी किया.
एक बार वह अपने स्कूटर से नैना और अपनी पत्नी पूर्णिमा को ले कर वसई में ही तुंगारेश्वर भी गया. वहां पर पत्नी के जरिए उस ने नैना पर केस वापस लेने के लिए दबाव भी डलवाया. लेकिन नैना किसी भी तरह से झुकने को तैयार न थी. उस समय तक मनोहर शुक्ला की पत्नी पूर्णिमा एक बच्ची की मां बन चुकी थी.
जब मनोहर शुक्ला ने नैना पर ज्यादा दबाव बनाना शुरू किया तो नैना ने साफ शब्दों में कहा कि वह अपना मुकदमा वापस लेने को तैयार है, उस के लिए उसे 2 काम करने होंगे. पहला उसे अपनी पत्नी पूर्णिमा से तलाक लेना होगा, दूसरे उसे शहर में ही अलग से एक फ्लैट खरीद कर देना होगा.
उस की इन शर्तों से मनोहर शुक्ला का गुस्सा सातवें आसमान पहुंच गया. उसी गुस्से में मनोहर शुक्ला ने तुंगारेश्वर से नायगांव वापसी के दौरान चलते स्कूटर से नैना को नीचे धकेल दिया और वह अपनी बीवी को ले कर वहां से फरार हो गया.
उस दौरान नैना को थोड़ी चोट भी आई थी. लेकिन उस दिन के बाद वह मनोहर शुक्ला के प्रति आक्रामक हो उठी थी. फिर वह मनोहर शुक्ला को किसी और केस में फंसाने की धमकी भी देने लगी थी, जिस से मनोहर शुक्ला बुरी तरह डर गया था.
टब में डुबो कर की हत्या
9 अगस्त, 2023 को नैना ने मनोहर शुक्ला को फोन किया, “मैं आप से कुछ बात करना चाहती हूं. आप आज ही मुझ से आ कर मिलो. अगर तुम नहीं आए तो मैं आज ही सुसाइड कर लूंगी और सुसाइड नोट में तुम्हारा ही नाम होगा.”
मनोहर शुक्ला पहले ही केस से परेशान था. इतनी बात सुनते ही डर कर वह फौरन नैना के घर पहुंचा. मनोहर शुक्ला के घर पहुंचते ही नैना और उस के बीच काफी कहासुनी हुई. नैना ने मनोहर शुक्ला को साफ चेतावनी दी कि अगर तुम ने मुझे फ्लैट खरीद कर नहीं दिया तो मैं एसिड पी कर आत्महत्या कर लूंगी. उस के बाद तुम सारी जिंदगी मेरी हत्या के आरोप में जेल में सड़ोगे.
नैना की यह धमकी सुन कर मनोहर शुक्ला के तनबदन में आग लग गई. उसी गुस्से के आवेग में मनोहर शुक्ला ने पीछे से नैना के बाल पकड़ लिए और कहा, “ठीक है जब तुम्हें मरने का ही शौक है तो इस में मैं ही तुम्हारी मदद करता हूं.”
कह कर मनोहर शुक्ला उस को खींच कर बाथरूम में ले गया. वहां पर पहले से ही पानी का एक बड़ा टब भरा हुआ था. बाथरूम में ले जाते ही उस ने उस के मुंह को कई बार टब में भरे पानी में डुबोया और तब तक डुबोता रहा, जब तक उस की मौत नहीं हो गई.
नैना का मर्डर करने के बाद उस की लाश को उस ने बिस्तर पर लिटा दिया. फिर उस का मोबाइल और घर की चाबी ले कर वह अपने काम पर चला गया था.
महाराष्ट्र में हत्या कर गुजरात में फेंकी लाश
अपना बाहर का काम निपटा कर वह फिर से नैना के घर पहुंचा. उस ने देखा तो वह पूरी तरह से खत्म हो चुकी थी. उस के बाद वह सीधा अपने घर पहुंचा. घर जाते ही अपनी पत्नी पूर्णिमा को बता दिया कि उस ने नैना का मर्डर कर दिया है और उस की लाश उसी के घर में पड़ी हुई है. उस के तुरंत बाद ही वह अपनी पत्नी और बेटी को साथ ले कर नैना के घर पहुंचा.
नैना के घर पहुंचते ही मनोहर शुक्ला ने अपनी बेटी को मोबाइल में गेम चला कर दे दिया. फिर दोनों पतिपत्नी नैना के बेडरूम में गए, जहां उस की लाश पड़ी हुई थी. नैना के बेड के पास ही अलमारी में उस का एक बड़ा नीले रंग का सूटकेस रखा हुआ था.
मनोहर शुक्ला ने उस सूटकेस के कपड़े निकाले और अपनी पत्नी की सहायता से नैना की लाश को उस में बंद कर दिया. नैना की लाश को सूटकेस में बंद कर लिफ्ट में सवार हो कर दोनों नीचे आ गए. नीचे आते ही उन्होंने उस सूटकेस को स्कूटर पर रखा और अपनी 2 साल की बच्ची के साथ पतिपत्नी गुजरात की ओर निकल गए.
नायगांव मुंबई से 150 किलोमीटर दूर गुजरात के वलसाड जा पहुंचे. वहां पर सुनसान जगह पा कर नैना वाले सूटकेस को एक नाली में डाल दिया था. लाश ठिकाने लगाने के बाद मनोहर शुक्ला सीधे अपने घर आ गया था.
इस केस के खुलते ही पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों को गायब करना) व अन्य कई धाराएं लगा कर रिपोर्ट दर्ज की थी. उस के बाद पुलिस ने मनोहर शुक्ला को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर 16 सितंबर, 2023 तक का पुलिस रिमांड लिया. इस मामले में पुलिस को मनोहर शुक्ला के भाई पर भी अपराध में शामिल होने का शक था. जिस की पुलिस जांच कर रही थी.
हालांकि मनोहर शुक्ला ने इस गेम को बहुत ही होशियारी के साथ खेला था. लेकिन फिर भी वह मार खा गया. वह भूल गया कि जिस लिफ्ट से वह उस सूटकेस ले कर जा रहा है, वही उस की मुसीबत का कारण बनेगा. जिस लिफ्ट से वह सूटकेस को ले कर उतरा था, उस में एक नहीं बल्कि 2 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे, जिन के माध्यम से पुलिस आरोपी मनोहर शुक्ला तक पहुंची थी.
पुलिस को मनोहर शुक्ला की पत्नी पूर्णिमा से नैना की हत्या के बारे में पूछताछ करनी थी, लेकिन कथा लिखने तक वह भी फरार थी.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित




